मैं ना भूलूंगा "भारत" (I will never forget "Bharat")
मैं ना भूलूंगा, मुझे याद है।
"हरियाली और रास्ता" याद है।
"अल्लाह जाने क्या होगा आगे" याद है।
"वो कौन थी ?' याद है।
"नैना बरसे रिमझिम रिमझिम" याद है
"शहीद" का "भगत" याद है
"मेरा रंग दे बसंती चोला" याद है।
"दो बदन" याद है।
"नसीब में जिसके जो लिखा था" याद है।
"उपकार" का "भारत" याद है।
"मेरे देश की धरती सोना उगले " याद है।
"कसमे वादे प्यार वफा" याद है।
"पत्थर के सनम" से
"पत्थर के सनम तुझे हमने
मोहब्बत का खुदा जाना" याद है।
मुझे "नीलकमल" याद है।
"बाबुल की दुआएं लेती जा" याद है।
"पूरब और पश्चिम" याद है।
"जब ज़ीरो दिया मेरे भारत ने " याद है।
"शोर" से
"एक प्यार का नगमा है" याद है।
"रोटी, कपड़ा और मकान" से
"तेरी दो टकिया की नौकरी" याद है।
"महंगाई मार गई" याद है।
सन्यासी से
"चल सन्यासी मंदिर में" याद है।
"क्रान्ति" से "चना जोर गरम" याद है।
"जिंदगी की न टूटे लड़ी" याद है।
"संतोष" का "संतोष" याद है।
"क्यूं लगने लगने लगी, आजकल जिंदगानी" याद है।
"मैदाने ए जंग" का "भारत" याद है।
"लो फागंड़ ऋतु आ गई" याद है।
भारत कुमार याद है।
मनोज कुमार याद है।
और भी बहुत कुछ याद है।
मैं ना भूलूंगा। तेरी फिल्मों को
उनके गांनों को, मैं ना भूलूंगा।
भारत कुमार सदा के लिए याद है।
नमन है आपको, और उस युग को।
"मैं ना भूलूंगा", अब हम सबकी आवाज़ है।
देवेंद्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 4 अप्रैल 2025,©
रेटिंग 10/10
"उपकार" का "भारत" याद है।
"मेरे देश की धरती सोना उगले " याद है।
"कसमे वादे प्यार वफा" याद है।
"पत्थर के सनम" से
"पत्थर के सनम तुझे हमने
मोहब्बत का खुदा जाना" याद है।
मुझे "नीलकमल" याद है।
"बाबुल की दुआएं लेती जा" याद है।
"पूरब और पश्चिम" याद है।
"जब ज़ीरो दिया मेरे भारत ने " याद है।
"शोर" से
"एक प्यार का नगमा है" याद है।
"रोटी, कपड़ा और मकान" से
"तेरी दो टकिया की नौकरी" याद है।
"महंगाई मार गई" याद है।
सन्यासी से
"चल सन्यासी मंदिर में" याद है।
"क्रान्ति" से "चना जोर गरम" याद है।
"जिंदगी की न टूटे लड़ी" याद है।
"संतोष" का "संतोष" याद है।
"क्यूं लगने लगने लगी, आजकल जिंदगानी" याद है।
"मैदाने ए जंग" का "भारत" याद है।
"लो फागंड़ ऋतु आ गई" याद है।
भारत कुमार याद है।
मनोज कुमार याद है।
और भी बहुत कुछ याद है।
मैं ना भूलूंगा। तेरी फिल्मों को
उनके गांनों को, मैं ना भूलूंगा।
भारत कुमार सदा के लिए याद है।
नमन है आपको, और उस युग को।
"मैं ना भूलूंगा", अब हम सबकी आवाज़ है।
देवेंद्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 4 अप्रैल 2025,©
रेटिंग 10/10