Sunday, December 31, 2023

#H047 नटखट (Naughty)

 #H047

 नटखट (Naughty) 

नटखट है  झटपट दौड़े,  

बोले चटरपटर

है अपनी दादी माँ का लाडला,

पर लड़ता है अक्सर

दोनो खेलें और लड़ें अक्सर,

चिप्स,चाकलेट, फ्रूटी, है प्यारी, 

लेता है बाबा से अक्सर

नहीं मिले तो लड़ता अक्सर

खाता है चाव से बेसन लडडू

नटखट है झटपट दौड़े

टीवी और मोबाइल देखे हरदम

कभी कभी सीढ़ियां चड़े नौ मंजिल, 

दिन में कईवार

पढ़ने से कतराऐ हरवार,

नटखट झटपट दौड़े, कोई काम न करे

अगर मन में ठाने इकवार

नाम है इसका आदि, 

खेले हरदम, साईकिल चलाए

मांगे खिलौना हरवार

नटखट झटपट दौड़े


देवेन्द्र प्रताप, ©

रेटिंग 8.5/10


#H046 तेरी राह देख - देख हम हारे (Waiting for you)

#H046

तेरी राह देख - देख हम हारे (Waiting for you) 

मोहन प्यारे, तेरी राह ताक् ताक् हम हारे। 
कब दर्शन दोगे, नंदलाल, हमारे। 

मईआ यशोदा को, 
नटखट बालक बन, 
पुत्र सुख दे डारे। 
माखन चोरी कर खायो। 
पर इतरा इतराकर चोरी को,
झूठा आरोप बतायो। 
तेरी राह ताक् ताक् हम हारे। 

ग्वाल वाल संग गईयां चराऐं, 
सांध्य काल, गौधूली में घर आऐं। 
राधा संग प्रेम रास रच डारे। 
गोपियों को प्रेम रंग दे डारे। 
तेरी राह देख- देख हम हारे। 

हुए हैं, सुदामा सखा तुम्हारे। 
दो लोकों का मालिक, उनको कर डारे। 
दुष्ट कंश को भी परलोक सिधारे। 
भवसागर पार उतारे। 
तेरी राह देख- देख हम हारे। 

मीरा को दर्शन देकर, 
विष के प्याले को भी अमृत कर डारे। 
भवसागर पार उतारे, 
तेरी राह देख- देख हम हारे। 

हर पति पत्नी तेरो रुप निहारे, 
घर में कान्हा जैसो लाल, 
आने की आस लगा डारे। 
कब दर्शन देगो कान्हा, 
तेरी राह देख देख हम हारे। 

गीता का उपदेश दियो, अर्जुन को
सारी दुनिया का उद्धार कर डारे। 
संसार का कष्ट हरने का,
सबको मार्ग बता डारे। 

मोहन प्यारे, तेरी राह ताक् ताक् हम हारे

देवेन्द्र प्रताप
दिनांक 08 सितम्बर 2023, ©

रेटिंग 9.5/10

Saturday, December 30, 2023

#H045 कालचक्र (Time Cycle)

#H045

कालचक्र (Time Cycle) 

यह साल तो अब बीत जाना है  ।
कुछ सीखें इसने हमको देते जाना है।
आगे इसको तो भुलाया जाना है।
समय के साथ आगे बढ़ते जाना है

अगला साल अब आने वाला है।
बदलावों को लाने वाला है।
बदलाव नियम हैं सृष्टि का ,
इनको जीवन में अपनाना है।
पिछली गलतियां नहीं दोहराना है।
यह तो कालचक्र है।
इसको आगे बढ़ते जाना है।

एक गया और एक आने वाला है।
कहाँ किसी के रोके रुकने वाला है।
कालचक्र है, इसको बढ़ते जाना है।

नववर्ष मुबारक हो आपने।
आगे बढ़ो और बढ़ते ही जाओ।
नये नये आयाम बनाओ।
स्वस्थ रहो, प्रसन्न रहो।
ईश्वर से हमने ऐसी दुआ लगाना है।
हमने तो बस यह कहते जाना है।
कालचक्र है, इसको बढ़ते जाना है।

देवेन्द्र प्रताप
दिनांक 24 दिसम्बर 2023, ©

रेटिंग 9/10


Friday, December 29, 2023

#H044 अतिआवश्यक कौशल (Communication)

#H044 

अतिआवश्यक कौशल (Communication) 

लिखना आता है, पढ़ना आता है।
बोलना भी आता है।
पर अपनी बात रखना नहीं आता है।
थोड़ा सा बोलकर रुक जाता है।
ऐसे में दिल दिमाग बहुत घबराता है।
इस अवस्था को ,
कमजोर संचार कौशल कहा जाता है ।
हर किसी को यह कौशल अतिआवश्यक है।
कविता से कवि यही समझाता है।

कमी जरूर है,
पर लाइलाज बीमारी नहीं।
दूर न कर सको,
ऐसी बात नहीं।

कुछ ऐसे प्रयास करो।
बहस प्रतियोगिता करो,
माहौल बदलो,
बोलने वालों के बीच रहो।
दृढ़ निश्चय करो,
कुछ न कुछ हर रोज करो
सतत् प्रयास करो,

