#H438
सेवानिवृत्ति नहीं है। (It's not retirement)
चलो आज
आपकी सेवा निवृत्ति हो रही है।
लगभग साढ़े तीन दशक से
8:30 और 5:00 बजे के बीच
आपका जीवन बीता है।
सुख दुख में
साथ सभी का तुमने पाया है।
अपनों से ज्यादा वक्त
हम सभी के साथ बिताया है।
मंथन करने का फिर से
आज नया मौका आया है।
सेवा निवृत्ति नहीं है।
यह एक नई शुरुआत है।
जो कुछ ना कर पाए जीवन में
उसमें अंकुर उगाने की बात है।
ना रुकने की बात है
ना ठहरने की बात है।
जो अपनों के सपनों के चक्कर में
उनको समय ना दे पाए।
उनको मनाने की बात है।
इक नया पौधा लगाने की बात है।
एक नया सुर लगाने की बात है।
एक तान छेड़ने की बात है।
धूप अब खुलकर लेने की बात है।
सेवानिवृत्ति नहीं है।
जीवन की नई शुरुआत है।
रुटीन में न बदलाव लाना है।
वरना सेहत खराब हो जाना है।
बेफिक्री से जीवन बिताना है।
कुछ नया सीखते जाना है।
ऐसे जीवन में आगे बढ़ते जाना है।
यह कवि "नासमझ" की बात है।
सेवा निवृत्ति नहीं है।
अरमानों को छूने की बात है।
आज बधाई देने की रात है।
धन्यवाद।
आप स्वस्थ रहें, प्रसन्न रहें
और आगे बढ़ते रहें।
हम समाचार पाते रहें।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 30 अप्रैल 2025,©
रेटिंग 10/10
Wednesday, April 30, 2025
Monday, April 28, 2025
#H437 सपनों की रेत (Sand of dreams)
#H437
सपनों की रेत (Sand of dreams)
मैं साइकिल सीखूंगा।
बाइक नहीं दौड़ाऊंगा।
कार भी नहीं चलाऊंगा।
ड्राइवर संग ही सफर करूंगा।
पर कार चलाना सीखूंगा।
आपातकाल में
किसी और की राह न देखूंगा।
कभी ऐसे थे, अरमान हमारे।
हकीकत से अरमानों का
कोई मेल नहीं।
जीवन इसी का नाम है।
यह कोई हमजोली संग खेल नहीं।
अरमानों की रेल नहीं।
रेत की तरह,
मुठ्ठी से फिसल जाए।
समय से महंगी कोई चीज नहीं।
अरमानों के टूटे टुकड़ों को ,
दिमाग में बिठाना ठीक नहीं।
जीवन तो बहता पानी है।
यादों में ठहरना ठीक नहीं।
अरमानों का गढ़ना,
न बन्द हो जाए।
जिन्दा रहकर, मुर्दा न बनो।
बस चलना ही
सबसे बड़ा अरमान बन जाए।
सफ़र में रुकना ठीक नहीं।
सांसें जब तक चलती हैं।
लड़ना न बन्द हो जाए।
चेहरे पर कभी मायूसी न छाए।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 28 अप्रैल 2025,©
रेटिंग 9.7/10
सपनों की रेत (Sand of dreams)
मैं साइकिल सीखूंगा।
बाइक नहीं दौड़ाऊंगा।
कार भी नहीं चलाऊंगा।
ड्राइवर संग ही सफर करूंगा।
पर कार चलाना सीखूंगा।
आपातकाल में
किसी और की राह न देखूंगा।
कभी ऐसे थे, अरमान हमारे।
हकीकत से अरमानों का
कोई मेल नहीं।
जीवन इसी का नाम है।
यह कोई हमजोली संग खेल नहीं।
अरमानों की रेल नहीं।
रेत की तरह,
मुठ्ठी से फिसल जाए।
समय से महंगी कोई चीज नहीं।
अरमानों के टूटे टुकड़ों को ,
दिमाग में बिठाना ठीक नहीं।
जीवन तो बहता पानी है।
यादों में ठहरना ठीक नहीं।
अरमानों का गढ़ना,
न बन्द हो जाए।
जिन्दा रहकर, मुर्दा न बनो।
बस चलना ही
सबसे बड़ा अरमान बन जाए।
सफ़र में रुकना ठीक नहीं।
सांसें जब तक चलती हैं।
लड़ना न बन्द हो जाए।
चेहरे पर कभी मायूसी न छाए।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 28 अप्रैल 2025,©
रेटिंग 9.7/10
Sunday, April 27, 2025
#E011 A Journey of Data
#E011
A Journey of Data
A value is data.
A reading is data.
A measurement is data.
A group of many values is also data.
Data can be based on
Date, Shift and time,
Person, Machine, Material, Process,
Defect, Waste, Rework, Repair,
Location, Area, State, Country, Zone.
Project, Product, Service
Customer, Supplier, Service Providers
Sales, Profit, Expenses, Efficiency, Complaints, Incidents,
or any other parameter.
This can be truly understood only by the generator of the data.
Make data into categories.
Make graphs from data —
bar, line, pie, scatter, etc.
Now this is no longer just data —
It becomes information derived from data.
From information:
Draw conclusions.
Decide the next action.
Make corrections based on data.
Create proactive, reactive, or strategic plans.
This is the use of data.
Never give data
when information is required,
and never give information
when data is required.
Doing so gives a wrong impression
and shows your competency in handling data.
Devendra Pratap "नासमझ"
Date 27 April 2025,©
Rating 9.7/10
A Journey of Data
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Defect, Waste, Rework, Repair,
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Customer, Supplier, Service Providers
Sales, Profit, Expenses, Efficiency, Complaints, Incidents,
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Devendra Pratap "नासमझ"
Date 27 April 2025,©
Rating 9.7/10
Friday, April 25, 2025
#H436 संभल जा पड़ोसी मेरे भाई (Beware, My Neighbor, My Brother)
#H436
संभल जा पड़ोसी मेरे भाई (Beware, My Neighbor, My Brother)
तुमने जमीन मांगी
मज़हब-ए-मुल्क के लिए।
हमने जमीन दे दी।
तुमने पैसे मांगे,
हमने पैसे भी दिए।
पर कभी पक्की सरकार
तेरे मुल्क न आयी।
दशकों से
हम जान गंवाते आए।
कब तक जान गंवाते रहेंगे ?
सीमा पर जानें तुम्हारी भी गयीं।
हमारे गमों की रातें,
तुमसे कभी कम न रहीं।
जंग में हार से भी
तुम्हें अक्ल न आयी।
ऐसी क्या भूख है तेरी,
भुखमरी छायी तेरे यहां।
पर खून पीने की चाहत न गयी।
चंद लोगों ने महफ़िल सजायी
मज़हब-ए-मुल्क में जनता को,
खुशहाली हासिल न हो पायी।
आम लोगों में भुखमरी है छायी।
फिर भी तुझे समझ न आयी।
आतंक की तूने फसल उगाई।
सदा पीछे से गोली चलाई।
हमारे वतन में आग लगाई।
कब तक चलेगी यह लड़ाई।
जरा दुनिया को भी बता
कब तेरी जनता हंसेगी भाई ।
संभल जा पड़ोसी मेरे भाई।
देवेंद्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 25 अप्रैल 2025,©
दिनांक 9.5/10
संभल जा पड़ोसी मेरे भाई (Beware, My Neighbor, My Brother)
तुमने जमीन मांगी
मज़हब-ए-मुल्क के लिए।
हमने जमीन दे दी।
तुमने पैसे मांगे,
हमने पैसे भी दिए।
पर कभी पक्की सरकार
तेरे मुल्क न आयी।
दशकों से
हम जान गंवाते आए।
कब तक जान गंवाते रहेंगे ?
सीमा पर जानें तुम्हारी भी गयीं।
हमारे गमों की रातें,
तुमसे कभी कम न रहीं।
जंग में हार से भी
तुम्हें अक्ल न आयी।
ऐसी क्या भूख है तेरी,
भुखमरी छायी तेरे यहां।
पर खून पीने की चाहत न गयी।
चंद लोगों ने महफ़िल सजायी
मज़हब-ए-मुल्क में जनता को,
खुशहाली हासिल न हो पायी।
आम लोगों में भुखमरी है छायी।
फिर भी तुझे समझ न आयी।
आतंक की तूने फसल उगाई।
सदा पीछे से गोली चलाई।
हमारे वतन में आग लगाई।
कब तक चलेगी यह लड़ाई।
जरा दुनिया को भी बता
कब तेरी जनता हंसेगी भाई ।
संभल जा पड़ोसी मेरे भाई।
देवेंद्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 25 अप्रैल 2025,©
दिनांक 9.5/10
Thursday, April 24, 2025
#H435 बातों से ना काम चलेगा (Words won't work)
#H435
बातों से ना काम चलेगा (Words won't work)
क्या खून तुम्हारा नहीं खोलेगा ?
जब तुम खबर ऐसी पाओगे।
अपनों का लहू बहा है।
तुम आंसू न रोक पाओगे।
"मैं निन्दा करता हूॅं"
"मैं खंडन करता हूॅं"
से नहीं काम चलेगा।
अब ध्यान रहे
बेगुनाहों का लहू चीख रहा है।
इंसाफ हमसे मांग रहा है।
बातों से न काम चलेगा।
पहलगाम की धरती
हमसे बोल रही है -
"बदनाम हुआ हूॅं मैं
कब मेरा वापस मान मिलेगा ?"
बातों से ना काम चलेगा।
बेगुनाहों का लहू बहा है इस धरती पर,
हमको न आराम मिलेगा।
सैलानियों से ना दाम मिलेगा।
अब हमें ना काम मिलेगा।
आतंकी और उनके सहयोगी,
और आकाओं के मरने का,
समाचार पत्र में, कब नाम मिलेगा ?
घर का हो या बाहर वाला -
बतलाओ हमको,
कब बेगुनाहों के लहू का
इंतकाम मिलेगा ?
कब आतंकियों का लहू
इस धरती पर बहेगा ?
