#H138
प्रेम ही सर्व शक्तिमान की शक्ति है ( Love is the almighty power)
"कविता में प्रेम के महत्व और ताकत के बारे में बताया गया है"
प्रेम ही सर्व शक्तिमान की शक्ति है
प्रेम ही ईश्वर है, प्रेम ही सृष्टि है
प्रेम ही दृष्टि है, प्रेम ही मुक्ति है
निश्छल प्रेम ही भक्ति है
भक्ति ही कमजोर की शक्ति है
प्रहलाद की सच्ची भक्ति ही
नरसिंह अवतार रुपी शक्ति है
मीरा का प्रेम मोहन से
भक्ति में दर्शन पाकर मुक्ति है
राधा का प्रेम किशन से
प्रेम की अटूट शक्ति है
असहाय की लाज बचाने पहुंचे मोहन
ये द्रोपदी की भक्ति की शक्ति है
प्रेम भक्ति ही ईश्वर की शक्ति है
इंसान के अन्दर प्रेम ही
ईश्वर की शक्ति है
प्रेम से सृष्टि है
तेरे चाहने वाले ही
तेरे जीवन की शक्ति है
वरना जीवन तेरा साक्षात मृत्यु है
सबको मोहन को पाने की आस है
मोहन तो सबके अन्दर है
फिर मोहन को पाने की यह कैसी प्यास है
मोहन दर्शन ही अंतिम मुक्ति है
प्रेम ही सर्व शक्तिमान की शक्ति है
धन्यवाद
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ" ©
रेटिंग 9.5/10