#H180
उम्र (Age)
"कविता में उम्र का चक्कर छोड़, जिंदादिली से जीने के बारे में बताया गया है। "
उम्र बस एक संख्या मात्र है।
जिंदादिली से जो जिऐ तो जिंदा
मुर्दादिली से जो जिऐ तो मुर्दा
छोड़ यह संसार
एक दिन सबको जाना है।
फिर "नासमझ" ने
हाय - हाय कर क्यों जीवन बिताना है।
जिंदा रहकर जियो या मुर्दा बनकर
बस यह तुम्हें अपनाना है।
जीवन को सार्थक बनाना है।
मरने के बाद भी मुझे लोगों से,
जिंदादिल शख्स कहलाना है।
उम्र के संख्या के चक्कर में
अपना समय नहीं गंवाना है।
हर क्षण का लुत्फ उठाना है।
हंसते खेलते जीवन बिताना है।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 20 जून 2024,©
रेटिंग 9/10