#H428
रक्त से रुप तक (From blood to beauty)
गोल गोल
मैं लट्टू जैसा दिखता हूॅं।
जमीन के अंदर उगता हूॅं।
गहरा लाल / जामुनी रंग में होता हूॅं
ऊपर से मैं भूरा दिखता हूॅं ।
सलाद में खाया जाता हूॅं ।
स्वाद में मीठा/ मिट्टी जैसा होता हूॅं।
जूस के रूप में भी पिया जाता हूॅं।
सूप और सब्जी में भी चलता हूॅं।
हलवा के रूप में भी खाया जाता हूॅं।
जो करता है मेरा सेवन
खून में आयरन बढ़ाता हूॅं।
ब्लड प्रेशर सीमित रखता हूॅं।
लीवर को साफ करता हूॅं।
पाचन तंत्र को तंदुरुस्त रखता हूॅं।
जो इसके रस को त्वचा पर लगाए
उसके चेहरे पर रंगत लाता हूॅं।
होंठों पर लगाने वालों के होठ
गुलाबी और मुलायम रखता हूॅं।
प्राकृतिक रंग के रूप में भी
उपयोग में लाया जाता हूॅं।
बताओ मैं क्या कहलाता हूॅं।
खाने पर मुंह लाल कर देता हूॅं।
उंगलियों को भी लाल कर जाता हूॅं।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 14 अप्रैल 2025,©
रेटिंग 9.5/10
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