Saturday, August 31, 2024

#H235 मेरी बर्थडे पार्टी (My Birthday Party)

#H235
मेरी बर्थडे पार्टी (My Birthday Party)
"कविता में बर्थडे पार्टी का दृश्य दिखाया गया है। "

रसोई में खाना बन रहा है।
पापा खातिरदारी में लगे हुए  हैं।
किसने ठंडा पिया ,
और किसे पिलाऐं
चलो पहले डिनर कराऐं
या फिर केक कटाऐं।
अब तो समय जा रहा है।

कोई मगन है मोबाइल में
कोई खेलें अपने साथी संग ।
कोई उधम मचा रहा है।
दरवाजा धड़ाम से बजा रहा है।
किसी को चोट न लग जाऐ।
"नासमझ" अंकल को यह डर सता रहा है।

कोई सुना रहा है
यारों की बातें अपनी जबानी।
कोई कूद रहा है, कोई उछल रहा है।
केक काटो जल्दी, कोई यह बोल रहा है
बड़े सभी को निहार रहे हैं।
आपस में बतिया रहे हैं।
कोई फोटो खींच रहा है।
कोई सेल्फी ले रहा है।
कोई फोटों को दिखा रहा है।
कोई चुपचाप सब देख रहा है।

गाना बज रहा है,
कोई "तौबा तौबा" पर नाच रहा है,
ताल मिले या ना मिले
वो दिल से थिरक रहा है।
कोई नाचने से मना कर रहा है।

कोई गेंद से खेल रहा है।
कोई ठंडा पी रहा है।
कोई खाना खा रहा है।
कोई मिठाई और मांग रहा है।
ठंडा फिर से मांग रहा है।
मैं सबके साथ खेल रहा हूँ।
यहाँ तो मेरा जन्म दिन मन रहा है।

हर कोई,
पास्ता, छोले भटूरे उड़ा रहा है
किसी ने रायता टेबल पर खिंडा दिया है,
रसगुल्ले पर किसी का मन मचल रहा है।
केक कटेगा कब, कोई बोल रहा है।

मेहमान आ रहे हैं।
नानी अम्मा सब आये हैं।
कोई उपहार और ,
कुछ नेग ही लाऐ हैं।
बैट बाल का केक हैं लाऐ।
कोई बैट खाने को,
कोई स्टम्प खाने को आतुर है।
केक कटने को तैयार किया जा रहा है।

बच्चों ने टेबल को
एक तरफ खिसका दिया है।
बड़ी मुश्किल से कटा केक।
सब फिर सभी ताली बजा रहे हैं।
हैप्पी बर्थडे, हैप्पी बर्थडे
की आवाज लगा रहे हैं।
मैं भी केक खा रहा हूँ।
डांस देखा, बच्चों का इंकार भी देखा है।
सबका एक साथ में डांस भी देखा है।
फिर "नासमझ" अंकल घर को  चले गये हैं।
मैं अभी बर्थडे मनाने रहा हूँ।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

दिनांक 31 अगस्त 2024,©

दिनांक 9/10

Friday, August 30, 2024

#H234 देश मांग रहा बलिदान (The country is asking for sacrifice)

#H234
देश मांग रहा बलिदान (The country is asking for sacrifice)
"कविता में देश को महान बनाने के बारे में बताया गया है। "

देश के सम्मान में,
बोलो अपनी जबान से ,
जय हिंद, जय हिंद, जय हिंद।
बोलो अपनी जबान में ,
फिर चाहे जबान हिन्दी हो, या पंजाबी,
या हो तमिल, तेलुगु ,कन्नड़, या मलयाली,
या हो उड़िया, मराठी, या गुजराती ,
या हो बंगला, या असमिया,
या बोलो उर्दू, या अंग्रेजी,
बोलो चाहे कोई जबान।
सबसे पहले हिन्दुस्तान।
सदा रहे लबों पर तेरे,
देश का सम्मान ।
हमारा देश बने महान।
जय हिंद, जय हिंद, जय हिंद।

कैसे बने देश महान ?
देश मांग रहा अपने बच्चों से,
पूरी मेहनत, और समर्पण,
भ्रष्टाचार का उन्मूलन,
तभी बनेगा, देश महान।
देश में बने माल को अपनाओ।
देशी पहनो, देशी खाओ।
स्वस्थ बनो और,
अनुशासित हो जाओ।
देशी ही तुम चलाओ।
देशी में ही लिखो,
देशी में ही गाओ।
अपनी भाषा से न भागो।
देशी में साफ्टवेयर बनाओ।
देशी से न बिलकुल शर्माओ
तभी बनेगा‌ देश महान।
बस मांग रहा यह बलिदान।
यह भी न दे पाऐ,
तो फिर तुम कैसी हो संतान।
कैसे देश बने महान ?
देशी से ही होगा,
इस देश का कल्याण।
हमारा देश बने महान।
जय हिंद, जय हिंद, जय हिंद।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

दिनांक 28 अगस्त 2024,©

रेटिंग 8.5/10

Thursday, August 29, 2024

#H233 बर्ताव (Behaviour)

#H233
बर्ताव (Behaviour)
"कविता में लोगों द्वारा किये जाने व्यवहार को बताया गया है।"


कोई कैसे बर्ताव करेगा ?
यह उसका चरित्र बतलाऐगा।
हाथ जोड़कर खड़ा मिलेगा।
या अन्दर इंतजार करेगा।
या इंतजार करवाऐगा।
या देर हुई तो सूचित कर देगा।
और अपनी गलती पर माफ़ी मांगेगा।

आइए, बैठिऐ,
मुस्कान के साथ में बोलेगा
सम्मानित कर देगा।
आओ, बैठाओ
बराबर का भाव रखेगा।
हाँ, काम बताओ
सम्मान से वो तुम को दूर रखेगा।
आज वो तुम से मिल नहीं पायेगा
वो तेरी हैसियत तुझे दिखाऐगा।
कोई कैसे बर्ताव करेगा ?
यह उसका चरित्र बतलाऐगा।

कब आऐगी ?
छोटापन दिखलाती है।
आप कब आओगी ?
सम्मान तुम्हें मिल जायेगा।
आप कब आयेंगीं ?
यह तेरा आदर ही दर्शायेगा।
अभी तक क्यों नहीं आयी ?
गुस्से को दिखलाती है।
सामने वाले को दुख पहुँचेगा।
यह बोली ऐसा बतलाती है।
कोई कैसे बर्ताव करेगा
यह उसका चरित्र बतलाऐगा

कोई आप से कैसे बात करेगा ?
यह उसका चरित्र बतलाऐगा।
आप से "आप" कहेगा।
या नाम को लेकर बात करेगा।
या तुम कह के बात करेगा।
या तू से शुरुआत करेगा।
या इशारे करके बात करेगा।
कोई कैसे बर्ताव करेगा
यह उसका चरित्र बतलाऐगा

यह पहले तेरी हैसियत को मापेगा।
फिर उसके अनुसार बात करेगा।
तेरा स्वागत करेगा।
या गेट पर ही बात करेगा।
कोई कैसे बर्ताव करेगा ?
यह उसका चरित्र बतलाऐगा।

लोगों की हैसियत न मापो तुम,
सबका आदर करो।
खुद का आत्मसम्मान भी रखो।
तभी कोई तेरा मान करेगा।
सबके साथ एक जैसा बर्ताव करेगा।
तो वह चरित्र से मज़बूत बनेगा।
नासमझ भी तेरा सम्मान करेगा।
कोई कैसे बर्ताव करेगा ?
यह उसका चरित्र बतलाऐगा।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

दिनांक 29 अगस्त 2024,©

रेटिंग 8/10

Wednesday, August 28, 2024

#H232 गोबर (Corruption)

#232
गोबर (Corruption)

