Friday, June 28, 2024

#H182 सब चमकाते रहे, अच्छा बताते रहे ( Shining and telling good stories)

#H182 

सब चमकाते रहे, अच्छा बताते रहे


कविता में भ्रष्टाचार के कारण सड़क, नालियों की दुर्दशा को दर्शाया गया है। 

सब चमकाते रहे, अच्छा बताते रहे

इक बारिस क्या हुई, नालियाँ भर गई

सब धुल गयी सफेदी, बन गये सड़क गढढे

अब कालिख पर बातें हैं, कर रहे मीडिया वाले

इक दूसरे पर हैं, नेता तोहमत लगाते रहे

सब चमकाते रहे, अच्छा बताते रहे 


मुसकराते रहे, अपना माल बनाते रहे

सरकार को चूना लगाते रहे

ढेकेदारों को नीलामी में, सदा ठेका दिलाते रहे

नालियाँ भर गई हल्की सी वारिश में

अधिकारी, वारिस के मौसम के बाद 

नालियाँ साफ कराते रहे

सड़क पर देर अबेर पैबंद, लगाते रहे


नेता हमें आश्वासन देते रहे

वो वोट हमसे पाते रहे, हम झांसे में आते रहे

हम सभी जल भराव में

अपनी गाड़ी फंसाते  रहे

मच्छर भगाते रहेहम सड़क में ढचके के खाते रहे

बिल्डर ग्राहकों को आंख दिखाते रहे

विभाग वाले, माल खाते रहे

सब चमकाते रहे, अच्छा बताते रहे


वोटर संभल जाओ, ताकत दिखलाओ

भ्रष्ट नेताओं को धूल चटाओ 

सब चमकाते रहे, अच्छा बताते रहे,


देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

दिनांक 05 मार्च 2023,©

रेटिंग 9/10


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