जिससे हासिल होना है।
वही तुम्हें अब करना है।
गलत बोलने से नहीं घबराना है।
हर रोज बेहतर करते जाना है।
गलती नहीं दोहराना है।
इस समस्या को जड़ से दूर भगाना है।
संचार कौशल में विकसित हो जाना है।

देवेन्द्र प्रताप
दिनांक 09 दिसम्बर 2023, ©

रेटिंग 9/10

Thursday, December 28, 2023

#H043 जनता ( Public)

#H043

जनता ( Public) 

गरीब की दरकार,
न पूछ रही सरकार।
होती है, दुष्ट की मनुहार,
लालची की दरकार,
न होती पूरी बारम्बार।

कोई नहीं होता,
जिसका पैरोकार।
जब साथ न आये परिवार,
वो प्यार में कैसे होगें, भागीदार।

जमीन के लिए लड़ते आऐ,
सदियों से आदम बारम्बार।
सड़क, रास्ते को कब्जाए,
सरकारी जमीन भी, इनसे बच पाए।
यह कैसा है, जनता का व्यवहार।

कैसे करे, निर्बल इन पर वार।
जब प्रशासन हो गया, निष्क्रिय,
चुनी गई, जब मौकापरस्ती में सरकार।
यह कैसा है, जनता का व्यवहार।

ऊपर वाला भी है, विचित्र रचनाकार।
भूखे को भोजन को तरसाए।
हर पल बढ़ता जाऐ, अमीर का व्यपार।

मौके पर चौका होता है,
सही समय पर बार।
गरीब लगाऐ, बस इसकी
ईश्वर से अंतिम गुहार।
निर्बल करे पुकार।
जनता देख रही है सब,
यह कैसा है,  कुछ जन का व्यवहार।

देवेन्द्र प्रताप
दिनांक 17 दिसम्बर 2023, ©

रेटिंग 9.5/10








Wednesday, December 27, 2023

#H042 गौरव (Pride)

#H042

गौरव (Pride) 

मैं गौरव गाथा गाता हूं।
पुरखों से नजर मिलाता हूं।
सिर न झुके जिनके
दुश्मन के आगे।
उनके आगे, मैं
अपना सिर झुकाता हूं।
इनके वंशज हैं हम
इस पर इतराता हूँ
जान भले ही चली जाए,
मैं झुकना नही सिखाता हूँ
इसलिए मैं राणा, शिवाजी
और लक्ष्मी की याद दिलाता हूँ
मन ही मन,
जोश से भर जाता हूँ
मैं गौरव गाथा गाता हूं।

देवेन्द्र प्रताप
दिनांक 30 नवम्बर 2023,©

रेटिंग 9.7/10

#H041 नूर (Light)

#H041

नूर (Light) 

 

तुम नूर होरोशन करो जहाँ। 

हो इस घर की आस। 

अभी हो, भोर का प्रकाश। 

है हमें आभास। 

चाहो तो  छू लोगी आसमां। 

चाहो तो झुका लो यह जहाँ। 

करो दिल से प्रयास। 

तुम नूर होरोशन करो जहाँ। 

हम बता न पाएं फिर भी। 

हर वक़्त ख्याल है तुम्हारा यहाँ। 

तुम समझो या ना समझो। 

प्यार तुम्हें करते हैं। 

और ख्याल रखते हैं यहाँ। 

तुम चमक हो, दमक हो, इस घर की, 

हो इस घर की आस। 

अभी हो भोर का प्रकाश। 

तुम नूर होरोशन करो जहाँ। 

वो समय भी आयेगा यहाँ। 

छायेगी  खिली धूप यहाँ। 

तब होगी पूरी आस। 

जब आओगी बनके खास। 

करो सफलता के लिए खूब प्रयास। 

तुम नूर होरोशन करो जहाँ। 

तुम जहाँ रहो खुश रहो। 

हासिल करो हर मंजिल। 

यही है हमारी ख्वाहिश। 

बारात आऐगी तुम्हारी। 

बनोगी दुल्हन यहाँ। 

फिर शाम भी होगी यहाँ। 

जब हम बूढ़े होंगे यहाँ। 

बेटियां सदा होती हैं, दो जहाँ की। 

एक मायका और एक ससुराल। 

तुम नूर होरोशन करो जहाँ। 

और फिर वो रात भी होगी यहाँ। 

जब हम न होंगे यहाँ। 

होंगे हम तुम्हारी यादों में। 

ऐसी हमारी है आस। 

कभी न रोना इस पर। 

जो आया है, वो जाऐगा भगवन के पास। 

यही अटल सत्य हैकरो खूब प्रयास। 

फिर से सुबह होगी यहाँ। 

जब नया जीवन खिलेगा तुम्हारे घर में। 

रोशन होगा, फिर  से हमारा यह जहाँ। 

कभी गुमां न करना सफलता पर, 

समाज को लौटाना, कुछ खास यहाँ। 

गरीब न लौटे इस घर से खाली हाथ। 

पड़ोसी कोई भूखा न सोए। 

समाज को देना है, कुछ खास। 

सफलता के लिए करो खूब प्रयास। 

तुम नूर होरोशन करो जहाँ। 


देवेन्द्र प्रताप, ©

रेटिंग 9.87/10

Monday, December 25, 2023

#H040 कोहरा (Fog)

