#H042
गौरव (Pride)
मैं गौरव गाथा गाता हूं।
पुरखों से नजर मिलाता हूं।
सिर न झुके जिनके
दुश्मन के आगे।
उनके आगे, मैं
अपना सिर झुकाता हूं।
इनके वंशज हैं हम
इस पर इतराता हूँ
जान भले ही चली जाए,
मैं झुकना नही सिखाता हूँ
इसलिए मैं राणा, शिवाजी
और लक्ष्मी की याद दिलाता हूँ
मन ही मन,
जोश से भर जाता हूँ
मैं गौरव गाथा गाता हूं।
देवेन्द्र प्रताप
दिनांक 30 नवम्बर 2023,©
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