बातों से ना काम चलेगा ?
एक मजहब है तो जीने का मौका।
दूजा है तो सीधा श्मशान मिलेगा।
मजहबी आतंक से
हम सबको कब आराम मिलेगा ?
किसी का बेटा पूछ रहा ?
किसी की मां ढूंढ रही है -
कब बेटे का समाचार मिलेगा ?
किसी का बाप, अब घर न पहुंचेगा,
बेटे को बस समाचार मिलेगा।
किसी बहिन अभी तक न सोई है -
"मेरा वीर कब घर आएगा ?"
भाभी लाने -
"कब बारात लेकर जाएगा ?"
अब भी जो न रोया।
आंखों में न आंसू लाया।
क्या अपनों को खोने पर
वो आंखों में आसूं लाएगा ?
न समझना, जग से कोई मेरा चला गया है -
वो मेरे ताऊ, चाचा, भाई बहन दोस्त हैं।
साला, साली, जीजा, मौसा, और मौसी हैं,
वो मेरे बेटे और बेटियां हैं।
मैं कोई गैर नहीं - भारत का बेटा हूॅं।
आंखों में आसूं, सीने ज्वाला समेटा हूॅं।
अब पीछे न जाऊंगा ।
बातों से न काम चलेगा।
कूटनीतिक फैसले लो,
चाहे जंग पर जाओ।
एक रोटी मैं कम खाऊंगा।
पर बदला लेकर मानूंगा।
बतलाओ हमको अब।
बेगुनाहों को इंसाफ कब मिलेगा ?
बातों से न काम चलेगा।
पहले ऊरी, फिर पुलवामा,
अब पहलगाम,
कब आतंक पर
देश में पूर्ण विराम लगेगा ?
दुश्मन कोशिश कितनी भी कर ले।
मज़हब के नाम पर
यह मुल्क अब न बंटेगा ?
जनता कब विश्वास मिलेगा ?
देश में कहीं घूमने से
जब कोई न डरेगा।
बातों से न काम चलेगा।
केवल पक्का इलाज चलेगा।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 24 अप्रैल 2025,©
रेटिंग 9.7/10
बातों से ना काम चलेगा (Words won't work)
क्या खून तुम्हारा नहीं खोलेगा ?
जब तुम खबर ऐसी पाओगे।
अपनों का लहू बहा है।
तुम आंसू न रोक पाओगे।
"मैं निन्दा करता हूॅं"
"मैं खंडन करता हूॅं"
से नहीं काम चलेगा।
अब ध्यान रहे
बेगुनाहों का लहू चीख रहा है।
इंसाफ हमसे मांग रहा है।
बातों से न काम चलेगा।
पहलगाम की धरती
हमसे बोल रही है -
"बदनाम हुआ हूॅं मैं
कब मेरा वापस मान मिलेगा ?"
बातों से ना काम चलेगा।
बेगुनाहों का लहू बहा है इस धरती पर,
हमको न आराम मिलेगा।
सैलानियों से ना दाम मिलेगा।
अब हमें ना काम मिलेगा।
आतंकी और उनके सहयोगी,
और आकाओं के मरने का,
समाचार पत्र में, कब नाम मिलेगा ?
घर का हो या बाहर वाला -
बतलाओ हमको,
कब बेगुनाहों के लहू का
इंतकाम मिलेगा ?
कब आतंकियों का लहू
इस धरती पर बहेगा ?
बातों से ना काम चलेगा ?
एक मजहब है तो जीने का मौका।
दूजा है तो सीधा श्मशान मिलेगा।
मजहबी आतंक से
हम सबको कब आराम मिलेगा ?
किसी का बेटा पूछ रहा ?
किसी की मां ढूंढ रही है -
कब बेटे का समाचार मिलेगा ?
किसी का बाप, अब घर न पहुंचेगा,
बेटे को बस समाचार मिलेगा।
किसी बहिन अभी तक न सोई है -
"मेरा वीर कब घर आएगा ?"
भाभी लाने -
"कब बारात लेकर जाएगा ?"
अब भी जो न रोया।
आंखों में न आंसू लाया।
क्या अपनों को खोने पर
वो आंखों में आसूं लाएगा ?
न समझना, जग से कोई मेरा चला गया है -
वो मेरे ताऊ, चाचा, भाई बहन दोस्त हैं।
साला, साली, जीजा, मौसा, और मौसी हैं,
वो मेरे बेटे और बेटियां हैं।
मैं कोई गैर नहीं - भारत का बेटा हूॅं।
आंखों में आसूं, सीने ज्वाला समेटा हूॅं।
अब पीछे न जाऊंगा ।
बातों से न काम चलेगा।
कूटनीतिक फैसले लो,
चाहे जंग पर जाओ।
एक रोटी मैं कम खाऊंगा।
पर बदला लेकर मानूंगा।
बतलाओ हमको अब।
बेगुनाहों को इंसाफ कब मिलेगा ?
बातों से न काम चलेगा।
पहले ऊरी, फिर पुलवामा,
अब पहलगाम,
कब आतंक पर
देश में पूर्ण विराम लगेगा ?
दुश्मन कोशिश कितनी भी कर ले।
मज़हब के नाम पर
यह मुल्क अब न बंटेगा ?
जनता कब विश्वास मिलेगा ?
देश में कहीं घूमने से
जब कोई न डरेगा।
बातों से न काम चलेगा।
केवल पक्का इलाज चलेगा।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 24 अप्रैल 2025,©
रेटिंग 9.7/10
Wednesday, April 23, 2025
#H434 मजबूर मरीज, मूक सरकार (Helpless Patient, Silent Government)
#H434
मजबूर मरीज, मूक सरकार (Helpless Patient, Silent Government)
डाक्टर पर्ची को तीन तक दिन चलाते
लिखा हुआ अक्सर
किसी को समझ न आता ।
सदा इसका फायदा उठाते।
"ये दवाई इनके मेडिकल से ही लेना है"
ऐसा कर मजबूर बनाते ।
ऐसी-ऐसी दवाईयाॅं लिखते,
जो केवल इनके मेडिकल पर पाते ।
मूल्य में यह दवाईयाॅं, अत्यधिक पाते।
एम.आर. से मिलकर खूब कमीशन पाते।
सही तरीके से पर्ची न पढ़ पाने से,
बहुत से लोग गलत दवाईयाॅं खाते।
हर साल सैंकड़ों
इस कारण देश में मर जाते।
दवाईयाॅं बेचते,
अपनी मेडिकल स्टोर पर।
दवाई बेचते एम.आर.पी. पर।
मरीज को कोई छूट न देते।
मेडिकल किसी और के नाम चलाते।
सरकारी तंत्र का लाभ उठाते।
अपनी लैब पर टेस्ट कराते,
सदा अधिकतम मूल्य लगाते
एक लैब में कई - कई लैब के,
लेटर हेड और स्टैम्प पाए जाते।
भरोसा तार - तार कर जाते।
"नाॅट फोर मेडिको लीगल"
लिखकर जिम्मेदारी से बच जाते।
अपनी लैब पर ही स्कैन कराते,
इनसे न कराने वाले पर
किसी और टेस्ट का भार लगाते।
समय पर स्कैन फिल्म न देते
कहीं - कहीं पर रिपोर्ट न देते,
रेडियोलॉजिस्ट न रखते
बस खुद ही काम चलाते।
ताकि मरीज कहीं और जगह न जाए।
मजबूरी में मरीज फंस कर रह जाते।
सरकार को इस विषय में हम
"अंधा, गूंगा और बहरा ही पाते"।
सब मालूम होने पर भी
सटीक कोई कदम न उठाते।
अस्पताल यों ही
अपनी मनमानी करते जाते।
सर्जरी की तो बात ही क्या है
अच्छे अच्छे यहाॅं लुट जाते।
हमें समझ न आया
इसको कैसे सेवा बुलाते
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 23 अप्रैल 2025,©
रेटिंग 9.8/10
Monday, April 21, 2025
#H433 किस जगह आप ऐसा पाते ? (Where else do you find such a place?)
#H433
किस जगह आप ऐसा पाते ? (Where else do you find such a place?)
यहाॅं बैठ जाओ ।
अपनी इच्छा बताओ ।
क्या-क्या करवाना है
हमें बताओ।
सिर आगे झुकाओ।
दाएं झुकाओ।
अब जरा बाएं झुकाओ।
हिलो मत ज्यादा।
देखो जरा
बताओ क्या कुछ और करना है।
ठीक है तो उठ जाओ।
ग्राहक और सेवक
आपस में अक्सर बतलाते
कभी-कभी डींगे हांकते ।
खुद को खुद से ज़्यादा बतलाते।
रंग रुप में निखार लाने के
तरह तरह के काम कराते।
अभिनेता जैसे बनते
खिलाड़ियों जैसे भी बन जाते।
जो किसी के आगे सर ना झुकाते
हम यहाॅं उनका सिर भी झुकवाते।
हंसी खुशी से वो हमारी
बात मान जाते।
बताओ किस जगह आप ऐसा पाते ?
यहाॅं बाल कटाते।
यहाॅं फेशियल कराते।
बाल काले कराते।
तरह से तरह बिलीच कराते।
चंपी भी करवाते।
आजकल महिला पुरुष दोनों ,
एक जगह पर ही सेवा पाते।
यह यूनीसेक्स सैलून कहलाते।
कम बाल बाले भी जाते।
बिना बाल भी जाते,
दाढ़ी बनवाकर आते।
दाढ़ी वाले बस ट्रिम कराते।
हैंडसम हंक बन दिखलाते।
बालों वाले या गंजे
दोनों ही सैलून जाते।
इस पेशे में हम
कभी मंदी न पाते।
बच्चे जाने से कतराते।
जाते तो फिर मनचाही
डिजाइन बनवाते।
स्कूल में फिर पिटाई खाते।
ध्यान रखें ग्राहक और सेवक
प्रयोग किया हुआ ब्लेड
किसी और पर नहीं चलाते।
स्वच्छता से स्वास्थ्य बचाते।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 21 अप्रैल 2025,©
रेटिंग 9.5/10
किस जगह आप ऐसा पाते ? (Where else do you find such a place?)
