Sunday, March 31, 2024

#H103 इलेक्टोरल बोन्ड (Electoral Bond)

#H103

इलेक्टोरल बोन्ड  (Electoral Bond) 


बैंक से इसने लिया

बैंक से कितना लिया

किस पार्टी को दिया

किस पार्टी ने कितना लिया


बैंक ने इतना बता दिया

किसने, किसको, कितना, दिया

किसने, किससे  कितना, लिया

यह तो छुपा लिया।



अब यह भी पूछो क्यों दिया ?

देने के बदले क्या कुछ हासिल किया ?

अगर देने के बदले कुछ ,

हासिल किया तो,

इलेक्टोरल बोन्ड ने भी, 

भ्रष्टाचार का एक नया रास्ता दिया।

हम सबको चौका दिया।



अब तक चुनावों में किसने दिया

कितना दिया, कब दिया।

क्यों दिया,

कोई नहीं है लेखा जोखा।



पर अब कम से कम,

एक कदम आगे बढ़ा।

किसने दिया, कितना दिया।

कब दिया, किसको दिया।


"नासमझ" बस यह कहे

और आगे बढ़ो, सुधार करो इस बोन्ड में

पर जारी रखो।

क्यों दिया और कब दिया।

इस पर निगरानी रखो।

इलेक्टोरोल बोन्ड एक जरिया दिया।


देवेन्द्र प्रताप 

दिनांक 18 मार्च 2024, ©

रेटिंग 9.3/10


#H102 खामोशी (Silence 🤫)

#H102
खामोशी (Silence 🤫) 

खामोश हो गया कोई
अपनो से रुठ गया कोई
खामोशी से पहले
बहुत टूट गया कोई। 

सरेआम लुट गया कोई
भीड़ में अकेला हो गया कोई
अपनो से कट गया कोई
अपनो में अकेला रह गया कोई। 

आखों में आंसू दे गया कोई
आखों का पानी ले गया कोई
दिल की धड़कन
कम कर गया कोई। 
कलेजा बस फटते फटते रह गया, 
ऐसा जख्म दे गया कोई

खामोशी दे गया कोई
आवाज ले गया कोई
खामोश हो गया कोई
खुद से जुदा हो गया कोई। 
लगता है ऐसा जिन्दा होते हुए भी
जान ले गया कोई
खामोश हो गया कोई

शब्द न ढूँढ सका कोई
अफसोस के बोल न बोल सका कोई
चन्द आंसुओं से सब कह गया कोई
गले क्या लगे वो, 
खामोशी को खामोश कर गया कोई
रूठों को लब्ज दे गया कोई। 
गिला - शिकवा हवा कर गया कोई। 
खामोश न रहने का वादा कर गया कोई। 

देवेन्द्र प्रताप 
दिनांक 08 मार्च 2024, ©
रेटिंग 9.7/10

Saturday, March 30, 2024

#H101 अपना घर अपना होता है (Your home is your own)

#H101

अपना घर अपना होता है (Your home is your own)

अपने घर में आने से
मन में सुकून आ जाता है।
घरवाली को घर से
अपनापन जग जाता है।
घर सजाने में
मन बढ़ चढ़कर लग जाता है।
अपना घर अपना होता है।
घर बदलने का झंझट टल जाता है।

घरवाला तो बाहर रहता दिन भर
घर में आकर सो जाता है।
घरवाली का चेहरा
अपने घर में खिल जाता है।
अपना घर अपना होता है
यह चेहरे पर नजर आता है।

बच्चों का भी सीना
गर्व से चौड़ा हो जाता है।
घरवाली का मन
सखियों को दिखलाने में इतराता है।
अपना घर अपना होता है
सबका मन हर्षाता है।

फले फूले नया घर आपको
"नासमझ" बस यही फरमाता है।
मुहं मीठा होने की उम्मीद जाता है।


देवेन्द्र प्रताप 

दिनांक 30 मार्च 2024, ©

रेटिंग 9.5/10

#H100 मौकापरस्त (Opportunist)

#H100

मौकापरस्त (Opportunist)

यह देख रह हैं, वो देख रहे हैं
ये भी देख रहे हैं, देखते रहे हैं

और भी देख लेगें, कुछ भी दे दो।
देख लेगें। देखते रहे हैं।

न पहले पता था, न आज पता है
पर देखते रहे हैं, देख रहे हैं
देख ही रहे हैं।

ऐसे कर्मचारी बोझ ही नहीं नासूर हैं
खुद करते नहीं हैं।
और से उम्मीद करते थकते नही।
करना सिखाते नहीं हैं
नया भी सीखते नहीं हैं।
अपना उल्लू सीधा करना भूलते नहीं।
कहते हैं, बताते हैं, जताते हैं
ये देखते हैं, वो देखते हैं, दिखाते हैं,
प्रोमोशन जल्दी पा जाते हैंं।
सही मायने में ऐसा मौकापरस्त फरमाते हैं।


देवेन्द्र प्रताप 

दिनांक 03 फरवरी 2024, ©

रेटिंग 9/10

Thursday, March 28, 2024

#H099 आत्मविश्वास (Self-confidence)

#H099
आत्मविश्वास (Self-confidence)


तुम कुछ भी बन जाओ।
कितना भी पढ़ जाओ।
क्यों न अफसर ही बन जाओ।
चाहे नेता ही कहलाओगे।
पर कुछ हासिल न कर पाओगे।
अगर आत्मविश्वास खो जाओगे।
अधभर में फंसकर जाओगे।
फिर आगे कैसे जाओगे।

आत्मविश्वास का शिक्षा से,
कोई नहीं है सीधा नाता।
पढ़ा लिखा हो या हो अनपढ़।
आत्मविश्वास से लबरेज हो अगर,
तभी  आगे जाओगे।
कभी नहीं शर्माओगे।
हर मुश्किल से टकराओगे
खुद भी मंजिल पाओगे
औरों को भी,
आगे ले के जाओगे।
नहीं तो प्यारे पीछे रह जाओगे
फिर पछताने से,
कुछ हासिल नहीं कर पाओगे।

बच्चों को, प्रश्न पूछेने से न रोको।
नया करे तो उसको न टोको,
ऐसा कवि "नासमझ" कहे।
वरना वो खुद, अनुभव कैसे कर पाऐगा।
आत्मविश्वास को कैसे और बढ़ावा।
अगर रोक दिया और टोक दिया,
तो दब्बू बनकर रह जायेगा।
कुछ न हुआ तो फिर,
पप्पू भी कहलाऐगा।

बच्चों में,
मनोबल ऊंचा रखने का प्रयास करो।
उसकी का गलती का भी,
उसको एहसास कराओ।
पर उसका आत्मविश्वास,
न डिगने पाऐ, ऐसी जुगत लगाओ
उसकी सफलता के साक्षी बनते जाओ।


देवेन्द्र प्रताप 

दिनांक 08 जनवरी 2024, ©

रेटिंग 9.5/10

Wednesday, March 27, 2024

#H098 सत्ता (Power)

#H098

सत्ता (Power)

जो मशगूल हैं अपने हरम में

सोचते हैं पैदा हुए हैं, 

रहने के लिए, सदा सत्ता में

सोचते हैं बदल देंगे दुनिया

जी रहे हैं इस भ्रम में

जी रहे हैं अपने हरम में


सोचते हैं वो‌ बोलेंगे, लोग मान लेंगे

इसी सोच में मशगूल हैं वो अपने हरम में

जीत को हार में बदल देंगें 

जी रहें हैं अपने भ्रम में


जो लोगों से कभी मिला नहीं

लोगों के लिए लड़ा नहीं

उसका जीत का सपना

हकीकत कभी बना नहीं


रण में जो लड़े़, लोगों के लिए खड़े

वो जम्हूरियत में जीतते हैं

जन मानस को हक दिलाते हैं

हरम में जीने वालों का भ्रम तोड़़ जाते हैं


अक्सर हरम में जीने वाले

जयचंद निकल आते हैं

अपने थोड़े से फायदे के लिए

जन मानस का हक मरवा जाते हैं


जन मानस से हम गुहार लगाते हैं

सब मिल कर, हम अपना हक पायेंगे

हरम में जीने वालों को उजागर कर

उनके मुंह  की धूल चटायेंगे

लोकतंत्र जितायेंगे , अपना हक पायेंगे |


देवेन्द्र प्रताप, ©

रेटिंग 9.5/10


Tuesday, March 26, 2024

#H097 मीडिया निष्पक्ष है ? (Is the media unbiased?)

