Friday, January 31, 2025

#H366 चाय ऐसे बना लो (Make tea like this)

#H366
चाय ऐसे बना लो (Make tea like this)

जब बनाना चाहो चाय।
जितने कप चाय चाहो।
उसके आधे कप पानी डालो।
आधा कप अतिरिक्त जलने को डालो।
अदरक कूटकर उसमें डालो।
एक चम्मच चाय पत्ती डालो।
प्रति कप, आधा चम्मच चीनी डालो।
तुलसी के 4-5 पत्ते भी डालो।
फिर इसको  खूब उबालो।
जब भीनी भीनी खुशबू आए।
अगर चाहो अलग स्वाद
तो इलायची या लौंग या नमक डालो।
गुड़ से तुम चाय बनालो।

अब इसमें
उसके आधे कप उबला दूध डालो।
फिर इसको  खूब उबालो।
जब भीनी-भीनी खुशबू आए।
समझो चाय हुई तैयार
अब छानकर कप में डालो।
अब चाय पियो और
दोस्तों को पिला लो।

चाय और तरह की भी होती ।
ग्रीन टी, जिंजर टीम,
लेमन टी, ब्लैक टी
पानी उबालो,
कप में टी बैग डालो।
थोड़ा इसे हिला लो।
बिना चीनी के
चुस्कियां लगा लो।
पीते पीते वजन घटालो।
अपनी सेहत बना लो।

सुबह - सुबह चाय की चुस्की लगाते
ब्रेकफास्ट में पीते
दोपहर बाद चाय पीते
शाम को घर आने पर पीते
कोई मेहमान आए
तो चाय पिलाते।
कुछ तो लंच और डिनर के
बाद भी‌ चाय पीते।
बहुत तो चाय के शौकीन होते।

बाजार में कुल्लड़ में चाय देते।
स्वास्थ्य और पर्यावरण को बचाते।
कुछ तो चाय को
कलयुग का अमृत‌ बताते।
बिना इसके रिश्ते न बनते।


देवेंद्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 31 जनवरी 2025, ©
रेटिंग 9.5/10

Thursday, January 30, 2025

#H365 तेरी सेहत, तेरे हाथ (Your health is in your hands)

#H365
तेरी सेहत, तेरे हाथ (Your health is in your hands)

तेरी सेहत, तेरे हाथ ।
आंख खुले तो बिस्तर छोड़ो ।
गांव वालों से इतना सीखो।
नींद आए तो बिस्तर में जाओ।
पड़ते ही जल्दी सो जाओ।

जल्दी खाओ, जल्दी सो जाओ
जल्दी उठो, काम में लग जाओ।
कभी भी बिस्तर में
जगने के बाद पड़े न रहो।
उठकर खाट खड़ी कर दो।
गांव में सभी ऐसे रहते।
सेहत की चिंता में
न घुलकर मरते जाओ।।

खाना कर,
चाहे तुम कुर्सी पर बैठो।
पर सोफे पर न जाओ।
हाथ पैर हिलाते रहो।
घूमो, नाचो, गाओ
काम करो, या करवाओ।
या फिर गप्प लड़ाओ।
पर बिना नींद, बिस्तर में न जाओ।
मोबाइल बिस्तर में न लें जाओ।

खाना कम ही खाओ।
डकार का न इंतजार करो।
लस्सी का उपयोग करो।
वजन पर काबू कर जाओ।
बीमारियों को बाहर करो।

अगर रोज धूप न ले पाओ।
तो रविवार को
धूप लेने के लिए रखो।
शरीर को तेल लगाकर
धूप दिखाओ।
त्वचा में रंगत लाओ।

बाकी दिन काम करो।
हल्के‌ व्यायाम जरुर करो।
शरीर को खिंचाव से मुक्त रखो।
जब धूप मिले, पूरा इस्तेमाल करो।
मूंगफली, केला और अमरुद खाओ।
अपनी हड्डियां मजबूत करो।
ग्रामीणों से यह शिक्षा‌ पाओ।

देवेंद्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 30 जनवरी 2025, ©
रेटिंग 9/10 

Wednesday, January 29, 2025

#H364 घबराहट (Nervousness)

#H364
घबराहट (Nervousness)

रस्ते में सांप नजर आए।
सांप देख मन घबराए
कहीं डस तो न जाए।
मरने के ख्याल से
बस पसीना छूटा जाए।
अगर मार दी फुंकार
तो डंसने से पहले मर जाए।

कुत्ता खड़ा गली में
कैसे आगे जाऊं।
मेरा मन घबराए।
अगर झप्पटा मारा इसने
फिर मैं कैसे बच पाऊं।
दांत देख मैं घबराऊं।
सोचूं नाखूनों से कैसे बच पाऊं
अगर काट लिया इसने
फिर मैं 3 इंजेक्शन लगवाऊं।
सोच सोच कर आगे न बढ़ पाऊं।

सांप बढ़ा ज्यों ही आगे
कुत्ता भी लगा भौकने
मैं तो अब पीछे आऊं।
कुत्ते का मालिक आया,
सांप देख वो भी घबराया।
फिर लठ्ठ लेकर आया
सांप भगाया, कुत्ता बचाया।
फिर मैं घर आया।
सबको यह हाल सुनाया।

घबराहट में दिमाग न चल पाए।
सरपर दौड़कर जान बचाए।

देवेंद्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 29 जनवरी 2025, ©
रेटिंग 8.5/10

Tuesday, January 28, 2025

#H363 महक (Fragrance)

#H363
महक (Fragrance)

बन ठन के वो जाती है ।
पता नहीं ,
किसको वो ‌लुभाती है।
इत्र बहुत लगाती है।
रस्ते को महकाती है।
लिफ्ट‌ को भी ,
महक से भर जाती है।

हमारे जैसों को बहुत सताती है।
नजला चालू करवा जाती है।

पता नहीं इतना
इत्र/डियो क्यों लगाती है।
ऐसी शख्सियत ,
हर जगह मिल जाती है।
गली हो, सोसायटी हो, या हो दफ्तर,
महकाने वाली मिल जाती है।
उम्र इत्र के आड़े नहीं आती है।

नोटिस में आ जाती है।
लोगों में छा जाती है।
ऐसा वो चाहती है।
इसीलिए वो,
इतना इत्र लगाती है।

महकाने वाले भी मिलते हैं।
वो भी ऐसी चाहत रखते।
भर- भर के इत्र लगाते हैं।
खुद की बदबू भी छुपाते हैं।

ऐसों से हम, दूर भाग जाते हैं।
खुद को नजले से बचाते हैं।
पता नहीं ये कैसे बर्दाश्त कर पाते हैं।
सूंघने शक्ति कमजोर करते जाते हैं।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 28 जनवरी 2025,©
रेटिंग 8.5/10

Monday, January 27, 2025

#H362 छद्म देशभक्ति (Pseudo-patriotism)

#H362
छद्म देशभक्ति (Pseudo-patriotism)

झंडा हम फहराएंगे ।
देशभक्ति दिखाएंगे।
टैक्स पूरा नहीं चुकाएंगे।
अधिकारों की बात करेंगे
कर्तव्यों को भुला जाएंगे।

इधर-उधर गंदगी फैलाएंगे।
बिल्कुल नहीं शर्माएंगे।
सड़क सुरक्षा नियम नहीं अपनाएंगे।
प्रदूषण पर अंकुश नहीं लगाएंगे।
भ्रष्टाचार करने से पीछे नहीं जाएंगे।

गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर
शुभकामनाओं का मैसेज हम भेजेंगे।
और देशभक्ति के गीत बजाएंगे।
पर वोट डालने भी नहीं जाएंगे।

किसान के बच्चे ही सीमाएं संभालेंगे
हम कुछ करने लायक हो गए,
फौज में फिर
अपने बच्चों को नहीं भेजेंगे ।
ऐसी देशभक्ति को हम तो
छद्म देशभक्ति बतलाएंगे।

हमें समझ नहीं आता
ऐसी देशभक्ति से देश को
कब तक सुरक्षित रख पाएंगे।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 26 जनवरी 2025,©
रेटिंग 8.5/10

Sunday, January 26, 2025

#H361 जनतंत्र (Democracy)

#H361
जनतंत्र (Democracy)

स्वराज अभी तक, कहां मिल पाया ।
नाम का लोकतंत्र है, अब तक पाया
यह तो लूट तंत्र है, धन तंत्र है ।
सांठगांठ से चलने वाला एक यंत्र है ।
नेताओं और सेठों को ही, चलाना आया।

चांद और मंगल तक, हमने पहुंच बढ़ायी।
विश्व पटल पर भी काफी नाम कमाया।

किया बहुत कुछ है अब तक
पर वो ना काफी ही पाया।
विकास बढ़ा ही बेढंगा हुआ।
एक तरफ हैं हाईटेक सुविधाएं।
दूसरी और
मूल सुविधाओं से भी वंचित पाया।

75 वर्षों के बाद भी
सड़क, पानी, नालियां,
बिजली, खाना, शिक्षा ,
चिकित्सा , महिला सुरक्षा से
देश आगे नहीं बढ़ पाया।
इन सब सुविधाओं में भी
हर जगह अभाव ही पाया।

शिक्षा को इतना महंगा बनाया।
इलाज बेतहाशा मंहगा पाया।
सरकारी सुविधाओं में
गुणवत्ता का अभाव ही पाया ।
निजी क्षेत्र की सुविधाओं पर भी
सरकारों का कोई अंकुश न पाया।

दिखलाते हो सब कुछ अच्छा।
पर सच कभी नहीं बताते हो ।
सरकार बनाने के लिए हर बार
मतदाताओं को भटकाते पाया।

भ्रष्टाचार है चारों तरफ छाया ।
जातिवाद, धर्म, भाई भतीजावाद
हर स्तर पर,
इसने बेड़ा गर्क कराया।

