#H190
वो खुश नसीब होते हैं
बहुत खुश नसीब होते हैं
जिनकी कलाई पर राखी
बांधने वाली होती है
बहन क्या होती है
पूछों उनसे जिनकी रक्षाबन्धन पर
कलाई सूनी रह जाती है
भैया दूज पर बहन घर आती है
अपने जीवन को खुशहाल जताती है
हाल जो भी हो, अच्छा बताती है
भाई खुशहाल रहे
सदा इसकी दुआ लगाती है
बहन क्या होती है
पूछों उनसे जिनकी रक्षा बन्धन पर
कलाई सूनी रह जाती है
ससुराल में रहने पर
भाई की सलामती की
दुआ करती है
भाई को कुछ होने
पर दौड़ी चली आती है
बहन क्या होती है
पूछों उनसे जिनकी रक्षाबन्धन पर
कलाई सूनी रह जाती है
अगर राखियाँ डाक से आती है
बहन हुई है मजबूर, समझ लो
तभी भाई घर नही आ पाती है
क्या हाल है उसके घर जाकर जानने की
अब भाई की जिम्मेदारी हो जाती है
बहन की दुआओं का कुछ ऋण चुकाने की
भाई की जिम्मेदारी बन जाती है
बहन क्या होती है
इस दुनिया से जाने पर
बहुत रूलाती है
जब सूनी कलाई पर
उसकी बांधी राखी याद आती है
बहन क्या होती है ?
पूछों उनसे जिनकी रक्षा बन्धन पर
कलाई सूनी रह जाती है
बहुत खुश नसीब होते हैं
जिनकी कलाई पर राखी
बांधने वाली होती है
जिनका भाई नहीं होता है
वो बहन राखी बांधती हैं
माँ, पिता, पेड़ों को
पर मलाल होता है
कोई भाई होता,
बुलाने आता , भाभी घर लाता
माता पिता के न रहने पर
मुझे घर बुलाता, राखी बंधवाता
जिनकी बहन बेटी नहीं होती है
तरसते हैं कन्या दान को
कन्यादान बिना जीवन है अधूरा
आज भी बहुत लोग समझते हैं
पर बड़ा अजीब है आज भी
बहू चाहिए पर बेटी नहीं
लड़की को अभी भी
अभिशाप समझते हैं
लड़का बिगड़ेगा या लड़की
ये हालात पर छोड़ते हैं
लोग क्या चाहते हैं
हम कुछ समझ नहीं पाते हैं
बेटा हो बेटी गले लगाओ
उन्हें बचाओ, तन्दरुस्त बनाओ
खूब पढ़ाओ, उन पर भरोसा दिखाओ
जीवन में उनको सफल बनाओ
अच्छे संस्कार दोनों ही को दिलवाओ
क्या होगा आगे मत घबराओ
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 04 अगस्त 2023,©
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