#H136
नशे से न प्यार करो (Love and drugs💉💊)
"कविता में अपनी अपेक्षाओं के बोझ से अपनों को बचाने और नशे से बचने के बारे में प्रकाश डाला गया है"नशे से न प्यार करो
करना है तो जीवन से करो
संभालकर रखो खुद को
औरों का नशे से बचाव करो
अपनों को इतना प्यार करो
अपना कोई प्यार की कमी
महसूस न करे,
प्यार को बाहर न तलाश करे
नशे में अपनी हार,
टूटे प्यार और दुत्कार का
नशे से न इलाज करे
जीवन में नशे को न स्वीकार करे
अपेक्षाओं के बोझ से
अपनों को न दूर करो
नशा करने पर,
उनको न मजबूर करो
बाहर का कोई अपनों का
न शिकार कर सके
जैसा भी हो अपनों को
दिल स्वीकार करो
नशे में इतनी कशिश नहीं
कि इंसान इसमें फना हो जाऐ
इंसान रहे व्यस्त हर वक़्त ताकि
इस दुनिया को कुछ लौटा के जाये
नशे से शरीर जल्दी ढल जायेगा
चेहरे पर झुर्रियाँ आ ही जायेगी
तेरा गुरूर जल्द चला जाऐगा
फिर कोई पिलाने वाला,
नशा कराने वाला
इलाज के लिए
नजदीक भी नहीं आयेगा
सच्चा प्यार करने वाला ही
तेरी मदद् को आगे आयेगा
इसलिए कुछ ऐसा कर
तेरे करम याद रहें
तेरे जाने के बाद लोग
तेरे करमों को याद करें
ऐसा करो कि कोई
नशे के चक्कर में न आए
नशे से दूर रहने का प्रचार करो
कुछ दान करो ऐसा
जिससे दान बढ़ता जाये
दान को उपजाऊ बनाओ
पेड़ लगाओ, प्यार जताओ
जो बहुतों को फल
और छाया देता जाए
लोगों को कुशल बनाने में
अपना दान लगाओ
जो लोगों का संपन्न बनाए
यह चक्कर यों लगता जाए
फिर कोई नशे के चक्कर में न आये
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ" ©
रेटिंग 9/10