मतदाता को नेताओं द्वारा
पैसों से खरीदता पाया।
मदिरा घर तक पहुंचाते पाया।
मतदाता हर बार
नेताओं के झांसे में आया
फिर कैसे कहें हम
जनता ने जनतंत्र चलाया।

देश के लिए एकबार फिर से
भ्रष्टाचार से मुक्ति लिए
मुक्ति अभियान चलाना होगा।
खुद पर संयम और
भ्रष्टाचार मिटाना होगा।
शहीदों के बलिदान को
सम्मान देना होगा।
हर घर से सुभाष, भगत जगाना होगा।

मतदाताओं को लालच,
डर से आगे बढ़ना होगा।
कर्तव्य निभाना होगा।
हक के सवाल उठाना होगा।
जनतंत्र हाथ में लेना होगा।
गणतंत्र को मजबूत बनाना होगा।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 25 जनवरी 2025,©
रेटिंग 9.7/10

Saturday, January 25, 2025

#H360 गांवों से तीन सवाल (Three questions from the villages)

#H360
गांवों से तीन सवाल (Three questions from the villages)

ना तुम्हारा विकास हुआ 
ना हमारा विकास हुआ 
एक गांव से आता हूं मैं 
तीन सवाल उठता हूं मैं 

पानी, कचरा, और सीवर का 
कोई समाधान नहीं पाता हूं मैं।

हर जगह कचरे का 
अंबार लगा हुआ पाता हूॅं मैं।
जगह-जगह पर कूड़ा पाता हूॅं मैं ।
ऊपर से हर जगह 
प्लास्टिक कचरा रूपी
डायन को पाता हूॅं मैं।
इस कचरे के लिए 
कोई योजना नहीं पाता हूं मैं।
कचरे से निकलने वाले धुएं से
बहुत डर जाता हूॅं मैं।

साफ पानी पीने को नहीं पाता हूॅं मैं।
धीरे-धीरे पाने के स्रोतों को
दूषित होता पाता हूॅं मैं।
धीरे-धीरे पानी का स्तर 
नीचे जाता हुआ पाता हूॅं।

पानी की लाइन बिछी है 
पर पानी रोज नहीं पाता हूॅं मैं।
"हर घर जल योजना" का
हाल बताता हूॅं मैं।

ढंग से नालियां नहीं पाता हूॅं मैं.
नालिया बन भी जाती है तो
बस आगे सीवर का पानी 
बहता हुआ पाता हूॅं मैं।
गांवों में सीवर के पानी का 
कोई हल नहीं पाता हूॅं मैं।
सड़कों पर भरता हुआ पाता हूॅं मैं।

अगर देश का विकास चाहो तो
हर गांव में इन समस्याओं 
का हल करवाओ।
सरकार से गुहार लगाता हूॅं मैं ।

देवेंद्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 25 जनवरी 2025, ©
रेटिंग 9.6/10

Friday, January 24, 2025

#H359 मुफ्त (Free)

#H359
मुफ्त (Free)

चुनाव में नेता बोले
ले लो मुफ्त, वो लेलो मुफ्त ।
पानी, बिजली, शिक्षा ,
बस यात्रा,राशन, ईलाज मुफ्त ।
पुजारी, मौलवी, ग्रंथी,
सबका वेतन होगा मुफ्त।
अगर लाए मेरी सरकार।
कर दूंगा हर चीज चुस्त।

हर दल हो जाए सुस्त ,
जब आगे आए मुफ्त।
केवल मत पाने की होड़ है।
किए विकास पर तो
केवल ‌मुंह से बहुत जोर है।
असल में सब दल निकले सुस्त।

मुफ्तखोरी बन गयी,
एक गम्भीर रोग है।
देश को कर रही कमजोर है।
सब दलों का इस पर बड़ा जोर है।
हर तरफ बड़ा शोर है
आवाज लगाएं ,ये भी लेलो मुफ्त।

मुफ्तखोरी कहां तक जाएगी
देश को कितना और सताएगी
ऐसे ही मुफ्तखोरी  बढ़ती रही।
तो देश का बेड़ा गर्क करवाएगी।
जनता इससे हो जाएगी सुस्त।

करदाता सब देख रहा है
देखता ही रह जाएगा
कर के बदले कोई सुरक्षा नहीं पाएगा।
बंटती रेवड़ियां देखते हुए होता त्रस्त।

मुफ्त - मुफ्त के चक्कर में
एक दिन हमारा देश
आर्थिक संकट में आ जाएगा।
नेताओं का कुछ नहीं जाएगा।
पैसे वाला विदेश भाग जाएगा।
पर आम आदमी यहीं रह जाएगा।
तब समझ आएगा
कितना महंगा होता है लेना मुफ्त।

नासमझ गुहार लगाए।
सुप्रीम कोर्ट को संज्ञान, अब लेना होगा
मुफ्तखोरी पर रोक लगाना होगा।
कठोर फैसला लेकर
अब देश को मुफ्तखोरी से बचाना होगा।
नेताओं पर लगाम लगाना होगा।
मुफ्तखोरों को मुफ्त से करना हो मुक्त।

चुनाव आयोग को भी
अपना रोल निभाना होगा।
मुफ्त के नारे  लगाने वालों को
चुनाव लड़ने से करना होगा, मुक्त।

मतदाताओं को भी
अपना विवेक लगाना होगा।
मुफ्तखोरी से देश बचाना होगा।
देशभक्ति को दिखाना होगा।
बच्चों का भविष्य बचाना होगा।
मुफ्तखोरी से खुद होना होगा मुक्त।


देवेंद्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 23 जनवरी 2025,©
रेटिंग 9.5/10

Thursday, January 23, 2025

#H358 तीसरा दौर (Third phase of life)

#H358
तीसरा दौर (Third phase of life)

रात का तीसरा पहर है
जिंदगी में तीसरा दौर है
एक तरफ भोर होने वाली है
दूसरी ओर शाम होने वाली है
सर्द रात और सर्द होगी।
जिंदगी में
अब दर्दों की शुरुआत होगी
यह सोच कभी-कभी
मन होता कमजोर है
जिन्होंने पाला उनसे
बिछड़ने की शाम होगी।
कुछ ज्यादा गहरी रात होगी।
भोर के प्रभात से फिर
एक नये दिन की शुरुआत होगी।

पंछी चह चहाऐंगें
भोर की लालिमा  छा जाएगी
किलकारी दर्द भुलाएगी
मुस्कान तीसरी पीढ़ी के बच्चों से
शाम को आसान बनाएगी।

जिंदगी ऐसे ही चलती आई है।
आगे भी ऐसे ही चलती जाएगी।
भोर से फिर रात फिर आएगी।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 22 जनवरी 2025,©
रेटिंग 9.8/10

Wednesday, January 22, 2025

#H357 नमक (Salt)

#H357
नमक (Salt)

"डांडी यात्रा" की याद आए।
"नमक का दरोगा" न भूला जाए।
नमक टैक्स की याद दिलाए।
गांधीजी और मुंशीजी याद आए।

नमक बुरकर जो खाए।
अपना रक्तचाप वो बढ़ाए।
दिल का मरीज जल्दी बन जाए।

जिसके शरीर में नमक कम हो जाए।
घेंघा रोग हो जाए।

अगर सोडियम कम हो जाए।
कदम भी ढंग से न रख पाए।
हड्डियां कमजोर होती जाए।

नमक का हक जो चुकाए, 
"नमक हलाल" कहलाए।
करे जो गद्दारी, 
"नमक हराम" बन जाए।

नमक सभी को भाए।
बिन नमक, खाना न खाया जाए।
नमक हर सब्जी का स्वाद बनाए।

गरीब तो अक्सर ,
नमक से रोटी खाए।
नमक और प्याज का गंठा
सब्जी की जगह काम आए।

नमक डालकर रोटी, परांठे, 
पूड़ी, कचौड़ी बनाई जाए।
जब सब्जी न मिल पाए।
या कोई स्वाद बदलना चाहे।

नमक सोडियम और क्लोरीन
का अवयव कहलाए।
आयोडीन भी इससे मिल जाए।
सफेद आमतौर पर मिले
काला, लाहौरी, सेंधा ,
नमक के कई प्रकार मिलें।
अपना अपना असर दिखाए।
पर स्वाद सभी जगाएं।

सेंधा व्रत में काम आए।
सलाद पर भी नमक डाला जाए।

किसी ने सहायता दी 
तुम्हारे फायदे के लिए।
और उल्टा मूर्ख तुम आरोप लगाओ।
फिर कहावत सार्थक हो जाए।
"गधे को नमक देना"

जब कोई किसी के असफलता पर
बार-बार चर्चा करवाए
"घाव पर नमक छिड़कना" 
मुहावरे की याद दिलाए।

अगर अपनी अच्छी सेहत चाहो।
घर में टेबल से नमक हटाओ 
खाना है तो सेंधा और काला खाओ।
ऐसा चिकित्सक सुझाएं।


देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 21 जनवरी 2025,©
रेटिंग 9.7/10

Tuesday, January 21, 2025

#H356 मुस्कान (Smile)

#H356
मुस्कान (Smile)

अपने आंसू छुपा ले ।
अपने दर्द को भूला दे।
चेहरे पर मुस्कान बिठा ले ।
दूसरों के लिए मुस्कुरा दे।

दूसरों के चेहरे पर मुस्कान ला दे।
लोगों को खिलखिलाने दे।
जोर का ठहाका लगवा दे।
कुछ ऐसी जुगत लगा ले।
साथ में कुछ समय बिता ले।
संभव सहायता पंहुचा दे।
कुछ क्षणों के लिए
लोगों के दर्द को भुलवा दे।

खुद को बेवकूफ दिखा दे।
सामने वाले को समझदार बना दे।
दो और दो पांच बता दे ।
मुस्कान लोगों के चेहरे पर ला दे।
दुनिया में मुस्कान फैला ले।
खुद को हंसी का पात्र दिखा ले।
लोगों की आंखों से गम चुरा ले।
जिंदगी में यह लक्ष्य बना लें।
खुद को समाज सेवक बना‌ ले।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 20 जनवरी 2025,©
रेटिंग 10/10

