Sunday, June 30, 2024

#H184 सब ठीक है ( All is well)

#H184
सब ठीक है ( All is well)

"कविता में मोबाइल पर अपने प्रिय को सच बताकर दुखी न करने की भावना को दिखाया गया है। "

क्या हाल हैं, सब ठीक है
आंखों में आंसू है, पर सब ठीक है
शरीर में दर्द है, पर सब ठीक है
बीमारी है, सब ठीक है
टांग टूट गई, सब ठीक है

छत टपक गई, सब ठीक है
बच्चा फैल हो गया, सब ठीक है
नज़र बहुत कम हो गई, सब ठीक है।
धन्धा चौपट हो गया, सब ठीक है
यह कैसा अपनापन है, सच नहीं।
प्यार है, या अंधकार है
यहाँ सब झूठ है, पर सब ठीक है

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

दिनांक 19 जून 2024,©

रेटिंग 9.5/10

Saturday, June 29, 2024

#H183 अनोखा न्याय ( Unique Justice) ⚖

#H183

अनोखा न्याय ( Unique Justice)

कविता में न्याय को समानता से पालन करने पर विशेष नेता को वगैरह मांगे जमानत दिया जाना, ताकि चुनाव प्रचार कर सके। 

नेता पहुँचे अपने द्वार
चुनाव प्रचार की है दरकार
डोल गया न्याय का आधार
आम आदमी बोल रहा है
क्या देश में ऐसा होता है
समानता का आधार।
नासमझ को लग रहा है
चल रहा है अच्छा व्यापार।
आया है अनोखा न्याय का इजहार ।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

दिनांक 11 मई 2024,©

रेटिंग 8.5/10

Friday, June 28, 2024

#H182 सब चमकाते रहे, अच्छा बताते रहे ( Shining and telling good stories)

#H182 

सब चमकाते रहे, अच्छा बताते रहे


कविता में भ्रष्टाचार के कारण सड़क, नालियों की दुर्दशा को दर्शाया गया है। 

सब चमकाते रहे, अच्छा बताते रहे

इक बारिस क्या हुई, नालियाँ भर गई

सब धुल गयी सफेदी, बन गये सड़क गढढे

अब कालिख पर बातें हैं, कर रहे मीडिया वाले

इक दूसरे पर हैं, नेता तोहमत लगाते रहे

सब चमकाते रहे, अच्छा बताते रहे 


मुसकराते रहे, अपना माल बनाते रहे

सरकार को चूना लगाते रहे

ढेकेदारों को नीलामी में, सदा ठेका दिलाते रहे

नालियाँ भर गई हल्की सी वारिश में

अधिकारी, वारिस के मौसम के बाद 

नालियाँ साफ कराते रहे

सड़क पर देर अबेर पैबंद, लगाते रहे


नेता हमें आश्वासन देते रहे

वो वोट हमसे पाते रहे, हम झांसे में आते रहे

हम सभी जल भराव में

अपनी गाड़ी फंसाते  रहे

मच्छर भगाते रहेहम सड़क में ढचके के खाते रहे

बिल्डर ग्राहकों को आंख दिखाते रहे

विभाग वाले, माल खाते रहे

सब चमकाते रहे, अच्छा बताते रहे


वोटर संभल जाओ, ताकत दिखलाओ

भ्रष्ट नेताओं को धूल चटाओ 

सब चमकाते रहे, अच्छा बताते रहे,


देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

दिनांक 05 मार्च 2023,©

रेटिंग 9/10


Thursday, June 27, 2024

#H181 एम एस ए (मापन सिस्टम विश्लेषण) ( Measurement System Analysis)

#H181

एम एस ए (मापन सिस्टम विश्लेषण) ( Measurement System Analysis)

एम से मीजरमेन्ट ।
एस से होता सिस्टम ।
ए से बन जाऐ एनालिसिस ।
मिलकर बन जाऐ "एम एस ए"
यानि "मापन सिस्टम विश्लेषण"

मापन में मापक (Inspector), यंत्र, पार्ट, वातावरण
होता है शामिल,
हर कोई अपनी अपनी त्रुटि लाते
इसको कैसे न्यूनतम रखें
इसलिए एम एस ए करवाते।
यंत्र का कैलिब्रेशन करवाते
दक्ष मापक लगवाते
वातावरण को स्टेंडर्ड रखवाते
तब जाकर मापन की त्रुटि पाते।
एम एस ए में यही सब करवाते।

मापन यंत्र के द्वारा कम से कम नपने को
अल्पतमांक (Least Count) बतलाते

यंत्र द्वारा न्यूनतम और
अधिकतम मापन सीमा के अन्तर को
यंत्र की रेंज (Range) बताते

पार्ट की न्यूनतम और अधिकतम सीमा के
अन्तर को टोलरेंस (Tolerance) बतलाते
किसी पार्ट के टोलरेंस के छठवें हिस्से को
डिजार्यड एक्यूरेसी ( Desired Accuracy) बतलाते
मापन सिस्टम में निर्यण लेने में
अति उपयोगी बतलाते।
एनडीसी (No. Of distinct category)
यानि टोलरेंस रेंज के पांच हिस्से करना
यह नम्बर पांच या उससे अधिक रखवाते
तब जाके उचित मापन कर पाते।

उदाहरण के तौर पर
मापन (Measurement) में दस, दस हो सकता है
दस, दस से कम हो सकता है
दस से दस ज्यादा हो सकता है
फैसला कैसे लिया जा सकता है
इसको अनिश्चितता (Uncertainty) बतलाते
इसके बिना जीवन न जी पाते।
पर अनिश्चितता पर नियंत्रण लगाते।

