टैरिफ : शुल्क से शक्ति तक
टैरिफ यानी आयात और
निर्यात पर लगने वाला शुल्क।
सभी देश टैरिफ लगाते हैं।
पर अन्य वजहों से भी
टैरिफ लगाते हैं जैसे
देशों को डराने के लिए,
अपनी मनवाने के लिए,
विरोधियों को साधने के लिए,
समर्थन पाने के लिए,
आय बढ़ाने के लिए,
मूल्य नियंत्रण के लिए,
वस्तुओं और सर्विसेज पर
टैरिफ लगाते हैं।
समय - समय पर
शुल्क घटाते और बढ़ाते हैं।
अमेरिका चीन व्यापार युद्ध,
भारत चीन आयात टैरिफ,
अक्सर समाचारों में आते हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति टैरिफ को
राजनीति अस्त्र बना बैठे हैं।
कभी-कभी उल्टे फंस जाते हैं।
शुल्क की आय से ज्यादा
अपने देश में मंहगाई बढ़ा जाते हैं।
अपने नागरिकों से ही
खुद के देश में घेरे जाते हैं।
सभी देश टैरिफ संतुलन चाहते हैं।
कभी शुल्क बढ़ते हैं,
कभी शुल्क घटते हैं।
सब बाजार की चाल से चलते हैं।
टैरिफ के विवाद अक्सर
विश्व व्यापार संगठन में उठाते हैं।
हर देश अपने व्यापारों को
समय - समय पर सुरक्षा देते हैं।
संतुलित टैरिफ ही संसार चलाते।
तभी मिलजुलकर अपना देश बढ़ाते।
दिनांक 6 अगस्त 2025,©
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