Sunday, August 24, 2025

#H515 इंद्रिय निग्रह

#H515
इंद्रिय निग्रह 

इंद्रियों के बिना ज्ञान प्राप्त न हो पाए।
देखना, सुनना, सूंघना, स्पर्श, चखना।
जो इन पर नियंत्रण न कर पाए।
उसका साक्षात जीवन नरक हो जाए।

आंखें मिलीं हैं देखने को, 
बिन देखे दुनिया समझ न आए।
मत देखो वासना भरे दृश्य,
मत ताड़ो पर स्त्री को, 
मान और मति नष्ट जाए। 

मत ढूंढो दूसरों की कमियां।
जो सुनना जग को कभी न भाए।
ढूंढो बस अपनी कमियां, 
जो जल्दी समझ न आए।

कान मिलें सुनने को
ढंग से सुनना सीखे
तो जीवन सफल हो जाए।
बुराई किसी की न सुनना, 
औरों की निंदा 
खुद की क्षमता क्षीण कराए।
अपनी होने पर कभी पीछे न जाएं।
आगे बढ़कर खुद सुधार लाएं।

नाक है सूंघने को
सुगंधों का आनंद उठाएं।
दुर्गंध को कभी नजरअंदाज न करें।
समय पर सुरक्षा कदम उठाएं।

जीभ‌‌ है स्वाद के लिए
व्यंजनों का मजा उठाएं।
स्वाद स्वाद में ज्यादा न खाएं।
मीठे, तीखे, खट्टे, तले भुने से 
हर संभव खुद को बचाएं।
फिर अच्छी सेहत और
लंबा जीवन पाएं।
भिन्न मिले तो सचेत हो जाएं।
खतरे से खुद को बचाएं।

त्वचा मिली है छूने को
ठंडा, गर्म, चिकना, खुरदरा,
नुकीला, कठोर, मुलायम 
हर समय अहसास पाएं।
फिर आगे कदम उठाएं।


कर्मेंद्रियों के बिन कोई न जी पाए।
बोलना, कार्य करना, चलना, 
बच्चे पैदा करना, शरीर साफ रखना।
तभी अच्छे से जीवन चल पाए।

मुंह दिया है बोलने और खान-पान को
मत पालो खाने-पीने का लोभ,
जो जीने के लिए खाए, 
खाने के लिए न जिए।
वो अच्छी सेहत पाए।

मत बोलो झूठ, कटु वचन
जो सदा आपस में राय बढ़ाए।
वाणी पर नियंत्रण रखो।
जो सबके मन को भाए।

हाथ हैं पकड़ने और 
कार्य करने के लिए
सदा ध्यान रहे 
तुमसे कोई अनिष्ट न हो जाए।
अच्छे से काम करो।
सेवा, दान करने से 
मन शुद्ध हो जाए।

पैर दिए हैं चलने को
प्रातः सैर करो, 
ताकि सेहत अच्छी हो जाए।
काम में तेजी से कदम बढ़ाओ।
अच्छी उत्पादकता पाओ।
हर साल भ्रमण करो।
ताकि ज्ञान बढ़ता जाए।

जननेंद्रियां है प्रजनन के लिए
अपना वंश बढ़ाओ।
जनसंख्या का ध्यान रखो।
अपने जीवन साथी ही
यौवन का आनंद उठाएं।

शरीर को प्रातः स्वच्छ करो।
कब्ज़ से खुद को दूर रखो।
शरीर स्वच्छ तो मन प्रसन्न हो जाए।

मन इंद्रियों का राजा है, 
मन को नियंत्रित करो।
तो इंद्रियाँ भी नियंत्रित रहेंगी।

इंद्रिय-निग्रह के उपाय करो
सद्ग्रंथों का अध्ययन करो।
सत्संग और ध्यान करो।
मौन व्रत और 
वाणी संयम पर संयम रखो।
आहार को शाकाहार करो।
मात्रा पर संयम रखो।
योग और प्राणायाम का
अभ्यास करो।
नित्य आत्मनिरीक्षण करो।

दिनांक 24 जून 2025,©
रेटिंग 9/10


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