#H514
बंटोगे तो कटोगे।
बंटोगे तो कटोगे।
नारा तो बिल्कुल सही दिया।
पर समय वो गलत था।
आज बंटोगे तो कटोगे।
नारा बिल्कुल सही है।
उत्तर और दक्षिण में बंटे हो।
जातियों में बंटे हो।
धर्मों में बंटे हो।
पंथों में बंटे हो।
पर इंसान न बने हो।
हिंदी, मराठी, में बंटे हो।
तमिल, मलयालम,
तेलुगू, कन्नड़, में बंटे हो।
ओड़िया, बांग्ला,
असमिया में बंटे हो।
हर जगह बंटे हो।
पर भारतीय न बने हो।
क्या खूब भाषा प्रेमी दिखते हो?
अपनी संतानों को अंग्रेजी सिखाते हो।
अंग्रेजी बोलने में न शान गिरती है।
देश की दूसरी भाषा से क्यों जलते हो।
राजनीति में ऐसी चालें चले हो।
जैसे केवल देश तोड़ने को बने हो।
अब तो भारतीय कहां रहे हो।
बंटते बंटते बांटने पर डटे हो।
बस मासूम जनता के सौदागर बने हो।
जागो अगर भारतीय हो।
ऐसों को सत्ता में न आने दो।
आम आदमी के अंदर भारत है।
खामोशी से सबको दिखला दो।
पर खुद को न बंटने दो।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 08 जुलाई 2025,©
रेटिंग 9.5/10
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