#H030
पैसा ही दुनिया चला रहा है (Money runs World)
भरे बाजार अमीर लूट रहा है।
सोशल मीडिया पर गुलाम बना रहा है।
लोगों को अशलीलता दिखा रहा है।
अरबों कमाने के लिए,
किसी भी हद तक गिर रहा है।
ब्रांडेड सामान की नकल कर,
कुछ कीमत कम करके,
अपने नेटवर्क पर बेच रहा है।
खूब पैसा बना रहा है।
सरेआम गरीब लुट रहा है,
जमाने में मजलूम पिट रहा है।
पैसे वाला, लोगों को पीट रहा है
लोगों को बेघर कर रहा है।
दुनिया सिर्फ तमाशाई बनी है।
जिसकी लाठी में है दम,
वो दुनिया में तन रहा है।
सीना जोरी कर रहा है।
कमजोर को पीट रहा है।
धन वाले में है, सब गुण हैं।
धन से सब संभव है,
धन वाले के सब साथ हैं,
गरीब तो केवल अनाथ है।
ईश्वर ही केवल उसके साथ है।
गरीब है तो सब अवगुण है।
बिना धन के गरीब निर्बल है।
गरीब बेमौत मर रहा है।
एक देश जल रहा है,
एक देश जला रहा है
इंसानियत पहले ही खाक हो चुकी है।
अब तो शहर कबरिस्तान बन रहा है।
समाज हमें याद दिला रहा है,
लाठी में दम है तो भैंस है तेरी,
वरना हर कदम पर शर्त है मेरी।
वो अपनी चला रहा है,
वो दुनिया जला रहा है
क्योंकि दुनिया, पैसा चला रहा है
देवेन्द्र प्रताप
दिनांक 30 अक्टूबर 2023,©
रेटिंग 9/10