#H452
वो ही हिन्दू है (Way of Life)
हिन्दू नाम नहीं है
केवल धर्म का।
संस्कृति है, दर्शन है।
जीवन जीने की शैली है।
कर्म से उपजी प्रणाली है।
जो सबको अपनाए।
सबको साथ में लाए।
सबके साथ निभाए।
दुनिया को
अपना कुटुम्ब बताए।
नवाचार को अपनाए।
सत्य, अहिंसा, करुणा और
क्षमा को जीवन में अपनाए।
यज्ञ, पूजा, और ध्यान में
संभव समय लगाए।
सहिष्णुता को अपनाए।
आत्मा की खोज पर
अपना जीवन बिताए।
आस्था, विज्ञान, कला,
योग, साधना और
आध्यात्मिकता को
एक साथ अपनाए।
एक सर्वोच्च ब्रह्म में
विश्वास रखे,
साथ ही बहुदेववाद
की पूजा को अपनाए।
रामायण, महाभारत,
भगवत गीता से
दर्शन की समझ बढ़ाए।
नवदुर्गा, दशहरा, दीवाली,
होली और रक्षाबंधन
खुशी से परिवार संग मनाए।
आत्मा अमर है।
कर्मों के अनुसार जन्म पाए।
पुनर्जन्म में विश्वास जगाए।
जन्म-मृत्यु के चक्कर से
मुक्ति पाने को, अंतिम लक्ष्य बनाए।
वो ही हिन्दू है।
जन्म से मृत्यु तक
16 संस्कार निभाए।
जैसे नामकरण, यज्ञोपवीत, विवाह।
अंतिम संस्कार से पीछे न जाए।
अंत में पंचतत्व में विलीन हो जाए।
वो ही हिन्दू है।
हिन्दू धर्म में
कोई एक धर्मगुरु या
संस्था बंधन नहीं है।
जिसका जिसमें मन लग जाए।
अपनी मर्ज़ी से संप्रदाय अपनाए।
विविधता में समझ बनाए।
शिव को माने "शैव" बन जाए।
विष्णु को माने "वैष्णव" कहलाए।
देवी को पूजे 'शाक्त" समझा जाए।
सभी को समान भाव से
देखे "स्मार्त" कहलाए।
वो ही हिन्दू है।
चार वेद को जाने
ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद
108 उपनिषद से समझ बढ़ाए।
18 महापुराण को श्रवण करे।
वो ही हिन्दू है।
ब्रह्मा सृष्टिकर्ता, विष्णु पालक,
शिव संहारक, देवी शक्ति को पूजे।
राम, कृष्ण में आस्था जगाए।
वो ही हिन्दू है।
धर्म के चार स्तम्भ अपनाए।
धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष का
जीवन में संतुलन बनाए।
वो ही हिन्दू है।
जीवन के चार चरण माने
ब्रह्मचर्य, गृहस्थ,
वानप्रस्थ और संन्यास।
हर चरण में आस्था दिखाए।
वो ही हिन्दू है।
अनिवार्य पूजन बंधन से मुक्त है।
परमब्रह्म के स्मरण मात्र से,
बंधन से अंत में मुक्त हो जाए।
क्षमा को अंतिम हथियार बनाए।
कभी भूखे को घर से
खाली हाथ न लौटाए।
वो ही हिन्दू है।
रोज कुछ समय लगाओ।
अपनों को हिन्दू होने का
सच्चा मतलब बतलाओ।
हिन्दू होने पर न शर्माओ।
हिन्दू का परचम लहराओ।
दुनिया में अपनी जगह बनाओ।
"नासमझ" यह गुहार लगाए।
हिन्दू को समझो, अपनाओ।
ज्ञान, करुणा, और कर्म से
अपना जीवन सजाओ।
हिन्दू बनो, या नहीं।
पर हिन्दू का जीवन अपनाओ।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 2 जून 2025,©
रेटिंग 10/10
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