हर ओर शिकायत
तारों को चांद से शिकायत है।
अंधेरे को चांदनी से शिकायत है।
रात को सूरज से शिकायत है।
सूरज को शाम से शिकायत है।
दिन को रात से शिकायत है।
पहाड़ों को धूप से शिकायत है।
नदियों को सागर से शिकायत है।
सागर को तूफानों से शिकायत है।
बादलों को हवा से शिकायत है।
पानी को गर्मी से शिकायत है।
पेड़ों को आंधियों से शिकायत है।
आंधियों को गर्मी से शिकायत है।
घास को पेड़ से शिकायत है।
पेड़ को पतों से शिकायत है।
बीज को पोधों से शिकायत है।
इंसान को हर चीज से शिकायत है।
जिसे मिली दौलत से शिकायत है,
जिसे न मिले, किस्मत से शिकायत है।
जिसे मिला प्यार से शिकायत है,
जिसे न मिला, तन्हाई से शिकायत है।
जिसे मिली नौकरी से शिकायत है,
जिसे न मिली बेरोज़गारी से शिकायत है।
शिकायतों में उलझकर इंसान,
सुकून कभी पा नहीं सकता है।
दिनांक 12 अगस्त 2025,©
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