Wednesday, December 27, 2023

#H041 नूर (Light)

#H041

नूर (Light) 

 

तुम नूर होरोशन करो जहाँ। 

हो इस घर की आस। 

अभी हो, भोर का प्रकाश। 

है हमें आभास। 

चाहो तो  छू लोगी आसमां। 

चाहो तो झुका लो यह जहाँ। 

करो दिल से प्रयास। 

तुम नूर होरोशन करो जहाँ। 

हम बता न पाएं फिर भी। 

हर वक़्त ख्याल है तुम्हारा यहाँ। 

तुम समझो या ना समझो। 

प्यार तुम्हें करते हैं। 

और ख्याल रखते हैं यहाँ। 

तुम चमक हो, दमक हो, इस घर की, 

हो इस घर की आस। 

अभी हो भोर का प्रकाश। 

तुम नूर होरोशन करो जहाँ। 

वो समय भी आयेगा यहाँ। 

छायेगी  खिली धूप यहाँ। 

तब होगी पूरी आस। 

जब आओगी बनके खास। 

करो सफलता के लिए खूब प्रयास। 

तुम नूर होरोशन करो जहाँ। 

तुम जहाँ रहो खुश रहो। 

हासिल करो हर मंजिल। 

यही है हमारी ख्वाहिश। 

बारात आऐगी तुम्हारी। 

बनोगी दुल्हन यहाँ। 

फिर शाम भी होगी यहाँ। 

जब हम बूढ़े होंगे यहाँ। 

बेटियां सदा होती हैं, दो जहाँ की। 

एक मायका और एक ससुराल। 

तुम नूर होरोशन करो जहाँ। 

और फिर वो रात भी होगी यहाँ। 

जब हम न होंगे यहाँ। 

होंगे हम तुम्हारी यादों में। 

ऐसी हमारी है आस। 

कभी न रोना इस पर। 

जो आया है, वो जाऐगा भगवन के पास। 

यही अटल सत्य हैकरो खूब प्रयास। 

फिर से सुबह होगी यहाँ। 

जब नया जीवन खिलेगा तुम्हारे घर में। 

रोशन होगा, फिर  से हमारा यह जहाँ। 

कभी गुमां न करना सफलता पर, 

समाज को लौटाना, कुछ खास यहाँ। 

गरीब न लौटे इस घर से खाली हाथ। 

पड़ोसी कोई भूखा न सोए। 

समाज को देना है, कुछ खास। 

सफलता के लिए करो खूब प्रयास। 

तुम नूर होरोशन करो जहाँ। 


देवेन्द्र प्रताप, ©

रेटिंग 9.87/10

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