भूतों के भूत (Ghosts of past)
रात को
बहुत सपने मुझे आते हैं ।
मुझको बड़ा डराते हैं ।
पता नहीं यह क्या है ?
ऐसा लगता है ,
भूत मुझसे मिलने आते हैं।
पापा मुझे बताते हैं ,
दुनिया में भूत नहीं होते हैं ।
खुद के विचार ही ,
खुद को बहुत डराते हैं ।
वही भूत बन आते हैं।
होमवर्क पूरा न करने का भूत ।
स्कूल न जाने का भूत ।
किसी चीज को लेने के लिए ,
अड़ जाने का भूत।
नंबर कम आने के ,
डर का भूत ।
टीवी और मोबाइल देखने का भूत ।
टीवी और मोबाइल के ,
किरदारों का भूत ।
खेलने जाने का भूत।
ये सब तुमसे मिलने आते हैं ।
तुमको रोज ,
सपने में बहुत डराते हैं ।
तुम ही
इन सब भूतों के कारण हो ।
सुन लो मेरे प्यारे पूत।
कम कर दो, देखना ये सब
फिर न आयेंगे मिलने ये भूत।
फिर भी ना माने तो ,
तुम्हें डंडे दो पड़ जाएंगे ।
थप्पड़ दो मिल जाएंगे ।
उतर जाएंगे सारे भूत।
सपने में तुमको नहीं ।
फिर मिलने आएंगे ये भूत।
सुनो ध्यान से ,
आग में जो जाता है ।
कुंदन बन जाता है।
पवित्र हो जाता है।
जिसकी सशरीर आहुति होती है।
केवल भस्म वहां रह जाती है।
फिर कहां कोई भूत बन पाता है।
वो तो पवित्र होकर,
ईश्वर से मिल जाता है।
नहीं होते हैं दुनिया में भूत ।
तुम खुद ही हो ।
इन भूतों के भूत ।
ध्यान से सुन लो मेरे पूत।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 09 नवम्बर 2024,©
रेटिंग 9/10