Saturday, January 18, 2025

#H355 सब कुछ‌, सबको पता है। (Everything, everyone knows)

#H355
सब कुछ‌, सबको पता है। (Everything, everyone knows)

सब कुछ‌, सबको पता है।
मेरे पास, कुछ भी नया नहीं है।
यह सब साधु वचन है।
जो धारण कर पाओ।
वहीं तेरा धर्म है।
बाकी सब भ्रम है।

धर्म दया है। धर्म कर्म है।
मोक्ष यहीं है। परलोक भ्रम है।
मानव और जीव की सेवा ही
यही मोक्ष का द्वार है।
साक्षात मुक्ति यहीं है।

पूजा करना भी एक करम है।
बुजुर्गों का सम्मान भी नेक कर्म है।
अनुशासन पाने का यही मर्म है।
बच्चों में अनुशासन लाओ।
उनको शिक्षित खूब बनाओ।
यह मां बाप का प्रथम कर्म है।

जिसको जो बनना है।
किस्मत है उसकी
उसके कर्म हैं।
मां बाप का चिन्ता करना,
पूरा अधर्म है

बिन अनुशासन तेरा
पूरा जीवन अधर्म है,
सब मायाजाल है।
जीवन को जीने के लिए
अनुशासन सबसे बड़ा धर्म है।
तेरा सबसे बड़ा कर्म है।
सब कुछ‌, सबको पता है।
दोहराना भी साधु कर्म है।
"नासमझ" का भी यही धर्म है।

जो पता नहीं है, वो अथाह है।
फैला है सूक्ष्म से‌ ब्रह्मांड तक ,
वो पहले से वेदों में लिखा है।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 18 जनवरी 2025,©
रेटिंग 9/10

Friday, January 17, 2025

#H354 सड़क किनारे तटबंध (Road side embankment)

#H354
सड़क किनारे तटबंध (Road side embankment)

कोई तटबंध कब लगाए ?
जब समस्या से थक जाए।
प्रशासन आंख मूंद सो जाए।
शहर का गंदा पानी सड़क पर
हर समय आने लग जाए।

तब सड़क किनारे
किसान तटबंध लगाए।
अपना खेत बचाए।
नई सड़क के ऊपर
पानी बहता जाए।
जल्दी सड़क नाला बन जाए।

सड़क पर आवागमन
मुश्किल होता जाए।
पैदल पानी में घुसकर जाए।
मोटरसाइकिल वाले
फिसल फिसल जाए।

सड़क किनारे कुछ मजदूर
अपना परिवार बसाए।
वहीं खाना बनाएं
रात बिताएं, सांसों में बदबू पाएं
समझ न आता मुझको
बेचारे परिवार कैसे समय बिताए।

गंदा पानी चढ़ता जाए।
सड़क पर आगे बढ़ता जाए।
सड़क किनारे तटबंध,
समाधान न बन पाए।

यह दृश्य नासमझ को
बहुत अन्दर तक हिलाए।
ऐसे दृश्य देश में
बहुत जगह मिल जाएं

प्रशासन कब जागेगा ? जब
नाला समय पर बनाए।
परिवारों को बचाए।
खेत बचाए। सड़क बचाए।
देश की सम्पत्ति बचाए।
तटबंध लगाने की
फिर नौबत न आए।

यह दृश्य हम तो
नंदरामपुरवास से
जड़थल सड़क की बतलाए।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक  17 जनवरी 2025,©
रेटिंग 9/10

Thursday, January 16, 2025

#H353 आग, आग ही होती है (Fire is just Fire)

#H353
आग (Fire)

जब आग लगती है तो सब,
जलाकर सब भस्म कर देती है।
पीछे राख छोड़ जाती है
लोगों के अरमानों की
लाश छोड़ जाती है।
लोगों बेघर कर जाती है।

आंखों में आंसू ले आती है।
दूर - दूर तक धुआं फैलाती है।
विस्फोट का ,
कारण भी बन जाती है।
एक जगह पर लगती है।
अगर अलग नहीं की तो
आगे बढ़ती जाती है।
एक घर से दूसरे घर में
फैलती जाती है।
छप्परों में लगने वाली आग
कहां गांव में बुझ पाती है।
वो आग याद आ जाती।
बस्तियां निगल जाती है।

एक पेड़ से दूसरे में
फैलती जाती है।
जंगलों को भस्म कर जाती है।
तेज हवा, इसमें घी का
काम निभाती है।
सालों तक जलती है
इंसान के काबू नहीं आती है।

आग हमें सिखाती है
प्रकृति से छेड़छाड़
बहुत महंगी पड़ जाती है।
कई साल पीछे कर जाती है।

ज्यादातर आग की घटनाओं में
लोगों की लापरवाही ही
असली कारण निकलती है।‌
दोयम स्तर का रखरखाव ।
बिना दक्षता काम करना ।
मानकों की अनदेखी करना।
विषम पदार्थों का,
एक जगह पर भण्डारण करना।
आग का जननी मानी जाती है।

एक और आग भी होती है
दिल में लगती है।
दिमाग पर चढ़ जाती है ।
सोचने समझने की,
बुध्दि खा जाती है।
लालच की आग।
वासना की आग।
ईर्ष्या की आग।
अभिमान की आग ।
सब कुछ भस्म कर जाती है।
रिश्ते तुड़वा जाती है।
लक्ष्य से भटका जाती है।
आग, आग ही होती है।
भस्म करके ही जाती है।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 16 जनवरी 2025,©
रेटिंग 9.5/10

Wednesday, January 15, 2025

#H352 बदलाव में हथियार (Weapons in change)

#H352
बदलाव में हथियार (Weapons in change)

बदलाव की बयार है
आयी नयी सरकार है।

कुछ तेरे माफिक चलेगा ।
कुछ तेरे विरुद्ध हो जाएगा ।
कुछ उड़ा ले जाएगा ।
कुछ नया ले आएगा ।
कुछ भुला देगा।
कुछ नया सिखा देगा।
बदलाव की बयार है ।
संभल जा प्यारे
यही तो संसार है।
चिन्ता करना बेकार है।
खुलकर कहो ।
बदलाव स्वीकार है।
यही तेरा पहला वार है।

खुद पर संयम रख,
संगठित होकर चल
सहयोग बनाकर चल,
हो जाओ लचीला ,
यही तो बयार से
लड़ने का हथियार है।
फिर हर मुश्किल में
तेरा बेड़ा पार है।

आंधियों में बड़े दरख़्त
उड़ जाता करते हैं।
लचीले बांस खड़े रह जाते हैं।
लचीलों के आगे
बयार भी बेकार है।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 15 जनवरी 2025,©
रेटिंग 9.7/10

Tuesday, January 14, 2025

#E009 A Neighbour (पड़ोसी)

#E009
A Neighbour (पड़ोसी)

Everyone lives with neighbours,
Each having different attributes.

The rich often ignore, while the poor hesitate,
But Poor can be supportive and kind.

The beautiful admire themselves,
Attracting others,
While the handsome show off,
Also attracting attention.

Fashion enthusiasts, often show-offs,
Motivate others to follow new trends.

Some are rude, dealing unpleasantly,
While others are kind, spreading happiness.

Some always smile,
Teaching us to stay positive.

Some are constantly judging,
Never sparing a chance to tease,
Always finding faults.

Naughty comments
Create nuisance,
But it's important to maintain balance with such neighbours.

The greedy seek only benefits—
Money, services, and devices.
Stay alert around such neighbours.

The selfish don’t consider others,
Focus only on their benefits,
And may trap you in troubles.

The fearless face issues strongly,
Teaching us to confront challenges with pride.

The fearful run away from problems,
Teaching us not to be cowards.

Some always quarrel,
Some constantly abuse,
Making life difficult.

A few cooperate,
Offering support in times of crisis.

Others oppose,
Becoming tough neighbours to deal with.

Some always backbite—
It’s best to keep your distance from them.

Some are very religious,
While others are not.

Some frequently host parties,
Creating noise around them.

Neighbours can be of any type.
Respect and accept them as they are.
Maintaining balance is the key.

Neighbouring countries
Can’t be controlled,
Can’t be changed.

You can’t change your neighbours.
Accept them as they are.
Show empathy and sympathy,
But maintain limits.
Mutual respect is expected from everyone.

Neighbours are neighbours—
Neither completely good nor bad.

Devendra Pratap "Nasamajh"
Date 14 January 2025,©
Rating 9/10

मेरी कविताएं सूची (My Poems List)