कविता में बताया गया है "गोबर खाया नहीं जाता है।  इसी तरह से भ्रष्टाचार करने योग्य नहीं होता है। पर किया जाता है। "
सबने गोबर खाना है
नेता हो, या प्रशासक,
या हो जनता
मौका बस मिलना है
गोबर को चखना है।

इस युग में बस
अपना पैसा ही अपना है।
इमानदारी तो औरों को रटना है
भ्रष्टाचार से चलना है।
भ्रष्ट होने का गोबर सबने चखना है।

बाकी सब सपना है
पैसा कैसा भी हो, पैसा है
अपना पैसा ही अपना है
बाकी सब सपना है।
सबने गोबर को चखना है।

दुनिया के लिए तो
ईश्वर को जपना है।
ईश्वर से डरना है।
पर भ्रष्टाचार को करते जाना है।
सबने गोबर को चखना है।

लाइसेंस फर्जी लेना है
लाइसेंस फर्जी देना है।
फिटनेस फर्जी लेना है
पीयूसी फर्जी मिलना है
सब गोबर से मिलना है।

फायर की एनओसी फर्जी मिलना है
प्रदूषण होता है, सबको दिखता है
लोगों का दम भी घुटता है
प्रदूषण की फाईल में नहीं दिखता है
गोबर से सब छुप जाता है।

फंड चला सड़क को
रोड पर बस गडढे मिलना है
पानी की लाइन बिछी
पर पानी नहीं आना है।
पानी लाऐ,  दुनिया को खूब बताना है।
गोबर खूब छितराना है।

बिना माल के फाईल
कहाँ आगे बढ़ना है।
पासपोर्ट में मौका पाना है
सुविधा शुल्क ले जाना है।
गोबर से आगे बढ़ना है।

नीति न घोषित हुई अभी तक
पर अपनों को फायदा देना है।
सरकारी जमीन हड़प जाना है
फार्म हाउस बन जाना है।
जमीनें खरीद कराना है
और मुनाफा ले जाना है।
गोबर में छुप जाना है।

जो कल तक साधारण नेता थे
कल उनको हजार करोड़ी हो जाना है
सरकारों ने जांच कराना है
जेल किसी को नहीं जाना है
बेल पर पूरा जीवन कट जाना है
समय पर जनता को उल्लू बन जाना है
कैसे गरीब को न्याय मिल जाना है।
हर जगह गोबर ही गोबर मिलना है।

ये बस तो लेश मात्र है
यह लिस्ट कहाँ रुकने वाली है
ज्यों ज्यों अन्दर जाना है।
भ्रष्टाचार को तो
मुंह फाड़ खड़ा पाना है।
इसलिए कहता हूँ
भ्रष्टाचार का करते जाना है।
सबने गोबर को चखना है।
"नासमझ" को तो भी
गोबर - गोबर हो जाना है।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

दिनांक 27 अगस्त 2024,®

रेटिंग 9/10

Tuesday, August 27, 2024

#H231 सफेद (White)

#H231
सफेद (White)

"कविता में सफेद रंग के स्रोतों के बारे में बताया गया हैं ।

तुम्हें कौन सा सफेद भाऐ?
तरह तरह के सफेद जग में मिल जाऐ।
नमक वाला सफेद,
स्वाद जगाऐ।
दूध वाला सफेद,
शक्ति बढ़ाऐ।
छाछ वाला सफेद
शरीर को ठण्डक पहुँचाऐ।

चांदनी वाला सफेद,
मन को ठण्ड पहुंचाऐ।
आसमानी सफेद,
मौसम बतलाऐ।
बर्फ वाला सफेद,
खेलने का मन ललचाऐ।
रेत वाला सफेद,
मिट्टी को बतलाऐ।
गुलाब वाला सफेद,
खुशबू महकाऐ।

चूने वाला सफेद,
घर को चमकाऐ।
रोशनी वाला सफेद,
सब जगमग कर जाऐ।
हंस वाला सफेद,
मन बहुत हर्षाऐ।
कागज वाला सफेद,
लिखने को बुलाऐ।

बालों वाला सफेद
उम्र बतलाऐ
त्वचा वाला सफेद
सबके मन को भाऐ
जब जीभ सफेद हो जाऐ
बीमारी बतलाऐ।
विधवा की साड़ी का सफेद
आंखों में आंसू लाऐ।
सफेद झूठ जो बोले कोई
जल्दी पकड़ा जाऐ।
जब इंसान का खून सफेद हो जाऐ
जीवन में उत्साह न रहा,
ये बतलाऐ।
तिरंगे का सफेद
शांति और सत्य में भरोसा जगाऐ।
"नासमझ" को तिरंगे का सफेद मन भाऐ।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 25 अगस्त 2024,©

रेटिंग 8.5/10

Monday, August 26, 2024

#H230 कान्हा, हमरी नैया पार करो (Kanha, take our boat across life)

#H230
कान्हा, हमरी नैया पार करो (Kanha, take our boat across life)

यशोदा के दुलारे।
सबके खेबन हारे।
कान्हा, मुझ पर मेहर करो।
हमरी नैया पार करो।
कान्हा, जग के दुलारे।

मैया देवकी को
जन्म लेकर धन्य किऐ।
मैया यशोदा को
बचपन में प्यार दिऐ।
हारे की लाज धरे।
ग्वालों, गोपियों को स्वर्ग दिऐ।
राधा संग रास रचे,
दुनिया को प्रेम का संदेश दिये।
यशोदा के दुलारे।
सबके खेबन हारे।
कान्हा हमारे।

कंस को मुक्त किऐ।
सुदामा को दो लोक दिऐ।
द्रोपदी की लाज रखे ।
हारे की लाज धरे।
अर्जुन का मान रखे।
गीता वचन दिऐ।
कितनों का उद्धार करे।
यशोदा के दुलारे।
सबके खेबन हारे।
कान्हा, नैया हमारी पार करो।
मोहन प्यारे। जग के दुलारे।

यशोदा के दुलारे।
सबके खेबन हारे।
भंवर में अटकी ,
कान्हा, मेरी नैया पार करो ।
मेरे बच्चों पर मेहर करो।
शक्ति, संपत्ति, सद्बुद्धि
प्रदान करो।
मुझ पर मेहर करो।
हम तो जग से हारे।
अब न कान्हा देर करो।
कान्हा, मुझको
जीवन में मुक्त करो।
कान्हा, हमरी नैया पार करो।
जग के दुलारे। कान्हा हमारे।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

दिनांक 26 अगस्त 2024,©

रेटिंग 9/10

Sunday, August 25, 2024

#H229 कल मैं स्कूल नहीं जाऊँगा (Tomorrow, I will not go to School)

#H229
कल मैं स्कूल नहीं जाऊँगा (Tomorrow, I will not go to School)

बच्चा बोला ,
कल मैं स्कूल नहीं जाऊँगा ।
जोर - जोर से चिल्लाता है।
हठ कर जाता है।
किसी की नहीं सुनता है।
क्या करें ?
अब समझ नहीं आता है।
उस पर गुस्सा आता है।
और कुछ कहते हैं।
फिर घर का माहौल बिगड़ जाता है।

बच्चा क्यों बोला ?
कल मैं स्कूल नहीं जाऊँगा।
कारण पता लगाने का वक्त है।
होमवर्क पूरा न होना।
स्कूल में डांटा जाना।
किसी से झगड़ा हो जाना।
कोई पढ़ाई का सामान न होना।
या कोई और चाहत होना है।

बच्चा जो बोले उसको हां कर दो।
और सबसे चुप कराओ।
अब बात करो, पता लगाओ।
होमवर्क है तो
साथ में पूरा करवाओ
और कोई कारण है
क्लास में कुछ नहीं होगा।
आश्वासन दो,
क्लास टीचर से मिल के आऊंगा।
पूरा डर दूर भगाओ।