यहाॅं बैठ जाओ ।
अपनी इच्छा बताओ ।
क्या-क्या करवाना है
हमें बताओ।
सिर आगे झुकाओ।
दाएं झुकाओ।
अब जरा बाएं झुकाओ।
हिलो मत ज्यादा।
देखो जरा
बताओ क्या कुछ और करना है।
ठीक है तो उठ जाओ।
ग्राहक और सेवक
आपस में अक्सर बतलाते
कभी-कभी डींगे हांकते ।
खुद को खुद से ज़्यादा बतलाते।
रंग रुप में निखार लाने के
तरह तरह के काम कराते।
अभिनेता जैसे बनते
खिलाड़ियों जैसे भी बन जाते।
जो किसी के आगे सर ना झुकाते
हम यहाॅं उनका सिर भी झुकवाते।
हंसी खुशी से वो हमारी
बात मान जाते।
बताओ किस जगह आप ऐसा पाते ?
यहाॅं बाल कटाते।
यहाॅं फेशियल कराते।
बाल काले कराते।
तरह से तरह बिलीच कराते।
चंपी भी करवाते।
आजकल महिला पुरुष दोनों ,
एक जगह पर ही सेवा पाते।
यह यूनीसेक्स सैलून कहलाते।
कम बाल बाले भी जाते।
बिना बाल भी जाते,
दाढ़ी बनवाकर आते।
दाढ़ी वाले बस ट्रिम कराते।
हैंडसम हंक बन दिखलाते।
बालों वाले या गंजे
दोनों ही सैलून जाते।
इस पेशे में हम
कभी मंदी न पाते।
बच्चे जाने से कतराते।
जाते तो फिर मनचाही
डिजाइन बनवाते।
स्कूल में फिर पिटाई खाते।
ध्यान रखें ग्राहक और सेवक
प्रयोग किया हुआ ब्लेड
किसी और पर नहीं चलाते।
स्वच्छता से स्वास्थ्य बचाते।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 21 अप्रैल 2025,©
रेटिंग 9.5/10
Sunday, April 20, 2025
#H432 ईश्वर पुत्र (Son of God)
#H432
ईश्वर पुत्र (Son of God)
सदा से, अंत ही शुरुआत है।
शुरुआत से ही, साथ में अंत है।
"ईश्वर पुत्र" आ गए।
मानवता को प्रेम, क्षमा,
और सच्चाई का संदेश दे गए।
अंधविश्वासों और पाखंड के
विरोध का प्रतीक बन गए।
शक्तिशाली नाराज़ होते गए।
अनेक चमत्कार कर गए।
जैसे बीमारों को ठीक कर दिए,
अंधों को दृष्टि दे गए ।
मृतकों को जीवित कर गए।
लोगों में विश्वास बढ़ाते गए।
यहूदियों और रोमन राजसत्ता की
नज़रों में चढ़ गए ।
"ईश्वर पुत्र" के बढ़ते प्रभाव से
धर्म गुरु और शासक डर गए।
यहूदी धर्मगुरुओं और शासकों को
वो असहज कर गए।
ईश निंदा के आरोपी बताए गए।
राजद्रोह के आरोप लगाए गए।
शिष्य जूडस ने 30 चांदी के सिक्कों के लिए,
उन्हें धोखे से पकड़वाया।
रात के अंधेरे में पकड़ लिए गए।
झूठे आरोपों के मुकदमें दोषी दिखाए गए।
पिलातुस ने जनता के दबाव में
क्रूस पर चढ़ाने का आदेश दिया।
"कांटों का मुकुट" पहनाया गया,
कई कोड़े मारे गए और
अंत में एक भारी "क्रूस" ढोते हुए,
"गोलगोथा" स्थान पर ले जाए गए।
दो अपराधियों के संग क्रूस पर टांगे गये।
वहीं अंतिम सांस ले गए।
अनुयाई मानते हैं कि
"ईश्वर पुत्र" मनुष्यों के पापों के
प्रायश्चित के लिए बलिदान हो गए।
वो मृत्यु से पहले कह गए।
"हे पिता, इन्हें क्षमा कर देना,
क्योंकि ये नहीं जानते
कि ये क्या कर रहे हैं।"
लोगों को जीते जी माफ कर गए।
"गुड फ्राइडे" के तीन दिन बाद,
यीशु ईस्टर रविवार को
पुनर्जीवित हो गए।
पुनरुत्थान के प्रतीक बन गए।
अनुयायियों की विश्वास की नींव है
कि "मृत्यु पर भी विजय संभव है"।
सबको ऐसा संदेश दे गए।
बलिदान का दिन दुखद जरूर है, लेकिन
प्रेम और बलिदान के प्रतीक बन गए,
मानवता को मोक्ष का मार्ग दे गए।
"ईश्वर पुत्र" सबके दिलों में बस गए।
सदा से अंत ही शुरुआत है।
शुरुआत से ही, साथ में अंत है।
कथन सार्थक कर गए।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 20 अप्रैल 2025,©
रेटिंग 10/10
ईश्वर पुत्र (Son of God)
सदा से, अंत ही शुरुआत है।
शुरुआत से ही, साथ में अंत है।
"ईश्वर पुत्र" आ गए।
मानवता को प्रेम, क्षमा,
और सच्चाई का संदेश दे गए।
अंधविश्वासों और पाखंड के
विरोध का प्रतीक बन गए।
शक्तिशाली नाराज़ होते गए।
अनेक चमत्कार कर गए।
जैसे बीमारों को ठीक कर दिए,
अंधों को दृष्टि दे गए ।
मृतकों को जीवित कर गए।
लोगों में विश्वास बढ़ाते गए।
यहूदियों और रोमन राजसत्ता की
नज़रों में चढ़ गए ।
"ईश्वर पुत्र" के बढ़ते प्रभाव से
धर्म गुरु और शासक डर गए।
यहूदी धर्मगुरुओं और शासकों को
वो असहज कर गए।
ईश निंदा के आरोपी बताए गए।
राजद्रोह के आरोप लगाए गए।
शिष्य जूडस ने 30 चांदी के सिक्कों के लिए,
उन्हें धोखे से पकड़वाया।
रात के अंधेरे में पकड़ लिए गए।
झूठे आरोपों के मुकदमें दोषी दिखाए गए।
पिलातुस ने जनता के दबाव में
क्रूस पर चढ़ाने का आदेश दिया।
"कांटों का मुकुट" पहनाया गया,
कई कोड़े मारे गए और
अंत में एक भारी "क्रूस" ढोते हुए,
"गोलगोथा" स्थान पर ले जाए गए।
दो अपराधियों के संग क्रूस पर टांगे गये।
वहीं अंतिम सांस ले गए।
अनुयाई मानते हैं कि
"ईश्वर पुत्र" मनुष्यों के पापों के
प्रायश्चित के लिए बलिदान हो गए।
वो मृत्यु से पहले कह गए।
"हे पिता, इन्हें क्षमा कर देना,
क्योंकि ये नहीं जानते
कि ये क्या कर रहे हैं।"
लोगों को जीते जी माफ कर गए।
"गुड फ्राइडे" के तीन दिन बाद,
यीशु ईस्टर रविवार को
पुनर्जीवित हो गए।
पुनरुत्थान के प्रतीक बन गए।
अनुयायियों की विश्वास की नींव है
कि "मृत्यु पर भी विजय संभव है"।
सबको ऐसा संदेश दे गए।
बलिदान का दिन दुखद जरूर है, लेकिन
प्रेम और बलिदान के प्रतीक बन गए,
मानवता को मोक्ष का मार्ग दे गए।
"ईश्वर पुत्र" सबके दिलों में बस गए।
सदा से अंत ही शुरुआत है।
शुरुआत से ही, साथ में अंत है।
कथन सार्थक कर गए।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 20 अप्रैल 2025,©
रेटिंग 10/10
Friday, April 18, 2025
#H431 ऑर्डर कैसे देना है ? (How to place an order ?)
#H431
ऑर्डर कैसे देना है ? (How to place an order ?)
ऑर्डर कैसे देना है ?
ताकि बाद में पछताना न पड़े।
नुकसान उठाना ना पड़े।
मन में कोई मलाल रखना न पड़े।
सप्लायर से लड़ना न पड़े।
अतिरिक्त हर्जाना भरना न पड़े।
इसलिए सीखो ।
ऑर्डर कैसे देना है ?
क्या माल तुम्हें पाना है ?
पहले निर्धारित करो।
लिखित में पूरा विवरण पाओ।
कब डिलीवरी मिलनी है ?
इसको भी लिखवाओ।
डिलीवरी का खर्चा कौन उठायेगा ?
बिल पर लिखवाओ।
सबसे महत्वपूर्ण एक और बात
एडवांस पेमेंट लिखो।
और इसकी एक पावती पाओ।
सप्लायर का नम्बर लो।
डिलीवरी वाले का नम्बर भी लो।
ध्यान रहे।
कभी भी पूरी पेमेंट
एडवांस में ना कराओ।
वरना बाद में पछताओ ।
डिलीवरी मिल जाने पर ,
मिले माल का फोटो लो।
माल की गुणवत्ता निर्धारित होने पर,
इंस्टॉलेशन हो जाने पर ही,
बकाया मूल्य चुकाओ।
हर कार्य में ऐसे ही ऑर्डर दो
ताकि बाद में न पछताओ।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 18 अप्रैल 2025,©
रेटिंग 9.5/10
ऑर्डर कैसे देना है ? (How to place an order ?)
ऑर्डर कैसे देना है ?
ताकि बाद में पछताना न पड़े।
नुकसान उठाना ना पड़े।
मन में कोई मलाल रखना न पड़े।
सप्लायर से लड़ना न पड़े।
अतिरिक्त हर्जाना भरना न पड़े।
इसलिए सीखो ।
ऑर्डर कैसे देना है ?
क्या माल तुम्हें पाना है ?
पहले निर्धारित करो।
लिखित में पूरा विवरण पाओ।
कब डिलीवरी मिलनी है ?
