#H242
एक रविवार (Sunday)
आज रविवार है
बारिश का भी वार है
पकोड़ों की दरकार है।
मेहमान मेरे द्वार है।
छुट्टी पर,
घर की सरकार है।
मुझे बीबी से प्यार है।
बीबी हाथ से लाचार है।
मम्मी बीमार है।
बड़ा बच्चा घर के बाहर है
मेरे कंधों पर सारा दारोमदार है
किचन में
बर्तनों को मेरा इंतजार है।
अभी सब्जी काट रहा हूँ।
आटा बुला रहा है।
सबको लंच का इंतजार है।
आज यह मेरे ऊपर किचन का वार है।
आज रविवार है।
आज रविवार है।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 08 सितम्बर 2024,©
रेटिंग 8.5/10