#H097

मीडिया निष्पक्ष है ? (Is the media unbiased?)


मीडिया निष्पक्ष है

कुछ तथ्य तुम्हारे समक्ष है

ये प्रश्न, बढ़ा ही यक्ष है

मीडिया निष्पक्ष है


सच्चे नेताओं को अच्छा दिखाते रहे हैं

भ्रष्ट नेताओं को सच्चा बताते रहे हैं

अभिनेताओं को बढ़ा चढ़ा कर दिखाते रहें हैं

अभिनेत्रियों की सुन्दरता

बढ़ा - बढ़ा कर बताते रहें हैं

सौन्दर्य का सामान  सदा बिकबाते रहे है

फिल्मों को अच्छा बताते रहे हैं

एक स्टार को  3 स्टार जताते रहे हैं

जनता को सिनेमा में बुलाते रहे हैं

सरकारों को अच्छा बताते रहे हैं

कभी कभी विपक्ष की बात भी चलाते रहे हैं

जमकर विज्ञापन की जुगत लगाते रहे है

मीडिया चैनल अपनी टीआरपी बढ़ाते रहे हैं

मीडिया निष्पक्ष है, बताते रहे हैं


हमें ऐतराज़ है इन पर

आज ये चैनल गैंगस्टर का

 जेल से बिस्थापन लाइव दिखाते रहे हैं

गैंगस्टर का रसूख दिखाते रहे हैं

पुलिस एनकाउंटर न कर दे

ऐसा जताते रहे हैं

ऐसा कर किसको बचाते रहे हैं

मीडिया चैनल अपनी टीआरपी बढ़ाते रहे हैं

मीडिया निष्पक्ष है, बताते रहे हैं


मुद्दा दिखाने के लिए मुद्दा उठाते रहे हैं

कुत्ता पकड़ने को भी पूर्व में

 लाइव दिखाते रहे हैं

ये देश को कौन सी दिशा पर लाते रहे हैं

बहस के लिए चैनल पर जमघट लगाते रहे हैं

जनता को मूर्ख बनाते रहे हैं


महंगाई, बेरोजगारी का मुद्दा उठाते रहे हैं

सरकारों के एक इसारे पर मुद्दा दबाते रहे हैं

हल्ला मचा मचा कर 

खुद को निष्पक्ष बताते रहे हैं

अपना बिजनेस बढ़ाते रहे है

आम जनता का मुद्दा 

मुनाफे के हिसाब से उठाते रहे हैं

चुनाव का सर्वेक्षण कराते रहे हैं

मुनाफे के हिसाब से दिखाते रहे हैं

किसी का जीतना और

किसी का हारना बताते रहे हैं


संविधान का तीसरा स्तम्भ है, पत्रकारिता,

खुद  को निष्पक्ष बताते रहे है

मीडिया चैनल अपनी टीआरपी बढ़ाते रहे हैं

मीडिया निष्पक्ष है, ऐसा जताते रहे हैं

हम चैनल बन्द करइन पर शर्माते रहे  हैं

हास्य का चैनल लगाते रहे है

मीडिया निष्पक्ष है, ऐसा जताते रहे हैं


देवेन्द्र प्रताप 

दिनांक - 26 मार्च 2023, ©

रेटिंग 9/10


Monday, March 25, 2024

#H096 रंग (Colour)

#H096

रंग (Colour)

हरे, पीले, सफेद, बैंगनी रंगों से
खेत पूरी तरह से सज चुके हैं।
गेहूँ की लहलहाती, हरी बालियां
खेत में दानों से भर चुकी है।

सरसों की फसल कट चुकी है।
मढ़ने को खेतों में पड़ चुकी है।

हवा में गर्मी आ चुकी है
मौसम कानों में कुछ कह रहा है
अब यहाँ की आबो हवा
गुलाबी हो चुकी है।
बसन्त ऋतु परवान चढ़ चुकी है।

लगता फगवा लग चुका है।
हर रोज खेतों में
सुनहरी बालियां बढ़ रही है
फसल हरे रंग से सुनहरी हो रही है
लगता है हर रोज हवा
फसलों को नया रंग लगा रही है।
होली खेलने को बुला रही है।

रंग गुलाल ले आओ।
गुजिया घर पर बनवाओ।
होली आ चुकी है।
लोगों में मस्ती छा चुकी है।
अपनों संग हंसी खुशी होली मनाओ।

"नासमझ" यह सवाल उठाऐ
कई रंग कुदरत क्यों बनाऐ   ।
दुख से सुख में जाने का,
सबको एहसास कराऐ।
सब भूल जीवन में आगे बढ़ जाओ।
ध्यान रहे हर रंग सदा नहीं रह पाऐ।
बदलाव की भाषा समझाऐ।
इसलिए तरह तरह के रंग बनाऐ।


देवेन्द्र प्रताप 

दिनांक 24 मार्च 2024, ©

रेटिंग 9.5/10

Sunday, March 24, 2024

#H095 आज होली है, मेरी प्यारी (It's Holi today, my love)

#H095      

आज होली है, मेरी प्यारी (It's Holi today, my love)


न छेड़ो, होली में नन्द के लाला

पीछे पड़ी हैंकई बृज बाला

ग्वाला, रोक न रस्ता इस समय,

हो न जाए, गोपियों हाथ मेरा मुंह काला

पीछे पड़ी हैंकई बृज बाला


तूने ऐसी मारी, मेरे पर पिचकारी 

भीग गयी, मेरी चूनर सारी

भीग गयी अंगिया हमारी

मैं चली, पास तेरे महतारी

लाल नीली पीली हो गयी, मैं सारी


न हो नाराज राधा, आज है होरी

ऐसे ही नहीं मारी मैंने, तेरे पर पिचकारी 

तू ही लगे, मुझे इस जग में सबसे प्यारी

न जा , आज पास मेरी  महतारी


मैं कृष्ण, तू मेरी राधा प्यारी

इसलिए मारी मैंने, तेरे पे पिचकारी 

खेल मेरे साथ होरी

रंग लगा और लगने दे

रंग प्यार का चढ़ने दे 

मेरी राधा प्यारी, मैं जाऊँ तेरे पे बलिहारी

है आज होली, मेरी राधा प्यारी


चल मोहे रंग ले, अपने रंग में  किशन मुरारी

मैं, आगे तेरे हारी

सखियाँ देख रही हैं, सारी

मैं हो गई, तेरी राधा प्यारी


चलो अब खेलें, मैया यशोदा संग होरी

रंग लगा दिया, दोनों ने मईया को

देख साथ दोनों को

हो गईंमाँ उन पर बलिहारी


आज है होली, मेरी राधा प्यारी

इसीलिए जग में कहलातेराधा किशन मुरारी

प्यार के लिए सदा रहे, जग इन पर बलिहारी

आज है होली मेरी  राधा प्यारी


देवेन्द्र प्रताप ,©

रेटिंग 9/10


Saturday, March 23, 2024

#H094 अनजेन ओजोरा - सुरक्षा बाजार (Safety Market)