सुबह को उसको प्यार से उठाओ।
बिलकुल भी गुस्सा न दिखलाओ।
सुबह फिर उसको हंसते हुए,
स्कूल जाते हुए पाओ।
बच्चा बोलेगा,
मैं स्कूल जाऊँगा
"नासमझ" नहीं बनाना चाहूँगा।
वरना क्लास वर्क वंचित रह जाऊँगा
और होमवर्क ऊपर से बढ़ जायेगा।
मुझको ही करना होगा।
मैं स्कूल जाऊँगा ।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

दिनांक 24 अगस्त 2024,©

रेटिंग 8.7/10








Saturday, August 24, 2024

#228 मैं वेगनार चलाता हूँ। (I drive a WagonR)

#228
मैं वेगनार चलाता हूँ। (I drive a WagonR)

"कविता में ज्यादा बिकने वाली कार और शून्य सुरक्षा रेटिंग वाली कार उपयोग करने वाले की भावना बता गयी है। "

मैं वेगनार चलाता हूँ
माईलेज अच्छा पाता हूँ
पैसे भी बचाता हूँ।
परिवार संग कभी भी
घूमने चला जाता हूँ।
बारिश से भी नहीं घबराता हूँ।
और को भी बिठा लेता हूँ।
कार ढंग से चलाता हूँ
गाड़ी लेकर हर्षाता हूँ।
मैं वेगनार चलाता हूँ

पहले बाइक से चलता था
सड़क की धूल खाता था
बारिश में नहीं चल पाता था
गर्मी में लू झेलता था
ठण्डी में बहुत सर्दी का सामना होता था
बच्चों को आगे और
बीबी को पीछे लेकर चलता था
गिरने का खतरा सदा रहता था।
बाईक में क्या सुरक्षा पाता था
अब तक नहीं समझ पाया हूँ

वेगनार लेकर इन सब कष्टों से
मैं मुक्ति पाता हूँ
इसलिए मैं वेगनार चलाता हूँ।
फाईव स्टार गाड़ी
मेरे बजट में नहीं आती है
बाईक से ज्यादा सुरक्षा
वेगनार में  पाता हूँ।
फिर चाहे रेटिंग शून्य मिले ज्यादा
मैं नहीं घबराता हूँ।
मैं वेगनार चलाता हूँ।
"नासमझ" को कभी कभी बिठाता हूँ।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

दिनांक 24 अगस्त 2024,©

नोट : वेगनार शब्द का उपयोग एंट्री लेवल कार के लिए किया गया है। किसी कम्पनी को बदनाम करने के उद्देश्य से नहीं।

रेटिंग 8.5/10

Friday, August 23, 2024

#H227 हवा ( Air)

#H227
हवा ( Air)

न दिखती है, न रुकती है।
न बिकती है,
हर जीव की शक्ति है।
बस धीमी हो जाती है।
या तेज हो जाती है।
जिसके बिना
जिंदगी कहाँ चलती है।

जब कुछ देर के लिए रुक सी जाती है।
तो त्राहि त्राहि मच जाती है।
श्वांस अधर में आ जाती है।
सोचो यह किस नाम से जानी जाती है।

बादल उड़ने लगते हैं।
पत्ते जब हिलते हैं।
कुछ उड़ने लगता है।
मन में महसूस होता है।
जैसे हवा चलती है।

हल्की सबको अच्छी लगती है
ठण्डी ज्यादा अच्छी लगती है।
गर्म बहे तो लू बन जाती है।
तेज चले तो दरख़्त उखाड़ जाती है।
ऐसी हवा फिर आंधी कहलाती है।

पेड़ लगाओ, पेड़ बचाओ।
अगर स्वच्छ हवा तुम चाहो।
घास लगाओ ।
धूल के लिए जगह न छोड़ो।
सड़क किनारे टाइल्स लगाओ।
वायु प्रदूषण को रोको।
खुले में कुछ न जलाओ।
हवा विषैली होने लगती है
कुदरत पछताने का मौका ,
नासमझ को भी नहीं देती है।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

दिनांक 23 अगस्त 2024,©

रेटिंग 9/10

Thursday, August 22, 2024

#H226 अनबन (Rift between Husband and wife)

#H226
अनबन (Rift between Husband  and wife)

"कविता में पति पत्नी को अपने रिश्ते को संभाल कर रखने के लिए प्रेरित किया गया है। "

जब लड़का,
लड़की को विवाह कर लाता।     
फिर पति - पत्नी कहलाता है
घर में पत्नी को
केवल पति का ही सहारा होता।
पति ही प्यार जताता है।
परिवार तो बस माहौल बनाता है।

परिवार (माँ, पिता, भाई, बहन)
पति - पत्नी का साथ
एक सीमा तक निभाता है
फिर तो भाईयों, बहनों ने
अपना परिवार बनाना होता है ।
सदियों से ऐसा होता आया है।
आगे का जीवन तो
पति - पत्नी के कंधों पर आ जाता है।

काम करो, पैसे बचाओ
घर बनाओ।
इस सबमें कोई साथ नहीं निभाता है।
पैसा है तेरे पास तो तू सबको भाता है।
वरना परिवार भी ठोकर खिलाता है।

ऐसा कोई जोड़ा नहीं होता
जहाँ अनबन न रहती हो।
पर जीवन की गाड़ी को
आगे ले जाया जाता है।
जीवन की राह में
बीच में अलग नहीं हुआ जाता है।

बच्चे, पति - पत्नी के बीच
रिश्ते की धुरी बन जाते हैं
अलग होने से बचाते हैं।
तलाक़ न हो, इसलिए,
अंत समय तक पूरा प्रयास लगाते हैं।

कोई खुद के लिए नहीं कमाता।
बच्चों का भविष्य ही है जो,
तुम्हें काम पर लेकर जाता ।
वरना खाना तो कुत्ता भी खाता।
मालिक के आगे दुम हिलाता।
वो कभी मालिक नहीं बन पाता।
समाज इज्जत नहीं पाता।

बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल जाऐ।
बच्चे कुछ बन जाऐं।
शादी उनकी हो जाऐ।
बस यही जीवन कहलाता है।

सबको मौका देता है ईश्वर।
कोई गंवाता है, कोई फायदा उठाता है
समय पर लिया फैसला तो
समझदार कहलाता है।
वरना इंसान पछताता है
दुनिया में मूर्ख बन जाता है।

यौवन तो जल्दी ढल जाता है।
शक्ति जल्दी जाती रहती ।
बुढ़ापा मुहं फाड़ खड़ा हो जाता है।
फिर तुम से कुछ नहीं हो पाता है।

धौका खाने से अच्छा है ।
समय रहते संभल जाओ ।
वरना इंसान खाली हाथ रह जाता है।
ऐसा कर लेता, वैसा कर लेता,
तो अच्छा रहता।
बस यही मलाल रह जाता है।
जीवन में मौका, फिर वापस नहीं आता है।
संभाल रखो अपने रिश्ते को।
रिश्तेदारों का कुछ नहीं जाता है।
उनको तो अपना परिवार बनाना होता है।
अपना परिवार चलाना होता है।
तुम पिछड़े जीवन में तो
औरों को मजा बहुत आता है।
पति - पत्नी को जीवन भर ,
साथी बनकर रहना होता है।
साथ जिऐ जीवन भर,
फिर अलग होना होता है।
"नासमझ" ने तो बस
यही गुहार लगाना होता है।

देवेन्द्र प्रताप"नासमझ "

दिनांक 21 अगस्त 2024,©

रेटिंग 8.5/10

Wednesday, August 21, 2024

#H225 लम्हें (Moments for birthday)

#H225
लम्हें (Moments for birthday)

फुर्सत कहाँ है, खिलखिलाने की जमाने में
वक्त बीत रहा भाग दौड़ में
कुछ बातें छुपाने में,
कुछ जज्बात दिखाने में
कभी बेगाना, कभी अपना बताने में।
कभी गम छुपाने में, कभी खुशी दिखाने में।