#H040

कोहरा (Fog)

दाएँ सफेदी आ गयी,
बाएँ सफेदी छा गयी
हर तरफ सफेदी आ गयी
कोहरा है या प्रदूषण,
कैसे लगे अनुमान।
कुदरत से खेल रहा इंसान।

खतरे की घंटी बज गयी।
कोहरा है इतना घमासान।
सड़क पर चलना मुश्किल है,
हाईवे सड़क हो या मैदान।
कोहरा छाया एक समान।

सूरज दिखते - दिखते,
दोपहर हो जाती है।
कैसे काम पर जाए इंसान।
हर कोई हो जाता है,
इस मौसम में परेशान।

बाईक वाला कैसे चलाए।
हेलमेट में शीशे पर,
जब फोग जम जाए।
शीशे को खोले फिर,
सोचो ठंड से कैसे लड़ता है इंसान।

वाहन की लाईटों को चैक करो।
गति को धीमा रखो।
सड़क सुरक्षा का हो पालन।
कोहरा कम- ज्यादा हो सकता है
इस बात का रखो ध्यान।
वरना पहुँच जाओगे शमशान।

कुदरत से खेल रहा इंसान।
कुदरत से लड़ता है इंसान।
हर साल कोहरा लेता है,
टक्कर में हजारों इंसानों की जान।

देवेन्द्र प्रताप
दिनांक 24 दिसम्बर 2023, ©

रेटिंग 8.5/10

Sunday, December 24, 2023

#H039 वापू को संदेश (Message to Mahatma)

 #H039

 वापू को संदेश (Message to Mahatma) 

बहुत तरक्की कर गया अपना  देश

पर लग रहा है भटक गया ये देश

अभी गरीबी मिटी नहीं है

उंच नीच अभी छंटी नहीं है

कई जगहों पर भूखे सो जाते हैं लोग अभी

बहुत से बच्चे बंचित हैं स्कूल से अभी

भ्रष्टाचार पनप  गया है

नहीं मिल रहा कोई मार्ग

गरीब और गरीब हो रहा है

अमीर और अमीर हो रहा है

बेरोजगार बढ़ रहे हैं

बताया जा रहा है

सब ठीक हो रहा है

अभी तुम्हारे सोच वाला देश बना नहीं है

हर कोई सोच रहा है

शायद कोई बापू आए

आन्दोलन लाए

देश बचाए

सीने पर गोली खाए

फिर मूर्तियां लगवाएंगे,

नोट पर छपवाऐंगे

अपना काम बनाऐंगे

तुझको अपना बतलाऐंगे

अपना घर भर लेंगे

भूल जाऐंगे तेरे उपदेश

सत्य, अहिंसा और ईश्वर एक

वापू तुम अभी न आना,

यह है मेरा संदेश

अभी तुम्हारे सोच वाला देश बना नहीं है

देवेन्द्र प्रताप

©

रेटिंग 9/10

Monday, December 18, 2023

#H038 व्यवहार (Behaviour)

#H038

व्यवहार (Behaviour)

खाओ, पियो, उछलो - कूदो,
लड़ो, बच्चे पैदा करो,
और मर जाओ।
पशुओं का है, यह व्यवहार।

मानव पहले था, अज्ञानी।
अब ज्ञानी होने पर भी,
पशुओं जैसी हरकतों को चाहे।
परदे पर हिंसा, अश्लीलता को,
केवल देखन की दरकार।
पशु बनने  को तैयार।
यह कैसा हो गया, तेरा व्यवहार।

" एनिमल" चलचित्र में,
हिंसा, अश्लीलता, महिलाओं पर अत्याचार ।
"एनिमल" में जनता  आयी है भरमार।

सूना पढ़ा रहा "सेमबहादुर" का चलचित्र,
जिन्होंने किया जंग में, सीमा पर अद्वितीय वार।

सफल हुई थी वैक्सीन हमारी,
वैज्ञानिकों का इसमें संघर्ष दिखाया,
पर खाली रही "वैक्सीनवार"।

खाओ, पियो, खेलो - कूदो, हंसो,
रक्षा करो, वंश बढ़ाओ।
शिक्षित होकर,
दुनिया को जानो।
करो नये आविष्कार।
समाज को बेहतर और बनाओ।
महिलाओं को दो आदर - सत्कार।
और मरने से पहले,
कुछ यादगार कर जाओ।
हम तो हैं, इंसान रहने के पैरोकार।

देवेन्द्र प्रताप
दिनांक 17 दिसम्बर 2023,©

रेटिंग 8.5/10

Tuesday, December 12, 2023

#H037 प्रसूति विभाग (Gynology)

#H037

प्रसूति विभाग (Gynology) 

वंश बेल बढ़ाने वाले जाते, 
घर में किलकारी को, 
लाने वाले जाते, 
माँ -पिता बनने की, 
आस लगाने वाले जाते। 

