#H206
बुफे (Buffet)
दावत में जाता हूँ, क्या क्या पाता हूँ
उसका कुछ अंश तुम्हें दिखलाता हूँ।
कहाँ और कैसे खाना मैं खाता हूँ
खाने के दौरान क्या क्या मैं पाता हूँ।
जब भी दावत में बुफे लगा पाता हूँ
मन ही मन बहुत घबराता हूँ।
बहुत सारे व्यंजन पाता हूँ
क्या खाऊं, क्या न खाऊं
फंसकर रह जाता हूँ।
भीड़ जब बड़ जाती है
अन्दर खाना लेने नहीं जाता हूँ।
लोग प्लेट में बहुत अधिक भर लाते हैं
दाल को सब्जी से मिलवाते हैं
मीठे को भी नमकीन बनाते हैं
खा पाने से ज्यादा, खाना ले आते हैं
खाना बहुत अधिक नष्ट करवाते हैं।
मालिक का बिल भी बढ़वा जाते हैं
धक्का मुक्की कर जाते हैं
कपड़ों पर खाना गिरवा जाते हैं
पार्टी में जाने का
कई लोगों का मूड खराब कर जाते हैंं।
डिस्पोजेबल प्लेट डस्टबिन से बाहर गिरा देते हैं
खाना इधर उधर गिरा देते हैंं।
प्रांगण का माहौल खराब कर देते हैं।
मेजबान की इज्जत दांव पर लगा देते हैं।
एक या दो व्यंजन ही लाओ
खाकर फिर से तुम, कुछ और ले आओ
खाना बेकार न करो
इसको बचाने में मदद करो।
आने वाले को अच्छा माहौल प्रदान करो
मेजबान का सम्मान बना रहने में सहयोग करो।
"नासमझ" को
पार्टी में जाने को उत्साह प्रदान करो।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 28 जुलाई 2024,©
रेटिंग 8.5/10