जन्म दिन है तुम्हारा आज
कुछ लम्हें निकालो, मुस्कुराने में
खिलखिलाने में, दोस्तों संग बिताने में।
खुलकर चहचहाने में, अपनों में मुस्कुराने में।
केक काटने में, मिठाई खिलाने में।
जन्मदिन पर रब का शुक्रिया करने में।
"नासमझ" को भी मिठाई खिलाने में।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

दिनांक 21 अगस्त 2024,©

रेटिंग 9/10

Tuesday, August 20, 2024

#H224 कैसे पार लगेंगे हम (How will we get through as Nation)

#H224
कैसे पार लगेंगे हम (How will we get through as Nation)

"कविता में देश की तरक्की में बाधक कुछ विशेष परिस्थितियों के बारे में सवाल उठा गया है।"

कैसे पार लगेंगे हम
कहीं नदी,
कहीं नाले में फंस गए हम।
कोई डूब रहा है ,
कोई तैर रहा है
कोई मजे से मचल रहा है
कोई लूट रहा है।
कोई लुट रहा है
कैसे भंवर में फंस गए हम।
कैसे पार लगेंगे हम

जाति, धर्म, राजनीति, भ्रष्टाचार  ने ऐसा जकड़ा
मौका परस्ती ने ऐसा फांसा
खुद का हित पहला हो गया
देश हो गया अंतिम।
कैसे भंवर में फंस गए हम।
कैसे पार लगेंगे हम

देश जाति, धर्म, राजनीति के
चक्कर में ऐसा फंस गया
न सूझ रहा रास्ता हमको
कहाँ फंसकर रह गए हम

याद रखो, देश न रहा तो
न तेरी जाति रहेगी, न पार्टी और न धरम।
राज्य बन्द, भारत बंद,
कैसे आगे बढ़ेंगे हम।
और देशों की हालत से
कब सीखेंगे हम।
क्या एक बार फिर से
बंटवारा करवायेंगे हम।
कैसे भंवर में फंस गए हम।
कैसे पार लगेंगे हम ।
नासमझ को भी
नासमझ लगने लगे हम।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

दिनांक 20 अगस्त 2024,©

रेटिंग 8.5/10

Sunday, August 18, 2024

#H223 जब बेटी आगे आयेगी, अपना हक पायेगी। (When the daughter comes forward, she will get her rights)

#223
जब बेटी आगे आयेगी, अपना हक पायेगी। (When the daughter comes forward, she will get her rights)

"कविता में देश में बेटियों पर होने बाले अत्याचार के बारे में सवाल उठाया गया है। "

क्या तू मदर इंडिया बन पायेगी ?
या फिर अपने बच्चों को बचायेगी।
बेटे की पहली गलती,
क्या हंसी में टाली जायेगी ?
जब अपराध करे,  बेटा ।
तब क्या बतलायेगी ?
क्या मदर इंडिया बन, गोली तू चलाऐगी ?
या बेटे को बचायेगी।
बेटी को बेटी ही न्याय दिलायेगी।
बेटी ही लूटी गयी हरबार,
बेटी ही कब तक बलिदान देती जायेगी ?

हुआ कुकृत्य तो संस्थान कब समय पर आगे आयेगी ?
कब पुलिस अपना किरदार ढंग से निभाऐगी ?
प्रशासन कब रसूखदार को ,
निस्पक्ष होकर पकड़ वायेगी ?
कब नेताओं को अक्ल आयेगी ?
क्या खुद की बेटी ऐसे संकट मे देखी जायेगी ?
कब पार्टियां आरोप प्रत्यारोप से बाहर आयेगीं ?
कब बेटी देश में सुरक्षित हो पायेगी ?

सरकारों से गुहार हमारी
घटनाओं पर कम बतलाओ,
कम दिखलाओ।
प्रशासन को दुरुस्त करो।
इंटरनेट के कंटेंट पर अंकुश लगओ।
सुधार में ज्यादा समय लगाओ।
अत्याचारी को पीड़ित होता,
जनता को टीवी पर ज्यादा दिखलाओ
समाज में अत्याचारी को
समाज निकाला दिलवाओ
अत्याचारी को आत्महत्या करने को मजबूर कराओ।
दण्ड का एक ऊंचा आदर्श स्थापित कराओ।
लोगों को बेटी पर अत्याचार करने से घबराओ।
तब ही देश की साख बच पायेगी।
और बेटी देश में सुरक्षित हो पायेगी।

बेटों की निगरानी रखनी होगी ।
क्या देखता है, क्या पढ़ता है ?
किसके साथ में रहता है ?
बेटी सम्मान को दिमाग में बिठानी होगी ।
घर में संवादहीनता न पैदा होने दी जायेगी
तब ही बेटी सुरक्षित हो पायेगी

जब बेटी आगे आयेगी,
तब अपने हक को पायेगी
न्याय समाज में पायेगी।
दूसरों से समानता की उम्मीद करेगी
तब तब ठगी जायेगी।
जब बेटी आगे आयेगी,
अपने हक को पायेगी
तब ही बेटी न्याय समाज में पायेगी।

बेटी ने इस कविता की गुहार लगाई।
"नासमझ" ने तब कलम चलाई।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

दिनांक 18 अगस्त 2024,©

रेटिंग 9/10

Saturday, August 17, 2024

#H222 काश मैं कुवांरा होता (I wish, I was single)

#H222
काश मैं कुवांरा होता (I wish, I was single)

कविता में व्यक्ति के घुटन, संघर्ष, अधूरी इच्छाऐं  और परिवार के बारे में बताया गया है। "

काश मैं कुवांरा होता
फिर आज बेचारा न होता।
छोड़ जाता सब जी का जंजाल
अगर तुम्हारा ना होता।

और कोई हमारा न होता।
मैं किसी का दुलारा न होता
किसी का प्यारा न होता।

सुबह से शाम तक की कशमकश
मनचाहा न कर पाने की कशक
न घूमने जा पाने की कशक
न होती जहन में,
अगर मैं कुवांरा होता।

ईएमआई की तारीख
बच्चों की फीस की तारीख
न रुकने वाले बिल, न होते,
अगर मैं कुवांरा होता।

कम में गुजारा होता
दिन में कहीं, रात में कहीं सोता
आज यहाँ, कल कहीं और होता
दोस्तों के साथ गुजारा होता
अपनी जिंदगी में मस्त होता
पूरी दुनिया घूमता
काश मैं कुवांरा होता।

हाकिम का चाकर बन गया
दुनियादारी सारी भूल गया।
बेचारा होते हुए
परिवार का सहारा बन गया
परिवार का दुलारा न होता
परिवार जो सहारा न होता
अगर तुम्हारा न होता
आज मै कुवांरा होता।

अकेला रहता , मजबूर न होता
बस मेरे हाथ में तेरा हाथ न होता
प्यार का अहसास,
जिंदगी में ठहराव न होता।
जिंदगी की शाम होने तक
जो तेरी सासों के होने का अहसास न होता।
जो मैं कुवांरा होता।

आज मैं दुनिया में न होता
जो कोई कुंवारा होता।
जहाँ हो वहाँ खुश रहो।
कुवांरे को बुढ़ापे में कोई सहारा न होता।
सच तो यह है बुढ़ापे में कोई हमारा न होता।
दोस्तों की यादें और दोस्तों का सहारा होता है
काश मैं कुवांरा होता।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

दिनांक 16 अगस्त 2024,©

रेटिंग 9/10

Friday, August 16, 2024

#H221 कार्यस्थल पर खतरों की पहचान कैसे करें (How identify dangers at work)

#H221
कार्यस्थल पर खतरों की पहचान कैसे करें  (How identify dangers at work)

"कविता में कार्यस्थल पर संभावित खतरों की पहचान कर सुरक्षित रहने के बारे में बताया गया है।

