#H143
रस्में
"कविता में जीवन की विभिन्न रस्मों के बारे बताया गया है"
रस्मों से बंधा है जीवन
मिलाई की रस्में
सगाई की रस्में
शादी की रस्में
भात भराई की रस्में
राखी की रस्में
विदाई की रस्में
प्यार की रस्में
जुदाई की रस्में
गोद भराई की रस्में
नामकरण की रस्में
अन्नप्राशन की रस्में
कान छेदने की रस्में
विधवा की रस्में
मरने पर रस्में
मरने के बाद भी रस्में
श्राद्ध की रस्में
रस्मों से बंधा है जीवन।
सब रस्मों में निभानी होती हैं
अपनी अपनी कसमें।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 13 अप्रैल 2024,©
रेटिंग 9/10