निशाने अगर लक्ष्य के अन्दर आते
फिर वो बेहतर एक्यूरेसी ( Accuracy) बतलाते

निशाने पास पास आते
फिर वो बेहतर प्रसीजन (Precision) बतलाते

दस आबजरवेशन का औसत लेते
स्टैंडर्ड से अन्तर निकालते
इस अन्तर को बायस (Bias) बतलाते
बायस को सांख्यिकीय नियंत्रण (Statistical Control) में रखते
मापन का स्तर बतलाते।

जब बायस को मापन यंत्र की रेंज में
जगह जगह पर बतलाते
यह बायस ही लीनियरटी (Linearity) कहलाते
लीनियरटी को सांख्यिकीय नियंत्रण में रखते
मापन का स्तर बतलाते।

जब बायस को स्टैंडर्ड कंडीशन में
बार बार भिन्न भिन्न समय पर बतलाते
यह बायस ही स्टेब्लिटी (Stability) कहलाते
स्टेब्लिटी को सांख्यिकीय नियंत्रण में रखते
मापन का स्तर बतलाते।

जब मापक, एक मान पर बार मापन दौहराते
एक जैसा परिणाम लाते
इसको ही रिपीटेब्लिटी (Repeatability)बतलाते
रिपीटेब्लिटी को सांख्यिकीय नियंत्रण में रखते
मापन का स्तर बतलाते।

जब कई मापक, एक मान पर बार मापन दौहराते
एक जैसा परिणाम लाते
इसको ही रिप्रोडूसेब्लिटी (Reproducibility बतलाते
रिप्रोडूसेब्लिटी को सांख्यिकीय नियंत्रण में रखते
मापन का स्तर बतलाते।

तीन ट्रायल, दस सैम्पल, तीन इंस्पेक्टर
लेकर मापन करवाते
रिपीटेब्लिटी और रिप्रोडूसेब्लिटी निकालते
इसको ही गेज आर एण्ड आर स्टडी (Gage RR) बतलाते
इसको सांख्यिकीय नियंत्रण में रखते
मापन का स्तर बतलाते।

जब हम मापन में संख्या नहीं पाते
ठीक /गलत, अच्छा/बुरा, फेल / पास पाते
ऐसी स्टडी को एट्रीब्यूट स्टडी (Attribute Study) बतलाते
इसको सांख्यिकीय नियंत्रण में रखते
मापन का स्तर बतलाते।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

दिनांक 26 जून 2024,©

रेटिंग 9/10



Wednesday, June 26, 2024

#H180 उम्र (Age)

#H180

उम्र (Age)

"कविता में उम्र का चक्कर छोड़, जिंदादिली से जीने के बारे में बताया गया है। "

उम्र बस एक संख्या मात्र है।
जिंदादिली से जो जिऐ तो जिंदा
मुर्दादिली से जो जिऐ तो मुर्दा
छोड़ यह संसार
एक दिन सबको  जाना है।

फिर "नासमझ" ने
हाय - हाय कर क्यों जीवन बिताना है।
जिंदा रहकर जियो या मुर्दा बनकर
बस यह तुम्हें अपनाना है।
जीवन को सार्थक बनाना है।

मरने के  बाद भी मुझे लोगों से,
जिंदादिल शख्स कहलाना है।
उम्र के संख्या के चक्कर में
अपना समय नहीं गंवाना है।
हर क्षण का लुत्फ उठाना है।
हंसते खेलते जीवन बिताना है।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

दिनांक 20 जून 2024,©

रेटिंग 9/10

Tuesday, June 25, 2024

#H179 अहिंसा का पुजारी (Priest of Non-Violence)

 #H179

अहिंसा का पुजारी

1869 में दो अक्टूबर में जन्मे

और पढ़ने  गये विदेश

लेकर बैरिस्टर बनने का उद्देश्य

वकालत करने, मोहन गये विदेश

वहाँ पर मजदूरों की करी वकालत

लड़े मजदूरों के अधिकारों के उद्देश्य

हैं आज भी दक्षिण अफ्रीका में पूजे जाते

हक के लिए लड़ने का दे आए संदेश

स्वाभिमान को लगी ऐसी  ठेस

लौट आये अपने देश

सब धर्मों का किया अध्ययन,

और घूमा पूरा अपना देश

और पाया सब का मालिक एक,

फिर कैसा आपस में है द्वेश

दिया उन्होंने हर जन को

सत्य, अहिंसा,  स्वच्छता एवं शाकाहार संदेश

देख गरीबी जनता की

मन उनका ऐसा बिचल गया

लाठी ली, पहनी इक धोती और लंगोट

अपनाया सादा  ऐसा वेश

इसी वेश में गोलमेज सम्मेलन में

पहुँचे  वापू अंग्रेजों के देश

अपने हाथ से सूत कातो और बुनों

अपने और अपनों लिए  वेष

अंग्रेजी कपड़े की जलवाई होली

भेजा जनता ने अंग्रेजों को कड़ा संदेश

हर गरीब को आगे बढ़ाना होगा  ,

स्वच्छता को अपनाना होगा

बीमारियों से बचना होगा

कुटीर उद्योग को बढ़ाना होगा

दिया हर जन को ऐसा बड़ा संदेश

आजादी वास्ते करे बहुत प्रयास,

गये जेल कई बार,

डांडी यात्रा कर नमक कानून

तोड़ डाला, दिखलाया ऐसा तैश

भारत छोड़ो का नारा देकर

पूरी आजादी का दिया संदेश

गरम नरम दल सबने करे बहुत प्रयास

जाग उठी तब आजाद देश, बनने की आस

और आया पल आजाद देश का

पर चाह न रखी किसी पद की

दिया बढ़ा निस्वार्थ का संदेश

भारत और पाकिस्तान के बंटवारे में

चल गया एक भ्रमित संदेश

पर बंटवारे पर  गोडसे ने ही,

30-जनवरी को ले ली जान उनकी

इससे जन जन में फैला बहुत दुखद संदेश

पूजे जाते हैं पूरे जग में,

अस्थियाँ रखीं जहाँ पर, स्थल है विशेष

वह स्थल राजघाट कहलाता है

जो भी विदेशी राजनायक आते हैं

राजघाट दर्शन कर सत्य - अहिंसा का, ले जाते संदेश

करता हूँ मैं विनय आप से, कुछ कर लो विशेष

पालन इस सपूत की शिक्षाओं का

हम बदलेंगे, तब बदलेगा देश

तब ही होगी सच्ची श्रद्धांजलि राष्ट्रपिता को

यह सबको मेरा संदेश


देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

©

रेटिंग 9/10

#H178 तीसरी मंजिल ( Second Floor)

