#H395
भाव (Emotions)
भाव बिना न भक्ति हो
भाव बिना न शक्ति हो
भाव बिना न आशक्ति हो
भाव बिना न खुशी हो।
भाव बिना न हंसी हो।
भाव बिना न दुख हो
भाव बिना न मनुष्य है।
भाव से बनते मनुष्य हैं।
भाव बिना मनुष्य भी
जानवर हो जाता है।
भाव से राम बने हैं।
भाव से बने हैं लक्ष्मण।
भाव से बना रावण
भाव से शबरी अमर है।
भाव से बनी हैं मीरा।
भाव से हैं राधा।
भाव से भगतसिंह बने हैं।
भाव ने आजाद जने हैं।
भाव से ही स्वतंत्र हुए हैं।
भाव से हर जंग लड़े हैं।
भाव से भाव बने हैं।
भाव से ही मनुष्य बने हैं।
भाव से हवाई जहाज बने हैं।
भाव से संचार रचे हैं।
भाव से चांद पर पहुंचे हैं।
भाव से कृत्रिम बुद्धिमत्ता में बढ़े हैं।
भाव से ही इससे डरे हैं।
भाव से भगवान है।
भाव से ही भगवान साकार है।
भाव ही संसार है।
भाव ही भाव का संचार है।
भाव से उज्जवल भविष्य है।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 04 मार्च 2025,©
रेटिंग 10/10
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