Saturday, June 1, 2024

#H160 बिजली (Electricity) ⚡

#H160

बिजली

"कविता में अभाव में अपनापन उजागर होने का भाव बताया गया है "

काम से नासमझ घर आया
पर वो चली गई
समय बहुत बीत गया
घर की रोशनी ले गयी
मोबाइल की बैटरी भी चली गई
चंहु ओर अंधेरा ले आयी
तन पे पसीना आ गया
पंखा, एसी, कूलर सब रुकवाई।
बिजली क्या चली गयी
बुजुर्गों और बीमारों को सता गयी
ऐसा लगता है लोगों को जैसे
जीवन को ताला लगा गयी।

घर से बाहर हम जैसे आये
बच्चों संग कुछ समय बिताऐ।
खेल कूद में ध्यान लगाऐ
जल्दी बिजली आने आस लगाए
कुछ पार्क में घूम घूमकर समय काटते पाये
कुछ परिवार संग बैठ खूब बतिआऐ।

बिजली ने जाकर हमको
अपनों से मिलवाया
बच्चों को बिजली न होने पर
आनन्द उठाने का एहसास कराया।
कुछ हमने हाथ का पंखा हिलाया
कुछ हमने उनसे हिलवाया
सबने मिलकर बिजली जाने का लुत्फ़ उठाया
बिजली ने जाकर
हमको अपनो से मिलवाया।

बिजली जब आयी
सब के चेहरे पर खुशी ले आयी।
अपनों संग रहने की  सीख सिखा गई।
देर से जब बिजली आयी।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 20 मई 2024,©
रेटिंग 8.5/10


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