#H095
आज होली है, मेरी प्यारी (It's Holi today, my love)
न छेड़ो, होली में नन्द के लाला
पीछे पड़ी हैं, कई बृज बाला
ग्वाला, रोक न रस्ता इस समय,
हो न जाए, गोपियों हाथ मेरा मुंह काला
पीछे पड़ी हैं, कई बृज बाला
तूने ऐसी मारी, मेरे पर पिचकारी
भीग गयी, मेरी चूनर सारी
भीग गयी अंगिया हमारी
मैं चली, पास तेरे महतारी
लाल नीली पीली हो गयी, मैं सारी
न हो नाराज राधा, आज है होरी
ऐसे ही नहीं मारी मैंने, तेरे पर पिचकारी
तू ही लगे, मुझे इस जग में सबसे प्यारी
न जा , आज पास मेरी महतारी
मैं कृष्ण, तू मेरी राधा प्यारी
इसलिए मारी मैंने, तेरे पे पिचकारी
खेल मेरे साथ होरी,
रंग लगा और लगने दे
रंग प्यार का चढ़ने दे
मेरी राधा प्यारी, मैं जाऊँ तेरे पे बलिहारी
है आज होली, मेरी राधा प्यारी
चल मोहे रंग ले, अपने रंग में किशन मुरारी
मैं, आगे तेरे हारी,
सखियाँ देख रही हैं, सारी
मैं हो गई, तेरी राधा प्यारी
चलो अब खेलें, मैया यशोदा संग होरी
रंग लगा दिया, दोनों ने मईया को
देख साथ दोनों को,
हो गईं, माँ उन पर बलिहारी
आज है होली, मेरी राधा प्यारी
इसीलिए जग में कहलाते, राधा किशन मुरारी
प्यार के लिए सदा रहे, जग इन पर बलिहारी
आज है होली मेरी राधा प्यारी
देवेन्द्र प्रताप ,©
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