#H082
पैदल और सड़क सुरक्षा (Pedestrian and road safety)
हर कोई चाहे सुरक्षित जीवन
पर इंसा भारी भूल, कर जाता है
कभी कभी सुरक्षा नियम़ों की,
अनदेखी कर जाता है
पैदल चलने वाला भी, कई बार मर जाता है
अक्सर इंसा गिरने पर, हड्डियाँ तुड़वाता है
बिन रेलिंग पकड़े ही, सीढ़ियां चढ़ जाता हैं
हाथों को जेबों में डाल, इधर उधर भ्रमण कर आता है
गर फिसला तो चोट बहुत खा जाता हैं
चलते हुए, मोबाइल से बात करता जाता है
बिन देखे ही, किसी पथ पर चढ़ जाता है
बिना विचारे, किसी भी दिशा में चल जाता है
टक्कर होने पर, जोखिम बहुत उठाता है
इंसा भारी भूल, कर जाता है
कभी कभी सुरक्षा नियम़ों की,
अनदेखी कर जाता है
शीटबेल्ट, हेलमेट, छोड़ वो
ओवर स्पीडिंग कर जाता है
उचित दूरी रखने की, क्या करते हो बात
दिए बिना इंडीकेटर ही, वो लाईन बदल जाता है
ग्रीन सिग्नल को क्या समझे वो
रेड सिग्नल पर ही, मुड़ पार जाता है
क्या ब्रेक और क्या टायर की हालत
उसको को तो बस, दौड़ाना आता है
गाय भैंस की क्या करते हो बात
यहाँ तो बिन देखे ही सड़क पर,
इंसा ही घुस जाता है
आया सड़क पर जो कोई
अनचाहा मेहमान,
उसको को बस मरना ही आता है
टक्कर होने पर इंसा
जोखिम बहुत उठाता है
अब देखो तुम
सड़क दुर्घटना से क्या हो जाता है
सड़क दुर्घटना में हर साल,
लाखों लोग मर जाते हैं
कई लाख अपंग हो जाते हैं,
बहुत से हड्डियां तुड़वाते हैं,
इलाज पर लाखों खर्च कराते हैं
लाखों अपने - अपनों को खो जाते हैं
बीमारी से मरने वालों से ज्यादा
लोग टक्कर में कट मर जाते है
रोजगार अपना गंवाते हैं
बच्चों का भविष्य, दांव लगाते हैं
ऐसी सड़क सुरक्षा अचछी नहीं बताते हैं
इस लिए हम, सबसे गुहार लगाते हैं
जो पालन करते, सुरक्षा नियमों का
वो सुरक्षित , घर- परिवार चलाते हैं
इन नियमों को अपनाओ
राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा में
अपना हाथ बंटाओं
खुद का जीवन, रखो सुरक्षित
ऐसा संकल्प उठाओ
देवेन्द्र प्रताप
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