#H338
सर्दी (Winter)
हर साल जब सर्दी आए।
लोगों की शामत लाए।
पानी में हाथ डालने से ,
हर दूसरा भाई घबराए।
जब बिजली न आए।
तब कैसे कोई नहाये।
ठंडे पानी से दाढ़ी कैसे बनाऐ ।
हमको समझ न आए।
ठण्डी बढ़ती जाए।
ऐसे में गैस चूल्हे पर
पानी गर्म करवाए।
पर पानी कम ही पड़ जाए।
ठंडे पानी से ही नहाकर बाहर आए।
सर्दी में बहुत समझौते करते आए।
जब कोई न नहा पाए।
बालों में तेल लगाए।
फिर बालों में पानी डाल,
नहाया हुआ जैसा दिखलाए।
यह बात खुद से भूली न जाए।
बिस्तर के बाहर आने से
लोगों का मन घबराए।
रोजमर्रा के काम भी
ढंग से न कर पाए।
सर्दी हावी होती जाए।
मन से आवाज आए।
जल्दी से सर्दी जाए।
सर्दी कुछ अच्छा भी लाए।
पाचन शक्ति बढ़ाए।
सर्दी में कुछ भी खाओ।
अच्छे से सब पच जाए।
शरीर में शक्ति बढ़ जाए।
सर्दी कोहरा भी लाए।
आवागमन को मुश्किल कराए।
किसान खेत में
रात में पानी देने जाए।
सैनिक सीमा पर
सुरक्षा में हर वक्त रहे।
गरीब ठंड में ठिठुरते हुए,
अपना जीवन जीता जाए।
हम सर्दी से घर में घबराए।
कैसे कोई इनका संघर्ष समझाए।
कैसे कोई इनका पूरा मूल्य लगाए।
कोई कैसे सर्दी में गुजर - बसर पाए।
विषम मौसम में केवल ही जज्बा बचाए।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 29 दिसंबर 2024,©
रेटिंग 9.8/10
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