#H094   

अनजेन ओजोरा - सुरक्षा बाजार (Safety Market) 

आओ अनजेन ओजोरा दिखलाऐं
यानि किऐ सुरक्षा सुधार का बाजार लगाऐं।

जो भी हमने सुधार किया है,
सीखा है और लागू करवाया है।
क्यों अपने तक सीमित रख पाऐं ।
इस ज्ञान को सबके साथ बांटकर
दुनिया को सुरक्षित करते जाऐं।
इसी उद्देश्य से
सुरक्षा सुधार का बाजार लगाऐं।
समूह कम्पनी, कर्मचारियों, सप्लायर्स को
सुरक्षा बाजार में बुलाऐं।
सुरक्षा को आगे लेकर जाऐं।

सबसे पहले "सुरक्षा द्वार"
हम सबको दिखलाऐं।
सुरक्षित कार्यस्थल में प्रवेश करते जाऐं।
सुरक्षित ही हर रोज घर को वापिस जाऐं।
"सुरक्षा द्वार" से हम रोज यह याद दिलाऐं।

अब प्रबंधन का सेफ्टी कमिटमेन्ट बतलाऐं।
सुरक्षा सबसे पहले, सब सुरक्षा का रोल निभाऐं
सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः।
यह सबको पढ़वाऐं।
मैनेजमेंट सबको आगे लेके आऐं।

1. पंखे से अंगुली कट जाती हैं।
कभी -2 पंखे नीचे गिर जाते हैं
पंखे के ऊपर प्लास्टिक नेट लगाओ
कटने से बच जाओ।
सेकेण्डरी हारनेस  लगाओ
पंखों के नीचे गिरने से बच जाओ।

2. कांफाईंड स्पेस में काम करने पर
हर साल कई मजदूर,
कम आक्सीजन मिलने से मर जाते हैं।
आक्सीजन एनालाईजर का
प्रयोग करने को हम बतलाते हैं।

3. यहाँ हम सिंगल स्पीड
और टू स्पीड सिलेंडर मूवमेंट दिखलाते हैं
फंसने से बच जाते हैं
जब टू स्पीड अपनाते हैं।
वीयर, टीयर, वाईव्रेशन कम हो जाते हैं।

4.सीजर लिफ्ट में कई बार
लोग फंस जाते हैं।
दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं।
इस में प्राक्सीमिटी सेन्सर से
किया हुआ इंटरलॉकिंग दिखलाते हैं।
जब तक सिग्नल न आये
लिफ्ट को रुकबाते हैं।

5.मैटेरियल मोवमेंट स्कूटर पर आते हैंं
इस पर ग्लोईंग लाईट आगे लगाते हैं
इस प्रकाश में अगर कोई आता है
फिर यह टो ट्रक रोका जाता है।
इससे सुरक्षा का स्तर बढ़ जाता है।

6. अब हम डीसी नट रनर पर आते हैं
यहाँ पर हम ग्रिपिंग लोकेशन का
महत्व बतलाते हैं।
ग्रिप लोकेशन को किसी भी रोटेटिंग
पार्ट से दूर बनाऐं।
आपरेटर को और सुरक्षित बनाऐं।

7. आओ अगले काईजेन पर आते हैं
जब दो पार्ट को एक दूजे में
बलपूर्वक फिट करते हैं
कई बार हाथ में चोट खा जाते हैं।
इसलिए फिक्सचर की डिजाइन
बदलकर टागल लगाते हैं
फिटमेंट  बगैर चोट के
लीवर उठाकर करते जाते हैं।

8. लेथ मशीन पर कई बार चिप्स छिटक जाते हैं
जो कि चोट का कारण बन जाते हैं
इस पर हम पार्दशी सुरक्षा गार्ड लगाते हैं।
इंटरलॉकिंग कर सुरक्षित हो जाते हैं।

9. सरफेस ग्राईन्डर को बन्द करने के बाद
व्हील काफी समय तक चलता रहता है।
पर रुका हुआ मालूम पड़ता है
हाथ में कट लग जाता है
इससे बचने के लिए, इंडीकेटर लगाया है
जब तक व्हील चलेगा, इंडीकेटर जलेगा
इससे हम सुरक्षा को अगले स्तर पर ले जाते हैं।

10. ईओटी में बजर लगा हुआ पाते हैं।
पर कार्यस्थल की उच्च ध्वनि में
कई बार नहीं सुन पाते हैं।
बड़ी चोट खा जाते हैं।
इसमें हम लाईट लगाते हैं
शरीर पर पड़ने से ईओटी का
मूवमेंट समझ जाते हैं
और सुरक्षित हो जाते हैं।

11. ओवर हीटिंग से कई बार
पंखे जल जाते हैं।
इस लिए टैम्परेचर कंट्रोलर लगाते हैं।
यह  टैम्परेचर बढ़ने पर पावर काट देता है।
ओवर हीटिंग से बच जाते हैं
फायर रिस्क कम कर जाते हैं।

12. टैम्परेचर ज्यादा बढ़ जाने से
बिजली के तार जल जाते हैं
जो आग का कारण बन जाते हैं
ऐसे में हम हाई टैम्परेचर सस्टेन करने
वाली स्लीव लगाते हैं।
सुरक्षा को बढ़ाते जाते हैं।

13. बिजली के डिस्ट्रीब्यूशन पैनलों में
आग से लड़ने के लिए
एरोसोल बेस्ड आटोसप्रेशन सिलेंडर लगाते हैं।
आग से लड़ने की रणनीति कर जाते हैं।

14.कुकिंग आयल की फायर  को
बुझाने के लिए "के" टाईप सिलेंडर लगाते हैं
यह हम सबको दिखलाते हैं।
आसानी से साफ कर सकते हो,
यह समझाते हैं।

15. स्टेटिक डिस्चार्ज रोड दिखाते हैं
इलेक्ट्रिक शॉक से बचना है
एक पाईंट को अर्थ करो
दूजे को मशीन में लगाओ
स्टेटिक चार्ज को दूर भगाओ
यह  पर्वेक्षक को समझाते हैं।

16. आग को सबसे बढ़ा कारण
शार्ट सर्किट पाया जाता है।
इसलिए हम कनेक्टर से जोड़कर
वायरिंग दिख लाते हैं।
ओपन वायरिंग और टैप ज्वाइंट
करने से बचने का महत्व बताते हैं।

17. थर्मल इमेजिंग करके दिखलाते हैं
पीरिओडिक चैकिंग करने की
पैनलों में गुहार लगाते हैं।

18. इरगोनोमिक हजार्ड  दिखलाते हैं
मैटेरियल मूवमेंट में बार बार
झुकने से बचने के लिए
हाईड्रोलिक फिक्चर दिखलाते हैं।

19. मोवेबल सूट बनाते हैं
बिना झुके, मैटेरियल मूवमेंट कराते हैं
आपरेटर को थकान से बचाते हैं

20. लाईफ लाईन का महत्व बताते हैं
एक माडल दिखलाते हैं
एक लेडर पर  बिना लाईफ लाईन के
दूजी लेडर पर, लाईफ लाईन के साथ
तीजी में ऊपर लाकिंग लेडर पर, लाईफ लाईन के मजदूर बिठाते हैं
जब तीनों को गिराते हैं
सिर्फ तीजी को बचा पाते हैं।
ऐसे लाईफ लाईन का महत्व बताते हैं