हर तरफ खतरा खड़ा हुआ है
खतरा पड़ा हुआ है, खतरा घूम रहा है
बस तुम्हें पता लगाना है
खुद का और औरों का जीवन कैसे बचाना है।

तरा किसी भी रुप में मिल जाना है।
कटने का खतरा,
नुकीली, धारदार वस्तु का पता लगाना है।
यह न पकड़े तो फिर कट जाना है।

फंसने का खतरा,
घूमते पहिये, कलपुर्जों की गति
और दिशा का पता लगाना है।
सुरक्षा गार्ड का पता लगाना है।
वरना फंसकर कट- मर जाना है।

गिरने का खतरा
ऊंचाई पर मजबूत प्लेटफार्म
और सुरक्षा घेरे पता लगाना है।
ए टाइप सीड़ी का प्रयोग निश्चित करना है।
एक्सेस सीड़ी का प्रयोग कार्य में न हो
निश्चित करना है, वरना हड्डियां तुड़वाना है।

भारी वस्तु का ऊपर गिरने का खतरा
किसी भारी वस्तु के नीचे तो नहीं जाना है
कोई वस्तु नीचे तो नहीं गिरेगी, पता लगाना है।
वरना दबकर मर जाना है।

जलने का खतरा
गर्म वस्तु है तो तापमान का पता लगाना है।
ज्यादा है तो हाथ नहीं लगाना है।
वरना झुलस जाना है।

फिसलने का खतरा
फर्श पर कोई द्रव / पाउडर तो नहीं पड़ा है
पता लगाना है, वरना फिसलकर गिर जाना है।

टकराने का खतरा
किसी वाहन का आवागमन तो नहीं है
कोई बिलाइन्ड स्पाट तो नहीं है।
पता लगाना है, वरना टक्कर हो जाना है।

विस्फोट का खतरा
कोई उच्च दबाव वाला उपकरण तो नहीं है
ज्वलनशील पदार्थ का भंडारण तो नहीं है
किसी सक्रिय पदार्थ का भंडारण तो नहीं है
कोई परस्पर विरोधी पदार्थ भंडारण तो नहीं है।
पता लगाना है, वरना विस्फोट हो जाना है।

फैलने का खतरा
किसी गर्म पदार्थ के छपकने की आशंका तो नहीं  है
पता लगाना है, वरना झुलस जाना है।

उफन्ने का खतरा
किसी कैमीकल / आयल / पानी का
वर्तन से बाहर तो नहीं आ जाना है।
पता लगाना है, वरना दुर्घटना हो जाना है।

बिजली के झटके का खतरा
बिजली के उपकरण सही स्थिति में हैं
कोई तार खुला तो नहीं है
मशीन की अर्थिंग का पता लगाना है
वरना बिजली के झटके खाना है।

रेजीड्यूल एनर्जी का खतरा
सिस्टम में रेजीड्यूल एनर्जी तो नहीं है।
किसी तरह का कोई दबाव तो नहीं है
कोई चार्ज्ड मशीन /पुर्जा तो नहीं है
पता लगाना है, वरना गहरी चोट लग जाना है।

कार्य शुरू करने से पहले
कामगारों की सेहत की जांच करना है,
स्वस्थ हों, तभी काम पर लगाना है।
खतरों का आंकलन कर
खतरे सब साथियों को बतलाना है
खतरे भांपने की दक्षता को बढ़ाना है

हर औजार मशीन की जांच कराना है
व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण अपनाकर,
और उचित नियंत्रण लगाकर
कार्यस्थल पर जोखिम को घटाना है।

कार्यस्थल की बेरिकेडिंग करना है
रेजीड्यूल एनर्जी को रिलीज़ कराना है।
आवश्यकता होने पर लोटो लगाना है।
काम को  करते  आगे बढ़ते जाना है
कार्य को सुरक्षित निपटाना है।

कोई खतरा पीछे न छोड़ जाना है
कार्य समाप्ति पर सब ठीक से सजाना है
वैल्डिंग / ग्राईंडिंग  हुआ है तो
एक घण्टे निगरानी करना है
वरना आग लगने की संभावना रह जाना है।

काम से कोई नया खतरा पैदा नहीं करना है।
वरना औरों ने चोट खा जाना है।
"नासमझ" ने तो फिर अफसोस जताना है।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

दिनांक 15 अगस्त 2024,©

रेटिंग 9.5/10

Thursday, August 15, 2024

#H220 एक सलाम गुमनामी के नाम (A salute to anonymity)

" सभी को 78वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ। "

#220
एक सलाम गुमनामी के नाम

"कविता में गुमनाम क्रांतिकारियों, आंदोलनकारियों, गुमनाम पीड़ितों और नेताओं के दोहरे चरित्र के बारे में है। "

आज की शाम गुमनाम क्रांतिकारियों के नाम
एक सलाम गुमनामी के नाम।
कायरों, मत ढूंढना इसमें मजहबों के नाम।
आजादी से पहले सब एक थे
बाद में केवल हिन्दू मुसलमान अलग कैसे हो गये।

जो रण में खेत रह गए ।
लौट कर घर वापस न आऐ
इतिहास में अपना नाम दर्ज न करा पाऐ
गोली सीने पर पहली खाऐ।
सिर पर पता नहीं कितने डण्डे खाऐ
जेल गए, फिर घर वापस न आऐ
फांसी भी चढ़ा दिऐ पर,
आजादी के लिए अपनी आहुति दे गये।
यह सोच उनकी संतानें खुली हवा में खेलेंगी।
अपनी सांसें आजादी के लिए दे गए।

हिन्दुस्तान हमारा है, हमको जान से प्यारा है
यह संदेश हम सभी को दे गये।

नेताओं से अब तक हमने समझा है
कैसे न लगी गोली इन्हें,
कैसे न फांसी चढ़े
कैसे न बम से मरे,
कैसे न दंगे में फंसे
और इतिहास में अमर हो गये।
और यह यहाँ के अंग्रेज हो गये।
हम सब कैसे इनके पीछे हो गये।
गुमनाम क्रांतिकारी कहाँ रह गये।
कोई था किसान,
कोई छात्र, कोई मजदूर था
सब कैसे गुमनाम हो गये।
अपनी जान देश के नाम कर गये।
हिन्दुस्तान हमारा है, हमको जान से प्यारा है
यह संदेश हम सभी को दे गये।
और हम आजाद हो गये।

बंटवारा करवा गये।
पर बंटवारे की वजह को
ज्यों का त्यों छोड़ गये।
लाखों बेघर हो गये।
अपनों से बिछड़ गये।
लाखों मर गये।
बंटवारे में गुमनाम हो गये।
करवाने वाले तो अमर हो गये।
सदा के लिए ताजा जख्म दे गये।
क्यों करवाया बंटवारा।
गुमनाम "नासमझ" से पूछते रह गये।

चीन और पाकिस्तान से लड़ाई में
सीमा पर लड़े, लड़ते ही गये ।
हथियार न थे फिर भी भिड़ते ही गये।
वापस न आये, गुमनाम हो गये।
बस चंद ही इतिहास दर्ज हो गये।

इमरजेंसी में कितनों के साथ क्या क्या हुआ।
क्या क्या नहीं झेला लोगों ने,
बहुत से जेल गये
बहुत से नेता तो चमक गये।
आम लोग तो गुमनाम हो गये।
इमरजेंसी का दर्द झेलते रह गये।

सिख दंगों में
कितनों ने क्या क्या नहीं झेला
अपनों से दूर हो गये
बेघर हो गये।
बहुत से नेता तो चमक गये।
दर्द झेलने वाले गुमनाम हो गये
इंसाफ को सालों साल तरसते रह गये।
देश में अपने ही अंग्रेज हो गये।

मंडल कमंडल आंदोलन में
कितने मर गये, आत्मदाह कर गये।
बहुत से जेल गये।
और गुमनाम हो गये।
बहुत से नेता तो चमक गये।