#H178

तीसरी मंजिल

"कविता में गर्मी में सुविधाओं के अभाव में तीसरी मंजिल पर बिताई गई रात का वर्णन है। "

फर्श पर बैठता रहा
थकने पर खड़ा होता रहा
थकान बढ़ती रही
केवल चटाई पर
सोने की कोशिश करता रहा
बाकी सभी को नींद आती रही।

पंखा खट खट करता रहा
आंखें खुलती बंद होती रही
रात भर करवटें बदलता रहा
जाती हुई गाड़ियां हार्न बजाती रही
उठ उठकर  बाहर देखता रहा
मुंह ढक कर रात भर
सोने की कोशिश करता रहा।

तीसरी मंजिल पर तपी हुई छत से
पंखे की आती गर्म हवा
रात भर तपाती रही
कभी कभी बाहर की ठण्डी हवा
पंखे की हवा से मिलती रही
कूलर न होने की कमी खलती रही।

पंखा खट खट करता रहा
मुंह ढक कर रात भर
सोने की कोशिश करता रहा।
तीसरे पहर में आंख लगी
पर उठने का अलार्म बज गया
घर से निकलने का समय हो गया
रात भर नींद आंखों से जाती रही
तीसरी मंजिल पर बीती यह रात
रुक रुक नासमझ को याद आती रही।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

दिनांक 03 जून 2024,©

रेटिंग 8.5/10

Monday, June 24, 2024

#H177 बता मैं कौन हूँ ? (Who am I ?)

 #H177

बता मैं कौन हूँ ?

"इस कविता में एक पहेली दर्शायी गयी है ।"

थक गया हूँ मैं, न समझ। 
रुक गया हूँ मैं, न समझ। 
कल फिर आऊंगा, मैं "नासमझ"। 
सब खिल जायेगा। 
नियति है इसलिए, 
सो गया हूँ, मैं। 
बता मैं कौन हूँ ? 

सृष्टि की जीवन रेखा हूँ, मैं । 
शक्ति का अपरिमित स्रोत हूँ । 
पेड़ पौधों के भोजन की आस हूँ, मैं। 
सब ग्रहों के पाथ का केंद्र हूँ, मैं। 
बता मैं कौन हूँ ?

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 05 मार्च 2023,©
रेटिंग 9.5/10

Thursday, June 20, 2024

#H176 हम सबका झूठ (Our Lie)

#H176

हम सबका झूठ  (Our Lie)
"कविता में झूठ के बोलने की विभिन्न स्थितियों को दर्शाया गया है। "

बच्चा डर से बोला झूठ
बड़ा लालच में बोला झूठ
सच्चा दिखने को बोला झूठ
झूठा बनकर बोला झूठ
अच्छा बनने को बोला झूठ
छुट्टी पाने को बोला झूठ

उल्लू बनाने को बोला झूठ
फंसाने को बोला झूठ
बचाने को बोला झूठ
धोखा देने को बोला झूठ
लड़ाने को बोला झूठ

कुछ पाने को बोला झूठ
छुपाने को बोला झूठ
बचने को बोला झूठ
मस्का लगाने को बोला झूठ
भविष्य दिखाने को बोला झूठ
काम निकालने को बोला झूठ

मनाने को बोला झूठ
सुन्दर बताने को बोला झूठ
जीवन साथी से बोला झूठ
अपराध छुपाने को बोला झूठ
कई बार भरी अदालत में भी
गवाही दी जाती है झूठ।

खुद से भी बोला झूठ
आज तक मैं नहीं बोला झूठ
यह है सबसे बड़ा झूठ।
झूठे ने सदा नहीं बोला झूठ।
झूठों ने सदा कहा है लोगों से
गलत बात है बोलना झूठ।

नासमझ ने भी बोला है झूठ।
याद करो कब नहीं बोला है तुमने झूठ।
कभी मत बोलो सफेद झूठ।
चेहरे पर कभी दिखाया है तुमने झूठ।
पकड़े जाने पर खूब पिटाया है यह झूठ।
यह है हम सबका झूठ।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

दिनांक 18 जून 2024,©

रेटिंग 9/10

Wednesday, June 19, 2024

#H175 धौंस (Bullying)

#H175
धौंस


"कविता में साथियों की पार्टी में धौंस दिखाने की परिस्थिति को बताया गया है। "

तेरा सुरुर कुछ ऐसा चढ़ा।
कुछ पीकर बहक गए।
कुछ खुशबू से चहक गये।
कुछ ऐसे बिदक गये।
दोष सुरा को क्या देना।
कुछ बिन पिए ही महक गये।

किसी के काबिले सुर लगे।
किसी ने हंसी के ठहाके लगाऐ।
किसी ने कविता को पढ़ा,
जीवन में अनुभव फरमाऐ।
कुछ मंद मंद मुस्काऐ।
कोई बिचलित से दिखे।
कई पीने पर भी संयम रख पाऐ
ऐसे लोग ही पार्टी की
सच्ची रंगत बन पाए।

हम सब अपनी करनी  को
यादकर ठिठक गये।

एक दूजे पर
अपनी धौंस जमाते हैं
अपनी साख बढ़ाने के चक्कर में
खुद की इज्जत गंवाते हैं।
संबंध बढ़ाने की बजाय
रिश्तों में कड़वाहट ले आते हैं।