इसको भी लिखवाओ।
डिलीवरी का खर्चा कौन उठायेगा ?
बिल पर लिखवाओ।
सबसे महत्वपूर्ण एक और बात
एडवांस पेमेंट लिखो।
और इसकी एक पावती पाओ।
सप्लायर का नम्बर लो।
डिलीवरी वाले का नम्बर भी लो।
ध्यान रहे।
कभी भी पूरी पेमेंट
एडवांस में ना कराओ।
वरना बाद में पछताओ ।
डिलीवरी मिल जाने पर ,
मिले माल का फोटो लो।
माल की गुणवत्ता निर्धारित होने पर,
इंस्टॉलेशन हो जाने पर ही,
बकाया मूल्य चुकाओ।
हर कार्य में ऐसे ही ऑर्डर दो
ताकि बाद में न पछताओ।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 18 अप्रैल 2025,©
रेटिंग 9.5/10
Thursday, April 17, 2025
#H430 बात से बात लड़ाओ (Counter words with words)
#H430
बात से बात लड़ाओ (Counter words with words)
जुबान से जुबान लड़ाओ।
तुम्हें किसी ने कुछ बोला है।
तुम भी बोलकर काम चलाओ।
सोशल मीडिया पर
ज्यादा प्रतिक्रिया न दो।
शब्दों में अभद्रता न दिखाओ।
वाट्स एप ग्रुप में
भावनाओं में न बह जाओ।
शालीनता से दूर न जाओ।
किसी को अपना,
किसी को पराया न समझो।
एक पोस्ट, तीर से कम न होता।
संभल के चलाओ।
वरना बाद में पछताओ।
पर भ्रष्टाचार खोलने से
कभी भी पीछे न जाओ।
डंडे घूंसे तुम न चलाओ।
थाने के फिर चक्कर लगाओ।
हो सके, अनदेखा कर दो।
हाथी जैसे निकल जाओ।
पर हिंसा पर
किसी कीमत पर न आओ।
बात से बात लड़ाओ।
अनावश्यक लोगों से न टकराओ।
सुख से जीवन बिताओ।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 17 अप्रैल 2025,©
रेटिंग 9.7/10
Wednesday, April 16, 2025
#H429 काॅरपोरेट गवर्नेन्स (Corporate Governance)
#H429
काॅरपोरेट गवर्नेन्स (Corporate Governance)
कंपनी की विवरण दिखाओ।
कब स्थापित हुई ?
क्या अधिकारिक पता है ?
क्या क्या सर्टिफिकेट हासिल हैं ?
कौन-कौन ग्राहक हैं?
आर्गेनाइजेशन स्ट्रक्चर का
स्टेटस दिखलाओ ।
कौन-कौन से पद हैं खाली।
जरा इसको भी समझो।
अगर संख्या में हुई है बढ़ोतरी
तो इसका कारण भी समझो।
अथॉरिटी मैट्रिक्स भी दिखलाओ।
क्रियेट, रिव्यू, अप्रूवल अथाॅरिटी
अलग-अलग रखवाओ।
भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाओ।
5 साल का बिजनेस प्लान क्या है
इसको भी दिखलाओ।
कैसे इसको हासिल करोगे
अपनी रणनीति समझाओ।
देश का इकोनामिक वातावरण कैसा है
जरा समझाओ।
कौन-कौन से मैक्रो इंडिकेटर
ऊपर है या नीचे उनको भी दिखाओ।
क्या संभावित खतरे है आगे ।
उनसे निपटने की रणनीति समझाओ।
बिजनेस कंटिन्यूटी का प्लान बताओ।
कंपनी की रिस्क असेसमेंट दिखाओ।
कौन-कौन सी रिस्क प्रायोरिटी में है
उनके एक्शन प्लान भी दिखाओ।
सुरक्षा के आंकड़े दिखाओ।
पर्यावरण के आंकड़े समझाओ।
कार्बन न्यट्रीलिटी के टारगेट
हासिल करने का प्लान दिखाओ।
बीआर एस आर रिपोर्ट दिखाओ।
ग्राहकों की शिकायत का डाटा भी बताओ।
उत्पादन दक्षता के आंकड़े दिखाओ।
गुडपार्ट्स रेशो का डाटा दिखलाओ
स्क्रैप का डाटा दिखलाओ
वारंटी भी बताओ
सबका 3 साल का ट्रेंड दिखाओ।
हेड काउंट का डाटा भी समझाओ
कितनी डायरेक्ट है
और कितने हैं इनडायरेक्ट
इन सबका ट्रेंड दिखाओ।
बोर्ड के कौन-कौन से मेंबर है
इसको भी दिखलाओ ।
अगर कोई हुआ बदलाव
उसको भी बतलाओ
पिछले 1 साल की मीटिंगों का
डाटा तुम दिखाओ
क्या मीटिंग ऐजेन्डा थे ?
क्या मिनिट्स बने हैं ?
क्या उनकी प्रगति है
इसको भी लिखलाओ।
सेल्स के आंकड़े बताओ
अपना मुनाफा दिखाओ
3 साल के डेटा का
तुम ट्रेंड दिखाओ।
कंप्लायंस आडिट का स्टेटस बताओ।
कौन है इंटरनल ऑडिट टीम
कौन है ऑडिटर फर्म, बताओ।
समय-समय पर
इनमें बदलाव कराओ।
क्या ऑब्जरवेशन आया है
उसे पर क्या काम किया है
उसको भी दिखलाओ।
कंप्लायंस सभी तुम पूरी कर लो।
स्टेटस इनका दिखलाओ।
इन्वेंटरी इन्वेंटरी के आंकड़े दिखाओ
क्या इंवेन्टरी टर्नओवर है
उसको भी समझाओ।
फिक्स्ड असेट्स का स्टेटस दिखाओ।
कितनी लगाई है, कितनी आयी पड़ी है।
सबका स्टेटस समझाओ।
डेट इक्विटी रेशों समझाओ।
ऋण का स्टेटस बताओ।
कैश और फंड का स्टेटस बताओ।
फंड कहां रखते हो
रणनीति समझाओ।
बजट का स्टेटस समझाओ।
सीएसआर का स्टेटस बताओ।
काम और प्लान दिखाओ।
विशिल ब्लोअर सिस्टम का स्टेटस बताओ।
कैसे तुमने प्रचार प्रसार किया है ?
जरा हमको भी बतलाओ।
विशिल ब्लोअर की रक्षा होगी कैसे ?
जरा इसको भी समझो।
अगर को कोई केस आया है
तो रिपोर्ट दिखाओ।
पोश का कानून तुम लगाओ।
इसकी कंप्लायंस दिखलाओ।
कैसे तुमने प्रचार प्रसार किया है ?
हमको भी समझो।
अगर कोई कैसे घटा है
तो फिर उसे पर एक्शन भी दिखलाओ।
साइबर सिक्योरिटी को समझाओ।
काॅपी राइट्स समझाओ।
डेटा को सुरक्षित बनाओ।
कौन-कौन सी रिस्क बची है ?
उनके एक्शन दिखाओ।
गिफ्ट तुम्हें ना लेना है
गिफ्ट तुम्हें ना देना है
कैसे काम चलाते हो?
पब्लिक डीलिंग में
जरा इसको भी बतलाओ।
कंपनी के "कोड आफ कंडक्ट" का
पालन तुम करवाओ।
मोमेंटोज की कीमत
तुम निर्धारित करवाओ।
भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाओ।
निवेशकों का भरोसा बढ़ाओ।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 16 अप्रैल 2025,©
रेटिंग 9.8/10
काॅरपोरेट गवर्नेन्स (Corporate Governance)
कंपनी की विवरण दिखाओ।
कब स्थापित हुई ?
क्या अधिकारिक पता है ?
क्या क्या सर्टिफिकेट हासिल हैं ?
कौन-कौन ग्राहक हैं?
आर्गेनाइजेशन स्ट्रक्चर का
स्टेटस दिखलाओ ।
कौन-कौन से पद हैं खाली।
जरा इसको भी समझो।
अगर संख्या में हुई है बढ़ोतरी
तो इसका कारण भी समझो।
अथॉरिटी मैट्रिक्स भी दिखलाओ।
क्रियेट, रिव्यू, अप्रूवल अथाॅरिटी
अलग-अलग रखवाओ।
भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाओ।
5 साल का बिजनेस प्लान क्या है
इसको भी दिखलाओ।
कैसे इसको हासिल करोगे
अपनी रणनीति समझाओ।
देश का इकोनामिक वातावरण कैसा है
जरा समझाओ।
कौन-कौन से मैक्रो इंडिकेटर
ऊपर है या नीचे उनको भी दिखाओ।
क्या संभावित खतरे है आगे ।
उनसे निपटने की रणनीति समझाओ।
बिजनेस कंटिन्यूटी का प्लान बताओ।
कंपनी की रिस्क असेसमेंट दिखाओ।
कौन-कौन सी रिस्क प्रायोरिटी में है
उनके एक्शन प्लान भी दिखाओ।
सुरक्षा के आंकड़े दिखाओ।
पर्यावरण के आंकड़े समझाओ।
कार्बन न्यट्रीलिटी के टारगेट
हासिल करने का प्लान दिखाओ।
बीआर एस आर रिपोर्ट दिखाओ।
ग्राहकों की शिकायत का डाटा भी बताओ।
उत्पादन दक्षता के आंकड़े दिखाओ।
गुडपार्ट्स रेशो का डाटा दिखलाओ
स्क्रैप का डाटा दिखलाओ
वारंटी भी बताओ
सबका 3 साल का ट्रेंड दिखाओ।
हेड काउंट का डाटा भी समझाओ
कितनी डायरेक्ट है
और कितने हैं इनडायरेक्ट
इन सबका ट्रेंड दिखाओ।
बोर्ड के कौन-कौन से मेंबर है
इसको भी दिखलाओ ।
अगर कोई हुआ बदलाव
उसको भी बतलाओ
पिछले 1 साल की मीटिंगों का
डाटा तुम दिखाओ
क्या मीटिंग ऐजेन्डा थे ?