परिवार नियोजन करने वाले जाते, 
बच्चों में अन्तर रखने का, 
सही तरीका, पता लगाने वाले जाते। 
गर्भ धारण करने की, 
जांच कराने जाते। 
महिला के स्वास्थ्य की जांच कराने जाते। 
जच्चा को वैक्सीन लगवाने जाते। 
भ्रूण की हालत को, जानने वाले जाते। 
इसका स्वास्थ्य जानने वाले जाते। 
जच्चा की जांच कराने वाले जाते। 
बच्चा स्वस्थ रहे, 
इसकी चाह, रखने वाले जाते। 
घर में कान्हा की आस, लगाने वाले जाते। 
घर आये लक्ष्मी, 
ऐसी चाहत, रखने वाले भी जाते। 
बच्चे का जन्म कराने जाते। 

बच्चे को माँ का दूध न आने पर, 
इलाज कराने जाते। 
स्त्री रोंगों का इलाज कराने जाते। 
बच्चों को न पाने वाले जाते, 
अन्य तरीकों की सलाह लेने जाते। 
अनचाहा गर्भ गिरवाने जाते, 
बीमारी ग्रसित गर्भ हटवाने जाते। 
बढ़े वजन को घटाने की‌, 
सलाह लेने भी जाते। 
वजन घटा छरहरी काया पाते। 

कभी नार्मल, कभी सीजेरियन से, 
बच्चे पैदा हो पाते। 
सीजेरियन से स्त्री और पुरुष, 
बहुत घबराते। 
प्रसूति डाक्टर, जब बच्चे के बारे में बतलाते
स्त्री और पुरुष के चेहरे पर, 
एक बड़ी खुशी का अहसास कराते। 
कभी - कभी मायूसी भी लाते। 
जब जच्चा बच्चा में से, 
कोई नहीं बचा पाते। 
कभी - कभी परिवार ऐसे में, 
अपना आपा खो जाते। 
डाक्टर से ही लड़ जाते। 
डाक्टर के आगे भी होता है, ईश्वर। 
उसके आगे, सभी नतमस्तक हो जाते। 
पर लोग समझने में देर लगाते, 
इसीलिए डाक्टर से भी लड़ जाते। 

बच्चे के लिंग की जांच कराने जाते, 
ऐसे लोग इंसानियत को,  
बदनाम कर जाते। 
काम यह है गैरकानूनी, 
पर करने यह बाज न आते। 
लड़का हो लड़की, 
दोनों ही मात पिता का मान बढ़ाते। 
वंश बेल आगे ले जाते। 
यह सब काम प्रसूति विभाग में आते। 

देवेन्द्र प्रताप
दिनांक 23 अक्टूबर 2023,©

रेटिंग 8/10

Monday, December 11, 2023

#H036 पनौती ( Unlucky)

#H036
पनौती ( Unlucky) 

तेरा सब ठीक चल रहा हो ।
सफलता मिलती दिख रही हो  ।

कोई बीच में आ गया हो,
टोका- टाकी कर गया हो,
तुझे पे नजर लगा गया हो,
तुम पर मुस्कुरा गया हो,
तेरा बनता काम बिगड़ गया हो।

कोई बात नहीं है अगर,
ऐसा इक बार हुआ हो।
इत्तेफाक से हो गया होगा  ।
फिर से काम जमाना होगा  ।
किसी पर संदेह नहीं जताना होगा  ।

अगर फिर से ऐसा गया हो,
बार बार ऐसा ही हो जाता हो।
तो बीच  में टपकने  वाला,
हर बिगड़े  काम पर मौजूद रहने वाला,
अपना असर दिखा गया हो  ।
ऐसे में संदेह जताना होगा  ।

हम पर मुस्कुराने वाले को,
हमारा हितेषी बनने वाले को,
हर बार काम खराब करने वाले,
साक्षी का पता लगाना होगा ।

ऐसा व्यक्ति किसी को नहीं भाऐगा  ।
यह अफसोस भी नहीं जताऐगा  ।
काम खराब होने पर चुपचाप नहीं जायेगा  ।
ऐसे में भी अपना मौका,
ढूँढता ही पाया जायेगा  ।
तो हर किसी से फिर यह,
पनौती ही  कहलाऐगा  ।
अगली बार कार्यक्रम में
इसको को नहीं बुलाया जायेगा ।

देवेन्द्र प्रताप
दिनांक 22 नवम्बर 2023,©

रेटिंग 8.5/10

Sunday, December 10, 2023

#H035 कुर्सी (🪑Chair)

#H035

कुर्सी (Chair)

कुर्सी है किस काम आती,
बैठकर लिखने के काम है, आती।
पढ़ने का मौका भी लाती।
क्या कुर्सी, केवल इतना काम कराती?

