#H419
जाति है जो जाती नहीं। (Caste is something that never goes away)
जिसने जो काम किया और
आगे परिवार में बढ़ाया ।
वो पेशा बन गया, उसकी जाति।
काबिलियत को खा गयी जाति।
अब न करते वो यह पेशा।
फिर भी माथे पर लगी जाति।
समाज में खाई बना गई जाति।
जातिवाद के काम आती है जाति।
कैसे जाएगी यह जाति।
नहीं कोई है निर्धारित पाती।
वोट बैंक को चलाती जाति।
जाति से सरकारें आती-जाती।
फिर कैसे जाएगी यह जाति।
कब इंसान को इंसान बनाएगी ?
खुद मिटे, तभी मिटेगी जाति।
कबीरदास अभियान चलाए।
कर्म को इंसान की पहचान बताए।
ताकि मिट जाए जाति।
गुरुनानक प्रयास किए।
"सामूहिक लंगर प्रणाली" चलवाए।
"एक ओंकार" का संदेश फैलाए।
समाज से हट जाए जाति।
फुले ने संघर्ष किया।
वंचितों और महिलाओं
की शिक्षा का अलख जगाए।
मिट जाए जाति।
गांधी ने आह्वान किया।
अस्पृश्यता पर वार चलाए।
हरिजन आंदोलन चलाए।
जाति का अंत हो जाए।
अंबेडकर जोर लगाए।
अछूत शब्द को खत्म कराए।
मंदिरों में प्रवेश बढ़ाए।
हट जाए जाति।
अंतर्जातीय विवाह बढ़ाएं।
सबके सरनेम से जाति हटाएं।
जाति संगठनों को भंग कराएं।
कानूनी संशोधन, कुछ ऐसा लाएं।
इंसान को इंसान बनाएं।
सभी मिलकर नया समाज बनाएं।
वरना फिर न जाएगी यह जाति।
सत्ता पाने के काम ही आएगी जाति।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 31 मार्च 2025,©
रेटिंग 9.7/10
#H475 7 मासूम (7 Innocents)
#H475 7 मासूम (7 Innocents) पिपलोदी स्कूल की छत गिर गई, सात मासूमों की जान चली गई। स्कूली प्रार्थना आखरी हो गई। घरों में घनघोर अंधेरा क...
-
#H054 नया सवेरा (New Dawn) विदाई को अन्त न समझो। यह तो एक नया सवेरा है। जो जोड़ा है, अब तक तुमने, उसमें नया और कुछ जुड़ जाना है। सीख...
-
#H022 गुरु मार्ग (Teachings) समाज में रहे भाईचारा, एकता,सच्चा धर्म, सेवा, मानवता है, मूल सिद्धांत तुम्हारा । धर्मिक सहिष्णुता और बढ़ाओ।...
-
#H115 तेरा कितना हुआ (Increment) "यह कविता वेतन वृद्धि और पदोन्नति की घोषणा के बाद कर्मचारियों में उत्पन्न मानवीय वातावरण को दर्शाती ...