"नासमझ" सब से गुहार लगाते हैं।
खुशी मनाने के अवसर पर
रिश्तों में कड़वाहट नहीं फैलाते हैं।
हर कोई आपकी नासमझी को
माफ नहीं कर पाते हैं।
हम तो बस इतना ही फरमाते हैं।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

दिनांक 10 फरवरी 2024,©

रेटिंग 8.5/10

Tuesday, June 18, 2024

#H174 टैक्स के पैसे की बर्बादी (Misuse of Taxes)

#H174
टैक्स के पैसे की बर्बादी (Misuse of Taxes) 

"कविता में दो सीटों से चुनाव लड़ने के नियम पर सवाल उठाया गया है। "

मेरा मन आवाज लगाता है
टैक्स के पैसे की बर्बादी का
एक उदाहरण बताता है। 

हार न जाए चुनाव में नेता 
इसलिए दो सीटों से लड़ता है
अपना भविष्य बचाने को। 
एक से हार गया
तो चुनाव नहीं कराया जाता है। 

दोनों सीटों से जीत गया, जो
एक सीट छोड़ना पडता है, 
फिर से चुनाव कराया जाता है
अपने स्वार्थ में नेता,  
देश का पैसा उड़वाता है
चुनाव में ऐसा नियम हटे, 
जो टैक्स के पैसे की बर्बादी बढ़ाता है
मंहगाई बढ़ाता है। समय गंवाता है
"नासमझ" ऐसी आवाज लगाता है। 

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 17 जून 2024,©
रेटिंग 9/10

Sunday, June 16, 2024

#H173 पेपर लीक (Paper Leak)

#H173 

पेपर लीक (Paper Leak)


"कविता में पेपर लीक पर युवाओं के आक्रोश को दर्शाया गया है। "

अनेक बार टीचर परीक्षा अटकी
पुलिस परीक्षा अटकी
नीट परीक्षा लटकी
और पता नहीं
कितनी सारी परीक्षाएं लटकी
युवाओं की जीवन रेखा
देश में हर रोज रही है भटकी

वक़्त रहते सुधर जाओ
वरना एक बार युवाओं की जो सटकी
सरकार न रहेगी फिर अबकी।
मत समझना तुम इसको धमकी
बरदास्त की हद हो चुकी है, हम सबकी।

जेल भरेंगे, रेल रोकेंगे
और करेंगे चक्का जाम
पानी रोकेंगे, कचरा रोकेंगे
चैन से न फिर सोने देंगे।
सबका जीना कर देंगे हराम।

सरकारी दफ्तर पर होंगे, ताले,
जब झूमे, यह भटके निराले
पेपर लीक करने वालों को रोको।
बुलडोजर चढ़वाओ।
या चलवाओ गोली।
जहाँ मिलें, वहाँ उनको ठोंको।
टाडा लगा दो, जेल में सड़ा दो।
पर युवाओं का भविष्य बचा दो।

न रोक पाये नेता, जो पेपर लीक।
संसद से फिर सब नेता वापस बुला लो
राइट टु रिकाल अपनाओ।
संविधान को तुम अपनालो।
युवाओं,
अब सत्ता अपने हाथ ले लो।
भ्रष्टाचारियों को ,
यहाँ से निकालो, वहाँ से निकालो।
जेल में डालने से रोको।
जहाँ मिलें, वहाँ पर ठोंको।
पर सब मिलकर अपना भविष्य बचालो ।
देश का भविष्य बचालो।

समय रहते युवाओं को भटने से बचालो।
आंसू को अंगारा होने से रोको
बच्चों का तुम भविष्य बचालो।
पेपर लीक शून्य करके दिखाओ।
नेताओं तभी युवाओं के शुभ चिन्तक कहलाओ।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

दिनांक 12 जून 2024,©

रेटिंग 9.5/10

Thursday, June 13, 2024

#H172 परीक्षा (Examination)

#H172

परीक्षा

"कविता में परीक्षा के लिए संघर्ष, परिणाम और भ्रष्टाचार के बारे में बताया गया है। "

रातों की नींद खोई।
सालों तक परिश्रम किया।
ना कहीं मैं घूमने गया ।
हर चीज का त्याग किया।
बहुत इंतजार के बाद आयी, परीक्षा

मात पिता ने भी नींद खोई।
पेट काट दाखिला लिया।
आस संजोयी,
आई परीक्षा, दी परीक्षा।

परिणाम, चौकाने वाला।
परिणाम बहुत असंगत आये।
लाखों की आंखों में आंसू लाये।
आवेदकों में आक्रोश जगाऐ।
अब धरना भी करवाऐ।
कैसे करवाई, ये परीक्षा।

परिणाम हर बार फंस जाते हैं।
युवा अधर में लटक जाते हैं।
एजेन्सियां परीक्षा कराने में
क्यों विफल हुआ करती हैं।
हाय परीक्षा, कैसी परीक्षा

सरकार को शर्मिन्दगी दे जाती हैं।
भ्रष्टाचारी हर स्तर पर,
युवाओं के भविष्य की,
बलि चढ़ा जाते हैं।
कब तक युवा देता रहे परीक्षा।
हाय परीक्षा, कैसी परीक्षा।
न हो रही है युवाओं की रक्षा।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

दिनांक 11 जून 2024,©

रेटिंग 9/10

Monday, June 10, 2024

#H171 मुलाकात (The date)

#H171

मुलाकात

 "कविता में कार्यस्थल से प्रेम की शुरुआत होने से, विवाह करने तक भाव प्रकट किया गया है"


वो काम की बात,
बात की शुरुआत
अब याद आ गयी,
वो सारी बात।

आंखों से आखें चार हो गईं
हुई सिलसिले की शुरुआत
तेरा महकता बदन,
खींचता मेरा मन
अब न रही अपने बस की बात।

