#243
शून्य (Zero)
मूल्य नहीं है इसका कुछ भी
पर औरों का मूल्य बनाऐ।
जोड़ने पर न बढ़ाऐ,
घटाने पर न घटाऐ
जब गुणा करें इससे
सब खत्म हो जाऐ
भाग करें तो असंख्य बना दे
यह शून्य की महिमा कहलाऐ।
बाऐं रखो तो मान न बदले
दायें रखो दस गुना करे।
लिखा जो दशमलव के साथ
दशमांश बनाता जाऐ।
यह शून्य की ताकत बतलाऐ।
शून्य जीवन में हमें
अच्छी और बुरी संगति का पाठ पढ़ाऐ।
अच्छी संगत बलशाली बनाऐ
बुरी संगत कमजोर बनाऐ।
शून्य हमें यही सिखाऐ।
जहाँ रखोगे, वैसा ही मूल्य बताऐ।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 07 सितम्बर 2024,©
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