Saturday, May 31, 2025

#H450 बारिश की शाम, फिर से जाम (Rainy evening, jam again)

#H450
बारिश की शाम, फिर से जाम (Rainy evening, jam again)

जगह -जगह जल भराव है,
सड़क पर बहुत जाम है।
कंपनी में रोज काम है,
बस में बैठकर आराम है।
जाम में ज़िंदगी हराम है।

जल भराव में
बस भी हो जाती है ख़राब।
बारिश में कहाँ आराम है।
रूट बदलते और देरी से पहुंचते
जल भराव का परिणाम है।

कोई साथी स्टैंड बदलता है,
जल भराव का अंजाम है।
सड़कें पानी में डूब जाती हैं।
बारिश का कहाँ ख्याल है।

सड़कों में गढ्ढे पड़ जाते हैं।
दुर्घटना का कारण बन जाते हैं।
प्रशासन की तैयारी दिखाते हैं।
उफनते सीवर
सब पोल खोल जाते हैं।

यहाँ हर कोई जल्दबाज़ है।
फ्लाइओवर के नीचे
अक्सर जाम में ही शाम है।
दोनों दिशाओं से आता ट्रैफ़िक,
करता, जाम का इंतज़ाम है।
इसलिए जाम ही जाम है,
आदमी परेशान हर शाम है।

जल्दी हल होता नजर नहीं आता है।
हर कोई इस समस्या से परेशान है।
कब होगी सुबह इस समस्या की।
अभी तो हर तरफ शाम ही शाम है।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 31 मई 2025,©
रेटिंग 9.4/10

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