क्या मिनिट्स बने हैं ?
क्या उनकी प्रगति है
इसको भी लिखलाओ।
सेल्स के आंकड़े बताओ
अपना मुनाफा दिखाओ
3 साल के डेटा का
तुम ट्रेंड दिखाओ।
कंप्लायंस आडिट का स्टेटस बताओ।
कौन है इंटरनल ऑडिट टीम
कौन है ऑडिटर फर्म, बताओ।
समय-समय पर
इनमें बदलाव कराओ।
क्या ऑब्जरवेशन आया है
उसे पर क्या काम किया है
उसको भी दिखलाओ।
कंप्लायंस सभी तुम पूरी कर लो।
स्टेटस इनका दिखलाओ।
इन्वेंटरी इन्वेंटरी के आंकड़े दिखाओ
क्या इंवेन्टरी टर्नओवर है
उसको भी समझाओ।
फिक्स्ड असेट्स का स्टेटस दिखाओ।
कितनी लगाई है, कितनी आयी पड़ी है।
सबका स्टेटस समझाओ।
डेट इक्विटी रेशों समझाओ।
ऋण का स्टेटस बताओ।
कैश और फंड का स्टेटस बताओ।
फंड कहां रखते हो
रणनीति समझाओ।
बजट का स्टेटस समझाओ।
सीएसआर का स्टेटस बताओ।
काम और प्लान दिखाओ।
विशिल ब्लोअर सिस्टम का स्टेटस बताओ।
कैसे तुमने प्रचार प्रसार किया है ?
जरा हमको भी बतलाओ।
विशिल ब्लोअर की रक्षा होगी कैसे ?
जरा इसको भी समझो।
अगर को कोई केस आया है
तो रिपोर्ट दिखाओ।
पोश का कानून तुम लगाओ।
इसकी कंप्लायंस दिखलाओ।
कैसे तुमने प्रचार प्रसार किया है ?
हमको भी समझो।
अगर कोई कैसे घटा है
तो फिर उसे पर एक्शन भी दिखलाओ।
साइबर सिक्योरिटी को समझाओ।
काॅपी राइट्स समझाओ।
डेटा को सुरक्षित बनाओ।
कौन-कौन सी रिस्क बची है ?
उनके एक्शन दिखाओ।
गिफ्ट तुम्हें ना लेना है
गिफ्ट तुम्हें ना देना है
कैसे काम चलाते हो?
पब्लिक डीलिंग में
जरा इसको भी बतलाओ।
कंपनी के "कोड आफ कंडक्ट" का
पालन तुम करवाओ।
मोमेंटोज की कीमत
तुम निर्धारित करवाओ।
भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाओ।
निवेशकों का भरोसा बढ़ाओ।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 16 अप्रैल 2025,©
रेटिंग 9.8/10
Monday, April 14, 2025
#H428 रक्त से रुप तक (From blood to beauty)
#H428
रक्त से रुप तक (From blood to beauty)
गोल गोल
मैं लट्टू जैसा दिखता हूॅं।
जमीन के अंदर उगता हूॅं।
गहरा लाल / जामुनी रंग में होता हूॅं
ऊपर से मैं भूरा दिखता हूॅं ।
सलाद में खाया जाता हूॅं ।
स्वाद में मीठा/ मिट्टी जैसा होता हूॅं।
जूस के रूप में भी पिया जाता हूॅं।
सूप और सब्जी में भी चलता हूॅं।
हलवा के रूप में भी खाया जाता हूॅं।
जो करता है मेरा सेवन
खून में आयरन बढ़ाता हूॅं।
ब्लड प्रेशर सीमित रखता हूॅं।
लीवर को साफ करता हूॅं।
पाचन तंत्र को तंदुरुस्त रखता हूॅं।
जो इसके रस को त्वचा पर लगाए
उसके चेहरे पर रंगत लाता हूॅं।
होंठों पर लगाने वालों के होठ
गुलाबी और मुलायम रखता हूॅं।
प्राकृतिक रंग के रूप में भी
उपयोग में लाया जाता हूॅं।
बताओ मैं क्या कहलाता हूॅं।
खाने पर मुंह लाल कर देता हूॅं।
उंगलियों को भी लाल कर जाता हूॅं।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 14 अप्रैल 2025,©
रेटिंग 9.5/10
रक्त से रुप तक (From blood to beauty)
गोल गोल
मैं लट्टू जैसा दिखता हूॅं।
जमीन के अंदर उगता हूॅं।
गहरा लाल / जामुनी रंग में होता हूॅं
ऊपर से मैं भूरा दिखता हूॅं ।
सलाद में खाया जाता हूॅं ।
स्वाद में मीठा/ मिट्टी जैसा होता हूॅं।
जूस के रूप में भी पिया जाता हूॅं।
सूप और सब्जी में भी चलता हूॅं।
हलवा के रूप में भी खाया जाता हूॅं।
जो करता है मेरा सेवन
खून में आयरन बढ़ाता हूॅं।
ब्लड प्रेशर सीमित रखता हूॅं।
लीवर को साफ करता हूॅं।
पाचन तंत्र को तंदुरुस्त रखता हूॅं।
जो इसके रस को त्वचा पर लगाए
उसके चेहरे पर रंगत लाता हूॅं।
होंठों पर लगाने वालों के होठ
गुलाबी और मुलायम रखता हूॅं।
प्राकृतिक रंग के रूप में भी
उपयोग में लाया जाता हूॅं।
बताओ मैं क्या कहलाता हूॅं।
खाने पर मुंह लाल कर देता हूॅं।
उंगलियों को भी लाल कर जाता हूॅं।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 14 अप्रैल 2025,©
रेटिंग 9.5/10
Thursday, April 10, 2025
#H427 हम पानी कैसे बचाएं (How to save water)
#H427
हम पानी कैसे बचाएं (How to save water)
पानी कैसे बचाएं।
चलो आज हम
इस पर दिमाग लगाएं।
सबसे पहले
"वाटर बैलेंस डायग्राम" बनाएं।
कहाॅं - कहाॅं खपत है पानी की
इसका पता लगाएं।
पानी की खपत नापने का
हर स्तर पूरा इंतजाम कराएं।
सबसे पहले प्रोसेस में
लगने वाले पानी का पता लगाएं।
सोलर पैनल क्लीनिंग
का पानी एकत्रित करें
और प्रयोग में लाएं।
जहाॅं-जहाॅं पानी उपयोग में आता हो।
हर "साइकिल" में पानी की खपत का
"ऑप्टीमाइजेशन" करवाएं।
पानी बदलने की "साइकिल"
और बढ़ाते जाएं।
"आरो" का "टीडीएस"
150 - 200 के बीच रखवाएं।
ताकि दक्षता पूरी पाएं।
वेस्ट वाटर को
कूलिंग टावर्स में प्रयोग में लाएं।
फर्श साफ करने में लगाएं।
फिर डोमेस्टिक इस्तेमाल में
होने वाले पानी का पता लगाएं।
ओवरफ्लो पर पूर्णतया लगाम लगाएं।
वॉटर लेवल्स इंडीकेटर से
मोटर का इंटरलॉकिंग करवाएं।
किसी भी तरह की वाटर लीकेज को
जल्दी से जल्दी खत्म कराएं।
समय-समय पर
चेक करने का शेड्यूल बनाएं
98% दक्षता वाली
वाटर टैप लगाएं।
"सेंसर टैप" की जगह
"फुट पेडल ऑपरेटेड टैप" लगाएं।
"एसटीपी" के "ट्रीटेड पानी" का
पूरा उपयोग करें।
फ्लैशिंग, कूलिंग टावर्स में इस्तेमाल करें
या गार्डन में लगाएं।
"इटीपी" का "ट्रीटेड पानी" को
फ्लैशिंग और कूलिंग टावर में
प्रयोग में लाएं।
एसी का "कंडेंस्ड वाटर"
एकत्रित करवाएं
और प्रयोग में लाएं।
ग्राउंडवाटर की जगह
सप्लाई के पानी को इस्तेमाल में लाएं ।
ऐसे भूगर्भ जल का
लंबे समय तक संरक्षण कराएं।
घास की जगह
कम पानी के पौधे लगवाएं।
"रेन वाटर हार्वेस्टिंग"
को पूरी दक्षता पर चलवाएं।
अगर जगह हो, पास तुम्हारे
बड़े - बड़े टैंक बनवाएं ।
बारिश में इनको भर लें ।
लंबे समय तक इन्हें चलाएं।
पानी को ऐसे बचाते जाएं।
कम पानी की या बिन पानी की
तकनीकों का पता लगाएं
नयी - नयी तकनीकी को लगवाएं।
जैसे "क्लोज्ड लूप कूलिंग", "पानी रहित क्लीनिंग", "ड्राई सोलर क्लीनिंग", "वाटरलेस पेंटबूथ" आदि।
भविष्य के लिए पानी जरूर बचाएं।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 10 अप्रैल 2025,©
रेटिंग 10/10
Wednesday, April 9, 2025
#H426 मां की छाया (Shadow of Mother)
#H426
मां की छाया (Shadow of Mother)
बच्चों के लिए
मॉं सुपरमैन होती है।
हर समस्या का समाधान होती है।
दर्द हो तो माॅं जबान पर आती है।
चोट लगने पर
डर लगे तो मां जबान पर आती है।
कुछ न मिले घर में
तो मां ज़बान पर आती है।
स्कूल का होमवर्क पूरा न हो।
स्कूल को तैयार न हो
सुबह जल्दी उठना हो।
नास्ते में कुछ अलग चाहिए ।
मां जबान पर होती है।
गलती करने पर दण्ड भी देती है।
शिक्षा ऐसी देती है।
जो किस्मत बदल देती है।
मां रूठ जाए
तो भी मां जबान पर होती है।
हठ करे
तब भी मां जबान पर होती है।
शरारत पर दौड़ाती है।
लड़कर भी खुशी पाती है।
मां यशोदा बन जाती है।
जिनकी मां साथ होती है,
किस्मत वाले होते है।
हल न होने पर भी
मां ढांढस बंधाती है।
तेरी गलती पर भी
औरों को दोष देती है।
यह कहकर
तुझे चुपाती है।
तेरी खुशी में
अपनी खुशी देखती है।
निःस्वार्थ तो मां ही होती है।