#H475  7 मासूम (7 Innocents)
#H474 वफादारी से डर तक (From Loyalty to Fear)
#H473 चलो एक बाजी हो जाए (Let's play a game of chess)
#H472 हर कोई भिखारी है (Everyone is a Beggar)
#H471 सेहत सर्वप्रथम (Health First)
#H470 हर सीन में संसार ( Every Scene having Life)
#H469 टक्कर न हो जाए। (Let There Be No Collision)
#H468 कार्बाइड (Carbide)
#H467 आचरण के बाद शब्द आते हैं (Conduct before words)
#H466 तरकश (Quiver)
#H465 युद्ध और प्रदूषण (War and Pollution)
#H464 बधाई देने आएंगे (Will come to give their blessings)
#H463 मिला हुआ कुछ लौटाता जा। (Keep returning what you got)
#H462 सरेआम क्यों लुट रहा है ? (Why is being looted openly?)
#H461आख़िरी हो (Be the Last )
#H460 खुल्लम-खुल्ला (Openly)
#H459 भ्रष्टाचार की पहली सीढ़ी (The First Step of Corruption)
#H458 हवाई त्रासदी: एक अधूरी कहानी (Air tragedy: an unfinished story)
#H457 खामोशी से सिखाया मुझे (Taught Me Silently)
#H456 निर्गुण की वाणी (The Voice of the Formless)
#H455 क्या मैं गांव लौट पाऊंगा ? (Will I be able to return to the village?)
#H454 शून्य की ओर (Towards zero)
#H453 हाथों में हाथ (Hand in hand)
#H452 वो ही हिन्दू  है  (Way of Life)
#H451 तम्बाकू छोड़ो, जीवन बचालो। (Quit Tobacco, Save Life)
#H450 बारिश की शाम, फिर से जाम (Rainy evening, jam again)
#H449 मुसलमान की पहचान (Identity of a Muslim)
#H448 सावधान! ठग कहीं भी हो सकता है। (Be careful! Scammers can be anywhere)
#H447 गंगा, बाबा, टुक-टुक और बनारस (Ganga, Baba, Tuk-Tuk and Banaras)
#H446 प्रकृति का प्रहार (Nature's Fury)
#H445 पायदान का संघर्ष (Struggle for a Position)
#H444 कोच बिना जीवन अधूरा (Life is incomplete without a coach)
#H443 दर्द का दस्तावेज़(The Testament of Pain)
#H442 सिंदूर  : नारी शक्ति की पहचान "Sindoor: The Identity of Womanhood and Strength"
#H441 नाक की लड़ाई (The Battle of Ego)
#H440‌ अभी चाह बाकी है (The Desire Still Remains)
#H439 मजदूर न बन सके (Could not become a labourer)
#H438 सेवानिवृत्ति नहीं है। (It's not retirement)
#H437 सपनों की रेत (Sand of dreams)
#H436 संभल जा पड़ोसी मेरे भाई (Beware, My Neighbor, My Brother)
#H435 बातों से ना काम चलेगा (Words won't work)
#H434 मजबूर मरीज, मूक सरकार (Helpless Patient, Silent Government)
#H433 किस जगह आप ऐसा पाते ? (Where else do you find such a place?)
#H432 ईश्वर पुत्र (Son of God)
#H431 ऑर्डर कैसे देना है ? (How to place an order ?)
#H430 बात से बात लड़ाओ (Counter words with words)
#H429 काॅरपोरेट गवर्नेन्स (Corporate Governance)
#H428 रक्त से रुप तक (From blood to beauty)
#H427 हम पानी कैसे बचाएं (How to save water)
#H426 मां की छाया (Shadow of Mother)
#H425 मार्गदर्शक और शिष्य (Mentor and Mentee)
#H424 अब बड़े भी कार्टून हो गए‌ हैं (Now even adults became cartoons)
#H423 अगर मैं प्लांट हेड होता (If I were a Plant Head)
#H422 मैं ना भूलूंगा "भारत" (I will never forget "Bharat")
#H421 कॉर्पोरेट्स गधे  (Confident Slaves)
#H420 जामवंत की प्रतीक्षा (Waiting for Strength Awakener)
#H419 जाति है जो जाती नहीं। (Caste is something that never goes away)
#H418 संभल जाओ, भाई (Be Careful in time)
#H417 सीढ़ी को हल्के में न लेना (Don't take the ladder lightly)
#H416 प्लांट कैसे चमकाओ (How to make a plant shine)
#H415 जीवन के कप्तान बनो‌ (Be the Captain of Your Life)
#H414 पक्का रंग (Permanent Colour)
#H413 कब मिटेगा यह भेदभाव? (When Will This Discrimination End?)
#H412 ममता (Love of a Mother)
#H411 एआई है पूरा भाई (AI is the complete brother)
#H410 जल्दी घर क्यों आए ? (Why did you come home early?)
#H409 जो कहें वही सही (Whatever you say is right)
#H408 जीवन ज्योति (Light of Life)
#H407 बस आज ही तेरा है (Only Today is yours)
#H406 आगाज (Beginning)
#H405 रंगीली (Colourful)
#H404 इंसानियत का पैगाम (Message of humanity)
#H403 रंग-चरित्र "Color and Character"
#H402 व्यस्त (Showy Busy)
#H401 समीकरण (Equation)
#H400 जीभ (Tongue)
#H399 रजाई (Quilt)
#H398 बेवक्त की फोन काॅल (untimely phone call)
#H397 डिजिटल अटैक (Digital Attack)
#H396 माइक्रोलीसस: एक कार्यस्थलीय रोग (Microlysis: A workplace disease)
#H395 भाव  (Emotions)
#H394 सुरक्षा और स्वास्थ्य
विकसित भारत के लिए अतिआवश्यक (Safety and health are Crucial for a developed India)    🦺🏥
#H393 सशक्त नेतृत्व (Empowered Leadership)
#H392 बैट उठाओ, छक्का लगाओ (Pick up the bat and hit a six)
#H391 जीवनधारा ( Life Stream)
#H390 खुद का संसार (Own World)
#H389 कौन है ? वो। (Who is She ?)
#H388 नींद (Sleep) 😴
#H387 नखरे (Tantrums)
#H386 उड़ान (Fly)
#H385 खामोशी की आवाज (The Sound of Silence)
#H384 बकलोल (Nonsense)
#H383 संस्कार और सबक (Rites and lessons)
#H382 खुद से आगे निकल (Get ahead of yourself)
#H381 भगदड़ (Stampede)
#H380 ज़ुल्म ऐ मोहब्बत (The Cruelty of Love)
#H379 आकाशवाणी (All India Radio)
#H378 लकीरें (Limits)
#H377 दृष्टि और दृष्टिकोण (Vision and Approach)
#H376 तीसरा (Third)
#H375 गुलदस्ता (Bouquet) 💐
#H374 तू कितना गरीब है (How poor are you ?)
#H373 तुम्हें जीत मिल गयी है । (You have got the victory)
#H372 कुछ कदम प्यार में(A few steps in Love 💕)
#H371 कद्दू (Pumpkin)
#H370 मोमबत्ती (Candle) 🕯️
#H369 एक ऐसी प्रार्थना हो जाए (Let there be such a prayer)
#H368 अंगूठे की व्यथा (Thumb 👍 soreness)
#H367 डायरी ऐसे बनाओ (Maintain a diary like this)
#H366 चाय बना लो (Make tea)
#H365 तेरी सेहत, तेरे हाथ (Your health is in your hands)
#H364 घबराहट (Nervousness)
#H363 महक (Fragrance)
#H362 छद्म देशभक्ति (Pseudo-patriotism)
#H361 जनतंत्र (Democracy)
#H360 गांवों से तीन सवाल (Three questions from the villages)
#H359 मुफ्त (Free)
#H358 तीसरा दौर (Third phase of life)
#H357 नमक (Salt)
#H356 मुस्कान (Smile)
#H355 सब कुछ‌, सबको पता है। (Everything, everyone knows)
#H354 सड़क किनारे तटबंध (Road side embankment)
#H353 आग (Fire)
#H352 बदलाव में हथियार (Weapons in change)
#H351 सपने में चुनाव अभियान (Election campaign in a dream)
#H350 पैदल (Pedestrian)
#H349 यह पन्ना (A Page)
#H348 प्रभु, मैं भूलना न चाहूं। (Lord, I don't wish to forget)
#H347 भूलने की शक्ति ( The power of forgetting)
#H346 मैं कौन हूॅं। (Who am I ? )
#H345 कीमत (Price)
#H344 स्व: चीर - हरण (Self Disrobing)
#H343 विवाह (Marriage)
#H342 अलग चूल्हा (Separate Stove)
#H341 आम आदमी का भ्रमण (common man's tour)
#H340 संभल (Sambhal)
#H339 नववर्ष (New Year)
#H338 सर्दी (Winter)
#H337 मौन सुधारक (Silent Reformer)
#H336 कंधा (Shoulder)
#H335 नारे, जो नहीं हैं हमारे (Slogan)
#H334‌ मानसिक बधिर (Mentally deaf)
#H333 इतिहास बदलता नहीं (History doesn't change)
#H332 सांड (Bull)
#H331 धरना  (Strike)
#H330 जरिया (Means)
#H329 लेट्स ट्राई (Let's Try)
#H328 पीड़ा (Pain)
#H327 समझ (Understanding)
#H326 शोर (Noise)
#H325 धूप (Sunlight)
#H324 हनन (Violations)
#H323 सर्दी में हम क्या सब्जी खाएं (what vegetables should we eat in winter)
#H322 मेरी सास, तेरी की सास (My 
             mother in law, your mother in              law)
#H321 चमड़ी (Skin)
#H320 कागज (Paper)
#H319 तेल का खेल (Game of Oil)
#H318 एक वतन, एक इंसान (One        
             Nation, One National)
#H317 भौंकना (Barking)
#H316 ज्योति (Light)
#H315 पत्थर (Stone)
#H314 हरफनमौला (All Rounder)
#H313 योद्धा (Warrior)
#H312 रावणम (Evil - Good)
#H311 उम्मीद (Hope)
#H310 रिश्तेदारी में होशियारी (Smartness in relationships)
#H309 जमघट की सफलता (Successful Get-together)
#H308 क्या चाहते हो ? उत्कृष्टता। (What do you want? Excellence.)
#H307 चुप्पी (Silence)
#H306 बीज (Seed)
#H305 मुझे आज भी याद है (I still remember it)
#H304 जमघट (Get-together)
#H303 भ्रम (Confusion)
#H302 मेरी छोटी सी गलतियां (My Small Mistakes)
#H301 भूख (Greed)
#H300 आज की तीज
#H299 धनतेरस (Dhanteras)
#H298 जंग रहती है जारी (The battle continues)
#H297 बाल दिवस (Children's Day)
#H296 सुरक्षा की बात (A matter of safety)
#H295 हम न समझ पाए  (We couldn't understand)
#H294 उत्पादक नागरिक (Productive Citizens)
#H293 लाइन में आओ (Be in Queue)
#H292 भूतों के भूत (Ghosts of past)
#H291 ऐतिहासिक एक छोटी सी गलती (a small historical mistake)
#H290 हम भी खाली, तुम भी खाली। (We are free, you are free too)
#H289 एक छोटी सी गलती ( A small mistake)
#H288 अर्थ (Meaning)
#H287 आगे बढ़ने तो दो (Let it go ahead)
#H286 चन्दा मामा  (The Moon )
#H285 पंगा न लेना (Don't mess with)
#H284 चिराग (Lamp)
#H283 रंगोली (Rangoli)
#H282 मायूसी (Disappointment)
#H281 नीति  और नियति (Policy and Destiny)
#H280 जुगनू  (Firefly)
#H279 मैं दसवीं में हूं (I am in 10th)
#H278 सृजन (Creation)
#H277 एक अक्षर  (A Letter)
#H276 लाल का संसार (World of Red)
#H275 गुरुजी, अपना मान रखो। (Keep your self-respect, Respected Teacher)"
#H274 फिसलते अवसर (Slipping opportunities)
#H273 एक डरा हुआ इंसान (A Scared Person)
#H272 रतन (A Legend )
#H271 निरीह (Innocent)
#H270 अधूरी हसरतें (unfulfilled desires)
#H269 भर्ता (Mashed)
#H268 मेरा भारत, मेरा देश (My Bharat, My Country)
#H267 मैं आलू  हूँ। ( I am Potato)
#H266 मुझे लगा, तुम.... (I thought you…)
#H265 मेरी कविता (My Poetry Disclaimer)
#H264 देश के लाल (Sons of the Nation)
#H263 क्या तुम सपने बेच पाओगे। (Can you Sell dreams)
#H262 अधूरा पितृ भोज ( Incomplete Ancestral Feast)
#H261 चादर ( Range)
#H260 सांसारिक चुनौतियां (Worldly Challenges)
#H259 खुद को बचालो। (Save yourself from quacks)
#H258 आजाद गुलाम (Independent Slaves)
#H257 कुपोषित मोटापा (Malnourished obesity)
#H256 अनुशासन (Discipline)
#H255 संधिवार्ता कौशल (Negotiations Skills)
#H254 गडढे (Potholes on the road)
#H253 वो दिन कब आयेगा (When will that day come)
#H252 चड्डी (Underwear)
#H251 सुरक्षा को जियोगे तो... ( Live Safety in life)
#H250 प्राइवेट स्कूल टीचर (Private School Teacher)
#H249 गोल (Circle)
#H248 क्वालिटी सर्कल टीम उन्नति (Quality Circle Team Unnati)
#H247 जनता की दुविधा (Public's Dilemma)
#H246 समझदार (Intelligent)
#H245 भिन्न (Fraction)
#H244 लावा (Lava)
#H243 शून्य (Zero)
#H242 एक रविवार (Sunday)
#H241 भटकाव (Distractions)
#H240  महान भारतीय कवि (Great Indian Poets)
#H239 प्रिय शिक्षक (Beloved Teachers)
#H238 आज की दुनियादारी। (Today's life)
#H237 संतोष (Satisfaction)
#H236 हमदर्द (Sympathizer)
#H235 मेरी बर्थडे पार्टी (My Birthday Party)
#H234 देश मांग रहा बलिदान (The country is asking for sacrifice)
#H233 बर्ताव (Behaviour)
#H232 गोबर (Corruption)
#H231 सफेद (White)
#H230 कान्हा, हमरी नैया पार करो (Kanha, take our boat across life)
#H229 कल मैं स्कूल नहीं जाऊँगा (Tomorrow, I will not go to School)
#228 मैं वेगनार चलाता हूँ। (I drive a WagonR)
#H227 हवा ( Air)
#H226 अनबन (Rift between Husband and wife)
#H225 लम्हें (Moments for birthday)
#H224 कैसे पार लगेंगे हम (How will we get through as Nation)
#H223 जब बेटी आगे आयेगी, अपना हक पायेगी। (When the daughter comes forward, she will get her rights)
#H222 काश मैं कुवांरा होता (I wish, I was single)
#H221 कार्यस्थल पर खतरों की पहचान कैसे करें  (How identify dangers at work)
#H220 एक सलाम गुमनामी के नाम (A salute to anonymity)
#H219 करेगा कौन ( Who will do)
#H218 गणित पढ़ने से पीछे न हठो, मेरे यार।  (Do not afraid of Mathematics, my friend)
#H217 युवा शक्ति (Youth Power)
#H216 कुछ नहीं (Not in count)
#H215 हर एक जीवन को बचाना संभव होगा (It is possible to save every single life)
#H214 गैरत (Pride)
#H213 राजनीतिक नरेटीव ( Political Narrative)
#H212  सावन में सड़क यात्रा (Road Trip in Savan month)
#H211 वजह (Reason)
#H210 कोर दिलाऐ मोर (Core rewards more)
#H209 प्रेरित होना (Be Inspired)
#H208 मैं कांटा हूँ ( I am Thorn)
#H207 तिरंगा घर पर फैहराओगे (You will hoist the tricolor at home)
#H206 बुफे  (Buffet)
#H205 उसने क्या पहना है (What is she wearing?)
#H204 ये रात फिर न आये (This night may not come again)
#H203 हरियाली (Greenery)
#H202 त्रुटि ( Error)
#H201 सरकारी सितम (Government Atrocities)
#H200 सामाजिक सौहार्द (Social Harmony)
#H199 लाइक, सब्सक्राइब, शेयर (Like, Subscribe, Share)
#H198 मेरे गुरुवर (My Teacher)
#H197 जरूरत बनाम प्यार (Need Vs True Love)
#H196 नीच (Despicable)
#H195 मंथन (Brainstorm)
#H194 मैं कांवड़ लेने जाऊँगा (I will go to bring Ganga Jal to Shiva Temple)
#H193 पोश (POSH)
#H192  गुस्सा (Anger)
#H191  मतिभ्रम (Hallucinations)
#H190  वो खुश नसीब होते हैं (  They are happy, who have sister)
#H189 तारे  (Children)
#H188 जोश (Zeal)
#H187 निवेश और जोखिम ( Investment and Risk)
#H186 लक्ष्य (Aim)
#H185 डाक्टर दिवस (Doctor Day)
#H184 सब ठीक है ( All is well)
#H183 अनोखा न्याय ( Unique Justice) ⚖
#H182 सब चमकाते रहे, अच्छा बताते रहे ( Shining and telling good stories)