डेंजर इमेजीनेशन  करने का
साफ्टवेयर दिखलाते हैं
दिऐ गये फोटो में खतरे
निर्धारित करवाते हैं
इससे गलती भी बतलाते हैं
लोगों की दक्षता बढ़ाते जाते हैं।

हथोड़े से होने वाले
खतरे बतलाते हैं।
हथौड़ों का मानकीकरण कराते हैं
प्रयोग कर्ता को निर्धारित करते हैं
लोकेशन फिक्स करते हैं
दुर्घटनाओं पर रोक लगा पाते हैं
कार्य स्थल से हथौड़ा हटाने की
जुगत लगाते हैं।
मैनेजमेंट का संकल्प बढ़ाते हैं।

कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट समझाते हैं
यानि नान रुटीन वर्क या
आउटसोर्स वर्क,
जो कम्पनी में करवाये जाते हैं।
प्लांट हेड परमिशन, वर्क परमिट,
वर्कर लिस्ट
ईमरजेन्सी कांटेक्ट लिस्ट
आप निंग और  क्लोजिंग मिनटस्
ईक्पमैन्ट सरटीफिकेशन चैक सीट
वर्क आईडेन्टीफिकेशन लिस्ट
वर्क रिस्क असेसमेंट
केवाई शीट यानि डेली डेंजर इमेजीनेशन शीट
नान रुटीन एक्टीविटी चैक सीट
यह सब भरवाऐ जाते हैं
वर्क परमिट एक लिए जाते हैं।
सेफ्टी लीडर से बीच बीच में
जांचे परखे जाते हैं।
अन्त में परमिट क्लोज कराऐ जाते हैं।
रूल फोलो न करने पर
काम रोके जाते हैं।
दोबारा रूल तोड़ने पर
एग्रीमेंट कैन्सल हो जाते हैं
दोबारा फिर आर्डर नहीं पाते हैं
ऐसा सबको समझाते हैं।

एक वर्किंग माडल भी दिखलाते हैं
सेफ्टी बेल्ट के साथ हुक करने का
फायदा दिखलाते हैं।
सुरक्षा का ऐसे प्रसार करते जाते हैं।

भिन्न भिन्न प्रकार के लोगों
दिखलाते हैं, प्रयोग समझाते हैं
अपना टैग, अपनी चाबी, अपना ताला
किसी को नहीं देते हैं
और ना ही किसी का लेते हैं।
ऐसा जोर  देकर कहते हैं।

हाई वोल्टेज पर काम करने के
जूते दिखलाते हैं।
ग्लोब्स भी दिखलाते हैं
इसमें खतरा भी समझाते हैं।

शाक्आब्जार्वर के साथ आने वाली
लेन यार्ड दिखलाते हैं।
फायदे भी बतलाते हैं।
इसमें झटके हल्के हो जाते हैं।

बम्प केप दिखलाते हैं
हेलमेट का विकल्प नहीं है
यह खुलकर बतलाते है।
जहाँ ईओटी न हो वहाँ
चैन्ज ओवर बम्प केप लगाते हैं।
हल्की चोटों से बच जाते हैं।

सेफ्टी शू का महत्व दिखलाते हैं
सेफ्टी शू को टेस्ट करके
विश्वास दिलाते हैं।
जूते टाईट पहने
यह भी बतलाते हैं
पैर  मुड़ने की दुर्घटना से बचाते हैं।

ज्यादा ध्वनि में ईयर मफ पहने जाते हैं
कार्य स्थल पर सेफ्टी गोगल्स लगाते हैं।
इनको भी दिखलाते हैं।

अब एक्टीविटी पर आते हैं
यहाँ हम वाकिंग सेफ्टी समझाते हैं
पाकेट में हाथ डालकर नहीं चलना है
फिसलने पर बचाव नहीं कर पाते हैं
चलते हुए मोबाईल प्रयोग नहीं करना है
कई बार टक्कर में मर जाते हैं
स्टैयर्स पर ऊपर और नीचे जाने पर
हैण्ड रेल पकड़ कर चलना है
वरना फिसले तो संभल नहीं पाते हैं
रोड पर शार्ट कट न लेना है
सही मार्ग पर चलना है
वरना टक्कर हो जाना है
एक क्षण रुक हाथ से
पांइंट और काल करना है
फिर रास्ता पार करना है
सुरक्षित आना जाना है।
इसका भी डैमो दिखलाते हैं

सर्वे फार्म और फीडबैक भराते हैं
अटैण्डेन्स भी दर्ज कराते हैं
सेफ्टी ओजोरा पढने का
"नासमझ" आभार जताते हैं।

देवेन्द्र प्रताप  , ©

रेटिंग 8.5/10

Wednesday, March 20, 2024

#H093 दूरियाँ (Distances)

#H093

दूरियाँ (Distances) 


तेरे बिन, बच्चों बिन, घर सूना हो गया

न ढंग से खाना खा पाया

न रात को सही से  सो पाया 

न खुल कर हंस पाया,   

न कविता लिख पाया 

न कुछ सोच पाया

गुस्सा करना भूल गया

टकराना भूल गया

बतियाना भूल गया

याद कर बस रो पाया

ऐसा लगा सब खो गया

तड़पता मैं रहा गया

तुम्हारा दूर जाना,

बड़ा खौफनाक हो गया

रातों में करवट बदलता रह गया

उठ उठकर बैठ गया

तेरे बिन, बच्चों बिन, घर सूना हो गया


जीवन नहीं तुम्हारे बिन, पता लग गया

तुम्ही मेरी हंसी हो, तुम्ही मेरी शक्ति हो

अकेले रहना कितना डरावना हो गया

बोलकर भी मैं खामोश रह गया

बच्चों का लड़ना झगड़ना गुम हो गया

कोई आवाज सुनने को तरस गया

तेरे बिन, बच्चों बिन घर सूना हो गया


चन्द दिनों की दूरी ने हिलाकर रख दिया

कभी कभी दूरियाँ जरुरी होती हैं

जिन्होंने मुझे खुद से मिला दिया

तुम्हारे लिए प्यार फिर से जगा दिया

तुम्ही जीवन संगीत होपता चल गया

तेरे बिन, बच्चों बिन घर सूना हो गया


मेरे यार यह न लिखा करो

यों ना वियोग मे  तड़पा करो

यारों को बुला लिया करो

जाम उठा के कुछ लम्हे 

यारों साथ जी लियो करो

हसते हसते जुदाई सह  लिया करो

बीबी कहे जाने को 

बस मुस्करा दिया करो

यारों को बुला लिया करो


जरूरी है दूरियाँ

कद्र प्यार की दिखाती है दूरियाँ

कद्र परिवार की सिखाती हैं दूरियाँ

यारों की याद दिलाती हैं दूरियाँ

बहुत जरूरी हैं दूरियाँ

कभी कभी दूर भी रहा लिया करो


देवेन्द्र प्रताप

दिनांक 27 मार्च 2023 , ©

रेटिंग 9/10


#H092 गुटबन्दी (factionalism)

#H092 

गुटबन्दी (factionalism)


