Sunday, August 24, 2025

#H506 मेघफटन

#H506
मेघफटन

बादल फटते ही
पानी तेज बहाव से आया,
साथ में कीचड़ भी लाया।

पहाड़ों को काट लाया,
बाढ़ हर ओर छा गई।
सड़कें कटकर बह गईं,
मकान भरभराकर ढह गए।
सैकड़ों लोग बह गए,
पशु-वाहन सब धार में खो गए।
कई घर उजड़ गए,
महामारी का डर छोड़ गए।

झील का किनारा टूटा,
पानी का सैलाब छूटा।
इतना विनाश कर गया,
जब बादल फट गया।

हमें गुमसुम कर गया,
कई अपनों से बिछुड़ा गया।
आंखों में आंसू भर गया,
दोस्त–पड़ोसी भी जुदा कर गया।

हर साल ऐसे हादसे
अब बढ़ते ही जा रहे हैं।
जलवायु परिवर्तन की छाया
साफ दिखने लगी है।

पश्चिमी विक्षोभ अब
और भयंकर आने लगे हैं।
उत्तराखंड, हिमाचल, कश्मीर को
हर साल डसने लगे हैं।

जब आर्द्र हवाएं,
गर्म बयार से टकराती हैं,
आकाश में तूफान उठाती हैं।
काले बादल चीर देती हैं,
धरती का श्रृंगार छीन लेती हैं।

दिनांक 5 अगस्त 2025,©
रेटिंग 9.5/10

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