कुर्सी लकड़ी से बन जाती।
स्टील, प्लास्टिक में भी आती।
रोलिंग कुर्सी, लोगों के मन भाती।
रिक्लाइनर वाली कुर्सी, बढ़ा रिझाती।
कुर्सी, ऊपर नीचे भी  है होती।
पहियों वाली भी कुर्सी आती।
हत्थे वाली भी होती है,कुर्सी।
कुर्सी हेडरेस्ट और पायदान के,
साथ भी आती।
बिन हत्थे के भी मिल जाती।
ज्यादा देर बैठने पर,
यह हमें थकाती।

ढंग से बैठो इस पर,
वरना, कुर्सी है गिर जाती।
चोट लगाती, टूट भी जाती।

खाली कुर्सी ,
हम सबको देख, बहुत इतराती।
कुर्सी किस्मत से है मिलती ।
तुमको अफसर भी कहलाती।
तैयारी करते करते,
हमसे जूते बहुत घिसाती।

नेताओं की कुर्सी,
नेताओं को आपस में लड़वाती।
जो बैठ गया इस‌ कुर्सी पर,
उसमें बड़ा मोह जगाती।

यह कुर्सी इंसान से,
क्या - क्या नहीं करवाती।
मान बढ़ाती, मान गिराती।
कुर्सी यों ही,
कुर्सी न कहलाती।

देवेन्द्र प्रताप
दिनांक 28 नवम्बर 2023,©

रेटिंग 9/10




Saturday, December 9, 2023

#H034 चुनौती (Challenge )

#H034

चुनौती (Challenge )

एक समय था।
जब न रहने को मकान था ।
न ज्ञान का अभिमान था।
शिकार कर खाना था।
बलपूर्वक कब्जा पाना था।
बल से ही,
किसी को भी अपना बनाना था।
जो हार गया, उसको तो मर जाना था।
ऐसा आदम जमाना था।
कुछ पास न था।
सब कुछ हासिल करना ही,
बढ़ी चुनौती थी।
पर हवा बहुत साफ थी।
हरियाली चारों थी।
जानवरों से खतरा था।
लालच न था।
बस पेट की भूख थी।

समय बदला।
आग पैदा हो गयी,
पहिया भी मिल गया,
घर में रहना सीख गया।
खेती करने लगा।
अनाज उगाने लगा।
पशुओं को पालने लगा।
परिवार बढ़ने लगा।
पर जंगल घटने लगा।

संसाधन कम पड़ने लगे।
संसाधनों के अब लिए लड़ने लगा।
नयी - नयी चुनौतियां गढ़ने लगा।
चुनौतियों को हल करने लगा।
चुनौतियों को बढ़ी करने लगा।
शान के लिए मरने लगा।
लालच के षड्यंत्र करने लगा।

चन्द्रगुप्त ने सामना किया।
सिकन्दर की बढ़ी सैना से,
रण में हराया, सिकन्दर को भगाया
चुनौती लेकर बढ़ी सेना से।

राणा प्रताप लड़ते रहे।
आन वान पर मिटते रहे।
बढ़ - चढ़ चुनौती देते रहे।
अकबर के दांत खट्टे करते रहे।
बढ़ी सेना से लड़ने की चुनौती लेते रहे।
आज भी हमारे दिल में जिन्दा रहे।
सदियों से नयी पीढ़ी में
चुनौती लेने का जज्बा जगाते रहे

लोग विकसित होते गए।
प्रदूषण करते गए।
प्रदूषण कम करने की चुनौती लेते गये।
सुधार किया है, ऐसा कहते गए।
फिर से बढ़े प्रदूषण पर ,
नया बहाना देते गए।
अच्छे आंकड़े बताते गए।
दिन पर दिन धरती का गला दबाते गए।
कुछ करने की चुनौती लेते रहे।

आज भी वैसी ही चुनौतियां,
बहुत हैं, इस संसार में।
बदली हैं, बस चुनौतियां।
लालच बहुत बढ़ गया।
पत्थर से राकेट हाथ आ गया।
सब कुछ बिगड़ गया।
आदमी खुद को धोका देता गया।
धरती पर क्या से क्या कर दिया।

श्वांस के लिए स्वच्छ हवा,
पीने के लिए साफ पानी,
बिगड़ते हुए पानी के स्रोत।
बढ़ती हुई आबादी।
खाने के लिए अनाज की कमी।
धरती पर बढ़ता हुआ कचरा।
ऐसी गम्भीर चुनौती खड़ी करता गया।
मुझे तो लगता है,
आदमी खुद के ही जाल में फंस गया।

देवेन्द्र प्रताप
दिनांक 23 नवम्बर 2023,©

रेटिंग 9.5/10


Friday, December 8, 2023

#H033 मजलूम (Oppressed)

#H033
मजलूम (Oppressed) 

मर रहे हैं लोग वहाँ, 
वेघर हो रहे हैं इंसान वहाँ, 
घर बनाने में वर्षों लग जाते हैं। 
एक पल में सब मिट्टी हो रहा है वहाँ। 
इंसानियत वहाँ मर चुकी है। 
हर तरफ तबाही का मंजर है वहाँ, 
आदमी के अन्दर का शैतान, 
बाहर आ गया है वहाँ। 

मीडिया में एक तरफा तबाही
दिखाई जा रही है यहाँ - वहाँ। 
इंसानियत मर चुकी है वहाँ। 
कभी भगाए गये थे यहाँ से