जब देश करें गुटबन्दी

वो कूटनीति कहलाती है

कमजोर देश को भी 

ताकतवर से लड़वाती है


जब नेता करें गुटबन्दी

वो राजनीति कहलाती है

कम संख्या होने पर भी

इस गुट की सरकार बनाती है


धर्म करे गुटबन्दी

वो कट्टरता कहलाती है

इक इंसान को भी

शैतान बनाती है


जब जाति करे गुटबन्दी

वो पछपात कहलाती है

समाज में

भ्रष्टाचार बढाती है


जब राज्य करे गुटबन्दी

वो क्षेत्रवाद कहलाती है

केन्द्र से विकास फण्ड दिलवाती है

अन्य राज्य के मजदूरों को

व्यर्थ में मर वाती‌‌ है


जब अधिकारी करें गुटबन्दी

वो विशेष सुरक्षा कहलाती है

भ्रष्ट राजनेताओं से

अधिकारियों को बचाती है

खुले हाथ विकास काम करने का

अवसर दिलवाती है


जब किसान करें गुटबन्दी

तो राजनीति हो  जाती है

किसान की हक की लड़ाई

अधर में रह जाती है

पार्टियां इसमें लाभ उठाती है


संस्थान मालिक करे गुटबन्दी

वो रणनीति कहलाती है

मजदूरों को जब चाहे 

कम करने की आजादी दिलवाती है

सरकारों‌ पर अपने माफिक

पालिसी बनाने का दबाव बनाती है


जब मजदूर करे गुटबन्दी

वो यूनियन कहलाती है

जो मालिक मन नहीं भाती है

अच्छी पालिसी बनबाने

का पूरा दबाव बनाती है

श्रमिक को सुरक्षा दिलवाती है

कभी संस्थान बन्द होने का

कारण भी बन जाती है

मालिक और नेताओं की गुटबन्दी

यूनियन तुड़वाती है

मजदूरों को बेरोजगार कराती है


महिला पुरुष करे गुटबन्दी

वो शादी कहलाती है

समाज आगे बढने

का कारण बन जाती है


माँ बाप करे गुटबन्दी

भावुक गुण्डागर्दी कहलाती  है

बच्चों को खुद के मन की

करने से रुकवाती‌‌ है

वो बच्चों मन नहीं भाती है


जब बच्चे करें गुटबन्दी

मनमानी करवाती है

वो शैतानी करवाती है

कभी बहुत पिटवाती  है


ये कैसी कैसी गुटबन्दी

मुझे एक समझ नहीं आती है

जब तक सिर‌ पर न पड़े किसी के

तब तक गुटबन्दी नहीं भाती है

कमज़ोरों की गुटबन्दी भी

बलशाली पर भारी पड़ जाती है

अपनी अपनी चुनो गुटबन्दी

यह सबका मूल्य बढ़ाती है

मजबूत विपक्ष की गुटबन्दी

सत्ता पक्ष से अच्छा काम कराती है

कभी कभी भ्रष्ट गुटबन्दी

तुमको मूर्ख बनाती है

गुटबन्दी मुझे एक समझ नहीं आती है


देवेन्द्र प्रताप , ©

रेटिंग 8.5/10


Saturday, March 16, 2024

#H091 मैंनेजर हो तुम लीडर बन जाओ (You are a manager, become a leader)

#H091

मैंनेजर हो तुम लीडर बन जाओ (You are a manager, become a leader)


पानी में नहीं घुसेंगे

गीला होने का मज़ा भरपूर लेंगे

दूसरों की बजती रहे

बस यारो अपनी बचती  रहे


हमें तो बस मांगना आता है

बस इसलिए मागेंगे

करना नहीं सीखा है

रचना नहीं सीखा है

सहायता करना नहीं सीखा है

बस दिखाना ही सीखा है

लीडर नहीं मैनेजर हैं हम

बस मांगना ही सीखा है

बस डांटना ही सीखा है


भाई कुछ कुम्हार से सीखो

एक तरफ वो थपकी से पीटे जाए

दूजे हाथ दे  सहारा 

ताकि बर्तन मन माफिक बन जाए

वरना सबकी सब मिट्टी रह जाए


साथियों का कौशल पहचानो

अपनी टीम की क्षमता को भी जानो

सीखो और सिखाओ

फिर जो चाहे वो हासिल कर लो

पहले सद् व्यवहार करके 

अच्छे इन्सान बन जाओ

सच्चे लीडर होकर दिखलाओ

और सफल मैनेजर कहलाओ


देवेन्द्र प्रताप 

दिनांक 01 सितम्बर 2023, ©

रेटिंग 9.75/10


Wednesday, March 13, 2024

#H090 सबका चहेता हूँ (Your loved one)

#H090

सबका चहेता हूँ (Your loved one)


मैं सबका चहेता हूँ

तुमको कुछ अपनी सुनाता हूँ

अपने बारे में अच्छी बुरी बताता हूँ

अब सभी की पहुंच में आता हूँ

छोटे बड़े सभी को जल्दी भा जाता हूँ


सब से बात तेरी करवाता हूं 

मौसम भी बतलाता हूं 

मैसेज भी पढ़ पाता हूं

गणना भी करवाता हूँ

एक बारगी पासवर्ड भी मंगवाता हूँ


खबरों को -मेल से जल्दी भिजवाया हूँ

जल्दी से -मेल भी मंगवाता हूँ

दूर देश में होने पर

आमने सामने मीटिंग भी करवाता हूँ


अनजाने रास्ते पर

अनजाने शहर में

रास्ता भी बतलाता हूँ

मौजूद सभी सुविधाओंको 

एक पल में बतलाता हूँ

काफी समय बचाता हूँ


रेडियो स्टेशन सुनवाता हूँ

गाने भी सुनवाता हूँ

गाने भी दिखलाता हूँ

फिल्में भी दिखलाता हूँ

गेम भी खिलवाता हूँ

भरपूर मनोरंजन करवाता हूँ


पर समय की बर्बादी

कारण भी बन जाता हूँ

पर अच्छे से उपयोग

करने वाले के लिए

ज्ञान का सागर भी

बन जाता हूँ

मालिक को लक्ष्य हासिल करने का 

माध्यम बन जाता हूँ




फोटो भी खिंचवाता हूँ

वीडियो भी बनवाता हूँ

रील भी बनवाता हूँ

लाईव भी हो जाता हूँ

सोसल मिडिया से जुड़वाता हूँ


पेमेंट भी करवाता हूँ

पेमेंट भी मंगवाता हूँ

छुट्टे पैसों की दिक्कत से

दूर भगाता हूँ

एक क्षण में यहाँ से वहां

पैसे पहुँचाता हूँ


क्राईम केस इन्वेस्टीगेशन में

धमकी देने का

क्राइम की प्लानिंग करने का

अपराधियों को संगठित करने का

सबूत भी बन जाता हूँ

शातिर अपराधी भी पकड़वाता हूँ


सिग्नल आने पर

काम करना बन्द कर देता हूँ

मेरी बैटरी चार्ज होने पर

डब्बा मैं बन जाता हूँ


मैं मालिक की डार्लिंग

बन जाता हूँ

कभी कभी बीबी की

सौतन भी कहलाता हूँ

मालिक की कमजोरी

भी बन जाता हूँ  

आंखों को बहुत जलाता हूँ

चश्मा जल्दी चढ़वाता  हूँ

जल्दी नम्बर भी बढ़वाता हूँ


घरवालों को घर में

अलग अलग उलझाता हूँ

साथ में बैठने पर भी

बात नहीं करने देता हूँ

घर में क्लैश कराता हूँ


कभी कभी मैं हैक भी

हो जाता हूँ

फ्राड का कारण भी बन जाता हूँ

इसलिए मजबूत दोहरे स्तर का

पासवर्ड लगाने की

गुहार लगाता हूँ



मुझसे चिपके रहने की

तगड़ी लत लगवाता हूँ

देने पर / छीन लेने पर

गुस्सा बहुत कराता हूँ

अत्यधिक प्रयोग करने पर

मानसिक रोग भी लगाता हूँ

डाक्टर से भी मिलवाता हूँ

मुझे छोड़ने की होने वाली

क्लास में पहुँचाता हूँ

क्या पूंछ मैं  कौन हूँ  ? 

सबको पता है, मैं कौन हूँ  ? 