मां ही ऐसी होती है।
मां पन्ना धाय भी होती है।
अपना सबकुछ खोकर
तुझको जीवन देती है।
मां टेरेसा भी होती है।
जीवन औरों के नाम कर देती है।
बच्चे बड़े होने पर ख्याल न रखें।
तो मां खून आंसू रोती है।
कुछ मांओं की ऐसी किस्मत होती है।
मां रात में दर्द से जगती है।
औलाद मस्त होकर सोती है।
फिर भी मां साथ देती है।
मां ऐसी ही होती है।
पता नहीं किस्से सीखते बच्चे
बड़े होकर ऐसे हो जाते हैं।
जिसने सदा रखा, कलेजे से लगा कर।
वो बेगाने हो जाते हैं।
मां का सम्मान करो।
शिक्षाओं का कुछ मान रखो।
जीते जी मां ध्यान रखो।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 09 अप्रैल 2025,©
रेटिंग 9.8/10
मां की छाया (Shadow of Mother)
बच्चों के लिए
मॉं सुपरमैन होती है।
हर समस्या का समाधान होती है।
दर्द हो तो माॅं जबान पर आती है।
चोट लगने पर
डर लगे तो मां जबान पर आती है।
कुछ न मिले घर में
तो मां ज़बान पर आती है।
स्कूल का होमवर्क पूरा न हो।
स्कूल को तैयार न हो
सुबह जल्दी उठना हो।
नास्ते में कुछ अलग चाहिए ।
मां जबान पर होती है।
गलती करने पर दण्ड भी देती है।
शिक्षा ऐसी देती है।
जो किस्मत बदल देती है।
मां रूठ जाए
तो भी मां जबान पर होती है।
हठ करे
तब भी मां जबान पर होती है।
शरारत पर दौड़ाती है।
लड़कर भी खुशी पाती है।
मां यशोदा बन जाती है।
जिनकी मां साथ होती है,
किस्मत वाले होते है।
हल न होने पर भी
मां ढांढस बंधाती है।
तेरी गलती पर भी
औरों को दोष देती है।
यह कहकर
तुझे चुपाती है।
तेरी खुशी में
अपनी खुशी देखती है।
निःस्वार्थ तो मां ही होती है।
मां ही ऐसी होती है।
मां पन्ना धाय भी होती है।
अपना सबकुछ खोकर
तुझको जीवन देती है।
मां टेरेसा भी होती है।
जीवन औरों के नाम कर देती है।
बच्चे बड़े होने पर ख्याल न रखें।
तो मां खून आंसू रोती है।
कुछ मांओं की ऐसी किस्मत होती है।
मां रात में दर्द से जगती है।
औलाद मस्त होकर सोती है।
फिर भी मां साथ देती है।
मां ऐसी ही होती है।
पता नहीं किस्से सीखते बच्चे
बड़े होकर ऐसे हो जाते हैं।
जिसने सदा रखा, कलेजे से लगा कर।
वो बेगाने हो जाते हैं।
मां का सम्मान करो।
शिक्षाओं का कुछ मान रखो।
जीते जी मां ध्यान रखो।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 09 अप्रैल 2025,©
रेटिंग 9.8/10
Tuesday, April 8, 2025
#H425 मार्गदर्शक और शिष्य (Mentor and Mentee)
#H425
मार्गदर्शक और शिष्य (Mentor and Mentee)
छोटा हो या बड़ा इस जग में
हर कोई सीख रहा है।
ना सब कुछ मुझको आता है।
ना सब कुछ तुझको आता है।
आज जरा हम सोचें
क्या मैं चाहूं सीखना ?
जो मुझको आगे लेकर जाएगा।
मुझको सफल बनाएगा।
कौन मुझे सिखा पाएगा ?
जब - जब मैं गलती करूंगा
सहारा मुझको देता जाएगा।
मुझ पर समय लगाएगा।
मुझे मंजिल तक जाने में
सचेत करता जाएगा।
क्या तुमने कभी मटका बनते देखा है ?
कुम्हार एक हाथ से सहारा
दूसरे से थपकी देता जाता है।
मिट्टी से सूरत देता जाता है।
क्या माली का काम,
समझ में आया है ?
खाद और पानी देता है।
अनावश्यक पत्ते और डालियां
काटकर पेड़ को रुप नया देता है।
जब पड़ती जरुरत,
बांध सहारा देता है।
सच्चा मार्गदर्शक ऐसा होता है।
बिना झिझक के आगे बढ़ जाओ।
अपनी कमजोरी दूर भगाओ।
सिखाने वाले से संकोच न जताओ।
बिना शिकायत के
डांट डपट जो सहता है।
गुरु में विश्वास नहीं खोता है।
वही शिष्य शिक्षा पूरी करता है।
गुरु का नाम अमर कर जाता है।
कभी-कभी वरिष्ठ भी
कनिष्ठ से कुछ नया सीखता है।
इसको रिवर्स मेन्टरिंग कहा जाता है।
गुरु द्रोणाचार्य और शिष्य अर्जुन
का नाम सहज याद आ आता है।
महान शिष्य एकलव्य
मुझको भावुक कर जाता है।
गुरु शिष्य ही ज्ञान को
समाज में आगे लेकर जाता है।
शिष्य भविष्य में गुरु बन जाता है।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 08 अप्रैल 2025,©
रेटिंग 9.9/10
मार्गदर्शक और शिष्य (Mentor and Mentee)
छोटा हो या बड़ा इस जग में
हर कोई सीख रहा है।
ना सब कुछ मुझको आता है।
ना सब कुछ तुझको आता है।
आज जरा हम सोचें
क्या मैं चाहूं सीखना ?
जो मुझको आगे लेकर जाएगा।
मुझको सफल बनाएगा।
कौन मुझे सिखा पाएगा ?
जब - जब मैं गलती करूंगा
सहारा मुझको देता जाएगा।
मुझ पर समय लगाएगा।
मुझे मंजिल तक जाने में
सचेत करता जाएगा।
क्या तुमने कभी मटका बनते देखा है ?
कुम्हार एक हाथ से सहारा
दूसरे से थपकी देता जाता है।
मिट्टी से सूरत देता जाता है।
क्या माली का काम,
समझ में आया है ?
खाद और पानी देता है।
अनावश्यक पत्ते और डालियां
काटकर पेड़ को रुप नया देता है।
जब पड़ती जरुरत,
बांध सहारा देता है।
सच्चा मार्गदर्शक ऐसा होता है।
बिना झिझक के आगे बढ़ जाओ।
अपनी कमजोरी दूर भगाओ।
सिखाने वाले से संकोच न जताओ।
बिना शिकायत के
डांट डपट जो सहता है।
गुरु में विश्वास नहीं खोता है।
वही शिष्य शिक्षा पूरी करता है।
गुरु का नाम अमर कर जाता है।
कभी-कभी वरिष्ठ भी
कनिष्ठ से कुछ नया सीखता है।
इसको रिवर्स मेन्टरिंग कहा जाता है।
गुरु द्रोणाचार्य और शिष्य अर्जुन
का नाम सहज याद आ आता है।
महान शिष्य एकलव्य
मुझको भावुक कर जाता है।
गुरु शिष्य ही ज्ञान को
समाज में आगे लेकर जाता है।
शिष्य भविष्य में गुरु बन जाता है।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 08 अप्रैल 2025,©
रेटिंग 9.9/10
Monday, April 7, 2025
#H424 अब बड़े भी कार्टून हो गए हैं (Now even adults became cartoons)
#H424
अब बड़े भी कार्टून हो गए हैं (Now even adults became cartoons)
आजकल के बच्चे
कार्टून देखते देखते बड़े हो गए हैं।
और कार्टून जैसे हो गए हैं।
टीवी, मोबाइल, लेपटॉप
पर हर समय कार्टून देखने
और गेम खेलने के आदी हो गए हैं।
कार्टून जैसे बोलने लगे हैं।
चलने लगे हैं और कपड़े पहनने लगे हैं।
भावनाओं को खोते चले हैं।
रात में कम सोने लगे हैं।
आंखों की रोशनी खोने लगे हैं।
चिड़चिड़े हो चले हैं ।
अब तो हद हो गई है।
जब से एआई इमेजिंग आई है।
बड़े नर - नारी भी
कार्टून बनने के लिए पागल हो गए हैं।
डेटा सिक्योरिटी को भूल गए हैं।
अब बड़े भी कार्टून हो गए हैं।
इंसान हो, इंसान रहो।
खुद को कार्टून न बनाओ।
खुद पर संयम रखो।
जो तुम्हारा डेटा स्टोर न करे।
तीसरे पक्ष को मुहैआ न कराए।
तभी साइबर सुविधा उपयोग करो।
अपनी फोटो गैलरी,
डेटा का अधिकार न दो।
ऐसे साइबर सुरक्षा को अपनाओ।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 07 अप्रैल 2025,©
रेटिंग 10/10
अब बड़े भी कार्टून हो गए हैं (Now even adults became cartoons)
आजकल के बच्चे
कार्टून देखते देखते बड़े हो गए हैं।
और कार्टून जैसे हो गए हैं।
टीवी, मोबाइल, लेपटॉप
पर हर समय कार्टून देखने
और गेम खेलने के आदी हो गए हैं।
कार्टून जैसे बोलने लगे हैं।
चलने लगे हैं और कपड़े पहनने लगे हैं।
भावनाओं को खोते चले हैं।
रात में कम सोने लगे हैं।
आंखों की रोशनी खोने लगे हैं।
चिड़चिड़े हो चले हैं ।
अब तो हद हो गई है।
जब से एआई इमेजिंग आई है।
बड़े नर - नारी भी
कार्टून बनने के लिए पागल हो गए हैं।
डेटा सिक्योरिटी को भूल गए हैं।