#H181 एम एस ए (मापन सिस्टम विश्लेषण) ( Measurement System Analysis)
#H180 उम्र (Age)
#H179 अहिंसा का पुजारी (Priest of Non-Violence)
#H178 तीसरी मंजिल ( Second Floor)
#H177 बता मैं कौन हूँ ? (Who am I ?)
#H176 हम सबका झूठ  (Our Lie)
#H175 धौंस (Bullying)
#H174 टैक्स के पैसे की बर्बादी (Misuse of Taxes)
#H173 पेपर लीक (Paper Leak)
#H172 परीक्षा (Examination)
#H171 मुलाकात (The date)
#H170 देश की जनता तुझे क्या हो गया। (Very different Voter)
#H169 चुनावी झांसे (Election Hoaxes)
#H168 रिटर्न गिफ्ट (Return Gift)
#H167 राकस्टार (  Rockstar) 🎸⭐️
#H166 सदुपयोग (Resources Conservation)
#H165 बेटी ही घर की लाज बचाऐगी (Only the daughter will save the honor of the house)
#H164 खंडित जनादेश (Fragmented Mandate)
#H163 विश्वासपात्र  ( Trustworthy)
#H162 करेला (Bitterguard)
#H161 ठण्डक (Cold)
#H160 बिजली (Electricity) ⚡
#H159 जज्बात ( Emotions)
#H158 पता लगाओ (Find Factors and contribution of Environment)
#H157 मेरा तेरा हो रहा है यहाँ ( Blaming each other on pollution)
#H156 एक रोल ऐसा भी जीवन में निभाऊंगा
#H155 संघर्ष (Struggle)
#H154 मुखबिर ( Informer)
#H153 मिडिल क्लास (Middle Class)
#H152 ये ही तेरा चरित्र है (Real Character)
#H151 आबादी एक चुनौती है (Population is a challenge)
#H150 मनमोहन (Goody of all)
#H149 गुरु की महिमा (Glory of the Guru)
#H148 चुप्पी (Keeping mum)
#H147 प्रणाम  (Greetings)
#H146 लब खामोश हैं (Lips are silent)
#H145 मासूम चिड़िया और हम (Innocent Bird and  We)
#H144 सोच रहे हो, उत्तम है  (Thinking, it is best)
#H143 रस्में (Rituals)
#H142 कर्मयोगी (Karmyogi)
#H141 जिद (Stubbornness)
#H140 सालगिरह (Anniversary)
#H139 एकला चलो रे (👣 Walk Alone)
#H138 प्रेम ही सर्व शक्तिमान की शक्ति है ( Love is the almighty power)
#H137 लोक परलोक (Heaven,  Hell and Earth)
#H136 नशे से न प्यार करो  (Love and Drugs 💉💊)
#H135 बूंद ( Water 💧 drop)
#H134 ताल ( Rhythm)
#H133 कौशल ( Skills )
#H132 अभी भी मैं नादान हूँ (I'm still immature)
#H131 रौनक (Splendor)
#H130 मैं खेलने जाऊँ (Let me go to play)
#H129 हमारी संस्कृति ( Indian Culture)
#H128 जनहित में किसका हित है? (Who's Interest is in Public Interest)
#H127 भावुकता (Sentiment)
#H126 आज का बच्चा (Today's Child)
#H125 खुद की गलती को अपनाऐं ( Accept your mistake)
#H124 बालाजी (Hanuman)
#H123 डिजिटल जरुरी है, अपनाओ (Cyber security)
#H122 घुटन  (Suffocation)
#H121 ध्यान रहे कौन जायेगा साथ ( Mind, who will go with you at the end)
#H120 कल का भारत और हम (Tomorrow's India and us)
#H119 यह सब है हाथ तुम्हारेे
#H118 सच्चाई (Truth)
#H117 हौसला है, तो मंजिल हमारी
#H116 "बाबा साहेब" आपने फिर से आना होगा
#H115 तेरा कितना हुआ (Increment)
#H114 मुक्ति (Salvation)
#H113 हम क्यों खामोश हो गये (Why ?, they become silent)
#H112 पैसा-पैसा (Money - Money )
#H111 तेरे साथ भी जी लेंगे (I will enjoy with you too)
#H110 फूलों से मिले जख्म (Wound from flowers)
#H109 निरन्तरता (Continuity)
#H108 नशा नशीन (Addict)
#H107 धरती तपने वाली है (The Earth is going to heat up)
#H106 जिंदगी (Life Journey)
#H105 अन्नदाता के आंसू (Tears of farmers👳👳👳)
#H104 अप्रैल फूल (April fool 🤡)
#H103 इलेक्टोरल बोन्ड (Electoral Bond)
#H102 खामोशी (Silence 🤫)
#H101 अपना घर अपना होता है (Your home is your own)
#H100  मौकापरस्त (Opportunist)
#H099 आत्मविश्वास (Self-confidence)
#H098  सत्ता (Power)
#H097  मीडिया निष्पक्ष है ? (Is the media unbiased?)
#H096  रंग (Colour)
#H095  आज होली है, मेरी प्यारी (It's Holi today, my love)
#H094 अनजेन ओजोरा - सुरक्षा बाजार (Safety Market)
#H093 दूरियाँ (Distances)
#H092   गुटबन्दी (factionalism)
#H091  मैंनेजर हो तुम लीडर बन जाओ (You are a manager, become a leader)
#H090 सबका चहेता हूँ (Your loved one)
#H089 पदचिह्न (Footprint)
#H088 हम सबके भोले भंडारी
#H087 शक्ति (Women Power)
#H086 हे भारतीय नारी, तू हर रूप में है सबकी प्यारी ( Indian Women lovely in every form)
#H085 सरनेम (Surname)
#H084 भ्रष्टाचार (Judicial Corruption)
#H083 कल्याण
#H082  पैदल और सड़क सुरक्षा (Pedestrian and road safety)
#H081  फ्लैट मालिक की आस (Flat owner's hope)
#H080 चिठ्ठी  (✉️ Letter)
#H079 भारत से Bharat
#H078 मैं (I, Pride)
#H077 अंडे का  फंडा (Sides of Egg)
#H076 वो मंगल गा रही है (Song of Joy)
#H075 जय हो जमादार की (Salute to Sweepers)
#H074 टोला (Cluster)
#H073 फागुन आयो रे ( Spring 🌱🌷🌸 Came)
#H072 सार्थक देशभक्ति (True Patriotism)
#H071 बेटी (Daughter)
#H070 आदमी खुद का दुश्मन हो गया है (Man become self enemy)
#H069 देशभक्त की  कसक (the pain of a patriot)
#H068 अवेन्जर्स हमारे (Our Avengers)
#H067 खांसी (Cough)
#H066 जाटनी का धरना (Strike of wife )
#H065 एक रोज ( A 🌹Rose)
#H064 अहसास ( Realization)
#H063 सोच (Thinking)
#H062 सम्मान ( Self Respect)
#H061 डर से डरना कैसा (Don't be afraid of fear)
#H060 कदम (Foot step)
#H059 अविश्वास (Distrust)
#H058 स्वाद (Taste)
#H057 पड़ोसन की डिनर पार्टी (Neighbour's Dinner Party)
#H056 कोई किसकी खाता है? (How earn money)
#H055 अभी दूर बहुत जाना है....  (Long way to go...)
#H054 नया सवेरा (New Dawn)
#H053 ग्लेशियर पर सैनिक (Soldier on glacier)
#H052 तू ही राम है (You are God)
#H051 शरारत (Prank)
#H050 जुमला (Political Statement)
#H049 नया जमाना (Skills create future)
#H048  बदलाव ही जीवन है (Changes are life)
#H047 नटखट (Naughty)
#H046 तेरी राह देख - देख हम हारे (Waiting for you)
#H045 कालचक्र (Time Cycle)
#H044  अतिआवश्यक कौशल (Communication)
#H043 जनता ( Public)
#H042 गौरव (Pride)
#H041 नूर (Light)
#H040 कोहरा (Fog)
#H039 वापू को संदेश (Message to Mahatma)
#H038 व्यवहार (Behaviour)
#H037 प्रसूति विभाग (Gynology)
#H036 पनौती  ( Unlucky)
#H035 कुर्सी (🪑Chair)
#H034 चुनौती (Challenge )
#H033 मजलूम (Oppressed)
#H032 जंगल (🌲🌲🌲 Jungle)
#H031 शून्यता (Zero 0️⃣)
#H030 पैसा ही दुनिया चला रहा है (Money runs World)
#H029 एआई ( Artificial Intelligence 🤖)
#H028  चुनाव (🗳️ Election)
#H027 साईकिल की सवारी (Bicycle Ride)
#H026 हमारी घड़ी (Our Watch)
#H025 पेड़ (🌴 Tree)
#H024 जज्बात छिपाना मुश्किल है (It's hard to hide emotions)
#H023 जन्मदिन मुबारक हो (Happy Birthday🎂)
#H022 गुरुमार्ग (Teachings)
#H021 कलम से बदले तकदीर (Pen change life)
#H020 आज भी गांव बहुत है खास (Even today the village is very special)
#H019 पुरुषार्थ (Courage)
#H018 मैं मौन  हूँ  (I am silent voter)
#H017 सोसायटी (Life in Society)
#H016 श्रम का प्रतीक ( A Symbol of Labor )
#H015 समस्या ही सुधार का पहला कदम होती है (The problem is the first step towards improvement)
#H014 संवाद (Dialogue)
#H013 गुणवत्ता को कैसे पाएं (How to achieve Quality)
#H012 प्यार का एक्सपोर्ट - इम्पोर्ट (Love beyond Borders)
#H011 काली दिवाली (Sad Diwali)
#H010 पानी (Water 💦)
#H009 सुरक्षित दीवाली (Safe Diwali)
#H008 भावना (Emotions)
#H007 सोचो कैसे पढ़ते हैं ? (Think about how to read?)
#H006 फितरत ( Nature)
#H005 चूर्ण (Powder)
#H004 लापरवाही (Negligence)
#H003 नोटा (Nota - None of the above)
#H002 सच्चा दशहरा (Dusherra)
#H001 मुझे कविता न लिखनी आए (I don't know writing Poetry) 

