#H376
तीसरा (Third)
जब ना निगला जाए ।
ना ही उगला जाए।
फिर उसको क्या कहा जाए।
मत सोचो ज्यादा, बन्धू
प्रबंधन की दृष्टि में उसको
तीसरे दर्जे का बतलाया जाए।
गाय को बैल बनाया जाए।
वो "बेल कर्व" में बैल बन जाए।
पर दूध देना बन्द न कर पाए।
प्रबंधन का काम चलता जाए।
कुछ सालों बाद, निम्न दर्जे का
कर्मचारी बतलाया जाए।
प्रबंधन से दुत्कार पाए।
तुम हर बार तीसरा ही क्यों पाए
कुछ तो हमें बताओ।
ऐसा सुनने में आए।
बैल बेचारा कुछ समझ न पाए।
सोचता रहा, मैं दुधारू गाय था।
मुझे कौन बैल बनाया।
हर बार तीसरे दर्जे में लाए।
अब वो तीसरे दर्जे मुक्ति कैसे पाए ?
कोई कैसे उसको समझा पाए।
अपना काम दिखलाओ,
समय - समय पर बतलाओ।
फिर कुछ आस जगाओ।
पर गारंटी न समझो।
और मिले निकल जाओ।
वरना फिर तीसरा पाओ।
"बेल कर्व" से आगे की
बात कौन बतलाए ?
एक कर्मचारी छोड़ जाए।
दूसरा लाया जाए।
बीच में पद खाली ही रह जाए।
काम लटक कर रह जाए।
कंपनी का काफी खर्चा हो जाए।
गुणवत्ता गिरती जाए।
मनोबल धराशायी हो जाए।
इस नुकसान को कोई क्यों
आंकलन न करवाए।
देवेंद्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 11 फरवरी 2025, ©
रेटिंग 9.7/10
#H475 7 मासूम (7 Innocents)
#H475 7 मासूम (7 Innocents) पिपलोदी स्कूल की छत गिर गई, सात मासूमों की जान चली गई। स्कूली प्रार्थना आखरी हो गई। घरों में घनघोर अंधेरा क...
-
#H054 नया सवेरा (New Dawn) विदाई को अन्त न समझो। यह तो एक नया सवेरा है। जो जोड़ा है, अब तक तुमने, उसमें नया और कुछ जुड़ जाना है। सीख...
-
#H022 गुरु मार्ग (Teachings) समाज में रहे भाईचारा, एकता,सच्चा धर्म, सेवा, मानवता है, मूल सिद्धांत तुम्हारा । धर्मिक सहिष्णुता और बढ़ाओ।...
-
#H115 तेरा कितना हुआ (Increment) "यह कविता वेतन वृद्धि और पदोन्नति की घोषणा के बाद कर्मचारियों में उत्पन्न मानवीय वातावरण को दर्शाती ...