क्या चाहते हो ? उत्कृष्टता। (What do you want? Excellence.)
क्या चाहते हो
उत्कृष्टता चाहते हो
चलो हम बताते हैं
कैसे उत्कृष्टता बनाते हैं
पांच सूत्र अपनाओ
उत्कृष्टता पाओ।
बहुत सरल है
यही मुश्किल है।
अनुशासित होकर अपनाओ।
प्रथम
अनावश्यक और आवश्यक का ज्ञान करो।
मौजूद वस्तुओं का उद्धार करो।
आवश्यक को रखो।
अनावश्यक का निपटान करो।
उत्कृष्टता के पहले कदम को सलाम करो।
द्वितीय
आवश्यक वस्तुओं को व्यवस्थित करो।
हर वस्तु का स्थान निश्चित करो।
हर वस्तु को निर्धारित स्थान पर रखो।
हर वस्तु पर लेबल लगाओ।
जरूरत पड़ने पर आसानी से पाओ।
भारी को नीचे रखो
हल्की को ऊपर रखो
चोटिल होने का खतरा घटाओ।
रोज जो इस्तेमाल हो
उसको पास में सजाओ।
कभी कभी लगने वाली वस्तुओं को
दूर स्थान पर सजाओ
उत्कृष्टता लाने के
दूसरे सूत्र को पूरा कर जाओ।
तृतीय
झाड़ू कर खूब चमकाओ।
खुशी का अहसास जताओ।
जल्दी ही इसको गन्दा पाओ।
मायूसी और शर्मिन्दगी उठाओ।
सफाई का समय निर्धारित करो।
सफाई मत करो।
साफ रखो, सब साफ पाओ।
ध्यान रहे,
इसको निर्धारित समय पर करते जाओ।
वरना फिर अव्यवस्थित पाओ।
तीसरे सूत्र को पूरा कर जाओ।
चतुर्थ
सवाल यह सामने लाओ।
कैसे इसे बनाकर रख पाओ।
इसका मानकीकरण करो।
जिम्मेदारी निर्धारित करो
प्रथम सूत्र की पुनरावृत्ति का
समय निर्धारित करो
दूसरे सूत्र की जांच करने का
समय तय करो
तीसरे सूत्र के करने के
पैमाने निश्चित करो
पालन करते जाओ।
समय पर परिवर्तन लाते जाओ।
कोई भी बदले।
तुम सदा उत्कृष्टता पाओ।
पंचम
अब क्या बचा
जल्दी बतलाओ।
सबसे कठिन, और महत्वपूर्ण
दौर अब तुम पाओ।
यह सभी सूत्र पूरे करते जाओ।
स्व अनुशासन को अपनाओ।
परिवर्तन को समझते जाओ।
आगे बढ़ते जाओ।
उत्कृष्टता लाने का
अन्तिम सूत्र पार कर जाओ।
यह सारे सूत्र बार-बार दौहराओ।
अपना कार्यस्थल चमचमाता पाओ।
गुणवत्ता, उत्पादकता, सुरक्षा, मनोबल में
हर रोज सुधार पाओ।
बस सुधारों को मानक बनाते जाओ।
उत्कृष्टता लाते जाओ।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 21 नवम्बर 2024,©
रेटिंग 9.7/10