#H184
सब ठीक है ( All is well)
"कविता में मोबाइल पर अपने प्रिय को सच बताकर दुखी न करने की भावना को दिखाया गया है। "
क्या हाल हैं, सब ठीक है
आंखों में आंसू है, पर सब ठीक है
शरीर में दर्द है, पर सब ठीक है
बीमारी है, सब ठीक है
टांग टूट गई, सब ठीक है
छत टपक गई, सब ठीक है
बच्चा फैल हो गया, सब ठीक है
नज़र बहुत कम हो गई, सब ठीक है।
धन्धा चौपट हो गया, सब ठीक है
यह कैसा अपनापन है, सच नहीं।
प्यार है, या अंधकार है
यहाँ सब झूठ है, पर सब ठीक है
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 19 जून 2024,©
रेटिंग 9.5/10