#H405
रंगीली (Colourful)
मेरे साजन रंग न लगवाते
होली में, रंगों से दूर भाग जाते।
मैं जो रंग लगाऊं।
वो और चिढ़ जाते।
मैं बिना रंग लगाए, न रह पाऊं।
ऐसे मौके, साल में बार-बार न आते
मैं कैसे पीछे रह जाऊं ?
बच्चों से भी रंग डलवाऊं ।
खुद भी, साजन को रंग लगाऊं।
चिढ़े हुए, रंगे हुए सजना मेरे,
मुझको ज्यादा भाते।
इसलिए मौका पाकर रंग लगाऊं।
नीला, पीला, लाल करके ही,
मैं होली मनाऊं।
किशन और राधा की होली की याद
अपने मन में समाऊं।
मंदिर में भजन मैं गाऊं ।
गीतों पर, ठुमके भी लगाऊं।
सबको रंग लगाऊं।
सखियों साथ, ऐसे होली मनाऊं।
गुजिया बनाऊं, सबको खिलाऊं।
पूड़ी, खीर साथ में बनाऊं।
बच्चों को,
होलिका प्रह्लाद की कथा सुनाऊं।
बुराई पर सच्चाई की,
जीत की बात बताऊं।
रंगों के त्यौहार को,
रंग लगाकर, घर में ऐसे मनाऊं।
सखियों संग रंग में खेलूं
रंग जाने पर, घर वालों को भी,
जल्दी पहचान में न आऊं।
रंगने से मैं बिल्कुल न शर्माऊं।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 14 मार्च 2025,©
रेटिंग 9/10
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