पढ़े-लिखे अनपढ़ सबकी 

समझ में आता हूँ


देवेन्द्र प्रताप , ©

रेटिंग 9.83



Tuesday, March 12, 2024

#H089 पदचिह्न (Footprint)

 #H089

पदचिह्न (Footprint) 

हर जंग का अंजाम जीत हो

मुमकिन तो नहीं

कुछ राहगीर रास्ते पर

मंजिल के निशान छोड़ जाते हैं, औरों के लिए

हर कोई नेहरू बने मुमकिन तो नहीं

कुछ लक्ष्मी, भगत, आजाद और सुभाष भी होते हैं

जो आजादी दे जाते हैं, औरों के लिए

हर जंग का अंजाम जीत हो, मुमकिन तो नहीं |

लगा लिया गले से फांसी का फंदा जिन्होंने

उनकी इज्जत, शान और से कम तो नहीं

आज भी मेरे घर में, तेरे घर में

इनकी तस्वीरें लगी हैं

निशां बाकी है हमारे दिल में

हर जंग का अंजाम जीत हो,  मुमकिन तो नहीं |


देवेन्द्र प्रताप 

©

रेटिंग 9.83/10


Friday, March 8, 2024

#H088 हम सबके भोले भंडारी

 #H088

   हम सबके भोले भंडारी

आदि देव शिव के अवतारी

सबकी रक्षा के लिए हुए विषधारी

गर्दन में नागधारी

तन पर भभूत धारी

चन्द्र मुकुट धारण कारी

गंगा की धारा के नियन्त्रण कारी

करते नंदी की सवारी

करें निवास  कैलास पर्वत पर

दुनिया के संघारक त्रिनेत्र धारी

आदि देव शिव के अवतारी

कहलाते हैं भूतेश्वर भी

बना रखा सब भूत प्रेतों को, आज्ञाकारी

हो जाते हैं प्रसन्न भक्त पर

चाहे वो बन जाऐ प्रलय कारी

राम, रावण, भष्मासुर

आदि हैं इनके आभारी

देव, दुष्ट, दानव, आदमी

सबके मंगल कारी

पार्वती पुत्र विनायक हैं आज्ञाकारी

नारी के सम्मान में बने अर्धनारीश्वर

सुखदायक भोले भंडारी

कला नृत्य के रचनाकारी

हर कलाकार, नटराज के पूजनकारी

अगर जीवन में है कोई लाचारी

तो याद करो बम बम भोले भंडारी

हम सबके भोले भंडारी

शंकर, शंभु भी कहलाते

आदि देव शिव के अवतारी


देवेन्द्र प्रताप 

दिनांक 18 फरवरी 2023,©

रेटिंग 9.87/10


#H087 शक्ति (Women Power)

#H087

शक्ति (Women Power) 

नारी "शक्ति" यों ही नहीं कहलाऐ।
सुबह उठे सबसे पहले,
और आखिर में सोने जाऐ।
इस सबके बदले में
बस अपना थोड़ा सा सम्मान चाहे।

नारी "शक्ति" यों ही नहीं कहलाऐ।
घर को साफ करे या फिर करवाऐ।
सबसे पहले चाय पिलाऐ,
नास्ता करवाऐ, लंच बनाऐ
सास ससुर की दवाई गोली भी करवाऐ।

प्रसवपीड़ा का दर्द उठाऐ।
तब जाकर वंश बढ़ाऐ।
दफ्तर भी जाऐ। 
छुट्टी में भी छुट्टी न कर पाऐ। 
घर के खर्चों में ,
बचत करती ही पाई जाऐ।

बच्चों को पढ़ाऐ, स्कूल पहुँचाऐ,
स्कूल से बच्चों को लेकर आऐ।
बच्चों को खेल खिलाने जाऐ।
बच्चों पर अंकुश भी कर पाऐ।
संस्कार देने में पहला रोल निभाऐ।
पति भी अंकुश से कहाँ बच पाऐ।
खुद भी पढ़ाई करती पाई जाऐ।
सदा कुछ अच्छा होने आस लगाए।

बीमार पढ़े अगर,
घर में फिर सब ठप्प हो जाऐ।
हर कोई फिर
समझौता ही करता पाया जाऐ।
चाय पीना भूल जाऐ।
ब्रेड का ही नास्ता
करता पाया जाऐ।
फिर लंच बाहर ही खाये।

फिर भी घरेलू नारी की
वैल्यू कम ही आंकी हो जाऐ।
बीमा कम्पनियां
जीवन बीमा देने से कतराऐ।
"नासमझ" नहीं समझ पाऐ।
सरकार अब तक
सही वैल्यू क्यों नहीं दिलवा पाऐ।

परिवार की खुशी के लिए
सबसे आगे आऐ।
अंत समय होने पर भी
सब अच्छा  होने की आस जगाऐ।
अंत समय में भी
पति से पहले जाना चाहे।
ताकि सदा सुहागन रह जाऐ। ।
नारी इसीलिए "शक्ति" कहलाऐ।


देवेन्द्र प्रताप 

दिनांक 17 फरवरी 2024, ©

रेटिंग 9.87/10

Thursday, March 7, 2024

#H086 हे भारतीय नारी, तू हर रूप में है सबकी प्यारी ( Indian Women lovely in every form)

#H086    

 हे भारतीय नारी, तू हर रूप में है सबकी प्यारी ( Indian Women lovely in every form)


हे नारी, हर रूप में है प्यारी

तू ही कन्या, और सुन्दरी, 

बहन, भार्या, और मात हमारी

सदा रही है पुरुषों पर भारी

हर अवतार में भगवान रहे, तेरे आभारी

फिर भी पुरूष भूल करे है, भारी

महिलाओं में देख रहा लाचारी


धन चाहो तो होना होगा, लक्ष्मी के आभारी

ज्ञान अर्जन के लिए सरस्वती माँ हैं, सब पर भारी

शक्ति चाहो तो, दुर्गा के हो जाओ आज्ञाकारी

यही विधान बना गये, राधा किशन मुरारी

सदा रही हैं महिलाएँ, पुरुषों पर भारी


पुरूष पढ़े तो एक घर सुधर जाता है

नारी पढ़े तो दो घरों का उद्धार हो जाता है

जिस घर में है नारी

सदा रहें उस घर में किशन मुरारी

वरना घर भी भूत निवास हो जाता है

हे नारी, हर रूप में रहे सबकी प्यारी


पढ़ लिखकर कर, नाम कमा रहीं हैं भारी

आदमी के साथ कदम ताल कर रही है नारी

बच्चे पालते हुए भी, नाम कर रही है भारी

बच्चों में संस्कार जगा रही है नारी

हर हाल में पुरूष पर, इक्कीस है नारी

नारी सदा रही है, पुरुषों पर भारी

हे नारी, तू हर रूप में है सबकी प्यारी

 

