#H378
लकीरें (Limits)
लकीरों के बीच रहोगे।
सीमित होकर रह जाओगे ।
सीमा में रहकर ,
जब लकीरों से बाहर जाओगे ।
प्रगति कर पाओगे ।
समाज में बदलाव ला पाओगे।
कुछ अलग करने के लिए
लोगों में जाने जाओगे।
रहे सड़क पर,
तब मंजिल तक ही जाओगे ।
उतर गये सड़क से,
तो नया रास्ता पाओगे।
सीमा में किया तो हक दोगे।
हट कर कुछ कर जाओगे।
तभी लोगों को
आनन्दित कर पाओगे।
समाज का कुछ भला कर पाओगे।
देवेंद्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 13 फरवरी 2025,©
रेटिंग 9.2/10
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