Saturday, January 18, 2025

#H355 सब कुछ‌, सबको पता है। (Everything, everyone knows)

#H355
सब कुछ‌, सबको पता है। (Everything, everyone knows)

सब कुछ‌, सबको पता है।
मेरे पास, कुछ भी नया नहीं है।
यह सब साधु वचन है।
जो धारण कर पाओ।
वहीं तेरा धर्म है।
बाकी सब भ्रम है।

धर्म दया है। धर्म कर्म है।
मोक्ष यहीं है। परलोक भ्रम है।
मानव और जीव की सेवा ही
यही मोक्ष का द्वार है।
साक्षात मुक्ति यहीं है।

पूजा करना भी एक करम है।
बुजुर्गों का सम्मान भी नेक कर्म है।
अनुशासन पाने का यही मर्म है।
बच्चों में अनुशासन लाओ।
उनको शिक्षित खूब बनाओ।
यह मां बाप का प्रथम कर्म है।

जिसको जो बनना है।
किस्मत है उसकी
उसके कर्म हैं।
मां बाप का चिन्ता करना,
पूरा अधर्म है

बिन अनुशासन तेरा
पूरा जीवन अधर्म है,
सब मायाजाल है।
जीवन को जीने के लिए
अनुशासन सबसे बड़ा धर्म है।
तेरा सबसे बड़ा कर्म है।
सब कुछ‌, सबको पता है।
दोहराना भी साधु कर्म है।
"नासमझ" का भी यही धर्म है।

जो पता नहीं है, वो अथाह है।
फैला है सूक्ष्म से‌ ब्रह्मांड तक ,
वो पहले से वेदों में लिखा है।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 18 जनवरी 2025,©
रेटिंग 9/10

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