हर नारी को आगे आना होगा

आत्म रक्षा के लिए, सुरक्षा शिक्षा पाना होगा

रण कौशल को जीना होगा

सोच करे कोई हमारी रक्षा

इस सोच को दिमाग से दूर भगाना होगा

नारी को आर्थिक स्वतंत्रता को पाना होगा

हे नारी, तू हर रूप में है सबकी प्यारी


रौद्र रुप में जब आती है नारी

नर की सिट्‌टी - पिट्‌टी गुम हो जाती

जब हढ करती है नारी

हार मानना हो जाती है नर की मजबूरी

हे नारी, तू हर रूप में है सबकी प्यारी


जब खतरा आए किसी परिवारी पर

बन ढाल खड़ी हो जाती नारी

जब खतरा आए किसी अपने पर

लोक-लाज भूल लड़ जाती है नारी

हे नारी, तू है दुर्गा शक्ति की अवतारी


एक अचरज भी है नारी

काकरोच छिपकली देख डर जाती है


प्रेम, त्याग, बलिदान का रुप है नारी

करुणा का अथाह सागर है नारी

पर हर नारी से एक विनती हमारी

बदलते हुए माहौल में

न बदलना अपना स्वभाव, हे नारी


बहुत कुछ है नारी

कलम रोकना है मेरी लाचारी

सदा बढ़े नारी की, दिनों दिन भागीदारी

यही है इच्छा हमारी

हे भारतीय नारी, तू हर रूप में है घर की प्यारी

देवेन्द्र प्रताप 
दिनांक 05 मार्च 2023 ,©
रेटिंग 9.87/10

Wednesday, March 6, 2024

#H085 सरनेम (Surname)

#H085

सरनेम (Surname)

धर्म, जाति, कुल सूचक सरनेम से,
सोचो हम क्या पाते हैं।

धर्मों में पहचाने जाते हैं।
कोई सिंह, गुप्ता, शर्मा है..तो हिन्दू,
खान, पठान, कुरेशी...लिखा हो।
तो मुसलमान कहलाते हैं।
जातियों में बंट जाते है।
ब्राह्मण, ठाकुर, बनिया...
यादव....पाऐ जाते हैं।

जाति में भी
अपना कुल गोत्र श्रेष्ठ बताते हैं।
कश्यप, वशिष्ठ, गौतम,.... हो जाते हैं।
इनमें भी उपगोत्र पाऐ जाते हैं।
हर कोई खुद को
बेहतर बताने में लग जाते हैं।

यह सब करते करते,
अपनों से कोसों दूर हो जाते हैं।
अपने जैसों में आ जाते हैं।
फिर अपना नया राग चलाते हैं।
यह सभा, वो सभा, करते - करते,
अपने धर्मों का बहुत नुकसान करता हैं।

सही मायने में
हम इंसान बनने से कतराते हैं।
खुद की असली पहचान छुपाते है।
इसलिए सरनेम लगाते हैं।
"नासमझ" इस सबमें खुद को
नासमझ ही समझे पाते हैं।

देवेन्द्र प्रताप 

दिनांक 17 फरवरी 2024, ©

रेटिंग 9.75/10

Tuesday, March 5, 2024

#H084 भ्रष्टाचार (Judicial Corruption)

#H084

भ्रष्टाचार (Judicial Corruption) 

भ्रष्ट है आचार।
धन है इनका आहार।
जनता है लाचार।
भ्रष्ट का हो रहा है बेड़ा पार।

फिर कैसे हो ,
आम जन का उद्धार।
तारीख पे तारीख,
मिल रही है सरकार।
पक्ष - विपक्ष कर रहा व्यापार।

सबूत मिट रहा,
गवाह हट रहा,
न्याय डिग रहा,
भ्रष्ट का सिक्का चल रहा।

कैसे होगा जनता का उद्धार।
जब पैसा हो सबका आधार।

देवेन्द्र प्रताप 

दिनांक 06  मार्च 2024, ©

रेटिंग 9/10

#H083 कल्याण

#H083

कल्याण (Welfare)

मेरो राम, तेरो घनश्याम।
कहीं हैं केवट, कहीं सुदामा।
कहीं निषादराज, कहीं सबरी।
सदा साथ लाऐ है भगवान्।

कहीं शिवालय, कहीं दैवियां
पूज रहा सनातनी यजमान।

एक अयोध्या, एक है मथुरा
कहीं है काशी, कभी है जम्मू।

सब में ही है करुणानिधान।
क्यों दर दर भटक रहा इंसान।

सबके अन्दर है बैठा ,
जब साक्षात भगवान्।
क्यों दर दर भटक रहा इंसान।

अमीर जाऐ गर्भगृह तक।
चढ़ा रहा धनधान्य।
क्या भूल रहा इंसान।
जिसने दिया तुझे यह सब,
कैसे करता है अर्पण धनवान।
क्या तुझसे मांग रहा भगवान्।
क्या धन वाले की ही होते भगवान्।
क्या धन देने से ही आते ,
धनी तेरे घर भगवान्।

गरीब बैठ मंदिर के बाहर,
ढूंढ रहा,
कहां है मेरा भगवान्।
क्यों अन्दर जाने से रोक रहा इंसान।
भगवान् के मूर्त दर्शन को भी
क्यों जाति,कुल ढूंढ रहा इंसान।

जब केवल पूज रहा लक्ष्मी जी  ।
पास बिठा रहा केवल धनवान।
फिर कैसे मिले तुझको ज्ञान।
किस - किसके अन्दर बैठे हैं भगवान्।

मन्दिरों में पटा पड़ा धन धान्य।
हमारा  देश ले रहा कर्ज विदेशों से
तड़प रहा गरीबी में इंसान।
फिर कैसा है मंदिरों के पैसे का अभिमान।
मंदिरों के पैसे का उपयोग करो।
और बढ़ाओ देश का सम्मान।
वरना रोक दे, देना चंदा ऐ इंसान।

"नासमझ" पूछ रहा सबसे,
कैसे हो ऐसे में सबका कल्याण।

कैसे होगा सनातनी तेरा कल्याण।
जब पहचान नहीं है तुझको,
सबके अन्दर बैठा है भगवान्।
फिर कैसा ऊंच नीच का अभिमान।

देवेन्द्र प्रताप 

दिनांक 22 जनवरी 2024, ©

रेटिंग 9.5/10

Monday, March 4, 2024

#H082 पैदल और सड़क सुरक्षा (Pedestrian and road safety)

#H082

पैदल और सड़क सुरक्षा (Pedestrian and road safety)

हर कोई चाहे सुरक्षित जीवन 

पर इंसा भारी भूलकर जाता है

कभी कभी सुरक्षा नियम़ों की

अनदेखी कर जाता है


पैदल चलने वाला भी,   कई बार मर जाता है

अक्सर इंसा गिरने पर,   हड्डियाँ तुड़वाता है

बिन रेलिंग पकड़े हीसीढ़ियां चढ़ जाता हैं

हाथों को जेबों में डालइधर उधर भ्रमण कर आता है

गर फिसला तो चोट बहुत खा जाता हैं


चलते हुए, मोबाइल से बात  करता जाता है

बिन देखे ही, किसी पथ पर चढ़ जाता है

बिना विचारे, किसी भी दिशा में चल जाता है

टक्कर होने पर, जोखिम बहुत उठाता है


इंसा भारी भूलकर जाता है

कभी कभी सुरक्षा नियम़ों की

अनदेखी कर जाता है

शीटबेल्ट, हेलमेट, छोड़ वो

ओवर स्पीडिंग कर जाता है

उचित दूरी रखने की, क्या करते हो बात

दिए बिना इंडीकेटर  हीवो लाईन बदल जाता है


ग्रीन सिग्नल को क्या समझे वो

रेड सिग्नल पर ही, मुड़ पार जाता है

क्या ब्रेक और क्या टायर की हालत

उसको को तो बस, दौड़ाना आता है

गाय भैंस की क्या करते हो बात

यहाँ तो बिन देखे ही सड़क पर

इंसा ही घुस जाता है


आया सड़क पर  जो कोई

अनचाहा मेहमान,

उसको को बस मरना ही आता है

टक्कर होने पर इंसा 

जोखिम बहुत उठाता है


अब देखो तुम 

सड़क दुर्घटना से क्या हो जाता है

सड़क दुर्घटना में हर साल

लाखों लोग मर जाते हैं

कई  लाख अपंग हो जाते हैं


बहुत से हड्डियां तुड़वाते हैं

इलाज पर लाखों खर्च कराते हैं

लाखों अपने - अपनों को खो जाते हैं

बीमारी से मरने वालों से ज्यादा

लोग टक्कर में कट मर जाते है

रोजगार अपना गंवाते हैं

बच्चों का भविष्य, दांव  लगाते हैं

ऐसी सड़क सुरक्षा अचछी नहीं बताते हैं


इस लिए हम, सबसे गुहार लगाते हैं

जो पालन करते, सुरक्षा नियमों का

वो सुरक्षित , घर- परिवार चलाते हैं


इन नियमों को अपनाओ

राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा में 

अपना हाथ बंटाओं

खुद का जीवनरखो सुरक्षित

ऐसा संकल्प उठाओ

देवेन्द्र प्रताप 

©

रेटिंग 9.5/10


Sunday, March 3, 2024

#H081 फ्लैट मालिक की आस (Flat owner's hope)

