#H218
गणित पढ़ने से पीछे न हठो, मेरे यार। (Do not afraid of Mathematics, my friend)
"कविता में गणित पढ़ने के लिए बच्चों को प्रेरित किया गया है।"
दो में दो जोड़ो कितना आता है यार।
दो में दो जोड़ो होता है चार
दो में दो से गुणा करो तो आता है चार।
इसलिए हो जाता है हमको गणित से प्यार।
चार मे से दो घटाओ आता है दो।
चार को दो भाग करो आता है दो
प्रश्न और उत्तर जांचने को
गणित सदा रहता है तैयार।
गणित पढ़ने से पीछे न हठो मेरे यार।
दो अंको को जोड़ो फिर
दो से देदो भाग, जो आऐ
वो औसत कहलाता है यार।
औसत क्या होता है
अब भी बच्चा पूछे बार बार।
अच्छे और बुरे के बीच जो आता है
वो औसत कहलाता है
मतलब "ठीक - ठाक" कहलाता है।
ऐसे ही गणित को व्यवहार से जुड़वाता है यार
गणित पढ़ने से पीछे न हठो मेरे यार।
आकर को जानो, रेखा,वृत,त्रिभुज,
आयत, वर्ग, शंकु, गोला आदि पहचानो
दूरी मापो चाहे छोटी हो या बड़ी
क्षेत्रफल निकालो, आयतन निकालो
गति निकालो, समय निकालो
खर्चे बता दो, मुनाफा बता दो।
दशमलव लगा लो
जब अंक पूरा न पाओ मेरे यार।
गणित करे निर्णय को आसान
गणित पढ़ने से पीछे न हठो मेरे यार।
गणित है बहुत ही आसान।
यह मांगे तुम से बस अभ्यास।
गणित को दे दो, तुम अपना प्यार।
जटिल बहुत है इंसान का व्यवहार।
जिसमें जीवन भर फंसे रहते इंसान।
इसलिए "नासमझ" गुहार लगाऐ
गणित पढ़ने से पीछे न हठो मेरे यार।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 11 अगस्त 2024,©
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