#H506
मेघफटन
बादल फटते ही
पानी तेज बहाव से आया,
साथ में कीचड़ भी लाया।
पहाड़ों को काट लाया,
बाढ़ हर ओर छा गई।
सड़कें कटकर बह गईं,
मकान भरभराकर ढह गए।
सैकड़ों लोग बह गए,
पशु-वाहन सब धार में खो गए।
कई घर उजड़ गए,
महामारी का डर छोड़ गए।
झील का किनारा टूटा,
पानी का सैलाब छूटा।
इतना विनाश कर गया,
जब बादल फट गया।
हमें गुमसुम कर गया,
कई अपनों से बिछुड़ा गया।
आंखों में आंसू भर गया,
दोस्त–पड़ोसी भी जुदा कर गया।
हर साल ऐसे हादसे
अब बढ़ते ही जा रहे हैं।
जलवायु परिवर्तन की छाया
साफ दिखने लगी है।
पश्चिमी विक्षोभ अब
और भयंकर आने लगे हैं।
उत्तराखंड, हिमाचल, कश्मीर को
हर साल डसने लगे हैं।
जब आर्द्र हवाएं,
गर्म बयार से टकराती हैं,
आकाश में तूफान उठाती हैं।
काले बादल चीर देती हैं,
धरती का श्रृंगार छीन लेती हैं।
दिनांक 5 अगस्त 2025,©
रेटिंग 9.5/10
Sunday, August 24, 2025
#H519 हर ओर शिकायत
#H519 हर ओर शिकायत तारों को चांद से शिकायत है। अंधेरे को चांदनी से शिकायत है। रात को सूरज से शिकायत है। सूरज को शाम से शिकायत है। दिन को ...
-
#H054 नया सवेरा (New Dawn) विदाई को अन्त न समझो। यह तो एक नया सवेरा है। जो जोड़ा है, अब तक तुमने, उसमें नया और कुछ जुड़ जाना है। सीख...
-
#H022 गुरु मार्ग (Teachings) समाज में रहे भाईचारा, एकता,सच्चा धर्म, सेवा, मानवता है, मूल सिद्धांत तुम्हारा । धर्मिक सहिष्णुता और बढ़ाओ।...
-
#H185 डाक्टर दिवस (Doctor Day) "कविता में डाक्टरी के पेशे के बारे में, डाक्टर दिवस पर बताया गया है। " दर्द को जांचे और दूर भगाऐ ...