#H081

फ्लैट मालिक की आस (Flat owner's hope)

दूसरी बार विजय पाऐ
जीत बढ़ी अदभुत है
मुखर होकर विजयी हुए हो
आशाऐं और भी बढ़़ती जाऐ
संगठन ये अदभुत है
टीम ये जुझारू है
पर सबको साथ लेकर चलना
अब मुश्किल होता जाऐ।

कठिन बहुत होता है
टिके रहना अपने शब्दों पर
जनता हर पल कुछ
अच्छा होने की आश लगाए।
वरना जल्दी ही बहकावे में,
और सत्ता पर फिर कई आरोप लगाए।

एक टर्म बीत गया।
दूजा आधा होने को है
जनता कब धैर्य रखे?
जब कुछ अच्छा हो पाए।
वेंड्डर से मुक्ति मिल जाए।
फ्लैट मालिक सच में,
मालिक बन जाए।

आर डबल्यू से आस लगाए्।
मैंटीनेन्स नियंत्रित हो,
बिल्डर को दूर भगाए।
मैंटीनेन्स एजेन्सी थर्ड पार्टी हो,
ओपन टेन्डर से ही आये।
आर डबल्यू कुछ जुगत लगाए।
तभी सभी का भला हो पाए।
वरना उच्च दरों पर मैंटीनेन्स,
फ्लैट आनर भरता जाए , 
कुछ मतलबी ही बिल्डर से
अपना अनैतिक लाभ उठाए।
संगठन की एकता को धता बताए।
औरों का हक मरवाए।
बिल्डर फल फूलता जाए।
फिर हम सब फ्लैट लेकर पछताए।
अब भी एक नहीं हो पाए।
फिर कुछ भी नहीं हो पाए।

देवेन्द्र प्रताप 

दिनांक 23 अक्टूबर 2023, ©

रेटिंग 9/10


Saturday, March 2, 2024

#H080 चिठ्ठी (✉️ Letter)

#H080

चिठ्ठी (Letter)

यार जब परदेश जाऐ।
परदेश में बाप,
काम पर समय बिताऐ।
बेटा पढ़ने जाऐ विदेश,
बहुत समय से जब आऐ ,
न चिट्ठी, न संदेश।
घर पर हर कोई घबराऐ।
फिर चिठ्ठी ही यह डर दूर भगाऐ।

चिठ्ठी लिखने वाला जुड़ जाऐ,
आंखों में आंसू भी लाऐ।
पढ़ने वाला भी जुड़ जाऐ।
चिठ्ठी आंसुओं से भीग जाऐ।
जज्बातों को भरपूर जगाऐ।
भेजने वाले को सामने ही पाऐ।

आने का इन्तजार कराऐ।
डाकिया देख दिल खुश हो जाऐ।
क्या आज यह मेरी चिठ्ठी लाऐ?
अच्छी और बुरी ,
दोनों तरह की खबरों को लाये।

पैसे आने की खबर बताऐ।
या फिर पैसे भेजने की,
अर्जी भी लगाऐ।

पढ़वाने को भी किसी ओर के पास जाऐ।
जब लिखना पढ़ना ना आऐ।
पढ़ने वाला भी पढ़ जज्बाती हो जाऐ।
शब्दों को अपने अनुसार बताऐ।
ऐसे शख्स से भी,
एक अलग सा नाता बन जाऐ।

चिठ्ठी आंसू भी दिखलाये।
बढ़ते बच्चों की तस्वीर बनाये।
प्रियतम का चेहरा दिखलाये।
घर की दिक्कतें भी समझाऐ।
दूर रहने पर भी
एक दूजे से चिपकाऐ।

कोना फटे खत की कौन याद दिलाऐ।
तार के शब्दों को कैसे छोटा कर पाऐ।
ऐसा होने पर,
बुरा होने की बात बताऐ।

कभी कभी मेहमान घर पे आये।
सबको फिर चौंकाये।
जब यह बतलाऐ,
आने की चिठ्ठी तो
महीना भर पहले भिजवाऐ।
अब तो हर कोई बतलाकर ही आऐ।
चौकाने का मौका,
अब न कोई पाये।

जब से मोबाइल आये।
बोलो क्या हाल है,
सब ठीक है।
बस यह बात करवाये
भावनाओं को जड़ से
खत्म कराऐ।

जब से इमेल चलाऐ।
कितना भी अच्छा लिख जाऐ
चिठ्ठी जैसी तस्वीर न बन पाऐ।

शार्ट मैसेजिंग लाऐ।
सब कुछ छोटा ही लिखा जाऐ
भावनाऐं फिर कहाँ जुड़ पाऐं।

अब वीडियो कालिंग को लाऐ।
सब खुशहाल दिखलाऐ।
सच को फिर भी, न बतलाऐ।
जैसा पहले चिठ्ठी कर पाऐ।

वाट्सएप ने सब खत बन्द कराऐ।
चिठ्ठी तो बस सरकारी दफ्तर से आऐ।
तेरी मेरी चिठ्ठी कहाँ गुम हो गयीं
"नासमझ" सोच - सोच मायूस हो जाये।
साधन बढ़ने पर भी,
आदम अपनों से न जुड़ पाऐ।

देवेन्द्र प्रताप 

दिनांक 29 फरवरी 2024, ©

रेटिंग 9.5/10

Friday, March 1, 2024

#H079 भारत से Bharat

#H079
भारत से Bharat

हिन्दी में लिखते आए भारत
अंग्रेजी में  लिखते आए इण्डिया
अब भारत को
अंग्रेजी में भी  लिखना है भारत
यही है हिन्दी भारत से
अंग्रेजी भारत का मिलना
संविधान में लिखा हुआ है
इण्डिया दैट्स भारत
ब है इसको होना
भारत दैट्स इण्डिया

भारत का प्रतिनिधित्व
करता है गरीब बंचित
जो गाँव देहात में रहता

इण्डिया जो शहरों में है रहता
जो अपने में मगन है रहता
प्रदूषण करने में अब्बल
एकाकी जीवन  है जीता
पार्टी के करने की तलाश
अक्सर वो है रहता
अक्सर है वो पीता
अवसाद जीवन है जीता

भारत रहे  या इण्डिया
फर्क नहीं है पड़ता
पर गौरव की बात है
भारत को हर रुप में
भारत ही लिखना
हर देश में ऐसा ही होता है

देवेन्द्र प्रताप
दिनांक 28 अक्टूबर 2023, ©

रेटिंग 9/10


#H475 7 मासूम (7 Innocents)

#H475 7 मासूम (7 Innocents) पिपलोदी स्कूल की छत गिर गई, सात मासूमों की जान चली गई। स्कूली प्रार्थना आखरी हो गई। घरों में घनघोर अंधेरा क...