Monday, February 10, 2025

#H375 गुलदस्ता (Bouquet) 💐

#H375
गुलदस्ता (Bouquet) 💐

गुलों का आगाज हुआ है
गुलों से सजा बजार है।
गुलाबी, पीले, लाल, बैंगनी,
सफेद रंगों से भरा बजार है।
फूलों की आयी बहार है।

आई है बसंत ऋतु,
बागों में बहार है।
जिया मेरा बेकरार है।
कब मिलेंगे नैन यार से
मुझे प्यार का इंतजार है।
उसे गुल नजर करूं मैं।
मेरा दिल बेकरार है।
छोड़ो दिल को मेरे यार।
गुलदस्ता तैयार है।

प्यार चढ़ेगा परवान, अगर।
गुलाबी गुल स्वीकार है।
फिर वो तेरा प्यार है।

वरना दोस्त बन जाओगे
पीला फूल नजरे यार है।

बात न बनी तो
सफेद से हार स्वीकार है।
शांति की बहार है।

सभी रंग के गुलों से सजा
गुलदस्ता तैयार है।
मेरे दोस्त अब किसका इंतज़ार है।
तेरा प्यार नजरे यार है।

रंगों से जीवन में आती बहार है।
जहां न हों रंग तो जीवन बेजार है।

दोस्ती में भी
दोस्तों का गुलदस्ता होता है।
सीधे, तेजतर्रार, भावुक
आलोचक, मस्ती करने वाले,
परीक्षा लेने वाले
आगे बढ़ाने वाले मिलते यार हैं।
जिंदगी में चार चांद लगाते यार हैं।
दोस्तों से जिंदगी में रहती बहार है।
सलामत सभी की दोस्ती का गुलदस्ता
ऐसी मंशा- ऐ - यार है।
सलामत रहो दोस्तों, आती रहती बहार है।
तुम्हारी यादों से चेहरे पर आती बहार है।

देवेंद्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 10 फरवरी 2025,©
रेटिंग 9.8/10

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