#H275
गुरुजी, अपना मान रखो। (Keep your self-respect, Teacher)
"कविता में बच्चों को पीटने वाले अध्यापकों को एक संदेश दिया गया है। "
गुरु जी बच्चों से तुम दूर रहो।
शिक्षा देना काम तुम्हारा,
बच्चों को पीटने से दूर रहो।
पिटने का खतरा बढ़ जाता है।
खुद का मान भंग ,
कभी कभी हो जाता है।
बच्चे काम न पूरा करते।
कापी, किताब न लाते।
करते हैं उछलम् कूदम।
खुद पर थोड़ा संयम रखो।
दण्ड छोड़ कर,
अधिक परिश्रम करवाओ।
पुनरावृत्ति कर, अभ्यास कराओ।
बच्चों की कमजोरी को दूर भगाओ।
अपना परिणाम अच्छा बनाओ।
खुद की सेहत
खुद का मान और बढ़ाओ।
फिर भी न करता कोई
मात- पिता को आवाज लगाओ।
प्राचार्य से कोई रणनीति बनवाओ।
विनती है, बच्चों से तुम रहो।
बच्चों को पीटने से दूर रहो।
देश के कानून का मान रखो।
कोई अभिवावक न आयेगा,
इसका न तुम गुमान रखो।
बच्चे बड़े हो रहे हैं।
अपनी इज्जत का सम्मान करो।
भावुकता से नहीं
दिमाग से सुधार का प्रयास करो।
उनके मात - पिता को प्रगति से,
लगातार अवगत करते रहो।
बच्चों गुरु जी का सम्मान करो।
भरपूर प्रयास करो।
अच्छा करके अपने गुरु जी का
जग में ऊंचा नाम करो।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 19 अक्टूबर 2024,©
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