सृजन (Creation)
गैसीय वातावरण के बाद
सबसे पहले जल ही जल था।
जल में ही जीवन आया,
जल में ही जीवन छाया।
जल में ही अब तक
जीवन पनप रहा है,
फिर जीवन को देख रहा है।
जब धरती पर जीवन आया,
थोड़ा-थोड़ा करके
बर्बादी को लाया।
जल की अनदेखी करता जाता,
जल को प्रदूषित करता आया।
जल की बर्बादी में
बिल्कुल संकोच ना करता,
बिन जल के
जल-जल ही चिल्लाता।
अमृत पाने को बहुत समय लगाता,
जल ही अमृत है,
पर इसको समझ न पाता।
फिर भी जल बचाने की
पूरी कोशिश नहीं करता।
जल बिन ही मर जाएगा,
कितने दिन
बिन जल जीवित रह पाएगा?
धरती को रेगिस्तान बनाएगा,
अपनों की जीवन रेखा
छोटी कर जाएगा।
गैसीय वातावरण के बाद
सबसे पहले जल ही जल था।
आगे जल ही जल हो जाएगा,
जल ही जल में सब समा जाएगा।
सृजन, जल से हुआ तेरा,
जल में ही तू जाएगा।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक: 24 अक्टूबर 2024,©
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