#H244
लावा (Lava)
धरती जब तपने लग जाऐ
गर्म भाप निकलती आऐ
धरती के अन्दर द्रव खोल जाऐ
धरती ऊपर उठने लगे।
धरती फाड़कर अति गर्म द्रव बाहर आऐ
यही लावा कहलाऐ।
यह जगह ज्वालामुखी कहलाऐ।
लावा धरती पर बहता जाऐ
इसमें जो भी आये
पलभर में भस्म हो जाऐ।
ठण्डा होकर यह लावा
बहुत उपयोगी बन जाऐ।
ठण्डा होने पर ज्वालामुखी सो जाऐ
धरती में दबाव बड़े जब
फिर से ज्वालामुखी फट जाऐ।
दुनिया में ऐसी घटनाऐं घटती आऐं।
ज्वालामुखी फटे तो
बहुत विनाश कर जाऐ।
अपने अन्दर का दबाव कम कर जाऐ।
आदमी के अन्दर का गुस्सा भी
खुद को हल्का कर जाऐ।
पर रिश्तों का बहुत नुकसान कराऐ।
आंसू बन लावा आंखों से आऐ।
कभी कभी ये आंसू अपनापन जगाऐ।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 08 सितम्बर 2024,©
रेटिंग 9/10