तेरी सासों की आवाज
अपने भड़के जज्बात
सिमटते दायरे
वो कैसी थी मुलाकात
याद आ गयी सारी बात
कैसे गुजरी रातें यार के साथ।
रह रहकर याद आ रही
सारी बात। वो पहली मुलाकात।

मेरा वायदा, तेरा कायदा
दुल्हन तू
दूल्हा मैं बन जाऊँगा
मेरा ऐतबार करना
बारात लेकर आऊंगा।
तभी तू, मुझे प्यार करना।
मेरा वायदा, तेरा कायदा
ऐसे बढ़े प्यार के साथ।
चलती रहीं अपनी मुलाकात।

वो दिन आ गया
वायदा हकीकत हो गया।
मुलाकात से विवाह तक आ गया।
वो कैसे हुई मुलाकात।

दूल्हा चला दुल्हनियां लाने
बराती आये दावत उड़ाने,
रंग जमाने, ठुमका लगाने
दुल्हनियां सजी दूल्हा रिझाने
उमड़ रहे मन में जज्बात।

कुछ लोग नहीं पहुंचते,
होते उनके अपने बहाने
कहने को रह जाती है बात।

शादी रहे मुबारक तुम्हारी
ऐसी रब से दुआ हमारी।
फलेफूले घर की क्यारी तुम्हारी
जल्दी गूंजे घर में किलकारी
दूल्हा चला दुल्हनियां लाने
दुल्हनियां सजी दूल्हा रिझाने
नासमझ ढूंढे बस लिखने के बहाने
अब न रही मुलाकात की बात।
याद आ रही सारी बात।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

दिनांक 18 अप्रैल 2024,©

रेटिंग 8/10

#H170 देश की जनता तुझे क्या हो गया। (Very different Voter)

#H170
देश की जनता तुझे क्या हो गया। 
(Very different Voter) 

"कविता में चुनाव में अच्छे प्रत्याशी की हार, और  खालिस्तानी व अलगाववादी के जीत के बारे में बताया गया है। "

एक देश का सच्चा बेटा , 
तमिलनाडु में चुनाव हार गया । 
खालिस्तानी जेल से पंजाब में , 
चुनाव जीत कर, 
जनता के मन भा गया। 
कश्मीर में आतंकी जेल से 
जीतकर संसद आ गया। 
आतंक का एक रुप 
अब लोकसभा पहुँच गया। 
देश की जनता तुझे क्या हो गया। 
खुद की जाति, धर्म, समाज, 
देश से आगे हो गया। 

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 10 जून 2024,©
रेटिंग 8/10

Sunday, June 9, 2024

#H169 चुनावी झांसे (Election Hoaxes)

#H169
चुनावी झांसे (Election Hoaxes) 

"कविता में पार्टियों के द्वारा चुनाव में बताई गई गयी गारंटी के बारे में बताया गया है। "

एक पार्टी, 
नेता बोले गारंटी ले लो
एक लाख, साल में पाओ। 
फार्म में सब जानकारी भरकर
दफ्तर में जमा कराओ। 
चुनाव में हमारा बटन दबाओ
हमारी सरकार बनी तो
खटाखट अपने खाते में 
हर महीने तुम पैसे पाओ। 

कुछ गरीब बेचारी महिलाऐं तो 
यह समझ ही न पायीं
गारंटी के चक्कर में वोट दे आयीं। 
चुनाव के बाद, पार्टी आफिस में
पैसे लेने गयीं तो पता चला
सरकार नहीं आयी हमारी , 
इसलिए पैसा नहीं  मिलेगा। 
बहुत सी बेचारी महिलाऐं। 
अब तक नहीं समझ पायीं

अब बहुत पछताईं। 
ऐसा धोखा चुनाव में पायीं। 
कुछ तो पहले ही पैसे पायीं। 
औरों को और बताईं। 
बस इसी भरोसे में और महिलाऐं भी, 
वोट देकर आयीं। 

दूसरी पार्टी की भी थीं गारंटी। 
विकास करेंगे, सुविधाएं बढ़ाऐंगे
घर बनाकर देंगे, सिलेंडर देंगे
टायलेट बनाऐंगे और 
देश को आगे लेकर जायेंगे। 

"नासझ" सोचते हैं
कब ऐसे वोटर सबक  लेंगे। 
गारंटी - गारंटी में फर्क समझेंगे। 
लालच को छोड़ेंगे। 
मतदान सशक्त देश बनाने के लिए करेंगे। 
आगे से चुनावी झांसे में न आयेंगे। 

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 09 जून 2024,©
रेटिंग 9/10

Wednesday, June 5, 2024

#H168 रिटर्न गिफ्ट (Return Gift)

#H168

रिटर्न गिफ्ट

गिफ्ट कौन किसी को देता है
जब कोई किसी से आस लगाता है
आज नहीं तो कल, या फिर
पिछले कल का कुछ आभार चुकाता है,
पर आगे की आस लगाता है।
इसीलिए गिफ्ट दिया जाता है।

गिफ्ट मिलने पर कौन खुश नहीं होता है
गिफ्ट मिलने पर हर कोई खुश हो जाता है
गिफ्ट छोटा हो या बड़ा, गिफ्ट होता है
मिलने वाले को यदि खुशी देता है  ।
इसका मकसद पूरा हो जाता है।

यह रिटर्न गिफ्ट क्या होता है
हम तुमको बतलाता है
रिटर्न गिफ्ट देने वाले
मिलने वाले गिफ्ट का, आभार जताते हैं
वो भी एक गिफ्ट दे देते हैं
घर तुम खाली हाथ नहीं आते हो।

लोग तो बमुश्किल गिफ्ट दे पाते हैं
बोझ न लगे किसी को
इसलिए रिटर्न गिफ्ट दिऐ जाते हैं।
रिटर्न गिफ्ट देना संपन्न लोग अपनाते हैं।
गिफ्ट से गिफ्ट का बदला, धन्यवाद दिखाता है

