#H410
जल्दी घर क्यों आए ? (Why did you come home early?)
जब कभी, मैं जल्दी घर आया।
सोचा, सबको चौंकाया जाए।
बच्चे पूछें, पापा जल्दी क्यों आए।
पर खुशी ना जताएं, बच्चे हों या बड़े
पूछें जल्दी घर क्यों आए।
बच्चों को पापा घर पर ना भाएं।
वो टीवी देखना रुकवाएं।
मोबाइल न चलाने दें।
मनचाहे कामों पर बंदिश लगाएं।
शोर मचाएं तो डांट लगाएं।
स्वछंदता के लिए खुशी भूल जाएं।
पत्नी भी चाहे, बेवक्त पति घर न आएं।
सहेलियों के साथ बैठक में खलल न चाहें।
पति की खुशी का, किसी को ख्याल न आए।
मां और पिता ही खुश हों पाएं।
जब जल्दी से बेटा घर आए।
पर वो पूछने में पीछे न रहें।
पूछें जल्दी घर क्यों आए ?
सब अपनी-अपनी चाहें।
मेरी कोई समझ न पाए।
मैं भी सोच रहा हूं
मैं जल्दी से घर क्यों आया।
ऐसा पछतावा हो जाए।
आगे प्लान बनाऊंगा ।
तभी जल्दी घर आऊंगा।
साथ समय बिताऊंगा।
दिलों की दूरियों को
कम करने का प्रयास लगाऊंगा ।
जल्दी घर क्यों आया
ऐसा सवाल न पनपने पाए।
तुम जल्दी घर क्यों आए।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 20 मार्च 2025,©
रेटिंग 8.5/10
"परिवार और सामाजिक संबंध"
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