Monday, January 13, 2025

#H351 सपने में चुनाव अभियान (Election campaign in a dream)

#H351
सपने में चुनाव अभियान (Election campaign in a dream)

सपने में मोदी और शाह
मेरे घर आए ।
हमने अच्छी आवभगत की,
और घर में ही ठहराए।
घर पर ही वो एकांत में बतलाए।
आगे की रणनीति बनाए।

फिर हमसे मोदी बतलाए।
इधर-उधर की गप्प लड़ाए।
मैं समझ गया,
शक है इनको, पता नहीं ।
मेरा वोट किसको जाए ?

फिर शाह मुझसे बतलाए।
वो भी इधर-उधर की बातें चलाए।
मैंने वो भी शक करते ही पाए।
तब मुझको गुस्सा आया।
मैं बोला तुम्हारा यह शक।
मेरे आत्मसम्मान को ठेस लगाए।
ऐसे में "कमल" तो न खिल पाए।

जब तुम्हें नहीं भरोसा मुझ पर,
तो यह वोट "झाड़ू"  को जाए।
अगर कल राहुल भी आए।
तो शायद मेरा मत "हाथ" को चला जाए।

आज मुझे समझ आया।
यह तो सपने में  भी चुनाव अभियान चलाए।
और दल ऐसा न कर पाए।
चुनाव आयोग भी ऐसे अभियान पर,
समय सीमा के बाद भी ,
रोक न लगा पाए।

अब और कोई कहाॅं तक ,
वोट के‌ लिए अभियान चलाए।
जब घर-घर में अपने कर्मों से,
वायदों और इरादों से,
लोगों के सपने‌ भी आए।
कुछ भूल हुई हो ऊपर
तो हमें माफ़ किया जाए।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 13 जनवरी 2025,©
रेटिंग 9/10

Sunday, January 12, 2025

#H350 पैदल (Pedestrian)

#H350
पैदल (Pedestrian)

दौड़ने वाले अक्सर गिर जाते हैं।
घुटनों के बल चलने वाले,
उठकर फिर चल जाते हैं।

सबसे पहले बच्चे,
घुटनों के बल चलते हैं।
फिर पैरों से चलने लगते हैं।
इधर-उधर भागा करते हैं।
माॅं को थका दिया करते हैं।
पकड़ ना आने‌ पर,
खिलखिला दिया करते हैं।
माॅं यशोदा, कान्हा की
अठखेलियों की याद दिलाते हैं।

पैरों पर जब चलते हैं
पैदल कहलाते हैं
कभी-कभी पैदल भी
सड़क दुघर्टना में मर जाते हैं।
पैदल चलने वालों से भी
सड़क सुरक्षा अपनाने की
हम उम्मीद लगाते हैं।

जब तेज चलने लगते हैं
जॉगिंग करते जाते हैं
और तेज चले तो
वो दौड़ना कहलाते हैं।

छोटी दूरी की दौड़ लगाते हैं।
लम्बी दौड़ भी लगाते हैं।
मैराथन में भाग लेते हैं।

बहुत से लोग पैदल चलते चलते
कई देश घूम आते हैं।

थकने वाले, रुकने वाले,
अक्सर बहाने खूब बनाते हैं
हार का कारण भी
किसी और को बताते हैं

जो जितना चलते हैं
वो उतना जीवन जीते है।
रोज चलने वाले
स्वस्थ बहुत रहते हैं।
फुर्तीला बन जाते हैं।
सुबह में पैदल चलन को
सबसे अच्छा बतलाते हैं।