एक मैमोरी मेरी होगी,
एक मैमोरी तेरी होगी
यह रिटर्न गिफ्ट करवाता है
दोनों को एक समान बनाता है।

जिसकी जैसी क्षमता, वो उसको अपनाता है
हमको गिफ्ट न लेना, न देना भाता है।
इससे ज्यादा संवाद खुशी पहुँचाता है।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

दिनांक 05 मई 2024,©

रेटिंग 8/10


#H167 राकस्टार ( Rockstar) 🎸⭐️

#H167

राकस्टार

झूमो, गाओ
नाचो और बजाओ
स्टेज पर न घबराओ
लोगों को थिरकाओ।
स्टेज पर आग लगाओ।
राकस्टार बन जाओ।

लोगों के मन से जुड़ जाओ
देखने सुनने वाले
हाथ हिलाऐं, कमर हिलाऐं
पैर हिलाऐं, या सिर हिलाऐं ।
तभी तुम सफल राकस्टार बन पाओ।
दुनिया को कदमों में ले आओ।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

दिनांक 5 मई 2024,©

रेटिंग 7/10

#H166 सदुपयोग (Resources Conservation)

#H166

सदुपयोग
"कविता में एक आम व्यक्ति/ कर्मचारी से पर्यावरण संरक्षण में सहयोग के बारे में बताया है। "

बिजली की बर्बादी रोको।
जरूरत न होने पर इक्पमेन्ट बन्द करो।

खाने की बर्बादी रोको।
कम लेकर शुरुआत करो।
फिर से लेने में न शर्म करो।

पानी की बर्बादी रोको।
लीकेज मिले या ओवरफ्लो तो
इमरजेंसी मान समाधान करो।

कचरे का सही निपटान करो
हजार्डस और
नान - हजार्डस को अलग अलग रखो
आपस में न मिलने पाऐ,
ऐसा तुम ध्यान रखो।

प्रिन्ट लेने पहले
प्रिन्टव्यू कंफर्म करो
अगर जरुरी है तभी
पेपर को प्रिन्ट करो।
वरना डिजिटल डाटा का उपयोग करो।

साल में एक पेड़ लगाओ
उसको मरने से बचाओ
बच्चा मान कर,
उसको बढ़ते देखो
मन ही मन हर्षित हो जाओ।

कारपूलिंग कर काम पर आओ
पेट्रोलियम से सीनजी या
इलेक्ट्रिक पर जाओ
एसी को 28 सेल्सियस पर चलाओ
पर्यावरण और पैसा दोनों को बचाओ।

"नासमझ" यह सब तेरे हाथ में है।
इससे न तुम पीछे जाओ।
संसाधन का सदुपयोग करते जाओ।
पर्यावरण को भविष्य के लिए बचाओ।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

दिनांक 24 मई 2024,©

रेटिंग 8/10

#H165 बेटी ही घर की लाज बचाऐगी (Only the daughter will save the honor of the house)

#H165

बेटी ही घर की लाज बचाऐगी

"बेटी के प्रेम विवाह करने की जिद और परिवार के मनोस्थिति को दर्शाया गया है"

वो ही मेरा महबूब है

हम जियेंगे साथ साथ

मरने को तैयार हैं साथ साथ

ऐसा ही सोचा है मनसूब 

हमने साथ साथ

अच्छा है मेरी मोहब्बत में

कायम है भरोसा एक दूजे पर

जियेंगे साथ साथ, मरेंगे साथ साथ


सोच जरा होने वाली घर की रुसवाई पर

सोच जरा रोने वाली अपनी माई पर

जिसने तुझे जन्मा, दर्द सहा, रातें खोई

ताकि सो सके तू रात में

जरा सोच अपनी अलहड़ अंगड़ाई पर


क्या माँ का प्यार प्यार नहीं है

क्या पिता की डांट में दुलार नहीं है

क्या भाई से तकरार में प्यार नहीं है

क्या परिवार की इज्जत से

तेरा कोई सरोकार नहीं है


अगर तू अपने अंतर्जातीय प्यार से विवाह करेगी

तो कैसे वो खुद को समझाऐंगें

कैसे किसी से मिलने जायेंगे

कैसे किसी से नजर मिलाऐंगै

आंखों में  देखे थे जो सपने

वो चूर चूर हो जायेंगे


कैसे भूलेगी इनके त्याग को

मात पिता के निस्वार्थ प्यार को

सिसकते माँ बाप के जज्बात को

टूटते हुऐ माँ, बाप, भाई के अरमान को

जरा सोच  कैसे चुकाऐगी

बदला इनके जज्बात को

क्या परिवार दुश्मन होता है बच्चों का

कैसे पिछले, अगले प्यार से

निवाह करेगी या पछताऐगी


सदा बेटी घर की लाज होती‌ है

मात पिता के आशीर्वाद से

पिया के घर जाऐगी

वरना बेटी इस घर में भूली जायेगी

इस घर में कलंक कहलायेगी

कैसे अपने बच्चों को 

नाना, नानी, मामा की 

बात बतायेगी

केवल अपने प्यार को ही तू पायेगी

प्यार नहीं ये अंधापन है

आकर्षण का झंझावत है

आखिर में पछतायेगी


अगर आज भूल गयी इस प्यार को

तू जीवन में सब कुछ पाऐगी

मात पिता के चेहरे पर

मुस्कान ले आयेगी

बेटी घर की लाज होती है

बेटी ही घर की लाज बचायेगी

समाज में सबका सर उंचा रखवायेगी


देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

©

रेटिंग 7/10


Tuesday, June 4, 2024

#H164 खंडित जनादेश (Fragmented Mandate)

#H164
खंडित जनादेश (Fragmented Mandate) 

कविता में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत न की परिस्थिति में बनने वाली सरकार की चुनौतियों को बताया गया है। "