उस दौर में भी बहुत बुरे हालात थे वहाँ, 

आज ये ठेकेदार बन चुके हैं वहाँ, 

बहुत बुरा हुआ जो हुआ है वहाँ। 

जो हो रहा है, वह भी बुरा है वहाँ। 


तीन धर्मों का पवित्र स्थान है वहाँ , 
तोप, बम, गोलों का मैदान, 
शहर बन गया है वहाँ, 
घर, स्कूल, अस्पताल जमींदोज हो रहे वहाँ, 
बूढ़े,  बच्चे, औरतें,
सब मर रहे हैं वहाँ। 

सड़क आशियाना बन गयीं हैं वहाँ। 
केवल आकाश की छत रह गयी है वहाँ। 
न पानी मयस्सर है वहाँ। 
न खाना मिल रहा है वहाँ। 
न इलाज मिल पा रहा है वहाँ। 
भविष्य तो सपने में भी नहीं है वहाँ। 

आम आदमी मजलूम हो गया है वहाँ। 

लोग सरहदें तोड़ने में लगे हैं वहाँ। 
सब ईश्वर खोदने में लगे हैं वहाँ। 
ये मंजर देखकर, 
दोनों का ईश्वर भी रो रहा होगा वहाँ। 
सच में इंसानियत मर चुकी है वहाँ। 

तेल हावी हो गया है वहाँ। 
हथियारों का व्यापार चलता रहे दुनिया में, 
इसलिए डर दिखाया जा रहा है, यहाँ - वहाँ। 
व्यापार सर्वोपरि हो गया है इस जहाँ में। 

दिनांक 18 अक्टूबर 2023,©

रेटिंग 9/10

Thursday, December 7, 2023

#H032 जंगल (🌲🌲🌲 Jungle)

#H032

जंगल (Jungle)

आओ जंगल की सैर कराएं
जंगल में क्या क्या पाया जाता
मिलकर सब पता लगाएं

जंगल में तरह तरह के पेड़  हैं होते
कुछ बहुत बड़े और कुछ होते छोटे
कुछ बड़े चौड़े और कुछ पतले हैं  होते
कई कड़क और कई बड़े लचीले होते

कुछ जंगल तो हर मौसम में
गीले रहते
यहाँ बहुत घनी हरियाली होती
इसका कारण रोज की बारिश होती
यह बर्षा वन कहलाते

कुछ जंगल ऐसे भी होते
जो साल भर सूखा रहते
बड़ी मुश्किल से जीव यहाँ पर
अपना पेट भर पाते
ऐसे जंगल अफ्रीका में बहुत पाए जाते

जंगल में जड़ी- बूटी के पौधे भी हैं पाते
जो औषधि बनाने के काम हैं आते

जंगल में वन्यजीव हैं पाए जाते
वनस्पति पर जीने वाले आते
मांस खाने वाले भी आते
थल पर रहने वाले भी मिलते
जल में रहने वाले भी मिलते
जल थल पर भी रहने वाले मिलते

कीट पतंगें भी हैं पाये जाते
जहरीले जीव जन्तु भी मिलते
इनके डसने जीव और इंसान मर जाते

तरह तरह के फूल हैं मिलते
दिखने से इंसान के दिल हरसाते
यह सभी जंगल में पाए जाते

मानव ने जंगल को काटा
वन्य जीव इससे घबराते
इधर उधर वो दौड़ लगाते
इस सब में जीव और इंसान भी मर जाते

जंगल घटने से
बारिश का चक्र भी बदलते
इससे बारिश कम है होती
पर कम समय बहुत अधिक है होती
जिससेे हम बाढ़ अपने पास बुलाते
जिससे हर साल बहुत इंसान मर जाते

जंगल में अगर आग लगे तब
बहुत सारे जानवर मर जाते
बड़ी मुश्किल से
जंगल की आग बुझाते
कई जंगल है इस दुनिया में
जो वर्षों से जलते आते
यह आग भी प्रदूषण का
एक कारण बन जाती

देवेन्द्र प्रताप
दिनांक 15 नवम्बर 2023,©

रेटिंग 9.5/10









Tuesday, December 5, 2023

#H031 शून्यता (Zero 0️⃣)

#H031
शून्यता (Zero)

फलसफा पुराना है, क्या मैंने, क्या तूने,
इस जहाँ से लेकर जाना है।

जब जीवन में, शून्यता ही आना है।
फिर क्यों घुट घुटकर, पैसा कमाना है।
पैसे के लिए, दिन रात लगाना है।
सेहत जल्दी गंवाना है। फिर पछताना है।
अपनों के प्यार को,
अभी तक, तूने नहीं जाना है।
पर अभी तक इस फलसफे को,
हमने नहीं पहचाना है।
फलसफा पुराना है, क्या मैंने, क्या तूने
इस जहाँ से लेकर जाना है  ।

शून्यता को,
जीवन में क्यों जल्दी लाना है।
हंसते खेलते जीवन  बिताना है।
प्यार बांटों, औरों का दर्द बांटों,
करो सैर सपाटे, जीवन सफर भर है
एक दिन सबने, इस जहाँ से जाना है।
बस हंस खेलकर,
शून्य के आगे, एक लगाना है, 
जीवन रस को, दस गुना बढ़ाना है।
तब ही सफल है, तेरा इस जहाँ में आना।
मुझे शून्य के साथ,
इस जहाँ से नहीं जाना है।

