#H102
खामोशी (Silence 🤫) खामोश हो गया कोई
अपनो से रुठ गया कोई
खामोशी से पहले
बहुत टूट गया कोई।
सरेआम लुट गया कोई
भीड़ में अकेला हो गया कोई
अपनो से कट गया कोई
अपनो में अकेला रह गया कोई।
आखों में आंसू दे गया कोई
आखों का पानी ले गया कोई
दिल की धड़कन
कम कर गया कोई।
कलेजा बस फटते फटते रह गया,
ऐसा जख्म दे गया कोई
खामोशी दे गया कोई
आवाज ले गया कोई
खामोश हो गया कोई
खुद से जुदा हो गया कोई।
लगता है ऐसा जिन्दा होते हुए भी
जान ले गया कोई
खामोश हो गया कोई
शब्द न ढूँढ सका कोई
अफसोस के बोल न बोल सका कोई
चन्द आंसुओं से सब कह गया कोई
गले क्या लगे वो,
खामोशी को खामोश कर गया कोई
रूठों को लब्ज दे गया कोई।
गिला - शिकवा हवा कर गया कोई।
खामोश न रहने का वादा कर गया कोई।
देवेन्द्र प्रताप
दिनांक 08 मार्च 2024, ©
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