अब बड़े भी कार्टून हो गए हैं।
इंसान हो, इंसान रहो।
खुद को कार्टून न बनाओ।
खुद पर संयम रखो।
जो तुम्हारा डेटा स्टोर न करे।
तीसरे पक्ष को मुहैआ न कराए।
तभी साइबर सुविधा उपयोग करो।
अपनी फोटो गैलरी,
डेटा का अधिकार न दो।
ऐसे साइबर सुरक्षा को अपनाओ।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 07 अप्रैल 2025,©
रेटिंग 10/10
Sunday, April 6, 2025
#H423 अगर मैं प्लांट हेड होता (If I were a Plant Head)
#H423
अगर मैं प्लांट हेड होता (If I were a Plant Head)
बचपन में निबंध पढ़ा था,
"अगर मैं प्रधानमंत्री होता।"
तो क्या करता, क्या नहीं करता,
जब याद मुझे यह बात आई,
मैंने अपनी कलम उठा ली,
और यह कविता लिख डाली।
अगर मैं प्लांट हेड होता,
तब क्या-क्या करता,
क्या-क्या नहीं करता,
आप सबको बतलाता हूँ।
हर रोज
सबसे मिलकर खुशी जताता,
सीनियर होता या जूनियर,
सबको प्रसन्न करता जाता,
मनोबल उनका ऊँचा कर जाता।
दिन में तीन बार राउंड लगाता
सुबह, दोपहर और शाम,
शॉप फ्लोर पर जरूर जाता,
क्या असामान्य (एब्नार्मल) मिला है,
अपनी नजर से सबको बताता।
एरिया इंचार्ज का दृष्टिकोण समझता,
और स्थिति में सुधार कराता।
रोज़ाना सबसे पहले
किसी अप्रिय घटना का पता लगाता,
सुरक्षा, ग्राहक शिकायत और डिलीवरी,
मशीन ब्रेकडाउन और सप्लायर
की स्थिति की जानकारी लेता,
तभी अपनी सीट पर आता।
अपने सीनियर को
समय पर सूचित करता,
प्रबंधन में विश्वास जगाता,
मार्गदर्शन का लाभ उठाता।
हर विभाग में अपना एक
सूचना-सूत्र बनाता,
सबसे पहले मैं सूचना पाता,
सच-झूठ को समझ पाता।
किसी से लगाव-द्वेष न रखता,
एक समान सबको मानकर चलता,
पारदर्शिता बनाए रखता,
श्रेष्ठ उदाहरण बनकर दिखलाता।
रोज़ सबके साथ मीटिंग करता,
समय और संख्या सीमित रखता,
हर संभव संसाधन का उपयोग करता।
साप्ताहिक मीटिंग में
शीर्ष तीन समस्याओं की बात करता,
बार-बार होने वाली (रिपीटेड) दिक्कतों पर
सही सुधारात्मक (करेक्टिव) कार्रवाई पर जोर देता।
मासिक कार्यकलापों की प्रगति लेता,
जोखिमों का पता लगाता,
रोकथाम (प्रिवेंटिव) उपाय करवाता।
मासिक लक्ष्यों की समीक्षा
व्यक्तिगत स्तर पर करता,
अगले छह माह की चर्चा करता,
प्रिवेंटिव एक्शन का आधार बनाता।
लोगों में कौशल की लौ जलाता,
हर स्तर पर अच्छे लीडर बनाता,
नई तकनीक लगवाता,
डिजिटलाइजेशन को बढ़ाता।
बिजली, पानी, कागज (पेपर)
की बर्बादी से हर संभव बचाता,
पर्यावरण संरक्षण में भूमिका निभाता।
प्लांट में "क्यू सी सर्कल" की आग जलाता,
हर कोई भागीदार हो,
ऐसा विधान बनाता।
खर्चों में कमी लाने को सबको प्रेरित करता,
हर किसी को एक प्रोजेक्ट लेने का नियम बनाता,
लागत (कीमत) से सबको जोड़ता।
सिस्टम से न भागे कोई,
ऐसा माहौल बनाता,
भविष्य के लिए
मजबूत प्लांट तैयार करता।
प्रबंधन तक प्रगति पहुंचाता,
प्रबंधन की सोच से
सबको अवगत करवाता,
लक्ष्यों को समझाता।
उचित मान-सम्मान
प्रबंधन से लेकर आता,
योग्य को आगे लाता,
कमजोर को और दौड़ कराता,
पर उसे सफल जरूर बनाता।
अच्छा लीडर होने की
पूरी कोशिश करता।
अगर मैं प्लांट हेड होता,
ऐसे प्लांट चलाता।
मैं सिद्धांत बनाता:
0-0-0-0-0 शिकायत
दुर्घटना - आपूर्ति - शिकायत - हानि - कानूनी (लीगल)
3-3-3-5-5 एक्शन
रोज़ - साप्ताहिक - मासिक - अर्धवार्षिक - वार्षिक
3-3-3 प्लानिंग
तीन दिन - तीन सप्ताह - तीन महीने - तीन साल
1-1-1-1 लीडरशिप
लीडर - डिप्टी - टीम मेंबर - महिला
अपने सिद्धांतों की समय-समय पर
समीक्षा करता और आवश्यकतानुसार बदलता।
जहां खर्च करने का
अतिसीमित अधिकार हों।
वहां मैं प्लांट हेड न बनना चाहूंगा।
शेर कितना भी बढ़ा हो,
अगर दांत और नाखून न हों।
फिर शेर भी भूखा मर जाता।
ऐसा हाल मैं अपना न करना चाहूंगा।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक: 30 दिसंबर 2024, ©
रेटिंग: 10/10
अगर मैं प्लांट हेड होता (If I were a Plant Head)
बचपन में निबंध पढ़ा था,
"अगर मैं प्रधानमंत्री होता।"
तो क्या करता, क्या नहीं करता,
जब याद मुझे यह बात आई,
मैंने अपनी कलम उठा ली,
और यह कविता लिख डाली।
अगर मैं प्लांट हेड होता,
तब क्या-क्या करता,
क्या-क्या नहीं करता,
आप सबको बतलाता हूँ।
हर रोज
सबसे मिलकर खुशी जताता,
सीनियर होता या जूनियर,
सबको प्रसन्न करता जाता,
मनोबल उनका ऊँचा कर जाता।
दिन में तीन बार राउंड लगाता
सुबह, दोपहर और शाम,
शॉप फ्लोर पर जरूर जाता,
क्या असामान्य (एब्नार्मल) मिला है,
अपनी नजर से सबको बताता।
एरिया इंचार्ज का दृष्टिकोण समझता,
और स्थिति में सुधार कराता।
रोज़ाना सबसे पहले
किसी अप्रिय घटना का पता लगाता,
सुरक्षा, ग्राहक शिकायत और डिलीवरी,
मशीन ब्रेकडाउन और सप्लायर
की स्थिति की जानकारी लेता,
तभी अपनी सीट पर आता।
अपने सीनियर को
समय पर सूचित करता,
प्रबंधन में विश्वास जगाता,
मार्गदर्शन का लाभ उठाता।
हर विभाग में अपना एक
सूचना-सूत्र बनाता,
सबसे पहले मैं सूचना पाता,
सच-झूठ को समझ पाता।
किसी से लगाव-द्वेष न रखता,
एक समान सबको मानकर चलता,
पारदर्शिता बनाए रखता,
श्रेष्ठ उदाहरण बनकर दिखलाता।
रोज़ सबके साथ मीटिंग करता,
समय और संख्या सीमित रखता,
हर संभव संसाधन का उपयोग करता।
साप्ताहिक मीटिंग में
शीर्ष तीन समस्याओं की बात करता,
बार-बार होने वाली (रिपीटेड) दिक्कतों पर
सही सुधारात्मक (करेक्टिव) कार्रवाई पर जोर देता।
मासिक कार्यकलापों की प्रगति लेता,
जोखिमों का पता लगाता,
रोकथाम (प्रिवेंटिव) उपाय करवाता।
मासिक लक्ष्यों की समीक्षा
व्यक्तिगत स्तर पर करता,
अगले छह माह की चर्चा करता,
प्रिवेंटिव एक्शन का आधार बनाता।
लोगों में कौशल की लौ जलाता,
हर स्तर पर अच्छे लीडर बनाता,
नई तकनीक लगवाता,
डिजिटलाइजेशन को बढ़ाता।
बिजली, पानी, कागज (पेपर)
की बर्बादी से हर संभव बचाता,
पर्यावरण संरक्षण में भूमिका निभाता।
प्लांट में "क्यू सी सर्कल" की आग जलाता,
हर कोई भागीदार हो,
ऐसा विधान बनाता।
खर्चों में कमी लाने को सबको प्रेरित करता,
हर किसी को एक प्रोजेक्ट लेने का नियम बनाता,
लागत (कीमत) से सबको जोड़ता।
सिस्टम से न भागे कोई,
ऐसा माहौल बनाता,
भविष्य के लिए
मजबूत प्लांट तैयार करता।
प्रबंधन तक प्रगति पहुंचाता,
प्रबंधन की सोच से
सबको अवगत करवाता,
लक्ष्यों को समझाता।
उचित मान-सम्मान
प्रबंधन से लेकर आता,
योग्य को आगे लाता,
कमजोर को और दौड़ कराता,
पर उसे सफल जरूर बनाता।
अच्छा लीडर होने की
पूरी कोशिश करता।
अगर मैं प्लांट हेड होता,
ऐसे प्लांट चलाता।
मैं सिद्धांत बनाता:
0-0-0-0-0 शिकायत
दुर्घटना - आपूर्ति - शिकायत - हानि - कानूनी (लीगल)
3-3-3-5-5 एक्शन
रोज़ - साप्ताहिक - मासिक - अर्धवार्षिक - वार्षिक
3-3-3 प्लानिंग
तीन दिन - तीन सप्ताह - तीन महीने - तीन साल
1-1-1-1 लीडरशिप
लीडर - डिप्टी - टीम मेंबर - महिला
अपने सिद्धांतों की समय-समय पर
समीक्षा करता और आवश्यकतानुसार बदलता।
जहां खर्च करने का
अतिसीमित अधिकार हों।
वहां मैं प्लांट हेड न बनना चाहूंगा।
शेर कितना भी बढ़ा हो,
अगर दांत और नाखून न हों।
फिर शेर भी भूखा मर जाता।