फलसफा पुराना है, क्या मैंने, क्या तूने,
इस जहाँ से लेकर जाना है।

देवेन्द्र प्रताप
दिनांक 05 दिसम्बर 2023,©

रेटिंग 9.5/10







#H030 पैसा ही दुनिया चला रहा है (Money runs World)

#H030

पैसा ही दुनिया चला रहा है (Money runs World) 

भरे बाजार अमीर  लूट रहा है। 
सोशल मीडिया पर गुलाम बना रहा है। 
लोगों को अशलीलता दिखा रहा है। 
अरबों  कमाने के लिए, 
किसी भी हद तक गिर रहा है। 

ब्रांडेड सामान की नकल कर, 
कुछ कीमत कम करके, 
अपने नेटवर्क पर बेच रहा है। 
खूब पैसा बना रहा है। 

सरेआम गरीब  लुट रहा है, 
जमाने में मजलूम पिट रहा है। 
पैसे वाला, लोगों को पीट रहा है
लोगों को बेघर कर रहा है। 
दुनिया सिर्फ तमाशाई बनी है। 
जिसकी लाठी में है दम, 
वो दुनिया  में तन रहा है। 
सीना जोरी कर रहा है। 
कमजोर को पीट रहा है। 

धन वाले में है, सब गुण हैं। 
धन से सब संभव है, 
धन वाले के सब साथ हैं, 
गरीब तो केवल अनाथ है। 
ईश्वर ही केवल उसके साथ है। 
गरीब है तो सब अवगुण है। 
बिना धन  के गरीब निर्बल है। 

गरीब बेमौत  मर रहा है। 
एक देश जल रहा है,
एक देश जला रहा है
इंसानियत पहले ही खाक हो चुकी है। 
अब तो शहर कबरिस्तान बन रहा है। 

समाज हमें याद दिला रहा है, 
लाठी में दम है तो भैंस है तेरी, 
वरना हर कदम पर शर्त है मेरी। 
वो अपनी चला रहा है,
वो दुनिया जला रहा है
क्योंकि दुनिया, पैसा चला रहा है

देवेन्द्र प्रताप
दिनांक 30 अक्टूबर 2023,©

रेटिंग 9/10

Monday, December 4, 2023

#H029 एआई ( Artificial Intelligence 🤖)

#H029

एआई ( Artificial Intelligence 🤖) 

आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस  ही,
एआई कहलाता है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता नाम से,
हिन्दी में जाना जाता है।

एआई का जमाना है।
सामने वाले को फंसाना है।
कम करके, ज्यादा दिखाना है।
कुछ न करके, पैसा कमाना है।
केवल ऐसा ही दिमाग में नहीं बिठाना है

एआई एक मशीन है
धीरे - धीरे,
इसमें खुद व खुद
सुधार होते जाना है।
तीव्र और सटीक, विश्लेषण आना है
व्यवसाय में लम्बी छलांग लगाना है
धर्म, जाति, रंग - भेद
मेरा पराया, इसने नहीं अपनाना है
निर्धारित योजना को अपनाना है
हर क्षेत्र में इसने गति बढ़ाना है।
एआई का जमाना है

हमें सीखने  में पीछे नहीं रहना है।
वरना बाद में पछताना है।
जमाने के साथ ताल मिलाना है।
समय रहते एआई अपनाना है।

यदि कार्य की गति बढ़ाना है,
तो समय रहते एआई अपनाना है।
ताकि समय बचाओ,
प्रश्नों के जबाब ढूँढों,
वर्क सीट बनाओ,
प्रजेंटेशन तैयार कराओ,
डिजाइन बनाओ,
फोटो को अच्छा कर पाओ
वीडियो को रोचक बनाओ
पत्र लिखो या किताब बनाओ,
संगीत तैयार करो,
सब कुछ बहुत जल्दी कर जाओ,
फिर और आगे जाने पर दिमाग लगाओ।
भविष्य में अपनी जगह बनाओ।

एआई इस्तेमाल में सावधानी रखना है।
दुरुपयोग नहीं करना है।
वैश्विक स्तर पर कई खतरे हैं ।
आवाज कृत्रिम हो सकती है,
आवाज पर भरोसा नहीं  करना है।
वीडियो भी  डीप फेक हो सकता है,
एक झटके में सच नहीं समझना है,
स्रोत का पता लगाना है।
संदेह होने पर साइबर क्राइम विभाग में
जल्दी सूचित करना है।
ऐसे और भी कई खतरे हैं।
इनको समझना है,
और समझ बढ़ाते रहना है।
इनसे खुद को बचाना है।
सरकार को भी जल्दी ही इसको,
कानूनी दायरे में लाना है।
एआई से नहीं घबराना है।
एआई का जमाना है।
समय रहते अपनाना है।

देवेन्द्र प्रताप
दिनांक 24 नवम्बर 2023,©

रेटिंग 9/10

Sunday, December 3, 2023

#H028 चुनाव (🗳️ Election)