जनादेश क्या खूब आया  है। 
क्या छुपा संदेश लाया है। 
तू इसके साथ हो ले , 
या तू उसके साथ हो ले। 
हर हाल में सरकार में, 
रहने का मौका आया है। 
ब्लैकमेलिंग का 
पुराना दौर लौट लाया है। 
देश की गति रोकने का, 
अनूठा अवसर लाया है। 
कमजोर सरकार लाया है
मजबूत विपक्ष आया है
यह अच्छा संदेश लाया है। 
क्या खूब जनादेश आया है। 
खंडित जनादेश लाया है। 
नासमझ को यह समझ आया है। 

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 04 जून 2024,©
रेटिंग 8/10

#H163 विश्वासपात्र ( Trustworthy)

#H163

विश्वासपात्र

"कविता में आपके किसी प्रिय के द्वारा आप पर अविश्वास दिखाने की स्थिति में उपजे जज्बात दिखाऐ गये हैं।"

अगर आप किसी अपने प्रिय का
भरोसा हासिल नहीं कर पाते हो
बड़ी बेइज्जती महसूस कर जाते हो।
मन में बहुत दुखी होते हो।
जबकि आप पूर्णतः ईमानदार हो
पर कुछ नहीं कर पाते हो।
मन में अफसोस जताते हो।

वो दुनिया से सबक लेते हैं
तुम पर संदेह जताते हैं
पैसा बीच में क्या आया
भाई हो, पुत्र हो, बेटी हो, पत्नी हो।
विश्वासपात्र नहीं बना पाते हो।
विश्वासपात्र नहीं बन पाते हो।
एक अजीब कसक दे जाते हो।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

दिनांक 05 मई 2024,©

रेटिंग 7.5/10

Monday, June 3, 2024

#H162 करेला (Bitterguard)

#H162

करेला (Bitterguard)

"कविता में करेले की प्रकृति और खाने के फायदे बताऐ गये हैं। "

करेले जो खाऐ
खाने से पहले घबराऐ
कड़वा न निकल जाऐ
ऐसा डर मन में जरूर बिठाऐ।

करेले का जूस पिऐ
शुगर और रक्तचाप को नीचे लाऐ
आखों की बीमारी में
भरपूर लाभ उठाऐ।
हर कोई करेले का जूस
पीने की हिम्मत न जुटाऐ

करेले की सब्जी
कई तरह से बनाई जाऐ
प्याज के साथ बनाओ
चने की दाल डाल बनाओ
भरमा करेले भी बन जाऐ
कड़वा न रह जाऐ
करेले का बीज न रह जाऐ
तो खाने वाला चटकर जाऐ

अगर करेला चढ़ा हुआ हो नीम पर
फिर कड़वापन और बढ़ जाऐ
ऐसी फितरत इंसान में भी पायी जाऐ
लाभ मिले तो कड़वा भी खाया जाऐ
कड़वा इंसान साथ में इसीलिए रखा जाऐ।
नासमझ भी यही बताऐ।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

दिनांक : 30 मई 2024,©

रेटिंग 8/10


Sunday, June 2, 2024

#H161 ठण्डक (Cold)

#H161

ठण्डक (Cold)


"कविता में अमीरों की ठण्डक  पाने की चाहत, गरीबों की जान की दुश्मन बनने के बारे में बताया गया है।"

गर्मी भी दुश्मन हो गयी
गरीब को धोखा दे गयी
कईयों की अभी जान तक ले गयी।

गरीब ठंड में मर जाते थे।
गर्मी के मौसम में मुस्काते थे।
गर्मी को अपना मौसम बतलाते थे।
हर कारज को गर्मी में करवाते थे।

अमीर, गरीब को गर्मी देते
गर्मी में एसी चलाते
पंखे चलाते, कूलर चलाते
गर्मी में ठण्डक पाते।

फ्रीज का ठण्डा पानी पीते।
सड़कों पर गाड़ी दौड़ाते।
वातावरण में गर्मी बढ़ाते,
धरती की गर्मी रोज और बढ़ाते।
गर्मी में मरने को बस,
बेचारे गरीब ही रह जाते।

न पानी पाते, न पंखा पाते
न छाया पाते
पेड़ों को अमीर कटाते
विकास कराने के बहाने बताते
लू लगने से गरीब मर जाते।

नासमझ बस सबसे गुहार लगाते
गर्मी में सिर ढक कर रखो
पानी की बोतल रखो
टाइट कपड़ों को छोड़ो
हो सके तो गर्मी से
हर में ख्याल रखो।
लोग बस अच्छे लगते मुस्काते।


देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

दिनांक 31 मई 2024,©

रेटिंग 8/10

Saturday, June 1, 2024

#H160 बिजली (Electricity) ⚡

#H160

बिजली

"कविता में अभाव में अपनापन उजागर होने का भाव बताया गया है "

काम से नासमझ घर आया
पर वो चली गई
समय बहुत बीत गया
घर की रोशनी ले गयी
मोबाइल की बैटरी भी चली गई
चंहु ओर अंधेरा ले आयी
तन पे पसीना आ गया
पंखा, एसी, कूलर सब रुकवाई।
बिजली क्या चली गयी
बुजुर्गों और बीमारों को सता गयी
ऐसा लगता है लोगों को जैसे
जीवन को ताला लगा गयी।

घर से बाहर हम जैसे आये
बच्चों संग कुछ समय बिताऐ।
खेल कूद में ध्यान लगाऐ
जल्दी बिजली आने आस लगाए
कुछ पार्क में घूम घूमकर समय काटते पाये
कुछ परिवार संग बैठ खूब बतिआऐ।

बिजली ने जाकर हमको
अपनों से मिलवाया
बच्चों को बिजली न होने पर
आनन्द उठाने का एहसास कराया।
कुछ हमने हाथ का पंखा हिलाया
कुछ हमने उनसे हिलवाया
सबने मिलकर बिजली जाने का लुत्फ़ उठाया
बिजली ने जाकर
हमको अपनो से मिलवाया।

