#H035
कुर्सी (Chair)
कुर्सी है किस काम आती,
बैठकर लिखने के काम है, आती।
पढ़ने का मौका भी लाती।
क्या कुर्सी, केवल इतना काम कराती?
कुर्सी लकड़ी से बन जाती।
स्टील, प्लास्टिक में भी आती।
रोलिंग कुर्सी, लोगों के मन भाती।
रिक्लाइनर वाली कुर्सी, बढ़ा रिझाती।
कुर्सी, ऊपर नीचे भी है होती।
पहियों वाली भी कुर्सी आती।
हत्थे वाली भी होती है,कुर्सी।
कुर्सी हेडरेस्ट और पायदान के,
साथ भी आती।
बिन हत्थे के भी मिल जाती।
ज्यादा देर बैठने पर,
यह हमें थकाती।
ढंग से बैठो इस पर,
वरना, कुर्सी है गिर जाती।
चोट लगाती, टूट भी जाती।
खाली कुर्सी ,
हम सबको देख, बहुत इतराती।
कुर्सी किस्मत से है मिलती ।
तुमको अफसर भी कहलाती।
तैयारी करते करते,
हमसे जूते बहुत घिसाती।
नेताओं की कुर्सी,
नेताओं को आपस में लड़वाती।
जो बैठ गया इस कुर्सी पर,
उसमें बड़ा मोह जगाती।
यह कुर्सी इंसान से,
क्या - क्या नहीं करवाती।
मान बढ़ाती, मान गिराती।
कुर्सी यों ही,
कुर्सी न कहलाती।
देवेन्द्र प्रताप
दिनांक 28 नवम्बर 2023,©
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