#H028
चुनाव (Election)

कीचड़ में खिलता है।
हवा में बहुत हिलता है।
फूल ऐसा, जो बहुत महकता है।
ईवीएम से भी खिलता है।

यह वक्त ही बताऐगा।
फूल की खुशबू महकेगी।
या हम सबके हाथ,
प्यार की दुकान ही आयेगी।

अगर सत्ता, सत्तासीन के हाथ रही,
तो जनता इतिहास नहीं दोहराऐगी।
देखेंगे, मौजूदा सरकार,
प्यार की दुकान,
कितनी देर और चलाएगी।

या जनता को,
कोई और पार्टी ही मन भाऐगी।
इतिहास नया बनायेगी।

देखेंगे जनता किसको,
चुनकर,   विधानसभा पहुँचाऐगी।
किसकी सरकार बनाऐगी।
हमें पता है जनता,
अद्भुत चुनाव कराऐगी।

देवेन्द्र प्रताप
दिनांक 25 नवम्बर 2023,©

रेटिंग 8.5/10


Saturday, December 2, 2023

#H027 साईकिल की सवारी (Bicycle Ride)

#H027

साइकिल की सवारी (Bicycle Ride) 

एक समय पर
हम सबकी साइकिल है होती
दो पहिये इसमें आते
इस पर घंटी भी लगाते
सावधान करने लिए,
हम घंटी बजाते,
साइकिल खूब दौड़ाते

दो पैडल होते,
जिनमें रिफलेक्टर भी होते
जो सारी मेहनत करवाते
तरह तरह के हैंडल होते
जो साइकिल का संतुलन बनाते

ब्रेक दोनों पहियों में होते
रोकने के लिए, हम इन्हें दबाते
टायर और टयूब पहियों पर होते
सदा वाल्व पहियों में हवा को रोके
बिना वाल्व के हवा न रुकती
हवा बिना साइकिल न चला पाते
बार बार फिर हवा भराते

चैन बिना क्या चल पाते
चैन टूटने पर खींचते रह जाते

बैठने के लिए
गद्दीदार सीट लगाते
अंधेरे में चलने के  लिए
लाइट भी लगवाते
सामान रखने के लिए बास्केट लगाते
साथी को बिठाने के लिए
कैरियर भी लगवाते
चोरी न हो जाए
इसलिए लाक भी लगवाते

जो भी साइकिल चलाते
डाक्टर से कम ही मिलने जाते
खुद का  वजन घटाते
शरीर को फुर्तीला रख पाते
स्वच्छ हवा वो पाते
अपनी श्वांस मजबूत बनाते
बच्चे, बूढ़े , जवान, सभी चलाते

हैलमेट लगाते, नीपेड भी पहनते
गिरते - पड़ते ही साइकिल सिख पाते
दो चार बार गिरते, चोट भी खा जाते
रखो ध्यान तुम बच्चों
टक्कर में बच्चे चोटिल भी हो जाते
सावधान होकर, 
सड़क पर साइकिल चलाते

देवेन्द्र प्रताप
दिनांक 31 अक्टूबर 2023,©

रेटिंग 9/10

Friday, December 1, 2023

#H026 हमारी घड़ी (Our Watch)

#H026

हमारी घड़ी (Our Watch) 

आओ बच्चों कुछ बात करें
क्या होती है घड़ी
इस पर विचार रखें

समय को जो दिखलाए
समय को जो बतलाए
छोटा कांटा, घंटे बताए,
बडा़ कांटा, मिनट बताए
सेकिंड का कांटा, 
जल्दी जल्दी भगता जाए
घंटे, मिनट, और सेकिंड का
सबंध हमें कोई बतलाए ?
एक घंटे में 60 मिनट ही आए
एक मिनट में 60 सेकिंड ही पाए
घड़ी अलार्म बजाए,
हर घंटे पर टिक - टिक की आवाज लगाए
कुछ घड़ियाँ तो
दिन, महीना और साल भी दिखाए
सुस्तराम अलार्म बन्द कर
फिर से सो जाए

स्मार्ट वाॅच के बारे में
कौन हमें बतलाए ?
स्मार्ट वाॅच मोबाइल से जुड़ जाए
फोन से काल बतलाए
मैसेज दिखलाए
शारीरिक कंडीशन भी बतलाए
आपात अवस्था में
एसओएस काल भी लगाए
बिना बैटरी के बन्द पड़ जाए

घड़ी महंगी हो या सस्ती
समय जरूर बतलाए
महंगी हो तो इंसा की औकात बताए
सस्ती हो तो समय की कीमत बतलाए
बिना थके ये चलती जाए
जीवन में रुकना नहीं है, थकना नहीं है
यह हमें बतलाए

देवेन्द्र प्रताप
दिनांक 27 अक्टूबर 2023,©

रेटिंग 9/10

#H475 7 मासूम (7 Innocents)

#H475 7 मासूम (7 Innocents) पिपलोदी स्कूल की छत गिर गई, सात मासूमों की जान चली गई। स्कूली प्रार्थना आखरी हो गई। घरों में घनघोर अंधेरा क...