राम मंदिर आंदोलन में
हजारों कारसेवकों ने
कारसेवा में भाग लिया
सीने पर गोली खाई,
सिर पर डण्डे खाये
कई तो मर गए, और गुमनाम हो गये
बहुत से नेता तो चमक गये।
देश में अपने ही अंग्रेज हो गये।

कारगिल की लड़ाई में
बहुत से वापस न आऐ।
अपनों को अकेला छोड़ गये
अन्त्येष्टि में नेताओं ने फोटो खिंचायी
वो शहीदों के परिवार,
नेताओं के लिए जल्द गुमनाम हो गये।

अपने ही यहाँ अब अंग्रेज हो गये।
नेता कुछ ही सालों में कैसे अरबपति बन जाते हैं
आज भी आजादी पाने को कुछ और सवाल रह गए।
भ्रष्टाचार से आजादी पाने को कह गये।

बहुत से हर बार आंदोलन में
लोग गुमनाम हो गये।
हमको यह संदेश दे गये
हिन्दुस्तान हमारा है, हमको जान से प्यारा है।

इसको संभाल कर रखने का
बच्चों अब दायित्व तुम्हारा है।
हिन्दुस्तान हमारा है, हमको जान से प्यारा है।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

दिनांक 13 अगस्त 2024,©

रेटिंग 9.5/10

Wednesday, August 14, 2024

#H219 करेगा कौन ( Who will do)

#H219
करेगा कौन ( Who will do)

"कविता में केवल काम बताने और पूछने की अनावश्यक प्रवृत्ति पर सवाल उठाया गया है। "

जब सास बनेंगे सब
बहू बनेगा कौन ?
खाना सबने खाया है
अब बर्तन धोयेगा कौन ?
खाना तुमने फैलाया है
साफ करेगा कौन ?

मैनेजर सब हो जायेंगे
इंजीनियर बनेगा कौन ?
पूछने वाले हैं लोग ज्यादा
काम करने वाले हैं मौन
फिर समाधान देगा कौन ?

जरा सोचो, ऊपर वाले ने शरीर में
सिर और मुंह एक दिया है
करने को दिये है दो हाथ
देखने को दी हैं दो आंखें
चलने को दिये हैं दो पैर
सुनने को दिये हैं दो कान
सूंघने को भी दी हैं दो नाक
अफसोस, इसको समझेगा कौन ?
जब सास बनेंगे सब
बहू बनेगा कौन ?

डिस्क्लेमर : "मैं मार्गदर्शन, सहयोग और प्रशिक्षित करने वाली सास / वाले मैनेजर का दिल से   सम्मान करता हूँ । "

देवेन्द्र प्रताप"नासमझ "

दिनांक 12 अगस्त 2024,©

रेटिंग 9.5/10

Tuesday, August 13, 2024

#H218 गणित पढ़ने से पीछे न हठो, मेरे यार। (Do not afraid of Mathematics, my friend)

#H218
गणित पढ़ने से पीछे न हठो, मेरे यार।  (Do not afraid of Mathematics, my friend)

"कविता में गणित पढ़ने के लिए बच्चों को प्रेरित किया गया है।"

दो में दो जोड़ो कितना आता है यार।
दो में दो जोड़ो होता है चार
दो में दो से गुणा करो तो आता है चार।
इसलिए हो जाता है हमको गणित से प्यार।

चार मे से दो घटाओ आता है दो।
चार को दो भाग करो आता है दो
प्रश्न और उत्तर जांचने को
गणित सदा रहता है तैयार।
गणित पढ़ने से पीछे न हठो मेरे यार।

दो अंको को जोड़ो फिर
दो से देदो भाग, जो आऐ
वो औसत कहलाता है यार।
औसत क्या होता है
अब भी बच्चा पूछे बार बार।
अच्छे और बुरे के बीच जो आता है
वो औसत कहलाता है
मतलब "ठीक - ठाक" कहलाता है।
ऐसे ही गणित को व्यवहार से जुड़वाता है यार
गणित पढ़ने से पीछे न हठो मेरे यार।

आकर को जानो, रेखा,वृत,त्रिभुज,
आयत, वर्ग, शंकु, गोला आदि पहचानो
दूरी मापो चाहे छोटी हो या बड़ी
क्षेत्रफल निकालो, आयतन निकालो
गति निकालो, समय निकालो
खर्चे बता दो, मुनाफा बता दो।
दशमलव लगा लो
जब अंक पूरा न पाओ मेरे यार।

गणित करे निर्णय को आसान
गणित पढ़ने से पीछे न हठो मेरे यार।
गणित है बहुत ही आसान।
यह मांगे तुम से बस अभ्यास।
गणित को दे दो, तुम अपना प्यार।
जटिल बहुत है इंसान का व्यवहार।
जिसमें जीवन भर फंसे रहते इंसान।
इसलिए "नासमझ" गुहार लगाऐ
गणित पढ़ने से पीछे न हठो मेरे यार।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

दिनांक 11 अगस्त 2024,©

रेटिंग 10/10

Monday, August 12, 2024

#H217 युवा शक्ति (Youth Power)

#H217
युवा शक्ति (Youth Power)

"कविता में " अन्तर्राष्ट्रीय युवा दिवस" पर युवाशक्ति के बारे बताया गया है। "

देश भक्ति का लहू नसों में बहता हो
जुर्म देख ठण्डा न पड़ जाता हो।

अगर तेरी भुजाएँ
किसी और की रक्षा में फड़कती हों
खुद की भी रक्षा करतीं हो।

दुश्मन चाहे सीमा पर हो
चाहे हो देश के अन्दर
या बैठा हम सबके बीच
चाहे हो बाहर वाला
तेरी नजर पकड़ती हो
तेरी सोच पकड़ती हो।

लक्ष्य तेरा ऊंचा हो
तू सोच नयी रखता हो
कैसे यह दुनिया बेहतर हो
समाज बदलने की शक्ति हो
सत्ता भी तुझे से हिलती हो।
उल्फत की मिसालें भी
तुझसे से होती हों।

स्वाभिमान से मस्तक तेरा ऊँचा हो
देश पर मर मिटने की भक्ति हो
देश तेरा अभियान हो
फिर तुम ही सच्ची युवा शक्ति हो

तेरी सोच
जगह जगह पर न भटकी हो।
तेरे - मेरे में न फंसती हो
लालच में न अटकी हो
भ्रष्टाचार में न जकड़ी हो
जाति धर्म में न सिमटी हो
महिला पुरुष में न अटकी हो

सबसे पहले देश तेरी पहचान हो
फिर चाहे तू जो भी हो।
तुम ही सच्ची युवा शक्ति हो।
नासमझ को भी तुम पर अभिमान हो।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

दिनांक 11 अगस्त 2024,©

रेटिंग 9.8/10

Sunday, August 11, 2024

#H216 कुछ नहीं (Not in count)

#H216
कुछ नहीं (Not in count)
"कविता में विपन्न लोगों के बारे में बताया गया है। "

सुबह शाम के खाने का पता नहीं
रहने का आशियाना नहीं
कहाँ से चले, कहाँ जाना पता नहीं
अपना भी है कोई जग में पता नहीं।

काम हमें किसी ने दिया नहीं
पढ़े लिखे हम है नहीं
कूड़े करकट से कुछ ढूँढा,
उससे ज्यादा कुछ मिला नहीं
क्या करें पता नहीं।

खाऐं या पहने कुछ सूझता नहीं
रहने का ठिकाना बनता दिखता नहीं
क्या पढ़ पाऐंगे, क्या आगे बढ़ पायेंगे
क्या खुद की पहचान बना पायेंगे
पता नहीं, "नासमझ"
सरकार के लिए हम
एक वोट के सिवाय कुछ नहीं।
कुछ नहीं।


देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

दिनांक 30 जुलाई 2024,©

रेटिंग 9.5/10

Saturday, August 10, 2024

#H215 हर एक जीवन को बचाना संभव होगा (It is possible to save every single life)