ऐसे ही,
जीवन पथ पर चलते चलते ।
जब थक जाते हैं ।
वह रुक जाते हैं।
जो बिना रुके चलते जाते हैं ।
लक्ष्य पा जाते हैं।
मिशाल बन जाते हैं।

जब कोई करे,
बेसिर पैर की बातें।
वो दिमाग से पैदल कहलाते हैं।
अक्सर लोगों खटक जाते हैं।

बिना चले, पैदल दुनिया में कोई ,
दुनिया लुत्फ नहीं उठा पाते हैं।
पैदल न चल पाने वाले ही,
चलने का असली महत्व बताते हैं।
जीवन में न रुकने वाले ही
जीवन सफल बनाते है।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 12 जनवरी 2025,©
रेटिंग 9/10

Saturday, January 11, 2025

#H349 यह पन्ना (A Page)

#H349
यह पन्ना (A Page)

किताब का यह पन्ना
न मेरा है, न तेरा।
बदनाम दोस्तों के नाम,
सिहा काले सपनों के नाम।

अधूरे सपनों के नाम,
बिछड़े दोस्तों के नाम,
दिल के तार छेड़ती
यादों के नाम।

सुलगते अरमानों के नाम,
धुएं के छल्लों के नाम,
छलकते जामों के नाम,
न बदनाम हुई,
जवानी के नाम।

तरसती आंखों के नाम,
फड़फड़ाते अधरों के नाम,
जुबां पर न आने वाले
नामों के नाम।
यह पन्ना सिहा काली
यादों के नाम।

अकेले में होती रही
नम आंखों के नाम।
न मिली मोहब्बत के नाम,
सितमगर की खामोशी के नाम।

किताब का यह पन्ना
न मेरा है, न तेरा।
टूटे अरमानों के नाम,
भविष्य बनाने में दबी
अधूरी ख्वाहिशों के नाम।

कलम से पन्ना न लिख ,
पाने के नाम।
खाली रखा है यादों के नाम,
पूरे न हो सके कुछ वादों के नाम।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 11 जनवरी 2025,©
रेटिंग 9.5/10

Friday, January 10, 2025

#H348 प्रभु, मैं भूलना न चाहूं। (Lord, I don't wish to forget)

#H348
प्रभु, मैं भूलना न चाहूं। (Lord, I don't wish to forget)

प्रभु, मैं तुम्हें भूलना न चाहूं।
फिर भी भूल जाऊं ।
किसको दोष लगाऊं।
समझ ना पाऊं।

तुमको कैसे पाऊं।
बार-बार में
तुमको बिसराने की
गलती कैसे कर जाऊं।

रोज सुबह को
मंदिर में ढोक लगाऊं।
जब भी मैं थक जाऊं
बस तेरा ही
नाम जबान पर लाऊं।

मान दिया, सम्मान दिया ।
प्यार दिया, स्वाभिमान दिया।
वारिस दिया और मकान दिया।
फिर भी चाह न छोड़ पाऊं।

सदा मन में तेरा शुक्रिया जताऊं।
मन ही मन मैं तुझसे कुछ चाहूं।
पर खुल के
दिल की बात न कहना पाऊं।
समझलो प्रभु,
ऐसी उम्मीद लगाऊं।
नादान हूं मैं
जो एक मिलने पर दूजी चाहूं।
माया के मोह से निकल न पाऊं।

प्रभु, तेरी कृपा चाहूं।
अपनी गलतियों की माफी,
तुझसे चाहूं।
प्रभु, मैं भूलना न चाहूं।
फिर भी भूल जाऊं ।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 10 जनवरी 2025,©
रेटिंग 9.5/10

Thursday, January 9, 2025

#H347 भूलने की शक्ति ( The power of forgetting)

#H347
भूलने की शक्ति ( The power of forgetting)

वो बात याद आयी।
कब की बात याद आयी।
अच्छी भी याद आयी।
बुरी भी याद आयी।
खट्टी-मीठी भी याद आयी ।
कल की याद आयी ।
वर्षों पहले की याद आयी।

कल की बात भुलाई।
आज क्या करना है
याद न आयी।
कल क्या करेंगे ?
आज याद है।
भूल से भूलने की बात
याद आयी।
चेहरे पर मुस्कान लायी।

याद मुस्कान लायी।
बिछड़े यारों की याद लाई।
गम की याद दिलाई।
अगर भूलते न अब तक,
तो फिर समझो जान गंवाई।

भूलने की शक्ति,
आज मुझे समझ आयी।

कब हुई पिटाई ?
कब हुई लड़ा ?
कब हुई हार ?
कब पड़ी लताड़ ?
पत्नी से हुई लड़ाई।
शुरुआत की कमाई।
सब बातें याद आयी।
जब कोई छेड़ गया,
दिल के तार,
रह - रह फिर याद आयी।

फिर से लड़ने की,
शक्ति कभी न मिलती।
जो दिमाग ने न होती, भुलाई।
भूलने की शक्ति,
आज मुझे समझ आयी।

ज़माने ने तो बहुत पहले ,
भूलने की बात सझायी।
पर आज मुझे समझ आयी।
अन्देखा करो, बहुत कुछ।
जीवन में आगे बढ़ो, मेरे भाई।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 09 जनवरी 2025,©
रेटिंग  9/10




Wednesday, January 8, 2025

#H346 मैं कौन हूॅं। (Who am I ? )

#H346
मैं कौन हूॅं। (Who am I ? )

मैं कौन हूॅं,
मैं न हिन्दू हूॅं, मैं न मुस्लिम हूॅं
न हूॅं सिख और ईसाई।
कब समझोगे मेरे भाई।

गरीबी का दंश लिए,
मंहगाई की मार झेलते हुए,
आपस में लड़ते झगड़ते,
तिरंगे के लिए बलिदान देते हुए,
देश की तरक्की का अरमान लिए हुए,
खामोशी से जीते हुए।
आज तक टैक्स में दी अपनी कमाई।

छोटी - छोटी सी बातों
पर झल्लाते हुए,
आंखों में  देश के लिए,
अच्छा होने का सपना लिए,
अपना सब कुछ देते हुए।
बेटों - बेटियों को सीमा पर भेजते हुए।
नेताओं के हाथ भटकते हुए,
बच्चों को बेरोज़गार देखते हुए।
दिल पर पत्थर रखकर,
अच्छा होने की आस जताते हुए।
बेपनाह प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष
टैक्स चुकाते हुए,
गुमनामी में जीते हुए।
आज तक आपत्ति न जताई।
संसद वापसी की आवाज न लगाई।

कब समझोगे मेरे भाई।
मैं कौन हूॅं
मैं न हिन्दू हूॅं, मैं न मुस्लिम हूॅं
न हूॅं सिख और ईसाई।
मैं 1/140 करोड़  भारत हूॅं।
इस देश का अंश हूॅं।
मैं ही हिन्दुस्तान हूॅं।
बोलो मैं ही मेरी पहचान हूॅं।
देश से ही हमने पहचान पाई।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 08 जनवरी 2025,©
रेटिंग 9.5/10

Tuesday, January 7, 2025

#H345 कीमत (Price)

#H345
कीमत (Price)

बच्चों को पैसे की कीमत,
कोई कैसे समझाए।
बचत की आदत कैसे जगाए।
बच्चा आसानी से समझ न पाए।

जेब खर्च थमाओ।
बोलो जो मन चाहे खाओ,
खरीदो और बचाओ।
अगर बचाए रुपये ।
जो चाहो, अपनी बचत से खरीदो।
समय सीमा निर्धारित कर दो।

बाजार लेकर जाओ
खरीदारी दिखलाओ।
रुपये से ही सामान मिलता है
बाजार से सिखाओ।

गुल्लक दिलवाओ।
बच्चा जितना बचाए।
उस भी कुछ इनाम लगाओ।
बचाने को प्रेरित करते जाओ।

जरुरत का सामान बच्चे को
खरीदने को बोलो।
खुद के पैसों से न खरीद पाए।
जब हार मान जाए।
तब खरीदकर दो।

संवाद बिठाओ।
पैसा कब मिलता है ?
पैसा कैसे हासिल होता है ?
यह समझाओ।

अनाथ आश्रम घुमाओ।
मंदिर ले जाओ।
गरीबों की मदद कराओ।
उसकी मदद से भी बंटवाओ।
जितना अपनी बचत से बांटे।
उस पर भी एक इनाम लगाओ।
ऐसे बचत का मूलमंत्र सिखाओ।
ऊपर से अच्छे संस्कार जगाओ।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 7 जनवरी 2025,©
रेटिंग 9/10

Monday, January 6, 2025

#H344 स्व: चीर - हरण (Self Disrobing)

#H344
स्व: चीर - हरण (Self Disrobing)

नंगा नहीं किसी को भाता।
पूरे कपड़ों में भी ,
आदमी खुद को नंगा कर जाता।
बिल्कुल नहीं शर्माता।

महाभारत के चीर-हरण की
याद दिलाता।
खुद दुशासन है।
पर खुद को द्रोपदी बताकर,
औरों को दुशासन बतलाता।

जब अपने छोटों से
अनदेखी करवाता।
खुद गलती करता।
और उनकों धमकाता।
लालच देता, और समझाता।

खुद की गलतियां छुपाता।
खुद व खुद उसका
चीर-हरण हो जाता।
खुद को सज्जन बताता।
असहाय की नजर से,
कोई न बचपाता।
वो सब पर ,
खामोशी से नजर जमाता।
उसको तो रब ही बचाता।

जैसे हो, वैसे दिखलाओ।
अच्छा करने से,
छोटों को बिल्कुल न रोको।
उनका मनोबल बढ़ाओ।
गलती हुई, तो स्वीकारो।
खुद के कामों में सुधार करो।
खुद को चीर-हरण से बचाओ।

आदमी ऐसा क्यों करता।
"नासमझ" को समझ न आता।
ऐसी नासमझी न दिखलाओ।
गलती मानने से इतना न घबराओ।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 6 जनवरी 2025,©
रेटिंग 9/10

