#H110
फूलों से मिले जख्म (Wound from flowers)
कांटों से मिले जख्म
हमें रुला न सके
फूलों से मिले जख्म
हम भुला न सके
माशूक ने हमसे क्या मुंह फेरा
हम फिर अपना मुंह दिखा न सके
ऐसे टूटे कि
फिर कहीं दिल लगा न सके
तेरी बेवफाई पर भी
तुझे बेवफा कह न सके
तेरी न हो जाऐ जग में रुसवाई
बस इसलिए तेरा नाम, ले न सके
तेरे मासूम चेहरे को
अरसे बाद भी भुला न सके
तेरा वो मुस्कराना
हस के सहेलियों संग बतियाना
हम भुला न सके
तेरी याद में ऐसे डूबे
कि हंस न सके
दोस्त भी कहते हैं दीवाना
हम अपना फसाना
दोस्तों से भी न कह सके
कांटों से मिले जख्म
हमें रुला न सके
फूलों से मिले जख्म
हम भुला न सके
Dated 01.07.2023, ©
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