#H215
हर एक जीवन को बचाना संभव होगा
(It is possible to save every single life)

"कविता में आपातकालीन तत्परता और प्रतिक्रिया के बारे में बताया गया है।"

इमरजेंसी कब होगी
कहाँ कौन बता पाया है
जब कोई नहीं बता पाया
फिर क्या करना होगा
कैसे हर एक जीवन को बचाना संभव होगा

इमरजेंसी में खुद का और
औरों का कैसे ख्याल रखना होगा
कैसे प्रशिक्षण लेना होगा
क्या तैयारी करके रखनी होगी
इमरजेंसी में रोल की जानकारी रखनी होगी
इमरजेंसी संभालने की तैयारी करनी होगी
समय समय पर तैयारी परखनी होगी
वरना बहुत पछताना होगा।
तभी हर एक जीवन को बचाना संभव होगा

सबसे पहले अपने रोल को जानो
फायर फाइटर हो तो आग को जानो,
आग बुझाने वाले मीडिया को पहचानो
क्या नहीं करना सबसे पहले जानो
आग  के स्थान पर
सबसे पहले  फायर सिलेंडर लेकर पहुंचो
और आग बुझाओ
जेट से पाउडर को आग की जड़ में दागो
ताकि आग से जल्दी छुटकारा पाओ।
वरना आग बुझाने में ज्यादा समय लग जायेगा
तो हर एक जीवन को बचाना संभव नहीं हो पायेगा

फर्स्ट एडर हो तो
अपने रोल को जानो
सीपीआर करना सीखो
फ्रेक्चर को पकड़ना सीखो
रक्त को रोकना सीखो
संयम भी रखना सीखो
सान्त्वना भी देना सीखो
इमरजेंसी में
फर्स्ट एड बाक्स के साथ
इमरजेंसी असेंबली एरिया पहुंचो
जैसा पीड़ित हो वैसा
प्राथमिक उपचार करो।
अधिक पीड़ित है
तो अस्पताल पहुंचाना होगा।
तभी हर एक जीवन को बचाना संभव होगा

अगर हो निकासी दल के सदस्य
तो अपने रोल को जानो
कभी भी कोई व्यक्ति अन्दर न रह जाऐ
अपनी न जान गंवाऐ
हेड काउन्ट टीम से निश्चित करो
कोई अन्दर अचेत और अनजान न रह जाऐ।
जल्दी सबका निकासी करना होगा।
वरना हर एक जीवन को बचाना संभव नहीं होगा

अगर हो आम व्यक्ति
अपने रोल को जानो
इमरजेंसी सायरन को जानो
सदा इमरजेंसी एग्जिट और
इमरजेंसी असेंबली एरिया का पता लगाओ
फायर देखो तो काल पाइंट का बटन दबाओ
पर फायर सिलेंडर न चलाओ
आग आग चिल्लाते हुए
सीधे इमरजेंसी असेंबली एरिया जाओ
भगदड़ नहीं मचानी है
आग की सूचना सब तक पहुँचानी है
कोई वीडियो नहीं बनाना है और
मोबाइल से कोई सूचना बाहर नहीं भेजना है
शांति बनाए रखनी है।
सहयोग सभी को देना होगा।
वरना ज्यादा नुकसान उठाना होगा।
हमें हर एक जीवन को बचाना संभव करना होगा

और सिक्योरिटी को
सिक्योरिटी गेट्स बन्द रखने होंगे
न कोई बाहर जायेगा
न ही कोई आयेगा
न ही सूचना किसी पत्रकार को देनी है
यह तो चीफ़ इंसीडेंट कन्ट्रोलर या
एमडी को बताना होगा
हर एक जीवन को बचाना संभव होगा

सिक्योरिटी को अपना रोल समझना होगा
आग के जोन पता लगाना होगा
आग को सबसे निर्धारित करना होगा
चीफ इंसीडेंट कन्ट्रोलर को बताना होगा
और अब फायर सायरन बजाना होगा
आग बुझाने में अपना रोल निभाना होगा
फर्स्ट एड लगाना होगा
हेड काउन्ट कराना होगा
निकासी में रोल निभाना होगा
बिजली को कटवाना होगा
आग अगर बड़ी हो रही
तो फायर ब्रिगेड बुलाना होगा
एंबुलेंस को मंगाना होगा
हर हाल में हर एक जीवन को बचाना होगा

समय - समय पर मोक्ड्रिल  में
अपना रोल निभाना होगा
तरह - तरह के मोक्ड्रिल कराना होगा
जैसे आग, भूकंप, दुर्घटना, विद्युत आघात...
संस्थान के संभावित सभी जगह पर
दिन, रात, लन्च और शिफ्ट चेन्ज में
मोक्ड्रिल कराना होगा
रेस्पॉन्स टाइम पता लगाना होगा
समस्याओं को दूर कर घटाना होगा।
तभी इमरजेंसी में
हर एक जीवन को बचाना संभव होगा

पारी अनुसार, इमरजेंसी रेस्पॉन्स टीम बनाना होगा
फायर सिलेंडर की मासिक जांच कराओ
हायड्रेंट को मासिक तौर पर चलवाओ
पहुंच सभी की सदा खुली रखो
फायर फाइटर्स को द्विमासिक प्रशिक्षण दो
सालाना फर्स्ट एडर्स का प्रशिक्षण कराओ
इमरजेंसी एग्जिट सदा खुले रखो
इमरजेंसी एग्जिट साइनेज रिफ्लेक्स लगवाओ
गेंगवे को कभी न बन्द कराओ
इमरजेंसी प्लान बनाओ
अगर हुई कोई इमरजेंसी तो
इमरजेंसी प्लान में सुधार करना होगा।
तब ही नासमझ के जीवन को बचाना संभव होगा

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

दिनांक 09 अगस्त 2024,©

रेटिंग 10/10

Wednesday, August 7, 2024

#H214 गैरत (Pride)

#H214
गैरत (Pride)

कविता में आत्मसम्मान और दौलत में से किऐ चुनाव और परिणाम के बारे में बताया है।

गैरत ने जिन्हें संभाला
दौलत ने उन्हें ठुकराया
इतिहास ने उन्हें अपनाया
कभी चमके या कभी छुपाया
सबने अपनी सहूलियत से
गैर या अपना बताया।

गैरत छोड़ दौलत को
जिन्होंने अपनाया
इतिहास में उन्होंने जीवन  तो पाया
पर सदा के लिए अपना मान घटाया
गद्दार होने का तमगा अपने सिर पाया।

गद्दार का तमगा
फिर कभी न मिट पाया।
आजाद, सुभाष  बन गये।
जिन्होंने कभी न सिर झुकाया।
कोई देश का बंटवारा कराया
और देश भक्त कहलाया।
सबने अपनी सहूलियत से
गद्दार या देशभक्त बताया।
गैरत के बिना आदमी
कभी सम्मान नहीं पाया।


गैरत रखो, पर गुमान न होने दो

इंसान हो महज, खुद को खुदा न बनने दो। 


देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

दिनांक 05 अगस्त 2024,©

रेटिंग 9.5/10

Tuesday, August 6, 2024

#H213 राजनीतिक नरेटीव ( Political Narrative)

#H213
राजनीतिक नरेटीव ( Political Narrative)

"कविता में फेक राजनीतिक नरेटीव न चलाने के बारे में बताया गया है। "

नरेटीव खूब चलाओ
अपना माहौल बनाओ
अधिक वोट तुम पाओ
अपनी सरकार बनाओ।

पर फेक नरेटीव न चलाओ
सच को झूठ न बनाओ
झूठ को सच न दिखाओ
आधा सच न बताओ
आधा झूठ न छिपाओ