Sunday, January 5, 2025

#H343 विवाह (Marriage)

#H343
विवाह (Marriage)

विवाह से दुनिया क्या चाहे ?
बड़ा कठिन प्रश्न है।
कोई हमें बताए।
वरना कविता लिखनी
मुश्किल हो जाए।

हर कोई वंश बेल बढ़ाना चाहे।
बुढ़ापे के लिए, एक साथी पाए।
सुख दुख में जो हाथ बंटाए।
जिस घर डोली आयी,
बस उससे अर्थी ही जाए।
कथन को सार्थक कर जाए।

एक दूजे के सम्मान की आस लगाए।
बना रहे दोनों का अभिमान।
मात-पिता दोनों के होते हैं,
परिवारों की शान।
किसी का स्वाभिमान, न टूटने‌ पाए।

परिवार के रहन - सहन हो माना जाए।
परंपरा को अपनाकर,
परिवार को और मजबूत किया जाए।

प्यार मिले भरपूर,
कोई कहीं और ना जाए।
हाथों में हाथ बना रहे।
जब तक जिया जाए।

नोंक झोंक भी होती रहे
ताकि प्यार की बैटरी‌ रिचार्ज होती जाए।
पर रिश्ते में अनबन न हो पाए।
जो कड़वाहट लाए।

जिसकी जिस देवी- देवता में श्रध्दा हो।
उसका ख्याल रखा जाए।
कभी ठेस न लग जाए।
नास्तिक हो तो भी स्वीकारा जाए।

जब बच्चों का निर्णय हो।
दोनों को सहमति से किया जाए।
किसी को मजबूर न समझा जाए।

बच्चों का भविष्य
बनाने का हो मजबूत मंसूब,
तभी बच्चों को दुनिया में लाया जाए।

रिश्ता विश्वास का अभेद्य जोड़ बने।
दुष्टों के सारे प्रयासों  से भी ना टूट पाए।

जितना धन अर्जन हो।
उसमें खुश रहा जाए।
कैसे घर चले,
मिलकर निर्णय किया जाए।
ना किया जाए कोई मजबूर।
जैसी हैसियत,
उतनी ही चद्दर फैलाई जाए।

जीवन की मजबूत नींव रखी जाए।
सर ढंकने को छत बनाने का
पूरा प्रयास किया जाए।
थोड़ा - थोड़ा धन जोड़ा जाए।
घर को साकार रूप दिया जाए।

हर साल कहीं घुमाने ले जाए।
कभी-कभी सिनेमा भी दिखाए।
जन्मदिन, सालगिरह जरुर मनाए।
तौहफा भी लेकर आए।

कौशल क्षमता बढ़ाने में साथ निभाए।
नौकरी करने पर अंकुश न लगाए।
घर के काम में भी हाथ बंटाए।
पीहर जाने पर न पाबंदी लगाए।

हारी - बीमारी में साथ निभाए।
दवा दारू भी करवाए।
अपना बीमा भी करवाए।
ऋण के बोझ तले न छोड़ जाए।

इस महंगाई में
तब ही घर चल पाए।
घर, गाड़ी, जेवर बन पाए।

संतोषी स्वभाव रिश्ते
को दूर तक ले जाए।
जितना धन दौलत हो पास में,
दोनों उसमें खुश रह पाए।
आगे बढ़ने का
मिलकर प्रयास लगाएं।
ऐसे जीवन साथी संयम से
विवाह को सफल बनाएं।

तलाक, विवाह का अंत नहीं है।
बस एक अल्पविराम लगाए।
जीवन फिर से आगे बढ़ने की आस जगाए।
कहीं गलती हुई, ऐसा अहसास कराए।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 5 जनवरी 2025,©
रेटिंग 9/10

Saturday, January 4, 2025

#H342 अलग चूल्हा (Separate Stove)

#H342
अलग चूल्हा (Separate Stove)

मात-पिता का
शरीर हुआ कमजोर,
अब आंखें देतीं कम ही साथ ,
पैर डगमगाते, न टिकते हाथ।
कानों से कम ही सुनाई देती बात
ऐसे में औलाद कर दे मजबूर ।
बोले मेरा चूल्हा जलेगा
घर में होकर भी, तुमसे दूर।

क्या बोलें ऐसी किस्मत पर,
या अपने कर्मों पर।
अलग चूल्हा जलाने को मजबूर।

बच्चे निकले बड़े ही बेहया।
कैसे सह लेते हैं।
बीबी का ऐसा गुरुर।
हम सोचने को मजबूर।
सबका होता है एक ही हुजूर।

अगर मानते हो, तो ईश्वर से डरो।
मात-पिता से ऐसा न कराओ।
नास्तिक हो, तो तुम भी भोगोगे।
तुम भी जल्दी बूढ़े बनोगे।
अपने बच्चों से कैसे बचोगे।
जरा हमें भी बताओ।
सदियों से जैसा बोते हो।
वैसा ही काटोगे, होगे मजबूर।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 04  जनवरी 2024,©
रेटिंग 9.5/10

Friday, January 3, 2025

#H341 आम आदमी का भ्रमण (common man's tour)

#H341
आम आदमी का भ्रमण (common man's tour)

कोई कब घूमने जाए।
परिवार से ही न मिल पाए।
जब बाहर नौकरी करने जाए।
छुट्टी न मिल पाए।
मुश्किल से घर आ पाए।

कोई कहाॅं घूमने जाए।
जब परिवार से मिलने जाए।
बहुत हुआ तो मंदिर जाए।
ऐसे से जीवन कट जाए।

समुद्र बीच पर घूमना,
पहाड़ों पर जाना,
बस सपना ही बन जाए।
फिर तो बजट भी मुद्दा बन जाए।
सबको कैसे साथ ले जाए।

कैसे घूमने जाए।
रेल में टिकट कंफर्म न मिल पाए।
हवाई टिकट पहुंच से बाहर आए।

फिर अगले साल चलने की
बच्चों में उम्मीद जगाए।
आम आदमी का जीवन
ऐसे ही कटता जाए।
भारत भ्रमण का सपना रह जाए।

थोड़ा - थोड़ा करके पैसा जोड़ा जाए।
समय से योजना बनाई जाए।
फिर सपना भी पूरा हो जाए।
पूरा भारत भ्रमण ही क्या,
विदेश भी घूमना संभव हो जाए।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 3 जनवरी 2024,©
रेटिंग 9/10

Thursday, January 2, 2025

#H340 संभल (Sambhal)

#H340
संभल (Sambhal)

संभल शहर को ,
संभाल कर रखो।
बार - बार न लहू बहने दो।
अब और किसी शहर को ,
संभल न बनने दो।

मुस्लिम को मुस्लिम और ,
हिंदू को हिंदू रहने दो।
माहौल ना बिगड़े कहीं का,
नेताओं की रोटी ,
ना तुम सिकने दो।

भ्रष्टाचार को रोको तुम ।
भ्रष्टाचार को तोड़ो तुम ।
धर्म की चद्दर में,
भ्रष्टाचार न छिपने दो।

मंदिर हो या मस्जिद ,
या हो फिर गुरुद्वारा।
साथ-साथ रहने दो।

हिंदू हो या मुस्लिम ,
सबको मिलकर जीने दो।
विनाशक कोई भी हो सकता ।
हिंदू हो या मुस्लिम ,
भ्रष्टाचार कर सकता है।
आपस में न लड़ने दो।
खून कहीं पर न बहने दो।

सच्चाई को ना भूलो तुम।
साथ - साथ सब रहते आए।
ईद और होली साथ मनाते आए।
साथ - साथ इनको रहने दो।
आतताई को न जीन दो।
कट्टरपंथियों को न बढ़ने दो।
देश को कहीं और ना जलने दो।
देश संविधान से चलने दो।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 02 जनवरी 2024,©
रेटिंग 9/10

Wednesday, January 1, 2025

#H339 नववर्ष (New Year)

#H339
नववर्ष (New Year)

कविता एक नयी बनाता हूॅं।
विक्रम संवत के बारे में बताता हूॅं।
सन में 57 जोड़ो, संवत् पाओ।
इसी से संवत का महत्व समझ जाओ।

"सूर्य और चन्द्रमा" की गति,
को आधार बनाता है।
"पंचांग" नाम से जाना जाता है।
12 मास सामिल होते हैं।
हर मास में 2 पक्ष होते हैं।
एक "शुक्ल पक्ष" और
दूजा "कृष्ण पक्ष" कहलाता है।
अमावस्या से पूर्णिमा
"शुक्ल पक्ष" कहलाता है।
पूर्णिमा से अमावस्या
"कृष्ण पक्ष" कहलाता है।
हर पक्ष 15 दिन बताता है।
अधिक मास भी होता है।

हिंदू की संतान हो।
एक जनवरी को ,
नववर्ष न मनाओ।
अगर मनाते  हो तो भी
हिंदू नववर्ष न भूल जाओ।

चैत्र माह में शुक्ल पक्ष की
प्रतिपदा तिथि से ही
नये साल की ज्योति जलाओ।
अपनी जड़ों से
जुड़ने की‌ कोशिश करो।
औरों को भी इससे जोड़ो।
हिन्दू होने पर गर्व जताओ।

बच्चों को भी बताओ,
हिन्दू के गौरव से
उनको अवगत कराओ।
अब पश्चिम के झांसे में‌ न आओ।

चैत्र नवरात्रि से नया साल मनाओ।
बसंत ऋतु के पहले दिन से
खुश हो जाओ।
नयी फसलों के आने को
बच्चों को पहचान बताओ।
चैत्र माह से ही नववर्ष मनाओ।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 1 जनवरी 2025,©
रेटिंग 9/10

#H475 7 मासूम (7 Innocents)

#H475 7 मासूम (7 Innocents) पिपलोदी स्कूल की छत गिर गई, सात मासूमों की जान चली गई। स्कूली प्रार्थना आखरी हो गई। घरों में घनघोर अंधेरा क...