बिजली जब आयी
सब के चेहरे पर खुशी ले आयी।
अपनों संग रहने की  सीख सिखा गई।
देर से जब बिजली आयी।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 20 मई 2024,©
रेटिंग 8.5/10


#H159 जज्बात ( Emotions)

#H159

जज्बात

"कविता में भावनाओं में बहक कर नकली प्रेम जाल में फंस जाने की स्थिति को दर्शाया गया है"

हम न समझे थे
ऐसी होगी बात
महंगी पड़ गयी
एक बार,
साथ बिताने की बात
क्यों हुई तुझ से वो मुलाकात।
नौबत ऐसी आ गयी
होने को है मुक्का लात।

फंसकर रह गया मैं
ऐसे हैं अब हालत
अब लानी होगी
तेरे घर बारात
वरना जाना होगा हवालात।

लुट गये सारे मेरे जज्बात
फंसकर रह गया मैं
क्यों की मैंने वो मुलाकात।
"नासमझ" सोच रहा
क्यों करते हो ऐसी बात।
क्या ऐसे हल्के हैं, तेरे जज्बात।

हनीट्रेप में फंस जाते हैं।
प्यार समझकर लुट जाते हैं।
कौड़ी के भाव  लग जाते हैं
फिर सस्ते में, वो बिक जाते हैं।
विदेश से ही नहीं,
देश के अन्दर में हनीट्रेप में
फंस रह जाते हैं।
लोग बहुत हैं, जो घात लगाते हैं
अपना उल्लू सीधा करवाते हैं।
आकर्षण से दूर रहो
"नासमझ" यह बतलाते हैं।


देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

दिनांक 18 अप्रैल 2024,©

रेटिंग 8/10

#H158 पता लगाओ (Find Factors and contribution of Environment)

#H158

पता लगाओ
"कविता में कम्पनियों से खपत, वेस्ट जेनरेशन, इमीशन का समुचित डाटा एकत्र करने के बाद ही रिडक्शन प्रोग्राम पर जाने का आग्रह है। "

क्या - क्या खपाते हो
जैसे हवा, पानी, बिजली, तेल,
मैटेरियल, गत्ता, पेपर, लकड़ी आदि।
सबका पता लगाओ।

क्या क्या गंवाते हो
जैसे हवा, पानी, बिजली, तेल,
मैटेरियल, गत्ता, पेपर, ग्लोब्स, आदि।
पता लगाओ।

कहाँ कहाँ गंवाते हो
जैसे रिसाव, ओवरफ्लो, वेस्ट, रिजेक्शन, अनयूटीलाइज्ड डिस्पोजल,
कितना गंवाते हो, पता लगाओ,

क्या टारगेट में पाते हो।
एनालिसिस कर ,
बढ़ते, घटते या स्थिर ट्रेंड है
नये मौकों का पता लगाओ।

क्या - क्या रिडयूस कर पाओगे
जैसे खपत, वेस्ट जेनरेशन, वाय प्रोडक्ट.. आदि
पता लगाओ और प्रोग्राम बनाओ।

क्या रिसाइकल कर पाओगे।
जैसे प्लास्टिक, पेपर, गत्ता, पानी, तेल, पावर..
पता लगाओ,
इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम बनाओ

क्या एलीमिनेट कर पाओगे
जैसे लीकेज, पूअर इफीसिएंसी मशीनें,
लाईट, पम्पस, पेट्रोलियम वाहन...
पता लगाओ।
इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम बनाओ

फिर से रियूज कर पाओगे
जैसे लकड़ी, पुर्जे, पैकिंग मैटेरियल....
पता लगाओ और रियूज करवाओ।

क्या रिन्युअल एनर्जी ला पाओगे
जैसे सोलर एनर्जी, विन्ड एनर्जी, ..
पता लगाओ,
इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम बनाओ।

क्या एयर पाल्यूशन कम कर पाओगे।
जैसे स्टेक इमीशन, प्रोसेस स्टेक इमीशन,
एग्झास्ट की हवा, उड़ती धूल, ...
पता लगाओ
फिल्टर करके ही वातावरण में छोड़ो
धूल के लिए टाईल्स लगाओ, घास लगाओ
इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम बनाओ

क्या वाटर पाल्यूशन कम कर पाओगे
जैसे टायलेट वाटर, प्रोसेस वाटर, फर्श सफाई का वाटर...  आदि।
पता लगाओ
ट्रीटमेन्ट संयंत्र लगाओ
ट्रीटमेन्ट कर काम में लाओ
समय समय पर जांच कराओ।

क्या ठोस कचरे को कम कर पाओगे
जैसे आयली काटन, आयली गत्ता, प्लास्टिक, मैटल, ई-वेस्ट, पेन्ट मार्कर, ग्रीस, ड्रमस, आदि
पता लगाओ, कचरे का अन्त में क्या होता है
स्क्रेप डीलर के एग्रीमेंट में डलवाओ
कम करने को
इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम बनाओ।

इन सब प्रोग्रामों को लागू कर वाओ
इफेक्टिवनेश चैक कराओ
पर्यावरण को बचाओ
संसाधन की बर्बादी को बचाओ
पर्यावरण सुरक्षा में अपना हाथ बंटाओ।
छोटा हो या बड़ा,
पर्यावरण में सुधार कराओ।
धरती का जीवन बढ़ाओ।
अच्छा भविष्य देकर जाओ।
भविष्य के लिए सबका पता लगाओ।


देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

दिनांक 24 मई 2024,©

रेटिंग 9/10

#H475 7 मासूम (7 Innocents)

#H475 7 मासूम (7 Innocents) पिपलोदी स्कूल की छत गिर गई, सात मासूमों की जान चली गई। स्कूली प्रार्थना आखरी हो गई। घरों में घनघोर अंधेरा क...