माहौल खराब होने का कारण न बन जाओ
समाज में अस्थिरता न लाओ
देश की सम्पत्ति जलने का कारण न बन जाओ
किसी की प्रतिष्ठा पर दाग न लगाओ
किसी पर व्यक्तिगत आरोप न लगाओ
कुछ गलत किया है तो
रिपोर्ट दर्ज कराओ।

हर कदम को नरेटीव न बनाओ
देश के मसलों में
सरकार का साथ तो निभाओ
तभी जनता की नजर में
देशभक्त पार्टी कहलाओगे।

सत्ता में  हो तो टिकने लिए चलाओ
विपक्ष में हो तो सत्ता में आने के लिए चलाओ
नरेटीव खूब बनाओ, पर फेक नरेटीव न चलाओ
जनता को मूर्ख न समझो, जो किया है वही बताओ।
नासमझ को भी अपना नरेटीव समझाओ।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

दिनांक 06 अगस्त 2024,©

रेटिंग 9/10

Monday, August 5, 2024

#H212 सावन में सड़क यात्रा (Road Trip in Savan month)

#H212

सावन में सड़क यात्रा (Road Trip in  Savan  month) 

कविता में सावन माह में कांवड़ियों की यात्रा के दौरान की गयी सड़क यात्रा अनुभव बताया गया है।

सावन में न जाना उस देश
जिसको कहते हैं उत्तर प्रदेश

कांवड़ियों को रास्ता बनाऐंगे
हाइवे पर सड़क एक तरफ चलाऐंगे
पर तुमको नहीं बताऐंगे
तुम्हें पुलिस वाले
किसी और रास्ते भेजेंगे
और लोग भटकते रहेंगें

ना ही समाचार पत्र में छपवायेंगे
सावन में कांवड़िया ही सड़क पायेंगे
बाकी तो इधर - उधर भटकते रह जायेंगे
सड़क पर कांवड़ियां हों या ना हों
सड़क को आरक्षित रखेंगे

कांवड़ियां ट्रेक्टर चलाऐंगे, डीजे बजाऐंगे
भोले बिन हेलमेट बाइक दौड़ाऐंगे
झंडा लगाऐंगे,  जयकारा लगाऐंगे।
समूह में पैदल कांवड़ भी लायेंगे

ट्राफिक को बदहाल बनाऐंगे।
ट्रक जगह जगह रोके जायेंगे
लोग तो यहाँ फंसेंगे ही फंसेंगे
फिर भी हम तो कांवड़ न रोकेंगे
सड़क बन्द करा देंगे
जगह जगह रास्ता बदलेंगे
लोग परेशान होते रहेंगे।

इस लिए कहते हैं
न आना सावन में मेरे देश
कह रहा तुम से उत्तर प्रदेश।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

दिनांक 05 अगस्त 2024,©

रेटिंग 8.5/10

Sunday, August 4, 2024

#H207 तिरंगा घर पर फैहराओगे (You will hoist the tricolor at home)

#H207
तिरंगा घर पर फैहराओगे (You will hoist the tricolor at home)

तिरंगा घर पर फैहराओगे
खुद को देश भक्त जताओगे
क्या तिरंगे का मान तुम रख पाओगे ?
इसको गंदा नहीं होने दोगे
ना ही उसको फटने दोगे
समय से नया तिरंगा लगा दोगे।
तभी तुम औरों से इज्जत पाओगे।

तिरंगा घर पर फैहराओगे
खुद को देश भक्त जताओगे
क्या तिरंगे का मान तुम रख पाओगे ?
पूरा टैक्स चुकाओगे
भरपूर अपना परिश्रम देकर
देश को आगे लेकर जाओगे।
सच्चे नागरिक बन पाओगे।

तिरंगा घर पर फैहराओगे
खुद को देश भक्त जताओगे
क्या तिरंगे का मान तुम रख पाओगे ?
जाति - पाति नहीं बढ़ाओगे
धार्मिक उन्माद के चक्कर में नहीं आओगे
भ्रष्टाचार नहीं बढ़ाओगे।
तभी सफल, सुरक्षित देश रख पाओगे।
अगली पीढ़ी से तभी तुम इज्जत पाओगे।

तिरंगा घर पर फैहराओगे
खुद को देश भक्त जताओगे
क्या तिरंगे का मान तुम रख पाओगे
"नासमझ" को भी ऐसा करने को बताओगे।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

दिनांक 29 जुलाई 2024,©

रेटिंग 9/10

Saturday, August 3, 2024

#H211 वजह (Reason)

#H211
वजह (Reason)

कविता में कार्य स्थल पर,दो लोगों के बीच होने वाले अनावश्यक मनमुटाव का आंकलन किया गया है।

ना हूँ मैं तेरा मालिक,
ना अधीनस्थ
ना मैं तेरी माशूक हूँ
ना मैं तेरी बेगम हूँ
ना हूँ मैं तेरा शौहर
ना हूँ मैं तेरी बेगम का भाई
ना ही तुमने मेरी कोई चीज चुराई
ना मैंने की तुमसे की कोई ठगी ।
फिर क्यों बेवफा होने की बात आयी।

ना ही मैंने तेरे साथ
कभी भागीदारी निभाई
ना हूँ मैं तेरा पड़ोसी, मेरे भाई
फिर ये  कैसी बेरुखी छाई
कोई वजह नहीं है यहाँ
जो हो हमारे बीच लड़ाई।
बस हम दोनों रखें सब्र
फिर साथ में मुस्कुराऐंगे,
हम दोनों भाई।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

दिनांक 01 अगस्त 2024,©

रेटिंग 9/10

Friday, August 2, 2024

#H210 कोर दिलाऐ मोर (Core rewards more)

#H210
कोर दिलाऐ मोर (Core rewards more)

"कविता में युवाओं को अपना मुख्य कार्य क्षेत्र चुनने के फायदे बताऐ गये हैंं। "
कान खोल कर सुन लो
जो चुनोगे  तुम अपना कोर
जीवन भर दिलवाऐगा यह मोर।
शुरुआत में कम पैसा मिलने पर
तुम मत हो जाना कमजोर।
आगे जाके यही दिलाऐगा मोर।

अगर चुना तुमने नान- कोर
आज भले मिल जायेगा ज्यादा
पर आगे हो जाओगे तुम कमज़ोर।
नहीं मिलेगा तुमको मोर।

हर साल ग्रेडिंग में रह जाओगे
केवल सी ग्रेड ही पाओगे।
कोर में ए ग्रेड तुम पाओगे
अंतिम पायदान तक
साफ रास्ता पाओगे।
नान - कोर में तुम
पहले ही रोके जाओगे।
फिर बहुत पछताओगे
नासमझ को याद करोगे।

ध्यान रहे तुम सबको
सदा "कोर दिलाऐ मोर"।
नान - कोर में हो जाऐ कमजोर।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ "

दिनांक 01 अगस्त 2024,©

रेटिंग 8.5/10

Thursday, August 1, 2024

#H209 प्रेरित होना (Be Inspired)

#H209
प्रेरित होना (Be Inspired)

फूलों से सीखो हंसना
कांटों से  चुभना
हवा से सीखो शीतल करना
नदियों से आगे बढ़ना

सागर से सीखो शांत रहना
पेड़ों से  झुकना
मौसम से सीखो बदलना
पशुओं से साथ में रहना 

सूरज से सीखो तपना
बादल से पानी देना
पर्वत से सीखो डटना
पानी से घोलना

प्रकृति से सीखो रचना
इंसान से प्रेरित होना
और नयी चुनौती चुनना।
"नासमझ" से सीखो, समझना।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

दिनांक 30 जुलाई 2024,©

रेटिंग 9/10

#H475 7 मासूम (7 Innocents)

#H475 7 मासूम (7 Innocents) पिपलोदी स्कूल की छत गिर गई, सात मासूमों की जान चली गई। स्कूली प्रार्थना आखरी हो गई। घरों में घनघोर अंधेरा क...