ऐसा हाल मैं अपना न करना चाहूंगा।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक: 30 दिसंबर 2024, ©
रेटिंग: 10/10
Saturday, April 5, 2025
#H422 मैं ना भूलूंगा "भारत" (I will never forget "Bharat")
#H422
मैं ना भूलूंगा "भारत" (I will never forget "Bharat")
मैं ना भूलूंगा, मुझे याद है।
"हरियाली और रास्ता" याद है।
"अल्लाह जाने क्या होगा आगे" याद है।
"वो कौन थी ?' याद है।
"नैना बरसे रिमझिम रिमझिम" याद है
"शहीद" का "भगत" याद है
"मेरा रंग दे बसंती चोला" याद है।
"दो बदन" याद है।
मैं ना भूलूंगा "भारत" (I will never forget "Bharat")
मैं ना भूलूंगा, मुझे याद है।
"हरियाली और रास्ता" याद है।
"अल्लाह जाने क्या होगा आगे" याद है।
"वो कौन थी ?' याद है।
"नैना बरसे रिमझिम रिमझिम" याद है
"शहीद" का "भगत" याद है
"मेरा रंग दे बसंती चोला" याद है।
"दो बदन" याद है।
"नसीब में जिसके जो लिखा था" याद है।
"उपकार" का "भारत" याद है।
"मेरे देश की धरती सोना उगले " याद है।
"कसमे वादे प्यार वफा" याद है।
"पत्थर के सनम" से
"पत्थर के सनम तुझे हमने
मोहब्बत का खुदा जाना" याद है।
मुझे "नीलकमल" याद है।
"बाबुल की दुआएं लेती जा" याद है।
"पूरब और पश्चिम" याद है।
"जब ज़ीरो दिया मेरे भारत ने " याद है।
"शोर" से
"एक प्यार का नगमा है" याद है।
"रोटी, कपड़ा और मकान" से
"तेरी दो टकिया की नौकरी" याद है।
"महंगाई मार गई" याद है।
सन्यासी से
"चल सन्यासी मंदिर में" याद है।
"क्रान्ति" से "चना जोर गरम" याद है।
"जिंदगी की न टूटे लड़ी" याद है।
"संतोष" का "संतोष" याद है।
"क्यूं लगने लगने लगी, आजकल जिंदगानी" याद है।
"मैदाने ए जंग" का "भारत" याद है।
"लो फागंड़ ऋतु आ गई" याद है।
भारत कुमार याद है।
मनोज कुमार याद है।
और भी बहुत कुछ याद है।
मैं ना भूलूंगा। तेरी फिल्मों को
उनके गांनों को, मैं ना भूलूंगा।
भारत कुमार सदा के लिए याद है।
नमन है आपको, और उस युग को।
"मैं ना भूलूंगा", अब हम सबकी आवाज़ है।
देवेंद्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 4 अप्रैल 2025,©
रेटिंग 10/10
"उपकार" का "भारत" याद है।
"मेरे देश की धरती सोना उगले " याद है।
"कसमे वादे प्यार वफा" याद है।
"पत्थर के सनम" से
"पत्थर के सनम तुझे हमने
मोहब्बत का खुदा जाना" याद है।
मुझे "नीलकमल" याद है।
"बाबुल की दुआएं लेती जा" याद है।
"पूरब और पश्चिम" याद है।
"जब ज़ीरो दिया मेरे भारत ने " याद है।
"शोर" से
"एक प्यार का नगमा है" याद है।
"रोटी, कपड़ा और मकान" से
"तेरी दो टकिया की नौकरी" याद है।
"महंगाई मार गई" याद है।
सन्यासी से
"चल सन्यासी मंदिर में" याद है।
"क्रान्ति" से "चना जोर गरम" याद है।
"जिंदगी की न टूटे लड़ी" याद है।
"संतोष" का "संतोष" याद है।
"क्यूं लगने लगने लगी, आजकल जिंदगानी" याद है।
"मैदाने ए जंग" का "भारत" याद है।
"लो फागंड़ ऋतु आ गई" याद है।
भारत कुमार याद है।
मनोज कुमार याद है।
और भी बहुत कुछ याद है।
मैं ना भूलूंगा। तेरी फिल्मों को
उनके गांनों को, मैं ना भूलूंगा।
भारत कुमार सदा के लिए याद है।
नमन है आपको, और उस युग को।
"मैं ना भूलूंगा", अब हम सबकी आवाज़ है।
देवेंद्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 4 अप्रैल 2025,©
रेटिंग 10/10
Friday, April 4, 2025
#H421 कॉर्पोरेट्स गधे (Confident Slaves)
#H421
कॉर्पोरेट्स गधे (Confident Slaves)
आओ मैं तुम्हें
कॉर्पोरेट्स की कथा सुनाता हूॅं ।
कॉर्पोरेट्स यानि निजी क्षेत्र।
तुम्हें दिमाग नहीं लगाना है
जो बताया है वही करते जाना है।
मैं कहूॅं या ना कहूॅं
इस तरह से बस
तुम्हें एक दिन गधा बन जाना है।
बहुत बरातें देखी हैं हमने।
दूल्हा घोड़े पर बैठा होता है।
घोड़े की आंखों पर कपड़ा लगा होता है।
और उसको बस सीधा ही चलना होता है।
इसीलिए कहा जाता है ।
शादी के घोड़े की तरह चल रहे हो।
यानी दिमाग नहीं लगा रहे हो।
कॉरपोरेट्स भी
हमसे बस इतना ही करवा रहे हैं।
यह करना है और यह नहीं करना है
बस इतना ही बता रहे हैं।
जिम्मेदारी सैकड़ों दे रखी है।
पर अधिकार दिए हैं शून्य।
सोच - समझकर हमको गधा बना रहे हैं।
कॉर्पोरेट्स गधे खुद को साहब समझ बैठे हैं।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 04 अप्रैल 2025,©
रेटिंग 10/10
कॉर्पोरेट्स गधे (Confident Slaves)
आओ मैं तुम्हें
कॉर्पोरेट्स की कथा सुनाता हूॅं ।
कॉर्पोरेट्स यानि निजी क्षेत्र।
तुम्हें दिमाग नहीं लगाना है
जो बताया है वही करते जाना है।
मैं कहूॅं या ना कहूॅं
इस तरह से बस
तुम्हें एक दिन गधा बन जाना है।
बहुत बरातें देखी हैं हमने।
दूल्हा घोड़े पर बैठा होता है।
घोड़े की आंखों पर कपड़ा लगा होता है।
और उसको बस सीधा ही चलना होता है।
इसीलिए कहा जाता है ।
शादी के घोड़े की तरह चल रहे हो।
यानी दिमाग नहीं लगा रहे हो।
कॉरपोरेट्स भी
हमसे बस इतना ही करवा रहे हैं।
यह करना है और यह नहीं करना है
बस इतना ही बता रहे हैं।
जिम्मेदारी सैकड़ों दे रखी है।
पर अधिकार दिए हैं शून्य।
सोच - समझकर हमको गधा बना रहे हैं।
कॉर्पोरेट्स गधे खुद को साहब समझ बैठे हैं।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 04 अप्रैल 2025,©
रेटिंग 10/10
Thursday, April 3, 2025
#H420 जामवंत की प्रतीक्षा (Waiting for Strength Awakener)
#H420
जामवंत की प्रतीक्षा (Waiting for Strength Awakener)
मैं खुद से सवाल कर रहा हूॅं ।
मैं क्या कर रहा हूॅं ।
क्या मैं जी रहा हूॅं ।
या अंदर से मर गया हूॅं ।
क्या मैं सो रहा हूॅं।
या अज्ञातवास में खो गया हूॅं
क्या हनुमान हो गया हूॅं।
खुद को भूल गया हूॅं।
जामवंत का इंतजार कर रहा हूॅं।
हीरा हूॅं मैं
क्या चमक खो गया हूॅं।
या धूल में छुप गया हूॅं।
ठोकर मारने को राह में पड़ा हूॅं।
क्यों इंतजार रहा हूॅं।
मैं क्या कर रहा हूॅं ।
मैं सवाल बन गया हूॅं ।
मैं मिसाल बना गया हूॅं।
विचारों को विराम लगा।
कदम बढ़ा, रोशन हो जा।
अपना हक हासिल कर।
खुद की चमक दिखा।
जिंदा है अभी सबको बता।
मैं जिंदा हो गया हूॅं।
देवेंद्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 03 अप्रैल 2025,©
रेटिंग 9.8/10
जामवंत की प्रतीक्षा (Waiting for Strength Awakener)
मैं खुद से सवाल कर रहा हूॅं ।
मैं क्या कर रहा हूॅं ।
क्या मैं जी रहा हूॅं ।
या अंदर से मर गया हूॅं ।
क्या मैं सो रहा हूॅं।
या अज्ञातवास में खो गया हूॅं
क्या हनुमान हो गया हूॅं।
खुद को भूल गया हूॅं।
जामवंत का इंतजार कर रहा हूॅं।
हीरा हूॅं मैं
क्या चमक खो गया हूॅं।
या धूल में छुप गया हूॅं।
ठोकर मारने को राह में पड़ा हूॅं।
क्यों इंतजार रहा हूॅं।
मैं क्या कर रहा हूॅं ।
मैं सवाल बन गया हूॅं ।
मैं मिसाल बना गया हूॅं।
विचारों को विराम लगा।
कदम बढ़ा, रोशन हो जा।
अपना हक हासिल कर।
खुद की चमक दिखा।
जिंदा है अभी सबको बता।
मैं जिंदा हो गया हूॅं।
देवेंद्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 03 अप्रैल 2025,©
रेटिंग 9.8/10
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