#H300
आज की तीज
अब ना बाग हैं, ना झूले हैं
कैसे कहोगे हम
तीज पर झूला झूले हैं
सखियों संग मेला घूमें हैं
सखियों संग बागों में
मनोहर गीत गाये हैं
और उन पर झूमे हैं
आज पूजा में
शंकर पार्वती की
सगाई कराई है
सपने अपने प्रतीम के
मन में सजोयी हैं
सखियों संग
तीज मनाई है।
मेहंदी लगाओ
रंग-बिरंगी चूड़ियां पहनो
मेकअप कराओ
नये परिधान पहनो
सखियों को दिखाओ
अब ऐसे ही तीज मनाओ।
कैसे कहोगे हम
तीज पर झूला झूले हैं
अब ना बाग हैं, ना झूले हैं
सब तीज का रंग विरंगा
हम लोग त्योहार भूले हैं।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
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